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नयी दिल्ली 27 अगस्त (वार्ता) देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और बुधवार देर रात तक संक्रमण के 71 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से कुल संक्रमितों का आंकड़ा 33 लाख के पार हो गया तथा करीब 969 और कोरोना मरीजों की मौत से मृतकाें की संख्या 60 हजार से अधिक हो गयी।
वायरस के बढ़ते कहर के बीच राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या में भी वद्धि जारी है और आज फिर रिकवरी दर में आंशिक सुधार दर्ज की गयी।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु समेत विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार आज देर रात तक 71,010 नये मामले सामने आने से संक्रमितों का कुल आंकड़ा 33,02,764 तथा मृतकों की संख्या 60,581 हो गयी है।
चिंता की बात यह है कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये मामलों में वृद्धि जारी है जिसके कारण सक्रिय मामलों में बढोतरी दर्ज की जा रही है। आज रिकॉर्ड 15,428 मरीज बढ़ने से सक्रिय मामले बढ़कर 7,22,695 पहुंच गये।
इस दौरान 51,561 लोगों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त हाेने वालों का आंकड़ा 25,18,813 पर पहुंच गया। इसके कारण स्वस्थ होने जिससे स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर गत दिवस के 76.24 प्रतिशत से आज सुधरकर 76.26 फीसदी पर पहुंच गयी। मृत्यु दर भी घटकर 1.83 फीसदी रह जाने से भी राहत मिली है।
राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में सबसे अधिक 14,888 नये मामले सामने आये। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 10830, कर्नाटक में 8580, तमिलनाडु में 5958, उत्तर प्रदेश में 5640, ओडिशा में 3371, पश्चिम बंगाल में 2974, केरल में 2476, बिहार में 2163, दिल्ली में 1693, पंजाब में 1513, हरियाणा में 1397, गुजरात में 1197, मध्य प्रदेश में 1064 तथा छत्तीसगढ़ में 1045 नये मामले सामने आये।
कोरोना महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 14,888 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या आज रात बढ़कर 7,18,711 पहुंच गयी। राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ मामलों में भी गिरावट दर्ज की गयी और इस दौरान 7,637 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 5,22,427 पहुंच गयी है। इस दौरान 295 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 23,089 हो गयी है।
राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज आंशिक गिरावट के साथ 72.68 फीसदी हो गयी जो मंगलवार को 73.14 प्रतिशत पहुंच गयी थी जबकि मरीजों की मृत्यु दर कल के 3.23 प्रतिशत से घटकर 3.21 फीसदी रह गयी। चिंता की एक और बात यह भी है कि राज्य में आज सक्रिय मामलों में 6,952 की बढोतरी दर्ज की गयी। राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या आज 1,72,873 पहुंच गयी।
ग्वालियर, 27 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर उनके ही गढ़ ग्वालियर पहुंचकर कांग्रेस के कई नेताओं ने जमकर हमले बोले। पूर्व मंत्री डॉ़ गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, लाखन सिंह, जयवर्धन सिंह और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भाजपा की शिवराज सरकार और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना साधा।
पूर्व मंत्री डॉ.सिंह ने भाजपा के सदस्यता अभियान पर तंज कसते हुए कहा कि ग्वालियर में भाजपा का तीन दिन का मेगा शो नहीं, बल्कि चूहों का शो था। उन्होंने कहा, "भाजपा द्वारा कमल नाथ सरकार के काल में ट्रांसफर उद्योग की जो बात कही जाती थी वह पूर्णत: गलत है। अगर तबादलों में भ्रष्ट्राचार के आरोप सही हैं तो वह प्रमाण दें।"
पूर्व मंत्री ने संधिया के लिए कहा, "अगर आप टाइगर हो तो आपको सुरक्षा की क्या जरूरत है? अब ये नकली टाइगर मध्यप्रदेश में नहीं चलेंगे।"
सिंधिया के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर मुख्यालय में जाने का जिक्र करते हुए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, "सिंधिया आरएसएस मुख्यालय गए, इधर रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर चले जाते, तो थोड़ा अपराध कम हो जाता।"
वहीं, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने सिंधिया से सवाल करते हुए निशाना साधा और कहा, "आखिर कमल नाथ की क्या गलती थी जो आपने उनको दगा दिया और अपनी पार्टी से गद्दारी कर नई पार्टी में चले गए।"
इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने सिंधिया के भाजपा में जाने पर कहा, "हमें जनता ने 15 साल बाद चुनकर सदन में पहुंचाया। जनता ने बेरोजगारी, भ्रष्ट्राचार, भुखमरी और अपराध से परेशान होकर हम पर विश्वास जताया। लेकिन आप पीठ दिखाकर भाग गए, जो पीठ दिखाकर भागता है, रण छोड़कर भागता है, उसे गद्दार कहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "आजादी के इतिहास में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार हुआ, तो उसका सरगना ग्वालियर का था और इस सरगना के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायक बिक गए। अगर बिके नहीं थे तो इन्हें भाजपा सरकार में मंत्री क्यों बनाया गया? इन विधायकों ने पैसा लिया।"
पटना, 27 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हाल के दिनों में विधायकों और महागठबंधन से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नाता तोड़ने को लेकर राजद के 'अहंकार' को जिम्मेदार ठहराया है। मोदी ने बुधवार को कहा कि राजद के विधान परिषद सदस्य, विधायक, पदाधिकारी यदि एक साथ बड़ी संख्या में पार्टी छोड़ चुके हैं और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अपना इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं हैं, तो यह पार्टी के दुर्दिन के संकेत हैं।
उन्होंने अपने अधिकारिक ट्विटर एकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, "जो लोग 15 साल राज करने के 'नशे की खुमारी' से अब तक नहीं उबरे, वे छोड़ जाने वाले अपने साथियों का अपमान भी कर रहे हैं। लालू प्रसाद की पार्टी और महागठबंधन, दोनों में बिखराव की प्रक्रिया तेज हुई है, तो उसकी वजह केवल राजद का अहंकार है।"
मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "राजद के रवैये से अपमानित अनुभव करने के बाद सीनियर दलित नेता जीतनराम मांझी के महागठबंधन से बाहर आने से विपक्ष को जो नुकसान होगा, उसकी भरपायी वामपंथी दलों से हाथ मिलाने से नहीं होगी।"
