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अब दो मुट्ठी अनाज के लिए जद्दोजहद
मुजफ्फरपुर, 9 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार के 38 में से 16 जिले बाढ़ प्रभावित हैं। कई क्षेत्रों में अब बाढ़ का पानी कुछ कम हुआ है, लेकिन अभी भी लोग दो मुट्ठी अनाज के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। मुजफ्फरपुर जिले के भरतुआ में बागमती नदी और धरफ री गांव में गंडक नदी के पानी में आया उफान भले ही अब कुछ शांत हो गया हो लेकिन बाढ़ के कारण पैदा हुईं मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। बाढ़ की तबाही से बेचैन लोग किसी तरह जान बचाकर अभी भी ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।
ऐसे लोग अपनी जिन्दगी को तो सुरक्षित कर रहे हैं परंतु भूख की मार से बेजार लोगों को दो मुट्ठी अनाज के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। आशियाना के नाम पर ऐसे लोग 'ढमकोल' की चारदीवारी और पॉलिथिन से छत बनाकर पूरे परिवार के साथ दिन गुजार रहे हैं।
कई अन्य वर्षो की तरह इस साल भी मुजफ्फरपुर में बाढ़ ने कहर बरपाया है। यहां के 14 प्रखंडों के 240 पंचायतों में गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, लखनदेई, वाया सहित कई छोटी नदियों ने जमकर कहर ढाया।
मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के कुछ गांवों में नदी की धार कहर बरपा कर कुछ कम हुई है, लेकिन आज भी इस गांव में एक से दो फीट पानी है और ऐसे हालातों में ही लोग अपनी जिन्दगी की गाड़ी को खींच रहे हैं। बाढ़ का पानी धरफरी गांव के महादलित परिवारों की तीन दर्जन झोपड़ियों को बहाकर ले गई, तब से ये पविार खनाबदोशों की तरह जिंदगी गुजार रहे हैं।
गांव की रहने वाली अंजना देवी कहती हैं कि गंडक ने तो गांव और बधार सब कुछ उजाड़ दिया है। हम लोग तो अब गांव के बाहर झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं।
वे कहती हैं कि अबोध बच्चों के लिए ना दूध मिल पा रहा है ना ही बुर्जुगों के लिए दवा उपलब्ध हो पा रही है, परंतु इसे देखने वाला कोई नहीं है। सब नेता वोट मांगने आते हैं लेकिन हर बाढ़ की तरह इस साल की बाढ़ में भी कोई नेता अब तक नहीं आया।
इधर, गांव के लेाग जिला प्रशासन के उस दावे को भी खोखला बता रहे हैं, जिसमें प्रशासन ने राहत सामग्री बांटने की बात कही है। भरतुआ, बेनीपुर, मोहनपुर, विजयी छपरा गांवों के कई परिवारों के लोग अभी भी ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।
बाढ़ पीड़ितों के लिए शरणस्थली बनी कुछ जगहों में बुनियादी सुविधाएं नहीं है। गांव के लोगों का कहना है कि इलाकों में सामुदायिक रसाईघर चल रहा है लेकिन वहां से एक समय का ही भोजन दिया जा रहा है।
अब अपनी समस्याओं को लेकर लोग सड़कों पर भी उतरने लगे हैं। विजयी छपरा सहित आसपास के गांव के लोगों ने दो दिन पहले राष्ट्रीय राजमार्ग 77 को अवरूद्घ कर बाढ़ पीड़ितों को सहायता देने की मांग की थी। वहीं शुक्रवार को मुजफ्फरपुर-दरभंगा रोड को बाढ़ पीड़ितों ने जाम कर दिया था।
मोहनपुर गांव के रामेश्वर कहते हैं कि आधे से ज्यादा खेतों में लगी फ सलें बाढ़ के पानी में डूबकर बर्बाद हो गई हैं। अब बची-खुची फ सल बचाने के लिए लोग अपनी जिंदगी को दांव पर लगा रहे हैं। वे कहते हैं कि खेत में लगी फ सल तो बर्बाद हो गई है परंतु अब आशियाना ना बहे, इसके लिए जतन किए जा रहा हैं।
इधर, सरकार खेतों में बर्बाद हुई फ सल का सर्वेक्षण कराने में जुटी है। मुजफ्फरपुर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामकृष्ण पासवान भी मानते हैं कि बाढ़ से फ सलों को खासा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जिले में 40 से 70 प्रतिशत फ सलों को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है, उसके बाद ही नुकसान का सही आंकड़ा सामने आ पाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बाढ़ से मुजफ्फरपुर जिले की 14 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है। जिला प्रशासन का दावा है कि जिले के बाढ़ प्रभवित इलाकों में 348 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिसमें 2.41 लाख से अधिक लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं।
पालघर (महाराष्ट्र), 9 अगस्त (आईएएनएस)| महाराष्ट्र की अपराध जांच शाखा (सीआईडी) ने पालघर में 16 अप्रैल को भीड़ द्वारा दो साधुओं और उनके ड्राइवर को पीट-पीटकर मार डालने के मामले में ठाणे जिले के भिवंडी में एक किशोर अदालत में दो नाबालिग आरोपियों के खिलाफ अपनी रिपोर्ट दर्ज की है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। हालांकि, इस मामले में कुल 11 किशोर आरोपी हैं, लेकिन सीआईडी ने केवल दो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है और जल्द ही शेष नौ के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
सीआईडी ने गुरुवार को इस मामले में 47 और आरोपियों के खिलाफ अपना तीसरा आरोप पत्र दायर किया था, जिन्हें 13 मई को गिरफ्तार किया गया था।
उन पर सरकारी अधिकारियों को ड्यूटी में बाधा पहुंचाने और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है, क्योंकि उन्होंने मौके पर पहुंची एक पुलिस टीम पर पथराव किया था।
जुलाई के मध्य में सीआईडी ने दो अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए थे, जो लगभग 11,000 पन्नों के थे, जिसमें कुल 154 व्यक्तियों में से 126 को दो अलग-अलग मामलों में सामान्य अभियुक्त के रूप में नामित किया गया था। यह आरोप पत्र दहानू कोर्ट मजिस्ट्रेट एम. वी. जवाले के सामने दायर किए गए थे।
16 अप्रैल की रात जूना अखाड़ा के साधू कल्पवृक्षगिरी महाराज (70), उनके सहायक सुशीलगिरि महाराज (35) और इनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े (30) राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान मुंबई से सूरत में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इन्हें बीच रास्ते लोगों की भीड़ ने रोककर लाठी-डंडों से खूब पीटा जिसके बाद इन्होंने दम तोड़ दिया।
कोरोना केयर सेन्टर बनाया था
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्वर्ण पैलेस नाम के एक होटल में आग लग गई है. अग्निशमन विभाग के अनुसार अब तक हादसे में सात लोगों की मौत हुई है.
कोविड पॉज़िटिव लोगों को रखने के लिए एक प्राइवेट अस्पताल इस होटल का इस्तेमाल केयर सेन्टर के रूप में कर रहा था.
आंध्र प्रदेश गृह राज्य मंत्री मेकाथोटी सुचरिता ने बताया है कि आग शॉर्ट सर्किट के करण लगी है.
बीबीसी के सहयोगी पत्रकार शंकर के अनुसार जब आग लगी उस वक्त होटल में क़रीब 40 लोग मौजूद थे.