भाजपा नेता ने आगे लिखा, "वर्ष 1962 से आज तक जो वामपंथी दल चीनी आक्रमण और अतिक्रमण को जायज ठहरा कर राष्ट्रीय हितों से विश्वासघात करते रहे और जिनके लाल झंडों ने बिहार में उद्योग-व्यापार-रोजगार को पनपने नहीं दिया, उनसे चुनावी तालमेल करना कोई काम नहीं आएगा। हिंसा में विश्वास करने वाले कम्युनिस्टों को बिहार पहले ही नकार चुका है।"
लखनऊ, 27 अगस्त (आईएएनएस)| कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह पर उनकी दादी कमला सिंह ने डरा-धमकाकर जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। इस संबध में उन्होंने जिलाधिकारी से शिकायती पत्र भेजा है, जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। आठ अगस्त को पूर्व सदर विधायक अखिलेश सिंह की मां कमला सिंह ने डीएम को प्रार्थना पत्र भेजा। डीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि "बेटे अखिलेश कुमार सिंह की अकाल मृत्यु के बाद मेरी बहू वैशाली सिंह, पोती अदिति सिंह और देवांशी सिंह ने 30 दिसंबर, 2019 की सुबह मेरे कमरे में आकर मुझे डराया धमकाया। मेरे नाम जो भी जमीन है, उसको अपने नाम करने का दबाव बनाया। मेरे कमरे का रखा सामान तोड़फोड़ दिया।"
उन्होंने लिखा, "मैं एक 85 साल की बुजुर्ग महिला हूं। बहुत बड़े दुख से गुजर रही हूं। मैं उनकी नाजायज शतोर्ं को नहीं मान रही हूं तो तीनों मुझे अलग-अलग तरीके से परेशान कर रही हैं। मेरे नौकरों को भी डराया धमकाया जा रहा है। उन्हें मेरी सेवा न करने को कहा जा रहा है। मेरे छोटे बेटे कमलेश ने मेरा बचाव किया। मुझे अच्छे से रख रहा है। मैंने अपनी सिधौना स्थित जमीन पर अपनी जमा पूंजी से बाउंड्री करवाई, जिसे वैशाली और देवांशी ने अपने गाडोर्ं से उखड़वाकर फिंकवा दी। "
पत्र में उन्होंने कुछ जमीन के गाटा संख्या नंबर आदि देते हुए लिखा है कि "उन्होंने अपने खेत के किनारे पिलर खड़ा कराकर उसकी सुरक्षा का इंतजाम किया था। जिसके बाद बहू और एक पोती ने जाकर वो पिलर हटवा दिए। आरोप लगाया है कि पैतृक संपत्ति हड़पने के लिए हमें इस अवस्था में डराया धमकाया भी गया है। हमारे बेटे कमलेश सिंह को भी दबाव में लिया गया। उसकी सुरक्षा की जाए। मामले में न्याय दिलाया जाए।"
इस बारे में अतरिक्त पुलिस अधीक्षक नित्यानंद राय ने बताया कि एक प्र्थना पत्र जमीन से संबधी 10 अगस्त को थाना स्तर से प्राप्त हुआ। उसमें जमीन से जुड़ा कुछ मामला है।
राय ने कहा, "इसे राजस्व के साथ मिलकर हम जांच कर रहे हैं। प्रार्थना पत्र के सभी बिन्दुओं की जांच हो रही है। "
इस मामले को लेकर विधायक अदिति सिंह को फोन में संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन नहीं हो सका।
भुवनेश्वर, 27 अगस्त (आईएएनएस)| ओडिशा के स्कूल और कॉलेज दुर्गा पूजा की छुट्टियों तक बंद रहेंगे। ऐसा कोरोनावायरस से जुड़े मौजूदा हालात को देखते हुए किया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को राज्य में कोरोना सम्बंधी हालात का जायजा लेने के बाद यह घोषणा की।
पटनायक ने कहा कि राज्य में स्कूल एवं कॉलेज अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक बंद रहेंगे। यह फैसला पैरेंटेस और छात्रों की चिंता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
राज्य में कोरोना के कराण 17 मार्च से ही शिक्षण संस्थाएं बंद हैं।
नई दिल्ली/जम्मू, 27 अगस्त (आईएएनएस)| जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को पुलवामा आतंकी हमले का वीडियो तैयार करने के लिए कहा था, जिसमें भारतीय सैनिकों के विकृत (क्षत-विक्षत) शरीर दिखें, ताकि इनकी मदद से कश्मीरी युवाओं को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
जेईएम कमांडरों ने मार्च 2019 में सुरक्षा काफिले पर पुलवामा जैसे एक और हमले की भी योजना बनाई थी और यहां तक कि इसके लिए अन्य व्यवस्थाओं के साथ 'फिदायीन' (आत्मघाती हमलावर) की पहचान भी की गई थी। लेकिन 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद योजना विफल हो गई।
जम्मू में विशेष एनआईए अदालत में दायर एक 13,800 पन्नों के आरोप पत्र (चार्जशीट) में यह खुलासा किया गया। इस आरोप पत्र में जेईएम प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर और अम्मार अल्वी, मारे गए आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक (आईसी 814 फ्लाइट अपहरणकर्ता इब्राहिम अतहर का बेटा) के साथ 19 लोगों के नाम शामिल हैं।
जांच से जुड़ी एक शीर्ष राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "अप्रैल 2018 में भारत में घुसपैठ करने वाले और पुलवामा हमले की साजिश में शामिल फारूख ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स से भारतीय सैनिकों के क्षत-विक्षत शवों की वीडियो क्लिप तैयार करने के लिए कहा था।"
अधिकारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर को 'शहीद' करार देते हुए कश्मीरी युवाओं को बरगलाते हुए आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए कहा गया था।
अधिकारी ने कहा कि जेईएम आतंकवादी घाटी में युवकों को प्रेरित करने के लिए आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार पर कश्मीरी भाषा में एक ऑडियो-वीडियो क्लिप बनाना चाहते थे, जिसने विस्फोटकों से भरी कार से 14 फरवरी 2019 को सुरक्षा काफिले की बस में टक्कर मार दी थी।
संदेशों को पाकिस्तानी सिम काडरें में व्हाट्सएप के माध्यम से ऑडियो क्लिप के रूप में साझा किया गया था, जिसे फारूक ने भारत में प्रवेश के बाद इस्तेमाल किया था।
अधिकारी ने कहा कि हालांकि, बालाकोट हवाई हमलों के कारण इस योजना को समाप्त कर दिया गया था।
अधिकारी ने कहा कि यह अदालत में आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट का हिस्सा है।
पुलवामा जिले के लेथपोरा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14 फरवरी 2019 को हुए आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसमें हमलावर की भी मौत हो गई थी।
एनआईए के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जेएम आतंकवादियों को एक अन्य एनआईए अधिकारी ने कहा कि जैश आतंकियों को बुरहान वानी के समर्थन (सपोर्ट) के बारे में भी अच्छी तरह से पता था, जिसे आठ जुलाई 2016 को भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था। उस समय वानी की मुठभेड़ में हुई मौत के खिलाफ तत्कालीन जम्मू एवं कश्मीर राज्य में काफी प्रदर्शन और पथराव की घटनाएं भी देखने को मिली थी।
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान में जैश कमांडर आदिल को कश्मीरी युवकों का समर्थन हासिल करने के लिए वानी की तरह ही शहीद के रूप में भी प्रदर्शित करना चाहते थे।
चार्जशीट में दावा किया गया है कि पुलवामा हमले के लिए 5.7 लाख रुपये खर्च किए गए थे, जिसका खुलासा फारूक और पाकिस्तान में एक जेईएम हैंडलर के बीच हुई बातचीत में हुआ। इस बातचीत (चैट) की एक प्रति आईएएनएस के पास भी है।
एनआईए की चार्जशीट में दावा किया गया है कि मसूद अजहर के भाई असगर ने भी बालाकोट हमले के बाद फारूक से कश्मीर में लड़ाकू जेट की आवाजाही के बारे में भी पूछा था।
चार्जशीट में कहा गया है कि फारूक अपने सहयोगियों के साथ चर्चा कर रहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होना चाहिए ताकि सीमा पर घुसपैठ करने वालों को भारत में धकेला जा सके।
नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजमार्गो पर वाहनों के संचालन के दौरान टोल शुल्क में सभी तरह की छूट के लिए फास्टैग का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है। अगर वाहन चालक 24 घंटे के भीतर वापसी करने के लिए छूट चाहते हैं तो उन्हें वाहन पर फास्टैग लगाना जरूरी होगा। दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 में संशोधन करने के लिए 24 अगस्त को इस बारे में एक अधिसूचना मंत्रालय ने जारी की है। जिसके बाद से अब सभी तरह की छूट के लिए फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है। दरअसल राष्ट्रीय राजमार्गों के शुल्क प्लाजा पर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय जुटा है। इस दिशा में यह पहल की गई है। किसी भी तरह की छूट हासिल करने के लिए टोल फीस का भुगतान केवल स्मार्ट कार्ड, फास्टैग या ऑनबोर्ड यूनिट या इसी तरह के किसी अन्य उपकरण के जरिए किया जाएगा।
नियमों में संशोधन के बाद 24 घंटे के भीतर रिटर्न यात्रा पर डिस्काउंट प्राप्त करने के लिए फास्टैग के स्थान पर किसी पास की जरूरत नहीं होगी। अन्य सभी मामलों में छूट या डिस्काउंट प्राप्त करने के लिए, एक वैध फास्टैग होना अब अनिवार्य कर दिया गया है। जिन मामलों में 24 घंटे के भीतर वापसी के लिए डिस्काउंट उपलब्ध है, उनमें पूर्व रसीद या सूचना की कोई जरूरत नहीं होगी।
नई दिल्ली, 26 अगस्त। फ्लाइट में कोविड-19 संक्रमण होने की संभावना बहुत कम है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह बात कही।
नागरिक उड्डयन की संयुक्त सचिव उषा पाढे ने आईएएनएस को बताया कि घरेलू उड़ानें फिर से शुरू होने के बाद 24 अगस्त तक लगभग 60 लाख से अधिक लोगों के अपने गंतव्य तक पहुंचने के बाद लगभग 2,000 यात्रियों के ही कोविड पॉजिटिव होने की सूचना मिली है।
उन्होंने कहा, "इस आंकड़े में ऐसे व्यक्ति भी शामिल हैं, जिन्हें संपर्क ट्रेसिंग के माध्यम से पहचाना गया है।"
अधिकारी ने कहा, "यदि आप प्रयोग सिद्ध (एम्पिरिकल) डेटा देखते हैं, तो हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि हवाई यात्रा सफर का सबसे सुरक्षित और तीव्र माध्यम है।"
25 मई से 24 अगस्त तक कुल 65 लाख यात्रियों ने सफर किया है।
फिलहाल केंद्र ने 27 जून से घरेलू क्षेत्र में केवल 45 प्रतिशत क्षमता के उपयोग की अनुमति दी है।
इसके अलावा, विशेष और चार्टर उड़ानें भारतीयों को स्वदेश लाने और विदेशी नागरिकों को वापस भेजने के लिए सरकार की अनुमति के साथ संचालित की जा रही है।
उषा ने कहा, "जब और स्थिति में सुधार होगा तो अधिक क्षमता की अनुमति दी जाएगी। अब तक, यात्री यातायात में एक क्रमिक वृद्धि देखी जा सकती है।"
उन्होंने कहा, "वर्तमान में औसतन 90,000 से अधिक यात्री दैनिक रूप से यात्रा कर रहे हैं। यह संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी। हमने एक किराया बैंड भी बनाया है, जो यात्रियों के साथ-साथ उद्योग के लिए भी एक जीत है।"
पिछले महीने, केंद्र ने सीमित घरेलू यात्री उड़ान संचालन और हवाई किराया कैप की समय अवधि 24 नवंबर तक बढ़ा दी थी।
किराया संरचना के संदर्भ में, हवाई मार्गो को यात्रा के समय के आधार पर सात वर्गो में विभाजित किया गया है। ऐसे प्रत्येक खंड का अलग न्यूनतम और अधिकतम किराया निर्धारित किया गया है।(IANS)
पटना, 26 अगस्त। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। एक ओर जहां राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह पूर्व सांसद रामा सिंह के पार्टी में प्रवेश की सुगबुहाट के बीच पहले से ही नाराज बताए जा रहे हैं, वहीं बुधवार को रामा सिंह ने रघुवंश सिंह पर 'नकारात्मक राजनीति' करने का आरोप लगा दिया। इधर, पूर्व मंत्री तेजप्रताप भी रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी छोड़ने की चर्चा के बीच पार्टी को समुद्र कहते हुए सिंह को 'एक लोटा पानी' बता दिया। इस बीच, तेजप्रताप बुधवार को अपने पिता लालू प्रसाद से मिलने रांची रवाना हो गए। राजद के सूत्रों के मुताबिक, तेजप्रताप अपनी महुआ सीट को छोड़कर हसनपुर से लड़ने को लेकर लालू प्रसाद से भेंट करने गए हैं। इधर, सूत्र यह भी कहते हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह के खिलाफ तेजप्रताप के दिए गए बयान से लालू प्रसाद नाराज बताए जा रहे हैं और इसी को लेकर उन्हें रांची बुलाया गया है।
रांची रवाना होने के पहले तेजप्रताप ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, लालू जी के स्वास्थ्य का हाल लेने रांची जा रहा हूं। पार्टी की रणनीति बनाने के लिए हम और तेजस्वी जी लगातार चर्चा करते हैं।"
उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह को चाचा बताते हुए कहा कि सब लोग साथ में हैं। रघुवंश प्रसाद अभी बीमार हैं। पिता लालू की नाराजगी पर तेजप्रताप ने कहा कि यह अफ वाह मीडिया द्वारा फैलाया गया है।
इधर, लोजपा से सांसद रह चुकी रामा सिंह राजद की सदस्यता को लेकर इंतजार में हैं। उन्होंने बुधवार को कहा, पार्टी किसी की जागीर नहीं होती है और पार्टी से ऊ पर कोई नहीं होता है। हमने कुछ दिन पहले राजद में शामिल होने की अर्जी लगाई थी जिसके बाद मुझे इसकी अनुमति मिल गई। कौन मेरे आने का विरोध करता है इसको लेकर मुझे कुछ ज्यादा नहीं कहना है।
उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह प्रारंभ से ही नकारात्मक राजनीति करते हैं।
इस बीच रामा सिंह के इस बयान के बाद तय माना जा रहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी और बढेगी। सिंह फि लहाल दिल्ली में हैं और स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। सिंह कुछ दिन पूर्व कोरोना संक्रमित हुए थे।