अग्निशमन विभाग के अनुसार अब तक हादसे में सात लोगों की मौत हुई है.(bbc)
जम्मू,9 अगस्त (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय ने एक फैसले में गर्भवती हुई एक दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात कराने का आदेश दिया। 17 साल उम्र की एक दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात कराने के लिए हाईकोर्ट की अनुमति लेने की जरूरत पड़ गई, क्योंकि कानून मात्र 20 हफ्तों के गर्भ को गिराने की अनुमति देता है, जबकि इस दुष्कर्म पीड़िता का गर्भ 26 हफ्तों का हो चला है।
न्यायमूर्ति जावेद इकबाल वानी ने जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज और शहर के एसएमजीएस अस्पताल के अधिकारियों को डॉक्टरों के बोर्ड से पीड़िता की नए सिरे से जांच कराने तथा पीड़िता के चिकित्सीय गर्भपात से पहले एक मनोचिकित्स से सलाह लेने के निर्देश दिए।
अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि डॉक्टरों का बोर्ड पीड़िता के गर्भपात का फैसला लेते समय यह सुनिश्चित करे कि भ्रूण का डीएनए सुरक्षित रखा जाएगा, क्योंकि वह भविष्य में सबूत के तौर पर काम आ सकता है।
अदालत ने गर्भपात के लिए पीड़िता को मुफ्त चिकित्सीय सहायता देने का आदेश भी दिया।
पीड़ित लड़की के बयान के मुताबिक, पिछले साल डोडा जिले में 12 दिसंबर को अशोक कुमार नामक युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। आरोपी पुलिस हिरासत में है।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को परिवार निर्भर पार्टी बताते हुए कहा है कि सत्ता में रहते लूट और विपक्ष में रहते झूठ ही कांग्रेस की कुल जमा पूंजी है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने कई मुद्दों पर कांग्रेस की गलत बयानियों को लेकर शनिवार को विपक्षी पार्टी पर हमला बोला। भाजपा के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा, "देश आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ चला है और कांग्रेस परिवार-निर्भर पार्टी की सोच से ही नहीं निकल पा रही, क्योंकि सत्ता में थे तो 'लूट' और विपक्ष में हैं तो 'झूठ', यही कांग्रेस की राजनीति की कुल जमा पूंजी है।"
भाजपा के शीर्ष रणनीतिकारों में शुमार भूपेंद्र यादव ने इससे पहले भी कांग्रेस पर हमला बोला था। जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग करते हुए कहा था कि "जब केंद्र सरकार अवैध रूप से नेताओं को नजरबंद करती है, तब भारत का लोकतंत्र खतरे में पड़ जाता है।"
इसका जवाब देते हुए राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा था, "शेख अब्दुल्ला को 11 साल तक जेल में रखा गया। बस कुछ इतिहास की बातें मैं राहुल गांधी को खुद से अवगत कराना चाहता हूं।"
नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)| पूरी दुनिया कोरोनावायरस से जूझ रही है. इस महामारी से बचने के तमाम प्रयासों के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि गुटखा और सिगरेट का सेवन करने वालों को कोरोना संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है. खैनी, गुटखा खाने वाले लोग कई गैरसंचारी रोगों के भी आसानी से शिकार बन जाते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और शोधकर्ताओं ने भी चेतावनी दी है कि तम्बाकू से कमजोर हुए फेफड़े कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं.
तंबाकू से कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक
केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर अरविंद मिश्रा ने बताया, “तंबाकू का किसी भी रूप में उपयोग करना नुकसानदेह ही है. यह ना सिर्फ प्रयोग करने वालों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि उनके आस-पास के लोगों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है. उस पर से कोरोना वायरस चूंकि फेफड़ों को प्रभावित करता है, इसलिए सिगरेट, हुक्का या वाटरपाइप जैसी चीज का सेवन करने वालों के लिए यह और भी गंभीर खतरा हो सकता है.”
उन्होंने बताया कि तम्बाकू खाने के दौरान इंसान हाथ मुंह को छूता है. यह भी संक्रमण फैलने का अहम जरिया है. कोरोना हाथ के जरिए मुंह तक पहुंच सकता है या हाथों में मौजूद कोरोनावायरस तम्बाकू में जाकर मुंह तक पहुंच सकता है. तम्बाकू चबाने के दौरान मुंह में अतिरिक्त लार बनती है, ऐसे में जब इंसान थूकता है तो यह संक्रमण दूसरों तक पहुंच सकता है.
तंबाकू सेवन से मृत्यु दर का अंदेशा 38 प्रतिशत ज्यादा
डॉ. अरविंद ने बताया, “तंबाकू (Tobacco) सेवन करने वालों में गैरसंचारी रोग- दिल और फेफड़े की बीमारी, कैंसर और डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है. कोरोना संक्रमित होने पर ऐसे लोगों की जान जाने के मामले काफी संख्या में सामने आए हैं.”
रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू में जहरीले केमिकल मिले होते हैं जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे सेवन करने वाले व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. टीबी के ऐसे मरीज जो तंबाकू का सेवन करते हैं उनमें मृत्यु का अंदेशा 38 प्रतिशत अधिक हो जाता है.
स्मोकिंग से सीधा फेफड़ों पर पड़ता है असर
स्मोकिंग करने से भी कोविड-19 (Covid-19) होने का खतरा अधिक है. स्मोकिंग और किसी भी रूप में तम्बाकू लेने पर सीधा असर फेफड़े के काम करने की क्षमता पर पड़ता है. इससे सांस संबंधी बीमारियां बढ़ती हैं. संक्रमण होने पर कोरोना सबसे पहले फेफड़ों पर ही अटैक करता है, इसलिए इसका मजबूत होना बेहद जरूरी है. वायरस फेफड़े की कार्यक्षमता को घटा देता है.
रिसर्च के मुताबिक धूम्रपान करने वाले लोगों में वायरस का संक्रमण और मौत दोनों का खतरा ज्यादा है. सिगरेट, सिगार, बीड़ी, वाटरपाइप और हुक्का पीने वालों पर कोविड-19 का रिस्क ज्यादा है. सिगरेट पीने के दौरान हाथ और होंठ का इस्तेमाल होता है और संक्रमण का खतरा रहता है. वहीं एक ही हुक्का को कई लोग इस्तेमाल करते हैं जो कोरोना का संक्रमण सीधे तौर पर एक से दूसरे इंसान में पहुंचा सकता है.