सूत्र कहते हैं कि लालू प्रसाद खुद रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी दूर करने में जुटे हैं। लालू चारा घोटाले के मामले में फिलहाल रांची में सजा काट रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों रामा सिंह के राजद की सदस्यता ग्रहण करने की खबरों के मीडिया में आने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफो दे दिया था।
गौरतलब है कि तेजप्रताप ने दो दिन पहले एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि राजद एक समुद्र है। रघंवुश प्रसाद सिंह एक लोटा (एक प्रकार का बर्तन) पानी की तरह है, जिससे निकल जाने से समुद्र पर कोई फ र्क नहीं पड़ता।
इधर, सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी दूर करने में राजद सफ ल नहीं होता है, तो वे जदयू का दामन भी थाम सकते हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की गुरुवार को बैठक होने जा रही है जिसमें केद्र सरकार द्वारा राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने पर विचार-विमर्श होगा। यह बात बैठक के एजेंडा की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कही। यह बैठक पहले जुलाई में ही होने वाली थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना काल में जून में जीएसटी की बैठक के बाद इसकी घोषणा भी की थी।
अधिकारी ने बताया, परिषद का सिंगल प्वाइंट एजेंडा जीएसटी के मुआवजे पर विचार-विमर्श है। जीएसटी की दरों या उपकर की संरचना में किसी भी प्रकार का बदलाव का मसला भी इस बात से जुड़ा होगा कि राज्यों को किस प्रकार समय से मुआवजे का भुगतान हो।
कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन और उससे देशभर में आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के चलते जीएसटी संग्रह में भारी कमी आई है। इसलिए केंद्र सरकार के पास एक विकल्प यह है कि वह अपनी उधारी का एक हिस्से का उपयोग राज्यों को जीएसटी मुआवजे के भुगतान के रूप में कर सकती है।
मार्च के बाद राज्यों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है। यहां तक कि मार्च के मुआवजे के भुगतान में भी विलंब हुआ और जुलाई के आखिर में ही भुगतान हो पाया।
केंद्र सरकार ने इस मसले पर कानूनी राय भी मांगी थी जिसमें सुझाव दिया गया था कि केंद्र पर राज्यों को जीएसटी मुआवजे में कमी का भुगतान करने का कोई दायित्व नहीं है, बलिक जीएसटी परिषद पर्याप्त राशि की व्यवस्था करके वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा कोष में कमी को पूरा करने का निर्णय ले सकती है।
सूत्रों ने बताया कि न्यायविदों के सुझाव के अनुसार, जीएसटी परिषद केंद्र को मुआवजा कोष से राज्यों को उधारी लेने की अनुमति देने की सिफारिश कर सकती है।
हालांकि संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के तहत इस मामले में आखिरी फैसला केंद्र सरकार को लेना होगा।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने दिल्ली के आर के पुरम में पुलिस द्वारा एक किशोर की पिटाई करने के वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। डीसीपीआर ने कहा, एसएचओ आरके पुरम पुलिस को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें वीडियो में दिख रहे दोनों पुलिसकर्मियों की पहचान करने और आईपीसी की धारा 166, 321, 322 और धारा 75, जेजे एक्ट, 2015 के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली सरकार के मुताबिक सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह का कार्य भारत के संविधान की भावना के खिलाफ है और बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ट्विटर पर प्रकाशित एक स्टोरी का संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिया। डीसीपीसीआर ने कहा, ट्विटर पर संलग्न किए गए इस वीडियो से पता चला है कि आरके पुरम एरिया में एक पुलिसकर्मी द्वारा एक किशोर के साथ मारपीट की गई है और पूरे घटनाक्रम को एक अन्य पुलिसकर्मी खड़ा देख रहा है। कथित तौर पर लड़का भोजन की तलाश में देर रात सड़क पर भटक रहा था।
आयोग ने पुलिस अधिकारियों की इस तरह की मनमानी और उदासीनता की कड़ी निंदा की है। डीसीपीसीआर ने एसएचओ आरके पुरम को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें इस घटना में शामिल दोनों अधिकारियों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है। किसी लोक सेवक द्वारा नियमों की अवहेलना करने के आरोप में उन पुलिस कर्मियों पर आईपीसी की धारा-166 के तहत केस दर्ज करने के लिए भी कहा गया है। साथ ही, किसी को चोट पहुंचाने के लिए आईपीसी की धारा 321, 322 (स्वेच्छा से गंभीर रूप से आहत) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75, बच्चे को क्रूरता के लिए दंड से संबंधित धारा भी शामिल करने का निर्देश दिया गया है।
डीसीपीसीआर ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह के कृत्य भारत के संविधान की भावना के खिलाफ हैं और बच्चों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 21 सभी व्यक्तियों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है। इस तरह की हरकतें पुलिस बल की छवि को धूमिल करती हैं। आयोग इस मामले को आगे बढ़ाएगा और न्याय दिलाएगा।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। देशभर के जिन लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश है, वे गुरुवार से 'किरण' के माध्यम से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। यह एक फ्री हेल्पलाइन है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय व इसके सहयोगियों द्वारा तैयार हेल्पलाइन 1800-599-0019 का मकसद शुरुआती जांच, प्राथमिक उपचार, मनोवैज्ञानिक समर्थन, तनाव प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी, विचलित व्यवहार के रोकथाम और मनोवैज्ञानिक क्षेत्र में संकट प्रबंधन को उपलब्ध कराना है।
मानसिक स्वास्थ्य पुनर्सुधार संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही हेल्पलाइन का उद्देश्य तनाव, चिंता, डिप्रेशन, पैनिक अटैक, एडजस्टमेंट डिस्ऑर्डर, पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर, सब्सटेंस एब्यूज, सुसाइडल थॉट्स, महामारी के चलते पैदा हुए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराना है।
यह हेल्पलाइन 13 भाषाओं में किसी भी एक व्यक्ति, परिवार, एनजीओ, डीपीओ, अभिभावक संघ, प्रोफेशनल एसोसिएशन, पुनर्वास केंद्र, अस्पतालों के साथ ही साथ लद्दाख, जम्मू व कश्मीर, आठ उत्तर-पूर्वी राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीपपुंज और लक्ष्यदीप सहित पूरे देश में जरूरत में पड़े किसी के लिए भी उपलब्ध होगा।