8 अगस्त | राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि जब जब देश भावुक हुआ, फाइलें गायब हुईं। माल्या हो या राफेल, मोदी या चोक्सी... गुमशुदा लिस्ट में लेटेस्ट हैं चीनी अतिक्रमण वाले दस्तावेज। ये संयोग नहीं, मोदी सरकार का लोकतंत्र-विरोधी प्रयोग है।
राहुल ने कहा कि आशा कार्यकर्ता देशभर में घर-घर तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचती हैं। वो सच मायने में स्वास्थ्य वॉरीयर्स हैं लेकिन आज खुद अपने हक के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं। सरकार गूंगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (वार्ता)। गिरीश चंद्र मुर्मू ने शनिवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) पद की शपथ ली।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्री मुर्मू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
श्री मुर्मू देश के 14वें कैग प्रमुख हैं। उन्होंने राजीव महर्षि के स्थान पर यह जिम्मेदारी संभाली है। श्री मुर्मू ने ईश्वर के नाम पर हिंदी में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
ओडिशा के मयूरभंज में 21 नवंबर 1959 को जन्में श्री मुर्मू 1985 बैच के गुजरात से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल उन्हें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया था। वह इस पद पर पिछले साल 31 अक्टूबर को नियुक्त हुए और इस साल पांच अगस्त तक रहे।
प्रधानमंत्री के भरोसेमंद नौकरशाह श्री मुर्मू, श्री मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके प्रधान सचिव की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। उनका कार्यकाल छह वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक रहेगा।
भुवनेश्वर, 8 अगस्त (आईएएनएस)| ओडिशा के गंजम और गजपति जिलों में शनिवार को रिक्टर स्केल पर 3.8 की तीव्रता वाले भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। किसी के भी हताहत होने या नुकसान की खबर नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, भूकंप सुबह सात बजे बेरहामपुर से 73 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में आया।
उन्होंने कहा, "इसका केंद्र गजपति जिले के परीभेटा और तडीगुडा के पास था, जोकि आर. उदयगिरी क्षेत्र के पास है।"
भूकंप के झटके गंजम जिले के पतरपुर, चिकिटी, दिगापहंडी और गजपति जिले के मोहाना क्षेत्र में महसूस किए गए।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (वार्ता)। केरल के कोझिकोड में हुए विमान हादसे के बाद सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया और उसकी इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस ने सोशल मीडिया पर अपना लोगो काला कर लिया है।
एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने फेसबुक और ट््िवटर पर अपने लोगो को काले और सफेद रंग में कर दिया है। इसमें पृष्ठभूमि को पूरी तरह काला कर दिया गया है। कोझिकोड के दु:खद विमान हादसे के बाद मृतकों को श्रद्धांजलि स्वरूप लोगो में यह बदलाव किया गया है। आम तौर पर एयर इंडिया समूह का लोगो गहरे लाल रंग में होता है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान शुक्रवार रात दुबई से कोझिकोड पहुँचा था। चालक दल के छह सदस्य और 10 शिशुओं सहित विमान में 190 लोग सवार थे। तेज बारिश के बीच रात 7.41 बजे लैंडिंग के समय विमान फिसलकर रनवे पार करता हुआ खाई में जा गिरा। हादसे में दोनों पायलट समेत कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग अस्पताल में उपाचाराधीन हैं।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (वार्ता)। देश में कोरोना संक्रमण की दिनोंदिन बिगड़ती स्थिति के बीच लगातार दूसरे दिन 61 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 20.89 लाख हो गयी है और 933 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 42,518 पर पहुंच गई है।
स्वस्थ होने वालों की दर में निरंतर हो रही वृद्धि के बावजूद संक्रमण के नये मामले बढऩे से देश में पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामलों में 11,704 की बढ़ोतरी हुई जिससे इनकी संख्या 6,19,088 हो गयी है। राहत की बात यह है कि इस दौरान 48,900 लोगों के स्वस्थ होने से संक्रमणमुक्त होने वालों की संख्या भी 14,27,006 लाख पर पहुंच गयी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण के 61,537 मामले आने से इनकी संख्या 20,88,612 हो गयी है। शुक्रवार को 62,538 मामले सामने आये थे। मंत्रालय के अनुसार स्वस्थ होने वालों की दर 68.32 प्रतिशत पर पहुंच गयी है और मृत्यु दर 2.04 प्रतिशत है।
कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या 723 कम होने से सक्रिय मामले 1,45,889 हो गये तथा 300 लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 17,092 हो गया। इस दौरान 10,906 लोग संक्रमणमुक्त हुए जिससे स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढक़र 3,27,281 हो गयी। देश में सर्वाधिक सक्रिय मामले इसी राज्य में हैं।
आंध्र प्रदेश में मरीजों की संख्या 2488 बढऩे से सक्रिय मामले 84,654 हो गये हैं। राज्य में अब तक 1842 लोगों की मौत हुई है, वहीं 7,594 लोगों के स्वस्थ होने से कुल 1,20,464 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं। दक्षिणी राज्य कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान मरीजों की संख्या 2618 बढ़ी है और यहां अब 77694 सक्रिय मामले हैं। मरने वालों का आंकड़ा 101 बढक़र 2998 पर पहुंच गया है। राज्य में अब तक 84232 लोग स्वस्थ हुए हैं। तमिलनाडु में सक्रिय मामले 727 घटकर 52,759 रह गये हैं तथा 4690 लोगों की मौत हुई है। वहीं राज्य में अब तक 2,27,575 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान मरीजों की संख्या 909 बढ़ी है जिससे 44563 सक्रिय मामले हो गये हैं तथा इस महामारी से 1981 लोगों की मौत हुई है जबकि 66,834 मरीज ठीक हुए हैं। सक्रिय मामलों में इसके बाद बिहार का स्थान है, जहां यह संख्या 26453 हो गयी है। राज्य में 369 लोगों की मौत हुई है जबकि 44482 लोग संक्रमणमुक्त भी हुए हैं।
देश के पूर्वी राज्य पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के 24652 सक्रिय मामले हैं था 1,954 लोगों की मौत हुई है, वहीं अब तक 63,060 लोग स्वस्थ हुए हैं।
तेलंगाना में कोरोना के 22568 सक्रिय मामले हैं और 615 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 54330 लोग इस महामारी से ठीक हुए हैं। गुजरात में सक्रिय मामले 14,443 हो गये हैं तथा 2,605 लोगों की मौत हुई है। राज्य में 51720 लोग इस बीमारी से स्वस्थ भी हुए हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामले 61 बढक़र 10,409 हो गये हैं। वहीं संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 4082 हो गयी है तथा अब तक 1,28,232 मरीज रोगमुक्त हुए हैं। कोरोना महामारी से अब तक मध्य प्रदेश में 962, राजस्थान में 767, पंजाब में 539, हरियाणा में 467, जम्मू-कश्मीर में 449, ओडिशा में 247, झारखंड में 151, असम में 132, उत्तराखंड में 112, केरल में 102, छत्तीसगढ़ में 87, पुड्डुचेरी में 75, गोवा में 70, त्रिपुरा में 37, चंडीगढ़ में 23, अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 19, हिमाचल प्रदेश में 14, मणिपुर में 10, लद्दाख में नौ, नागालैंड में सात, मेघालय में पांच, अरुणाचल प्रदेश में तीन, दादर-नागर हवेली एवं दमन-दीव में दो तथा सिक्किम में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
चेन्नई, 8 अगस्त (आईएएनएस)| एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे में अबतक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं विमान विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि फिसलन भरा रनवे, तेज हवा, खराब मौसम की स्थिति और नियमित स्थान से आगे विमान का उतरना, ये सब मिलाकर एक घातक संयोजन हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कोझिकोड में एयर इंडिया एक्सप्रेस की स्किडिंग हुई होगी। दुबई से उड़ान भरने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान शुक्रवार शाम कोझिकोड में उतरते समय रनवे से फिसल गया और नीचे गहरी घाटी में जा गिरा। इस दुर्घटना में दो पायलटों सहित करीब 18 लोग मारे गए।
विमान में छह क्रू टीम के सदस्यों सहित 190 यात्री सवार थे। विमान के शुक्रवार शाम 7.41 बजे लैंडिंग के दौरान भारी बारिश हो रही थी।
एक पायलट ने अपना नाम न बताते हुए आईएएनएस को बताया, "यह टायर और रनवे के बीच घर्षण की कमी के कारण हो सकता है। बारिश के कारण जलभराव भी प्रमुख कारण (हाइड्रोप्लेनिंग) हो सकता है।"
पायलट ने कहा कि हाइड्रोप्लेनिंग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पानी की उपस्थिति के कारण सतह से पहिए का संपर्क टूट जाता है और पहिया पिसलने लगता है। इससे ब्रेक लगाना असंभव हो जाता है और विमान की गति लैंडिंग के बाद कम नहीं हो सकती है।
पूर्व भारतीय वायु सेना (आईएएफ) नेविगेटर ने आईएएनएस को बताया कि मानक 9,000 फीट का कोझिकोड रनवे इस तरह के विमान के लिए कोई समस्या उत्पन्न नहीं कर सकता है।
पूर्व नेविगेटर ने कहा, "संभवत:, विमान थ्रेशोल्ड या सामान्य स्थान से आगे उतरा, खराब ²श्यता, मजबूत अनुकूल हवा और फिसलन भरे रनवे के कारण यह दुर्घटना हुई।"
तिरुवनंतपुरम, 8 अगस्त (आईएएनएस)| केरल के इडुक्की जिले में हुए भीषण भूस्खलन के बाद 50 से अधिक लोगों के लापता होने की सूचना है, इन्हें ढूंढ़ने के लिए शनिवार को लोगों और उपकरणों की सहायता से बड़े पैमाने पर एक खोज अभियान चलाया जा रहा है। गुरुवार मध्यरात्रि को राजामलाई में हुई इस त्रासदी में 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों को बचाया गया है जिनका इडुक्की, कोट्टायम और एर्नाकुलम जिलों के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
मुन्नार के लोकप्रिय पर्यटन स्थल से लगभग 30 किमी की दूरी पर यह हादसा उस समय हुआ, जब एस्टेट हाउस की चार लाइनों पर बड़े-बड़े पत्थर गिर गए।
इस जिले से ताल्लुक रखने वाले राज्य में वर्तमान बिजली मंत्री एमएम मणि ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव कोशिश करेगी।
मणि ने कहा, "लापता हुए व्यक्तियों की सही संख्या का पता चाय कंपनी को लगाना होगा, चूंकि यह आवासीय लाइनें हैं तो स्थानीय ग्राम परिषद को भी उनके साथ काम करना होगा। मलबे में अब किसी के दबे होने की संभावना कम है।"
एनडीआरएफ, केरल पुलिस, फायर फोर्स, स्थानीय लोगों और स्वयंसेवक कर्मियों की बड़ी संख्या के साथ इस खोज अभियान को अंजाम दिया जा रहा है।
केरल सरकार ने जहां मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2-2 लाख रुपये देने का ऐलान किया है।
अयोध्या, 8 अगस्त (आईएएनएस)| श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि ऐसा मंदिर बनेगा, जिसमें रामलला एक हजार वर्ष तक सुरक्षित रहेंगे। फिलहाल रामलला मंदिर की नींव की ड्राइंग बनकर तैयार है। निर्माण के लिए एलएनटी कंपनी तैयार है। चंपत राय ने यहां शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का काम चंद रोज में शुरू हो जाएगा। राम मंदिर निर्माण कार्य के बारे में जानकारी देते हुए राय ने बताया कि अब तकनीकी काम है। यह मंदिर 1000 साल तक इस सृष्टि के आंधी-तूफान को सहता रहेगा। इसलिए निर्माण में उसी तरह की तकनीकी का इस्तेमाल भी होगा।
उन्होंने कहा कि लार्सन टूब्रो के लोग नींव की ड्राइंग तैयार करने आए थे। निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण से 70 एकड़ भूमि में जितना निर्माण हो सकता है, उसका नक्शा पास होगा।
राय ने कहा कि निर्माण कंपनी ने अभी तक ट्रस्ट के सामने ड्राइंग पेश नहीं की है। ड्राइंग देखने के बाद नींव खोदाई और उसको भरने का कार्य शुरू होगा। मंदिर की नींव दो सौ फीट नीचे होगी।
उन्होंने कहा, "इसके साथ ही आप सभी को जानकारी दे दें कि इस मंदिर की नींव में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। इसकी नींव की खुदाई में जो भी कुछ मिलेगा, उसके लिए ट्रस्ट सतर्क रहेगा। ट्रस्ट अब विकास प्राधिकरण से यहां के संपूर्ण 70 एकड़ क्षेत्र का नक्शा पास कराएगा।"
चंपत राय ने कहा, "रामलला की जन्मभूमि पर बड़ी संख्या में प्राचीन अवशेष मिलने की उम्मीद है। हम उसको सहेज के रखेंगे।"
उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ी संख्या में दानदाता सामने आ रहे हैं। जब राम जन्मभूमि परिसर की जिम्मेदारी ट्रस्ट को सौंपी गई ती तो रामलला के पास मात्र 12 करोड़ रुपये की जमा पूंजी थी। अब यह 30 करोड़ के करीब पहुंच गई है। शिला-पूजन के दिन रामलला को 49,000 रुपये का दान मिला था।
राय ने स्पष्ट रूप से कहा कि "हम अभी विदेशों से दान नहीं लेंगे।"
ट्रस्ट के महासचिव ने कहा,कि ट्रस्ट में अब तक 30 करोड़ रुपये आ चुके हैं। इसमें से 12 करोड़ रुपये ट्रस्ट के पास पहले से ही थे। उन्होंने यह भी बताया कि "शिवसेना की पर्ची मिली है और एक करोड़ रुपये आ गए हैं, जिसको मैं समझता हूं कि उद्धव ठाकरे के सहयोग से आया होगा और उनका संदेश हमें प्राप्त हुआ है कि अभी और पैसा वे भेजेंगे।"