देश के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत गुरुवार को वर्चुअली 'किरण' को लॉन्च करेंगे। इस दौरान हेल्पलाइन के पोस्ट, ब्रोशर और रिसोर्स बुक भी जारी किए जाएंगे।
प्रति घंटे 300 लोगों को संभालने की क्षमता के साथ 660 वॉलेंटियर्स नैदानिक और पुनर्वास मनोवैज्ञानिक, 668 वॉलेंटियर मनोचिकित्सकों के साथ-साथ 75 विशेषज्ञ हेल्पलाइन के 25 केंद्रों में शामिल किए जाएंगे।(IANS)
शिवपुरी, 26 अगस्त। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व विधायकों पर बड़ा हमला बोला है, और कहा है कि विधायक 35-35 करोड़ में बिके हैं। शिवपुरी में जयवर्धन सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि "जो विधायक कांग्रेस छोड़कर गए हैं, उन्होंने 35-35 करोड़ रुपए लिए हैं।"
मप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री जयवर्धन सिंह ने आगे कहा कि, "कांग्रेस को जनता ने पांच साल के लिए जनादेश दिया था, मगर विधायकों के बिक जाने से उपचुनाव हो रहे हैं। कोरोना काल में चुनाव के लिए कांग्रेस से भाजपा में गए तत्कालीन विधायक जिम्मेदार हैं। कोरोना काल में मतदाता को कतार में लगना होगा और इसके लिए कोई और नहीं कांग्रेस छोड़ने वाले विधायक जिम्मेदार हैं।"
कार्यकर्ताओं से पूर्व मंत्री ने कहा अब परिस्थितियां बदल गईं हैं, आप के लिए हम हर समय तैयार हैं।(IANS)
नयी दिल्ली, 26 अगस्त (वार्ता)। देश के नये स्टार्टअप पिक्साहाइव ने फोटोग्राफी के शौकीन लोगों की आय बढ़ाने में सहायता करने और स्वदेशी फोटोग्राफी समुदाय को एकजुट करने की पहल शुरू की है।
पिक्साहाइव के संस्थापक रोहित त्रिपाठी ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा, “ पिक्साहाइव से अब तक उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है जो फोटोग्राफी शौकिया तौर पर करते हैं क्योंकि ऐसे फोटोग्राफर काफी समय से एक ऐसे प्लेटफॉर्म का इंतजार कर रहे थे जहां वे अपने काम का प्रदर्शन करके अपनी नयी पहचान बना सकें। अन्य पेशेवर वेबसाइट जैसे शटरस्टॉक, 500पीएक्स और ड्रिबल ने फोटोग्राफरों के लिए बहुत कड़े नियम बनाये हैं जिन्हें नये फोटोग्राफरों को पालन करने में बहुत मुश्किल होती है।”
नयी दिल्ली 26 अगस्त (वार्ता)। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी सितंबर 2020 में बाल अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेंगे जिसमें कई नोबेल पुरस्कार विजेता और विश्व नेता भाग लेंगे।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ने बुधवार को यहां बताया कि आगामी नौ सितंबर और 10 सितंबर को तीसरा ‘लॉरियेट््स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन्स सम्मेलन’ का आयोजन किया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण इस बार का सम्मेलन ऑनलाइन होगा। इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए बहुत सारे नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विश्व नेताओं ने अपनी स्वीकृति दी है।
सम्मेलन में कोरोना महामारी से प्रभावित बच्चों की दशा-दिशा को सुधारने और बच्चों को उनके प्राकृतिक अधिकार देने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। इसके अलावा सम्मेलन में बाल श्रम, बाल दासता, मानव तस्करी , शिक्षा, खाद्य असुरक्षा तथा युद्ध और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बच्चों पर विशेष रुप से चर्चा होगी।
श्री सत्यार्थी ने कहा कि यह सम्मेलन विश्व सरकारों को सभी बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए आगाह करेगा। कोरोना महामारी के दौरान उन बच्चों पर उन्हें विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जो समाज के कमजोर वर्ग से और हाशिए पर हैं। यदि इन लाखों बच्चों को नहीं बचा गया तो बाल श्रम, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र की प्रगति धराशायी हो सकती है।
‘लॉरियेट््स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन्स’ बाल अधिकारों के संरक्षण का एक मंच है जो नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विश्व नेताओं को इस मुद्दे पर एकजुट करता है।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| चीनी स्मार्टफोन निर्माण कंपनी-विवो ने बुधवार को किफायती स्मार्टफोन विवो वाय20 को एआई ट्रिपल कैमरा सेटअप और 5000एमएएच बैटरी के साथ 12,990 रुपये में भारत में लॉन्च किया। विवो वाय20 को खरीद के लिए 28 अगस्त से ओब्सीडियन ब्लैक और डॉन व्हाइट रंगों में उपलब्ध कराया जाएगा।
विवो इंडिया में ब्रांड रणनीति के निदेशक निपुण मार्या ने एक बयान में कहा, "विवो के नए वाय सीरीज का मकसद उत्पादों की एक ऐसी विस्तृत श्रेणी को नवीनतम फीचर्स के साथ उपलब्ध कराना है जो अलग-अगल प्राइस रेंज में विशेष जरूरतों को पूरा करें।"
स्मार्टफोन को 1600 गुना 720 पिक्सल रेजॉल्यूशन के साथ 6.51 इंच के एचडीप्लस हैलो आईव्यू डिस्प्ले के साथ पेश किया गया है जिसका आस्पेक्ट रेशियो 20:9 है।
यह डिवाइस क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 460 प्रोसेसर द्वारा संचालित है जिसमें 4जीबी और 64जीबी का इंटरनल स्टोरेज है। इसमें एक साइड-फिंगरप्रिंट स्कैनर भी है जिसके द्वारा फोन को महज 0.22 सेकेंड में अनलॉक किया जा सकता है।
फोन में 18वॉट के फ्लैशचार्ज तकनीक के साथ 5000एमएएच की एक शक्तिशाली बैटरी दी गई है जो कंपनी के मुताबिक एचडी फिल्म के देखने के साथ 16 घंटे और गेमिंग वगैरह के साथ 11 घंटे तक चलेगी।
डिवाइस में 13एमपी का कैमरा सेटअप है। सेल्फी के लिए आगे की ओर 8एमपी का एक कैमरा भी है।
इसी के साथ कंपनी ने 5000एमएएच की बैटरी, साइड-फिंगरप्रिंट स्कैनर और एआई ट्रिपल मैक्रो कैमरा के साथ 11,490 रुपये में वाय20 आई स्मार्टफोन की भी घोषणा की है।
कंपनी ने बताया कि अपने पार्टनर रिटेल स्टोर्स में 3 सितंबर से इन्हें बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
तिरुअनंतपुरम, 26 अगस्त (आईएएनएस)| केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन पर बड़ा हमला बोलते हुए राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने बुधवार को यहां कहा कि राज्य के सचिवालय में लगी आग गोल्ड स्मगलिंग केस में विजयन को बचाने की साजिश है। इस बीच केरल सरकार ने एडीजी मनोज अब्राहम को आग लगने के कारणों की जांच करने को कहा है। आग मंगलवार को लगी थी और जांच बुधवार को शुरू हो गई।
सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए चेन्निथला ने विजयन का इस्तीफा मांगा और कहा, "सभी ने कल चीफ सेक्रेटरी विश्वास मेहता को देखा, जब सचिवालय के सामान्य प्रशासन विभाग में आग लगी। वो मीडिया को वहां से भगाने में लगे थे। वो विश्वास मेहता नहीं अविश्वास मेहता हैं। उन्होंने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। उनका मुख्य मकसद विजयन को बचाना है।"
बता दें कि सचिवालय में मंगलवार को करीब साढ़े चार बजे आग लगी, जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा के कई बड़े नेता यहां पहुंचे।
चेन्निथला ने कहा कि कांग्रेस विधायक वी. एस. शिवकुमार वहां पहुंचे थे, लेकिन पुलिस और दूसरे अधिकारियों ने उन्हें वहां जाने नहीं दिया।
उन्होंने कहा, "जब मैं वहां पहुंचा, तब उन लोगों को एंट्री मिली। बात साफ है कि आग जानबूझ कर लगाई गई। गोल्ड स्मगलिंग केस में एनआईए विजयन के दरवाजे तक पहुंच गई है। हमने राज्यपाल से भी कल मुलाकात की। हमारी मांग है कि एनआईए आग लगने की घटना की भी जांच करे।"
विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि सभी ने सुना कि विजयन के निवास पर लगे सीसीटीवी वज्रपात में तबाह गए। इसके बाद पता चला कि सचिवालय में आग लग गई। सब कुछ संदेहास्पद है। "जब तक हम विजयन को हटा नहीं देते, हम चैन से नहीं बैठेंगे।"
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऋण स्थगन अवधि के दौरान ब्याज पर छूट के बारे में कोई रुख स्पष्ट नहीं करने पर केंद्र सरकार की खिंचाई की। कोर्ट ने अस्थायी निलंबन अवधि के दौरान ऋण पर ब्याज वसूलने वाले वित्तीय संस्थानों के खिलाफ सुनवाई के दौरान ऐसा किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक के निर्णय की आड़ में छिपा हुआ है, विशेष रूप से तब जब उसके पास आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पर्याप्त शक्तियां हैं, जहां वह बैंकों को आस्थगित ईएमआई पर ब्याज लेने से रोककर फैसला ले सकता है और ऋण स्थगन अवधि में ब्याज पर छूट दे सकता है।
न्यायाधीशों अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह केवल व्यवसाय में दिलचस्पी नहीं ले सकती और लोगों की तकलीफों को अनदेखा नहीं कर सकती है।
याचिकाकर्ता के वकील ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि ऋण स्थगन 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है, और 1 सितंबर को, उनका ग्राहक डिफॉल्ट में होगा।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 6 अगस्त को फैसला लिया गया कि इस मुद्दे पर विभिन्न क्षेत्रों के अनुसार निर्णय किया जाना है।
न्यायाधीश भूषण ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र को अपना रुख स्पष्ट करना होगा। सॉलिसिटर जनरल ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि केंद्र आरबीआई के साथ मिलकर ऐसे लोगों की मुश्किल दूर करने में लगा है, जिन्होंने कर्ज लिया है।
न्यायाधीश भूषण ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियां देशव्यापी लॉकडाउन की दने हैं। न्यायाधीश शाह ने कहा कि यह केवल व्यवसाय के बारे में सोचने का समय नहीं है।
पीठ ने कहा कि केंद्र को हलफनामे पर अपना पक्ष रखना होगा।
शीर्ष अदालत ने मेहता को एक सप्ताह का समय दिया कि वह केंद्र के रुख को स्पष्ट करते हुए एक हलफनामा दायर करें और मामले की आगे की सुनवाई के लिए 1 सितंबर का दिन निर्धारित किया।
कोर्ट ने गजेंद्र शर्मा और अन्य की याचिकाओं के संदर्भ यह सुनवाई की।
कैसर मोहम्मद अली
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का हाल ही में कोविड-19 के कारण निधन हो गया था। उन्होंने हालांकि कभी भी भारतीय टीम की कप्तानी नहीं की थी, लेकिन भारतीय टीम के पूर्व मैनेजर शाहिद अली दुर्रानी को 39 साल पहले लगा था कि चेतन में कप्तानी के गुण हैं।
यह वही दुर्रानी ने जिन्होंने 1980-81 दौरे पर मेलबर्न टेस्ट में हुए विवाद में सुनील गावस्कर द्वारा टीम के मैदान छोड़ने से रोका था।
लखनऊ में रहने वाले 84 साल के दुर्रानी उस आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे के पर अपनी रिपोर्ट में चेतन की काफी तारीफ की थी। उस रिपोर्ट की एक प्रति आईएएनएस के पास है। रिटायर्ड एयर फोर्स कैप्टन दुर्रानी आज भी उस रिपोर्ट पर कायम है जिसमें उन्होंने चेतन को विवादों से दूर रहने वाला, विनम्र, समय का पालन करने वाला और टीम बैठकों में अहम योगदान देने वाला बताया था। चेतन उस आस्ट्रेलियाई दौरे पर अच्छी फॉर्म में भी थे और तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज थे।
अपनी उस 21 पेजों की रिपोर्ट में दुरार्नी ने सभी 17 खिलाड़ियों के बारे में लिखा था। दुरार्नी ने चेतन के बारे में लिखा था, "यह राजपूत अपनी सीमित बल्लेबाजी काबिलियत में भी शानदार प्रदर्शन करने को लेकर समर्पित है। वह शानदार फील्डर भी हैं और उपयोगी गेंदबाज भी। खेल का अच्छा छात्र। अच्छे कप्तान बनने की काबिलियत।"
चेतन ने हालांकि कभी भी कप्तानी नहीं की चाहे वो महाराष्ट्र से खेले हों या दिल्ली से, भारतीय टीम की कप्तानी की बात ही छोड़ दीजिए।
दुर्रार्नी ने निश्चित तौर पर चेतन के अंदर नेतृत्व क्षमता देखी होगी।
उन्होंने कहा, "मैंने चेतन चौहान को कप्तानी के लायक कुछ चीजों को लेकर बताया था और वो थीं, शांत चित, परिपक्व नजरिया, हाथ में जो काम है उसके प्रति समर्पण, टीम में युवाओं की मदद करने का नजरिया, विवादों से दूर रहने वाला, समय का पालन करने वाला, विनम्र।"
उन्होंने कहा, "चार महीने के उस दौरे में चेतन में यह काबिलियत मुझे साफ तौर पर दिखी थीं और मैंने बीसीसीआई को उस समय जो रिपोर्ट में लिखा था मैं अभी भी उस पर कायम हूं।"
दुर्रार्नी ने बताया कि चेतन का टीम की रणनीति बनाने में योगदान काफी बड़ा रहता था।
उन्होंने कहा, "अहम टीम बैठकों में वह कभी भी चुप नहीं रहते थे। वह पूरे जुनून और जज्बे के साथ इसमें हिस्सा लेते थे। अधिकतर समय में हम विपक्षी टीम की समझ को लेकर उनसे सहमत होते थे। वह खेल के बहुत अच्छे छात्र थे।"
चेतन जब 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में पहुंचे तब भी दुर्रार्नी ने उनको बारीकी से फॉलो किया।
उन्होंने कहा, "लखनऊ में मैंने उनके तीन साल के कैबीनेट मंत्री के काम को अखबारों के माध्यम से करीब से देखा। मुझे उनसे मिलने का मौका नहीं मिला, हालांकि इसका कोई निश्चित कारण नहीं है।"