चंपत राय ने कहा कि मोरारी बापू के सहयोग से 4 दिन में 11 करोड़ रुपये ट्रस्ट में आए। गुजरात के एक बनवासी संत हैं, उन्होंने 51 लाख रुपये देने की बात कही है और 11 लाख रुपये 5 तारीख को दे भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि जगत गुरु रामभद्राचार्य ने भी एक करोड़ 51 लाख रुपये लिख लेने को कह दिया है, अभी प्राप्त नहीं हुआ है।
बाबा रामदेव ने कितना दिया? यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा,"बाबा रामदेव हमारे घर के हैं, हमने अभी उनसे मांगा नहीं है, जल्द मांगेंगे।"
इतालवी मरीन मामला
नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)| इटली के दो नौसैनिकों द्वारा केरल के मछुआरों की हत्या मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि जब इटली की ओर से पीड़ितों को मुआवजा मिल जाएगा, तब वह मुकदमे को वापस लेने की अनुमति दे सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह पीड़ितों के परिवार का पक्ष सुने बिना इस मामले को बंद नहीं करेंगे। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रह्मण्यन ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, चेक (मुआवजे की राशि) और पीड़ितों के परिजनों को यहां लाएं।
पीठ ने उल्लेख किया कि शीर्ष अदालत तब तक इतालवी नौसैनिकों के लिए किसी राहत के बारे में नहीं सोच सकती है, जब तक कि उनके अभियोजन को केरल की अदालत में वापस नहीं लिया जाता है। मेहता ने कहा कि केंद्र दोनों नौसैनिकों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के लिए याचिका दायर करने को तैयार है।
प्रधान न्यायाधीश ने जवाब दिया, लेकिन पीड़ितों के परिवार को एक समस्या होगी। उन्हें सुनना होगा।
मेहता ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील दी कि केंद्र भारत में इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के पक्ष में है, क्योंकि इटली उन पर मुकदमा चलाने के लिए तैयार है। पीठ ने कहा कि मृतक के परिजन को सुने बिना वह मामला बंद नहीं कर सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल मेहता को एक सप्ताह के भीतर पीड़ितों के परिवारों को मामले में शामिल करने के लिए आवेदन दायर करने के लिए कहा। शीर्ष अदालत ने दो इतालवी नौसैनिकों - मैसिमिलियानो लाटोरे और सल्वाटोर गिरोन द्वारा दायर लंबित याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी, 2012 को मछली पकड़ने के जहाज सेंट एंटोनी में सवार दो भारतीय मछुआरों को कथित तौर पर केरल के तट से दूर इतालवी टैंकर 'एनरिका लेक्सी' में सवार दो इतालवी नौसैनिकों ने मार डाला था।
इसके बाद भारतीय नौसेना ने इतालवी टैंकर को रोक दिया और दोनों नौसैनिकों को हिरासत में ले लिया। इन नौसैनिकों में एक सैनिक दो साल और एक सैनिक चार बाद रिहा हुआ, जिसके बाद वह अपने देश इटली लौटे। यह मामला भारत की अदालत से होता हुआ अंतर्राष्ट्रीय अदालत तक भी पहुंचा।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली की जामिया मस्जिद के बाहर उर्दू बाजार में आजादी से पहले की दुकानें हैं, जहां आज भी उर्दू की किताबें मिलती हैं और शहर के कोने-कोने से लोग उर्दू की किताबें खरीदने आते हैं। हालांकि ये जान कर हैरानी होगी कि नई पीढ़ी के लोग उर्दू की किताबों में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं और यहां हर धर्म के युवक-युवतियां आते हैं।
नई पीढ़ी के लोगों में शायरी, उपन्यास, कहानियों में ज्यादा रुचि है। मशहूर शायरों का मानना है कि सोशल मीडिया ने उर्दू शायरी को जिंदा रखा हुआ है।
उर्दू की किताब बेचने वाले दुकानदारों का मानना है कि उर्दू भाषा हमेशा जिंदा थी और जिंदा रहेगी। उर्दू की किताबें पहले से ज्यादा अब बिकती हैं। यही नहीं, पहले लोग महंगी किताब नहीं खरीदते थे, लेकिन अब 3 हजार तक की किताब खरीदते हैं।
जामिया मस्जिद के बाहर उर्दू बाजार में आजादी से पहले की भी दुकाने हैं, लेकिन इस इलाके से उर्दू की किताबों वाली दुकानें धीरे-धीरे खत्म हो गईं या यहां से कहीं और जा बसीं। कई दुकानदारों ने तो यह कारोबार भी बंद कर दिया।
उर्दू बाजार में मकतबा जामिया लिमिटेड नाम की एक बहुत पुरानी दुकान है। यहां उर्दू भाषा में सभी किताब मिलती हैं। इस दुकान के ब्रांच इंचार्ज अली खुसरो जैदी ने आईएएनएस को बताया, "उर्दू एक सदाबहार जिंदा जुबान है, उर्दू जिंदा हौ ओर जिंदा रहेगी। उर्दू की अपनी मिठास है, अपनी चाशनी है, उसी के बलबूते पर यह जिंदा है और जिंदा रहेगी, चाहे जितना भी इसे मुसलमानों की जुबान बता दो, लेकिन ये एक हिंदुस्तानी जुबान है। एक मुल्क की जुबान है, उर्दू को आप बांट नहीं सकते।"
उन्होंने कहा, "आज भी हमारे पास सभी धर्म के लोग आते हैं, हिंदी के जरिये, अंग्रेजी के जरिये उर्दू को सीखने के लिए। उर्दू एक मुकम्मल तहजीब है। ये एक गुलशन है, जिसमें अहमद फराज, मुनव्वर राणा, गुलजार देहलवी सरीखे हर तरह के फूल हैं।"
जैदी ने कहा कि उर्दू की किताबें आज भी बिकती हैं और पहले से कहीं ज्यादा बिक रही हैं। नई पीढ़ी के लोग ज्यादा पसंद करते हैं, चाहे वो किसी भी धर्म से हों।
उन्होंने कहा कि शेर-ए-अदब, फिक्शन, पोएट्री, मुनव्वर राणा, जॉन एलिया, समाजी नॉवेल ये सभी आज की तारीख में नई पीढ़ी की पसंद हैं।
जैदी ने कहा कि वक्त के साथ उठक-पटक होती रहती है। जामिया मस्जिद के बाहर उर्दू बाजार में पहले सिर्फ उर्दू दुकानों से भरी हुई थी, लेकिन अब काफी दुकानें इधर-उधर हो गईं या किसी ने कारोबार ही खत्म कर दिया।
उन्होंने कहा, "मैं 1978 से यहां हूं, यहां से करीब 10 से 12 उर्दू किताबों की दुकानें खत्म हो गईं। इस बाजार में 70 साल से पुरानी दुकानें मौजूद हैं। लेकिन अब यहां से उठकर मटिया महल में सारी दुकानें बस गई हैं।"
जैदी ने कहा कि पहले लोगों में कुव्वत नहीं होती थी। छह रुपये की किताबें भी लोग नहीं खरीद पाते थे। लेकिन अब लोग हजारों की किताबें खरीकर ले जाते हैं। दरअसल, कानों को उर्दू के लफ्ज अच्छे लगते हैं।
उन्होंने बताया कि भारत में उर्दू की ज्यादा किताबें छपती हैं, ज्यादा मुशायरे होते हैं, उर्दू की 12-13 अकादमियां हैं, गालिब अकादमी है, गालिब इंस्टीट्यूट है, साहित्य अकादमी भी उर्दू के लिए काम करती है, पब्लिकेशन डिवीजन भी उर्दू के लिए काम करता है।
उर्दू बाजार में 1939 से उर्दू किताबों की दुकान चलाने वाले निजामुद्दीन ने आईएएनएस से कहा, "मेरी दुकान आजादी से पहले की है। पहले मेरे पिताजी दुकान चलाते थे। हालांकि अभी फिल्मों की वजह से उर्दू जिंदा है। उर्दू के अब जब प्रोग्राम होते हैं तो नई उम्र के बच्चे आते हैं। लेकिन उर्दू की लिपि अब रोमन भी हो गई है। उर्दू को अब लोग रोमन भाषा में भी पढ़ते हैं। लाइब्रेरियों में उर्दू की किताबें न होने पर नई पीढ़ी अंग्रेजी में उर्दू पढ़ रही है।"