चेतन ने अक्टूबर 1967 में चंदू बोर्डे की कप्तानी में महाराष्ट्र के साथ अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। बोर्डे को याद नहीं कि चेतन ने कभी किसी टीम की कप्तानी की या नहीं।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, "वह बेहद समर्पित और शानदार बल्लेबाज थे। लेकिन मैंने उन्हें महाराष्ट्र की कप्तानी करते हुए नहीं देखा। हो सकता है कि उन्होंने पुणे में अपने कॉलेज टीम कप्तानी की हो। प्रोफेसर कमल भंडारकर ने उन्हें कोचिंग दी थी।"
चेतन ने 1975 में दिल्ली का रूख किया तब बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी दिल्ली के कप्तान थे। बेदी हालांकि दुरार्नी की बात से बचते दिखे।
बेदी ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि दुरार्नी ने जो कहा है कि चेतन कप्तानी के काबिल थे, मुझे उसके साथ जाना चाहिए या नहीं। आम बात कहूं तो, अगर किसी में कप्तानी के गुण होते हैं तो वह शुरुआत में ही दिख जाते हैं, 30 साल या उसके बाद नहीं।"
चेतन के दिल्ली आने पर बेदी ने कहा, "उस समय वह वेस्ट जोन की टीम में जाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। और उस समय दिल्ली को एक खडूस बल्लेबाज क जरूरत थी, इससे दोनों को फायदा हुआ।"
बेंगलुरू, 26 अगस्त (आईएएनएस)| बेंगलुरू में एक शख्स को फेसबुक पर बेंगलुरू सिटी पुलिस(बीसीपी) का फर्जी अकाउंट बनाने के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को ये जानकारी दी। संयुक्त पुलिस आयुक्त, अपराध संदीप पाटिल ने कहा, "सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) की साइबर क्राइम विंग ने एक शख्स को गिरफ्तार किया, जिसने बेंगलुरू सिटी पुलिस के नाम पर फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाया था।"
बेंगलुरू के मालेश्वरम के एक व्यक्ति पंकज कुमार बचावत (40) को फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
इससे पहले महीने की शुरुआत में, शहर में एक सोशल मीडिया पोस्ट के चलते दंगा भड़क गया था। फेसबुक पर एक नेता के रिश्तेदार ने भड़काऊ पोस्ट डाल दिया था, जिसके बाद भड़के दंगे के सिलसिले में 300 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (वार्ता)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार को उन्होंने जो सलाह दी वह उचित थी और अब रिजर्व बैंक ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।
श्री गांधी ने बुधवार को ट््वीट किया अर्थव्यवस्था को लेकर महीनों से जो चेतावनी मैं दे रहा हूं, आरबीआई ने अब उसकी पुष्टि की है। सरकार को यह कदम उठाने की जरूरत है: अधिक खर्च करें और ना ही ज्यादा उधार दे। गरीबों को पैसा दे और उद्योगपतियों को कर में छूट मत दीजिए। खपत बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में सुधार का काम आरंभ करें। मीडिया के माध्यम से जो खतरनाक संदेश फैलाया जा रहा है, उससे गरीब को मदद नहीं मिलेगी और ना ही आर्थिक संकट से मुक्ति मिलेगी।Þ
इसके साथ ही श्री गांधी ने एक अंग्रेजी दैनिक में छपी खबर को भी पोस्ट किया है जिसमें रिजर्व बैंक ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए खपत बढ़ाना और कर्ज देना कम किया जाना जारूरी।
तिरुवनंतपुरम, 26 अगस्त (वार्ता)। वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान बंद किये गये विश्व प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के कपाट बुधवार को भक्तों के लिए खोल दिये गये।
कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद मंदिर मार्च से ही बंद था। भक्तों को सुबह आठ बजे से 11 बजे और शाम को पांच बजे से शाम को दीप आराधना तक मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी।
श्री पद्मनाभस्वामी भगवान विष्णु का प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में शामिल यह ऐतिहासिक मंदिर तिरुवनंतपुरम के अनेक पर्यटन स्थलों में से एक है। मंदिर की संरचना में सुधार कार्य किए गए जाते रहे हैं। उदाहरणार्थ 1733 ई. में इस मंदिर का पुनर्निर्माण त्रावणकोर के महाराजा मार्तंड वर्मा ने करवाया था। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के साथ एक पौराणिक कथा जुड़ी है। मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी जिसके बाद उसी स्थान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर प्रबंधन और प्रशासन का विवाद नौ सालों तक न्यायालय में चला। केरल उच्च न्यायालय के फैसले को त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी और जुलाई में शीर्ष न्यायालय ने मंदिर प्रबंधन में त्रावणकोर के पूर्व राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी।
शीर्ष न्यायालय ने देश में सबसे अधिक खजाने वाले मंदिरों में शामिल श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के पूर्व राजपरिवार के अधिकार को मान्यता देते हुए मंदिर के तहखाने (वॉल्ट बी) को खोला जाए या नहीं इसका फैसला प्रशासनिक एवं परामर्शदाता समिति पर छोड़ दिया था। मंदिर का तहखाना (वॉल्ट बी) किसी अनिष्ट के डर की वजह से बंद है। मंदिर के पास करीब दो लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (वार्ता)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए योगी सरकार पर कड़ा हमला किया है और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से इन वारदातों को रोकने के लिए राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
श्रीमती वाड्रा ने बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा, महामहिम राज्यपाल महोदया उत्तर प्रदेश। उप्र में महिला सुरक्षा के हालात बहुत खराब हो चुके हैं। लखीमपुर की एक लडक़ी ऑनलाइन फॉर्म भरने जा रही थी। उसकी बलात्कार कर नृशंस तरीके से हत्या हो गई। यूपी में ऐसा अब रोज हो रहा है। आशा है महिला होने के नाते आप इसकी गंभीरता समझेंगी और संज्ञान में लेंगी।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर प्रदेश सरकार को लगातार कटघरे में खड़ा कर रही हैं और महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार रोकने में विफल बता रही है।
दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी को लेकर हुए एक सर्वे के नतीजे चौंकाने वाले हैं. इस महीने दिल्ली में किए गए दूसरे सीरोलॉजिकल (Serological) सर्वे में पाया गया है कि 5 से 17 साल की आयु के नॉवेल कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं. 5-17 साल के 34.7 फीसदी लोगों में कोविड-19 के एंटीबॉडी थे. जबकि 50 साल से अधिक आयु वाले 31.2 फीसदी लोगों में यह पाया गया. बता दें कि पहले यह कहा जा रहा था कि कोविड-19 का ज्यादा खतरा अधिक उम्र वर्ग वालों में है. सर्वें के अनुसार 18-49 साल के 28.5 फीसदी लोगों में कोविड-19 के एंटीबॉडी पाए गए.