उर्दू शायरों में कुछ बड़े नाम जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता- मिर्जा गालिब, फैज अहमद फैज, राहत इंदौरी, मुनव्वर राणा, बशीर बद्र, निदा फाजली, दाग देहलवी, अकबर अलाहाबादी, कैफी आजमी और गुलजार वगैरह।
मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने आईएएनएस को बताया, "उर्दू ने अपनी लिपि बदल ली है, कुछ लोग अब नागरी में लिखते हैं। शायरी की बदौलत उर्दू की शोहरत ज्यादा हुई। फर्क ये हुआ कि लोग उर्दू जानते नहीं हैं, उर्दू बोलते हैं, लेकिन उर्दू लिख नहीं पाते। कहीं न कहीं ये नुकसान हुआ। लेकिन सोशल मीडिया ने उर्दू को एक नया मुकाम दिया। शायरी की तरफ रुख मोड़ दिया। अब शायरों को लोग जानने, पढ़ने लगे हैं।"
उन्होंने कहा, "उर्दू को 2 3 बार नुकसान उठाना पड़ा। कुछ लोगों द्वारा कहा गया कि उर्दू पाकिस्तान की जुबान है, लेकिन आज भी पाकिस्तान में जो उर्दू बोली जाती है वो बनावटी है। वो उर्दू नहीं है। असल उर्दू आज भी हिंदुस्तान में बोली जाती है।"
हाल ही में दिल्ली की मशहूर लेखिका सादिया देलहवी के निधन पर मुनव्वर राणा ने आईएएनएस को बताया, "ये बड़े घराने से ताल्लुकात रखती थीं। इनका और इनके परिवार का बहुत बड़ा योगदान रहा है। जो भी महफिल हुआ करती थी, उनमें वो शामिल होती थीं। उनके रहने से, उनकी मौजूदगी में शेर सुनाने में मजा आता था। ये लोग शायरी की खूबसूरती, शायरी की महक को महसूस करते हैं। उनके इंतकाल से उर्दू शायरी को बहुत नुकसान हुआ है।"
मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)| कोझिकोड हवाईअड्डे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक विमान के शुक्रवार शाम दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में पायलट कैप्टन दीपक वी. साठे की मौत के बाद उत्तर पूर्व मुंबई के पवई उपनगर में मातम पसर गया है। इस दुर्घटना में कम से कम 14 लोगों की मौत हो चुकी है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस की यह उड़ान दुबई से वंदे भारत मिशन के तहत लौट रही थी।
कैप्टन साठे (58) पवई स्थित जलवायु बिल्डिग के निवासी थे।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, उनके परिवार में दो पुत्र हैं। एक पुत्र बेंगलुरू में रहता है, जबकि दूसरा अमेरिका में रहता है। वे जल्द ही केरल पहुंचने वाले हैं।
वायुसेना के पुरस्कार विजेता एक पूर्व अधिकारी कैप्टन साठे का 30 सालों का लंबा और दुर्घटनामुक्त उड़ान रिकॉर्ड रहा है, जिसमें से लगभग 18 साल उन्होंने एयर इंडिया को दिए थे।
तिरुवनंतपुरम, 7 अगस्त (आईएएनएस)| केरल के इडुक्की जिले के राजामलाई में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 67 लोग अब भी लापता हैं। मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। नवीनतम रपटें बताती हैं कि क्षेत्र में करीब 100 लोग थे। इनमें से अधिकतर कोरोना के डर से यहां वापस आए थे। यहां बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश के बाद भूस्खलन की घटना हुई है। क्षेत्र में अधिकतर चाय बगानों में काम करने वाले मजदूर रहते हैं।
बचाव अभियान में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 15 शवों को बरामद किया गया है और करीब 67 लापता हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगातार चार दिनों से भारी बारिश की वजह से बचाव अभियान में समस्या आ रही है।
गुरुवार देर रात जिस जगह भूस्खलन हुआ वह मुनार के लोकप्रिय पर्यटन स्थल से लगभग 30 किमी दूर है।
इसबीच राज्य सरकार ने क्षेत्र में राहत व बचाव कार्य को देखने के लिए विशेष अधिकारी के तौर पर आईजीपी गोपेश अग्रवाल को नियुक्त किया है।
बचाव स्थल पर केरल पुलिस की 200 सदस्यीय टीम, एनडीआरएफ के जवान, दमकलकर्मी, स्थानीय लोग पहुंच चुके हैं।
इस इलाके में रहने वाली महिलाएं जहां चाय के बागानों में काम करती हैं, वहीं अधिकांश पुरुष जीप चालकों के रूप में काम करते हैं। गुरुवार देर रात दो निवासियों ने फॉरेस्ट स्टेशन में जाकर हादसे की सूचना दी तब जाकर अधिकारियों को इस बारे में पता चला।
मुनार के एक अस्पताल में भर्ती दीपन ने कहा कि भूस्खलन के बाद से उन्हें उनके पिता, पत्नी और भाई के परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं उनकी मां को गंभीर हालत में कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया था।
दुख से व्याकुल दीपन ने बताया, "पिछले 10 दिनों से लगातार बारिश हो रही है। गुरुवार रात 10.30 बजे के आसपास भूस्खलन हुआ। मुझे मेरे पिता, पत्नी और मेरे भाई के परिवार के बारे में कुछ नहीं पता। इस क्लस्टर में तीन पंक्तियों में बने घरों में लगभग 80 लोग रहते हैं। पता नहीं उन सबका क्या हुआ। भूस्खलन में 30 जीपें भी दब गईं हैं।"
केरल सरकार ने घटनास्थल पर हवाई बचाव दल लाने का प्रयास किया, लेकिन खराब मौसम के कारण यह प्रयास नाकाम रहा। हालांकि, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की दो टीमें मौके पर पहुंचने वाली थीं।
अधिकारियों ने कहा कि यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस क्षेत्र की सभी संचार लाइनें टूट गई हैं और जगह-जगह पेड़ों के उखड़ने के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।
इसी जिले के निवासी राज्य के ऊर्जा मंत्री एम.एम. मणि ने कहा, "भूस्खलन ऐसी जगह पर हुआ था, जहां चाय के मजदूर रहते हैं। यह स्थान एक पहाड़ी के चोटी पर है। स्थानीय विधायक भी मौके पर जा रहे हैं। सभी आपातकालीन सेवाओं को वहां लगा दिया गया है।"
इस बीच, क्षेत्र के निवासी पार्थसारथी ने मीडिया को बताया कि उन्हें तीन कतारों में निर्मित मकानों के बारे में पता है, जिनमें चाय बागानों में काम करने वाले लगभग 80 लोग रहते थे, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि जब भूस्खलन हुआ था तब वहां कितने लोग थे। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण कई श्रमिक अपने घरों पर थे।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा कि संबंधित अधिकारियों को केंद्रशासित प्रदेश के चयनित क्षेत्रों में 4जी सेवा को बहाल करने की संभावना को लेकर एक निश्चित रुख के साथ सामने आना चाहिए। शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि अब इस मामले में और ज्यादा देरी नहीं करनी चाहिए। न्यायमूर्ति एन.वी. रमना, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की पीठ ने सॉलिस्टिर जनरल तुषार मेहता से कहा, "जो निर्णय लिया गया, उसका आधार क्या है। क्या इस बात की संभावना है कि कुछ क्षेत्रों में 4जी सेवा को बहाल किया जा सकता है? क्या ऐसा कुछ है, जो कुछ किया जा सके?"
इसके जवाब में, "मेहता ने कहा कि मामले में समीक्षा के लिए निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल को बदल दिया गया है।"
मेहता ने कहा, "हमें आदेश प्राप्त करने के लिए और प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए समय की जरूरत है।"
शीर्ष अदालत ने मेहता से कहा कि मामले को फिर से टालने का कोई मतलब नहीं है। साथ ही अदालत ने कहा कि अटॉर्नी जनरल को मामले की अगली सुनवाई के वक्त केंद्र का पक्ष निश्चित ही रखना चाहिए।
इससे पहले, फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि मेहता जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश की तरफ से पेश हुए थे। उन्होंने कहा, "सुनवाई के अंतिम दिन, उन्होंने कहा था कि वह याचिकाकर्ता द्वारा दाखिल किए गए रिज्वांइडर के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। इससे प्रतीत होता है कि वे समय ले रहे हैं।"
पीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता तत्कालीन उपराज्यपाल द्वारा दिए बयान पर निर्भर कर रहे हैं, लेकिन वे अब नहीं हैं। पीठ ने अहमदी से कुछ और दिन इंतजार करने के लिए कहा।
पीठ ने कहा, "हम यह देखना चाहते हैं कि सरकार क्या चाहती है। तब हम देखेंगे कि कोई अवमानना हुई है।"
अदालत ने मामले को अगले हफ्ते के लिए मुकर्रर कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट दरअसल कोर्ट के आदेश की अवहेलना की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने जम्मू एवं कश्मीर में इंटरनेट पाबंदी के लिए एक विशेष समिति गठित करने का आदेश दिया था, जिसकी अवहेलना को लेकर कोर्ट मामले की सुनवाई कर रही थी।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)| सुशांत सिंह राजपूत मामले में भाजपा विधायक व महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने मनोचिकित्सक सुसान वाकर मोफत की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, जिन्होंने कथित तौर पर मीडिया के साथ दिवंगत अभिनेता के मानसिक स्वास्थ्य की डिटेल साझा की थी। शेलार वकील भी हैं। उन्होंने न केवल सुसान के खिलाफगोपनीयता का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई की मांग की, बल्कि जांच एजेंसियों से उनकी क्लिनिक के सीसीटीवी फूटेज प्राप्त करने, उनकी क्लाइंट सूची का सत्यापन करने और उनके वित्तीय रिकॉर्ड के माध्यम से यह पता लगाने का आग्रह किया कि क्या वह मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा रही हैं।
मुंबई पुलिस आयुक्त, सीबीआई के संयुक्त निदेशक, ईडी के संयुक्त निदेशक, आयकर के मुख्य आयुक्त के साथ ही मुंबई पुलिस के एक आईपीएस अधिकारी को की गई शिकायत में शेलार ने कहा, "सुशांत सिंह राजपूत जांच मामले और अभिनेता की मनोचिकित्सक सुसान वाकर मोफत के अनुचित आचरण के संबंध में मुझे मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों से प्रतिनिधित्व मिला है। सुसान का आचरण जो पुलिस जांच की दिशा को प्रभावित करने का प्रयास करता है।"
यह शिकायत सुसान के मीडिया साक्षात्कार के बाद आई, जिसमें सुशांत के मानसिक स्वास्थ्य का खुलासा किया गया था, जो कि एक गोपनीय मामला है। भाजपा विधायक ने दावा किया, "उनका कृत्य प्रथम दृष्ट्या मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2017 और भारत में रहने की उनकी वीजा शर्तों का उल्लंघन मालूम पड़ता है।"
शेलार ने यह भी सवाल किया कि क्या किसी ने सुसान को उनकी पेशेवर नैतिकता और गोपनीयता का उल्लंघन करने के लिए मजबूर किया है, जिसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
शेलार ने यह भी आरोप लगाया कि सुसान द्वारा सुशांत का कथित तौर पर भारत में वैध लाइसेंस के बिना इलाज किया जाना अवैध है। भाजपा नेता ने यह पता लगाने की मांग की है कि क्या फिल्म बिरादरी के लोग या राजनेता उनके ग्राहक हैं और उनकी ग्राहक सूची का सत्यापन करने की मांग की।
सुसान के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वह एक क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, साइकोथेरेपिस्ट और हिप्नोथेरेपिस्ट हैं, जो मुंबई में प्रैक्टिस कर रही हैं।
सुसान ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि सुशांत कथित रूप से डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहे थे और रिया उनका बड़ा सहारा थीं। हालांकि, सुशांत के पिता ने रिया के खिलाफ अपनी एफआईआर में अभिनेत्री पर कई संगीन आरोप लगाए हैं।
मडीकेरी (कर्नाटक), 7 अगस्त (आईएएनएस)| कर्नाटक के ब्रह्मगिरि पहाड़ी में हुए भूस्खलन के कारण ढहे घर में यहां के मंदिर के एक प्रधान पुजारी सहित पांच लोगों के जिंदा दफन होने की आशंका है। ब्रह्मगिरी पहाड़ी बेंगलुरु से लगभग 300 किमी दूर दक्षिण पश्चिम में है। मडीकेरी के उप पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने आईएएनएस को बताया, "भारी बारिश और भीषण हवाओं के कारण पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ, जिसमें पांच लापता व्यक्तियों के जिंदा दफन होने की आशंका है।"
यहां राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) खोज और बचाव अभियान चला रहा है लेकिन लगातार बारिश, खराब दृश्यता और भूस्खलन के बाद फैले मलबे के कारण बचाव कार्य में खासी दिक्कत आ रही है।
कुमार ने कहा, "भूस्खलन ने ढलानदार पहाड़ी से घर के मलबे को इतने नीचे गिरा दिया है उसके अस्तित्व का कोई निशान नहीं नजर आ रहा है। एनडीआरएफ की 12 सदस्यीय टीम मलबे को हटाने के लिए जेसीबी मशीन तैनात करने के लिए रास्ता साफ करने में जुटी है।"
बता दें कि बुधवार की रात जब भूस्खलन हुआ तब ताला कावेरी मंदिर के प्रमुख पुजारी नारायण अचर के घर में उनके अलावा, उनकी पत्नी शांता, उनके भाई और मंदिर के दो कर्मचारी घर में थे।
मडीकेरी विधानसभा क्षेत्र से सत्ताधारी दल भाजपा के विधायक के.जी. बोपैया ने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण उन लोगों को तलहटी में बने क्वार्टर में शिफ्ट होने के लिए कहा गया था, लेकिन प्रधान पुजारी वहां शिफ्ट नहीं हुए। जबकि उनके बगल के घर में रहने वाले सहायक पुजारी वहां शिफ्ट हो गए थे।
बोपैया ने आईएएनएस को बताया, "हमें डर है कि भूस्खलन के बाद ध्वस्त हो चुके मकान के मलबे में सभी पांचों जिंदा दफन हो गए होंगे क्योंकि पहाड़ी पर घर का नामो-निशान नहीं बचा है।"
बता दें कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के तेज होने के साथ 3 अगस्त से राज्य के तटीय, मध्य और दक्षिणी हिस्सों में जमकर बारिश हो रही है।
कोट्टायम, 7 अगस्त (आईएएनएस)| जालांधर के पूर्व बिशप फ्रैको मुलक्कल शुक्रवार को यहां एक अदालत में पेश हुए और केरल नन दुष्कर्म मामले में जमानत मिल गई। मुलक्कल ने इसके पहले मामले से बरी करने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे दो दिनों पूर्व खारिज कर दिया गया था।
कोट्टायम के अतिरिक्त सत्र अदालत ने पिछले महीने उनके खिलाफ एक गैर जमानती वारंट जारी किया था और मामले में पूर्व में उन्हें दी गई जमानत रद्द कर दी थी, क्योंकि वह मामले में आरोप-पत्र को सुनने के लिए अदालत में पेश नहीं हुए थे।
लेकिन मुलक्कल शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुए, जिसके बाद उन्हें जमानत दे दी गई और उनसे कहा गया कि वह 13 अगस्त तक कोट्टायम से नहीं जाएंगे, जब आरोप-पत्र पढ़ा जाएगा।
पूर्व बिशप ने अदालत को सूचित किया कि कोविड पाजिटिव होने के कारण वह पिछले महीने अदालत में उपस्थित नहीं हो पाए थे।
मार्च में एक अदालत ने यहां यौन उत्पीड़न मामले में मुलक्कल द्वारा दाखिल डिस्चार्ज याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन वहां से भी उनके अनुरोध को खारिज कर दिया गया।