न्यूज एजेंसी के अनुसार दिल्ली गवर्नमेंट कमिटी के हेड डॉ महेश वर्मा का कहना है कि बच्चों और युवाओं को घर में रखना मुश्किल है. यहां तक कि अगर वे स्कूल नहीं जा रहे हैं, तो वे खेलने के लिए बाहर जा सकते हैं. या वे इन डायरेक्ट रूट से कांट्रैक्ट में आ सकते हैं. उनका कहना है कि फिलहाल इसमें व्यापक स्टडी की जरूरत है. उनका कहना है कि यह समझना बहुत ही जटिल है कि कोरोना वायरस किन किन तरह से फैल रहा है. मैं एक परिवार को जानता हूं, जो घर से बाहर नहीं निकला, लेकिन उनके सदस्यों को फिर भी कोरोना का संक्रमण हो गया.
स्कूल बंद फिर भी बच्चे संक्रमित
सीरो के सर्वे में पाया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में 29.1 फीसदी लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ एंटी बॉडीज विकसित हो गए हैं. इससे पहले के सर्वे में पाया गया था कि 22 फीसदी लोगों में एंटी बॉडीज विकसित हुए हैं. अब अगस्त में हुआ सर्वेक्षण दिखाता है कि यह आंकड़ा बढ़कर 29.1 फीसदी हो गया है. हालांकि सर्वे के रिजल्ट्स के बाद सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिर स्कूल बंद और फिर भी कम उम्र के लोगों में मामले क्यों बढ़े.
15000 वॉलंटियर्स पर हुआ सर्वे
यह सर्वे 1 अगस्त से 7 अगस्त के बीच किया गया था. सर्वे के लिए 15,000 से अधिक वॉलंटियर्स को एंटीबॉडी की उपस्थिति के लिए परीक्षण किया गया था. इसके रिजल्ट का मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) में विश्लेषण किया गया था. सर्वेक्षण में 4 आयु वर्ग के लोगों ने भाग लिया. इसमें लगभग 25 फीसदी 18 साल से कम उम्र के, 50 फीसदी 18 से 50 साल के बीच और शेष 50 साल से ऊपर आयु वर्ग के थे.
साउथ ईस्ट में सबसे ज्यादा प्रभाव
सर्वे दिल्ली के सभी 11 जिलों में आयोजित किया गया था. बीमारी का सबसे अधिक प्रसार साउथ ईस्ट जिले में पाया गया, जहां 32.2 फीसदी प्रतिभागी एंटीबॉडी के साथ पाए गए. इस जिले ने पिछली बार से सबसे बड़ी छलांग लगाई है. पिछले सर्वे में यहां 22.2 फीसदी प्रतिभागी एंटीबॉडी के साथ पाए गए थे.
तीसरा सर्वे 1 से 5 सितंबर के बीच
कोरोना पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने हर महीने सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण (सीरो सर्वे) कराने का फैसला किया था. दिल्ली में अबतक दो सीरो सर्वे हो चुके हैं और तीसरा 1 से 5 सितंबर के बीच किया जाएगा. इसमें लगभग 17 हजार लोगों के सर्वेक्षण किए जाने की उम्मीद है. सीरो सर्वे के लिए नमूने दिल्ली के सभी 11 जिलों और सभी आयु वर्ग में एकत्र किए जाएंगे. बता दें कि पहला सीरो सर्वे 27 जून से 10 जुलाई के बीच आयोजित किया गया था. पहले सीरो सर्वे में 21,387 लोगों से नमूने लिए गए थे ,जबकि दूसरे दौर में 15 हजार नमूने एकत्र किए थे.
क्या होता है सीरोलॉजिकल सर्वे?
संक्रामक बीमारियों के संक्रमण को मॉनिटर करने के लिए सीरो सर्वे कराए जाते हैं. इन्हें एंटीबॉडी सर्वे भी कहते हैं. इसमें किसी भी संक्रामक बीमारी के खिलाफ शरीर में पैदा हुए एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है. कोरोनावायरस या SARS-CoV-2 जैसे वायरस से संक्रमित मामलों में ठीक होने वाले मरीजों में एंटीबॉडी बन जाती है, जो वायरस के खिलाफ शरीर को प्रतिरोधक क्षमता देती है. बता दें कि कोरोनावायरस पहले से मौजूद रहा है, लेकिन SARS-CoV-2 इसी फैमिली का नया वायरस है, ऐसे में हमारे शरीर में पहले से इसके खिलाफ एंटीबॉडी नहीं है. लेकिन हमारा शरीर धीरे-धीरे इसके खिलाफ एंटीबॉडी बना लेता है.(financialexpress)
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जेएनयू के पीएचडी स्कॉलर शर्जील इमाम को फरवरी में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है। उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। रविवार को उसे प्रोडक्शन वारंट पर असम से दिल्ली लाया गया।
दिल्ली पुलिस उसे 21 जुलाई को यहां लाने वाली थी लेकिन दिल्ली के लिए रवाना होने से ठीक पहले इमाम का कोविड-19 परीक्षण पॉजिटिव आ गया था।
इमाम सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने का आरोपी है और वर्तमान में उसे असम पुलिस ने यूएपीए से संबंधित मामले में गुवाहाटी जेल में बंद कर रखा था।
दिल्ली पुलिस ने 25 जुलाई को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में इमाम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में दायर की गई 600 पेज की इस चार्जशीट में आईपीसी की धारा 124 ए, 153, 505 और गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम 1967 की धारा 13 के तहत आरोप लगाए थे।