मुलक्कल को 21 सितंबर, 2018 को दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, और 16 अक्टूबर, 2018 को उन्हें जमानत मिल गई थी। केरल पुलिस ने उनके खिलाफ 1,400 पृष्ठों का आरोप-पत्र दाखिल किया है।
पटना, 7 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच को लेकर कांग्रेस और शिवसेना को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि मामले की जांच में बाधा आदित्य ठाकरे के निर्देश पर डाला गया। भाजपा के प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा है कि अगर बृहन्मुंबई नगर निगम ने नियमत: आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को क्वारंटाइन किया होता तो पहले नहीं छोड़ते। उन्होंने आरोप लगाया कि सुशांत की संहेहास्पद मौत मामले में जांच करने गई बिहार पुलिस की जांच में बाधा शिवसेना के 'युवराज' आदित्य ठाकरे के निर्देश पर डाला गया।
उन्होंने कहा, "बिहार सरकार, पुलिस और आम लोग सुशांत को न्याय दिलाने के लिए चिंता कर रहे हैं, लेकिन शिवसेना न्याय के खिलाफ आरोपियों के पक्ष में है। अब बीएमसी ने भद पिटने के बाद एक दूसरा सकरुलर जारी किया है जिसका मकसद निगम का छद्म हरकत वाला चेहरा बचाना तो है ही एक अप्रत्यक्ष मकसद सुशांत के न्याय की राह में रोड़ा अटकाना भी है।"
आनंद ने कहा कि सुशांत मामले में सीबीआई जांच और बिहार पुलिस की जांच को लेकर जितने परेशान शिवसेना के लोग थे उतने ही परेशान राकंपा और कांग्रेस के भी लोग थे। यही कारण है कि संजय राउत, नवाब मलिक, रणदीप सिंह सुरजेवाला और शक्ति सिंह गोहिल एक भाषा में बात कर रहे हैं।
निखिल आनंद ने सुशांत मामले में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की भूमिका पर भी संदेह जताया है। निखिल ने आरोप लगाया कि सुशांत के मसले पर जिस प्रकार का रुख महाराष्ट्र सरकार में शामिल गठबंधन दलों का है उससे लगता है कि राहुल, प्रियंका ने भी आदित्य ठाकरे से बात कर अपने बालीवुड के साथियों के पक्ष में और सुशांत के न्याय के खिलाफ भूमिका तैयार की है।
मनोज पाठक
पटना, 7 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार की सभी प्रमुख नदियों में उफान जारी है। इस बीच बाढ़ के कारण राज्य के 16 जिलों की 69 लाख की आबादी प्रभावित हो चुकी है। बाढ़ के कारण अब तक 21 लोगों की मौत हो गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
इधर, राज्य सरकार भी बाढ़ पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में 6000 रुपये पहुंचाकर आर्थिक मदद देने में जुटी हुई है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, राज्य के 16 जिलों के कुल 124 प्रखंडों की 1,185 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 69 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 8 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 12 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1,402 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन करीब दस लाख लोग भोजन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान अलग-अलग इलाकों में हुईं विभिन्न घटनाओं में 21 लोगों की मौत हुई है। इनमें सबसे अधिक सात लोगों की मौत दरभंगा जिले में तथा छह लोगों की मौत मुजफ्फरपुर जिले में हुई है। इस बीच 23 पालतू पशु की भी मौत हो गई है।
उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 33 टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 4,81,939 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है।
अपर सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेच्युट्स रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रुपये की राशि दी जा रही है। अभी तक 4,50,129 परिवारों के बैंक खाते में कुल 270़80 करोड़ रुपये जीआर की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है।
बिहार राज्य जलसंसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। गुरुवार की शाम इसके जलस्तर में वृद्धि हुई थी, लेकिन शुक्रवार को फिर इसकी प्रवृत्ति कमी की दिख रही है। वीरपुर बैराज के पास शुक्रवार को सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1़ 85 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 1़ 83 लाख क्यूसेक हो गया।
इधर, गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज पर सुबह छह बजे 1़ 61 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे बढ़कर 1़ 63 लाख क्यूसेक पहुंच गया है।
इस बीच, राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती जहां ढेंग, सोनाखान, कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, वहीं बूढ़ी गंडक सिकंदरापुर, समस्तीपुर रेल पुल, रोसड़ा रेल पुल और खगड़िया में लाल निशान के ऊपर है। इधर, कमला बलान जयनगर व झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर है। गंगा नदी कहलगांव में लाल निशान के ऊपर है, जबकि घाघरा और अधवारा भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले चार-पांच दिनों तक पूरे बिहार में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जिसको देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)| ट्विटर ने ऐलान किया है कि वह राज्य द्वारा नियंत्रित मीडिया संगठनों के ट्वीट्स को एम्पलीफाई नहीं करेगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों: चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटने और अमेरिका के सरकारी मीडिया संगठनों व प्रमुख सरकारी अधिकारियों के अकांउट्स को लेबल करेगा ट्विटर ने कहा कि उनकी लेबलिंग की नई नीति में इन पांच देशों से प्रमुख सरकारी अधिकारियों के अकाउंट्स शामिल होंगे जैसे कि विदेशी मंत्री, संस्थागत संस्थाएं, राजदूत, आधिकारिक प्रवक्ता और प्रमुख राजनयिक नेता इत्यादि।
कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "इस वक्त हमारा ध्यान उन वरिष्ठ अधिकारियों और संस्थाओं पर है जो विदेशी राज्यों की आधिकारिक आवाज हैं।"
इस कदम से जो अकाउंट्स प्रभावित होंगे, वे नोटिफिकेशंस या सर्च रिजल्ट में कम दिखाई देंगे।
ट्विटर राज्य से संबद्ध मीडिया संस्थाओं, उनके संपादकों और उनके वरिष्ठ कर्मचारियों के खातों को भी लेबल करेगा।
इस कदम के तहत रूस के आरटी और चीन की सिन्हुआ समाचार एजेंसी जैसे राज्य-नियंत्रित मीडिया संगठनों को भी लेबल किया जाएगा।
ट्विटर ने साल 2019 में सभी राज्य समर्थित मीडिया विज्ञापनों और राजनीतिक विज्ञापनों को ट्विटर से प्रतिबंधित कर दिया था।
कंपनी ने कहा, "पारदर्शिता और व्यावहारिकता के लिए हम भविष्य में कई अन्य देशों में विस्तार करने से पहले स्पष्ट रूप से परिभाषित एक सीमित समूह के साथ इसकी शुरूआत कर रहे हैं।"
कंपनी ने कहा कि फिलहाल उनकी तरफ से राज्य प्रमुखों के पर्सनल अकांउट्स को लेबल नहीं किया जा रहा है क्योंकि इनसे लोग पहले से ही वाकिफ हैं।
कंपनी ने कहा, हालांकि इनके कार्यालयों से जुड़े संस्थागत अकांउट्स को लेबल किया जाएगा जिनमें चुनाव परिणामों के आधार पर परिवर्तन होते रहते हैं।
ट्विटर ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा फंडेड लेकिन संपादकीय स्वतंत्रता रखने वाले मीडिया आउटलेट्स जैसे कि ब्रिटेन में बीबीसी और अमेरिका में एनपीआर को लेबल नहीं किया जाएगा।
ट्विटर ने बताया, "अब हम अपने अपने रिकमंडेशन सिस्टम के जरिए राज्य-संबद्ध मीडिया अकाउंट्स या उनके ट्वीट्स को एम्प्लीफाई नहीं करेंगे।"
जिन खातों को लेबल किया जाएगा ट्विटर की ओर से उसके बारे में सूचित कर दिया जाएगा और अगर अकाउंट ओनर को लगता है कि कंपनी ने कोई गलती की है तो वे सीधे तौर पर कंपनी से संपर्क भी कर सकते हैं।