राष्ट्रीय
अमेठी, 3 मई । कांग्रेस ने अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। वह गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसी कारण उन्हें सोनिया गांधी का प्रतिनिधि भी बनाया गया था। इस परिवार से उनका बहुत पुराना नाता रहा है।
किशोरी लाल शर्मा पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। 1983 के आसपास राजीव गांधी उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे। तब से वह यहीं के होकर रह गए। 1991 में राजीव गांधी की मृत्यु के बाद जब गांधी परिवार ने यहां से चुनाव लड़ना बंद किया तो भी शर्मा कांग्रेस पार्टी के सांसद के लिए काम करते रहे।
उन्हें संगठन ही नहीं परिवार का भी वफादार माना जाता है। रायबरेली से सोनिया गांधी के सांसद चुने जाने के बाद वह उनके प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते रहे। सोनिया गांधी के चुनाव नहीं लड़ने पर किशोरी को रायबरेली से दावेदार माना जा रहा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें रायबरेली के बजाय अमेठी से उम्मीदवार बनाया है।
साल 2004 में सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद बनीं तो शर्मा ने सांसद प्रतिनिधि की जिम्मेदारी संभाली। सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में भी उनके कार्यालय आने वाले हर एक जरूरतमंद की हरसंभव मदद की। इसके बाद के चुनावों में उनके कुशल प्रबंधन का ही नतीजा रहा कि सोनिया को शानदार जीत मिली।
कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए युवा कांग्रेस के लोगों को लगाया था। तब अमेठी में किशोरी लाल को कोआर्डिनेटर बनाया गया था। उनका रायबरेली और अमेठी से 40 से ज्यादा का पुराना रिश्ता है। उन्हें घर घर में लोग जानते हैं।
गौरतलब है कि अमेठी से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा है। किशोरी लाल का उनसे मुकबाला होगा।
(आईएएनएस)
लखनऊ, 3 मई । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान (70) का शुक्रवार को निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे।
अतुल कुमार अंजान पिछले एक महीने से एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। अतुल अंजान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1977 में की, जब वह लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए।
वह सबसे मुखर और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे, जिन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बनाई।
किसानों और श्रमिकों के हितों के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता ने लोगों से व्यापक प्रशंसा और सम्मान जीता।
वह प्रभावशाली भाषण देने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल किया था।
-- (आईएएनएस)
अमेठी, 3 मई । इस बार अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार के सबसे नजदीकी स्थानीय कार्यकर्ताओं में से एक हैं। वो मूलतः खत्री ब्राह्मण हैं, लुधियाना की उनकी पैदाइश है। राजीव गांधी के करीबी थे, उन्हीं के साथ पहली बार अमेठी आए और तब से यहीं के होकर रह गए।
जब भी गांधी परिवार इन दो सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा, तब भी केएल शर्मा यहां जमे रहे और स्थानीय लोगों से घुलते मिलते रहे। सोनिया गांधी के सांसद बनने के बाद से लेकर अब तक अमेठी और रायबरेली सीटों पर जमीनी काम करने और कराने का सारा जिम्मा के एल शर्मा ही उठा रहे थे। जो लोग इस इलाके से आते हैं, वो केएल शर्मा के नाम को जानते होंगे। वो मृदु भाषी, सरल व्यक्तित्व, कुशल मैनेजर और मीडिया की चकाचौंध से दूर रहते हैं।
पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में खुशी होगी कि किसी बाहरी को यहां से नहीं थोपा गया है। कार्यकर्ता अपनों के बीच से ही कांग्रेसी प्रत्याशी चाहते थे। इंटरनल सर्वे में ये बात निकल कर आई थी।
जातीय समीकरण में भी किशोरी लाल फिट बैठते हैं। अमेठी में दलित (26 फीसदी), मुस्लिम (20 फीसदी) और ब्राह्मण (18 फीसदी) का दबदबा है। कांग्रेस को लगता है कि जातीय समीकरणों के हिसाब से के एल शर्मा को फायदा हो सकता है। गांधी परिवार ने भरोसा दिया है कि वो प्रचार के काम में किशोरी लाल शर्मा के साथ भरपूर साथ देंगे।
करीब 55 हजार वोटों से राहुल गांधी 2019 में स्मृति ईरानी से हारे थे। इन पांच सालों में केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद स्मृति ईरानी ने यहां पर काम करवाए और स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने का काम भी किया। अब तो उन्होंने अपना घर भी वहां बनवा लिया है। वो लगातार यहां से संपर्क बनाकर रखी हुई हैं। आती-जाती रहीं, जबकि राहुल गांधी इक्का-दुक्का ही हारने के बाद अमेठी आए।
अमेठी भी अब हॉट सीट बन गई है। गांधी परिवार भले ही सीधा चुनाव न लड़ रहा हो, पर मुकाबला गांधी परिवार के ही नुमाइंदे से है, जो गांधी परिवार की पसंद से पहली बार चुनावी मैदान में उतरा है।
--(आईएएनएस)
भोपाल, 3 मई । पुणे से जम्मू तवी जाने वाली झेलम एक्सप्रेस में बम की सूचना पर गाड़ी को भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर रोक कर सर्चिंग की गई।
आरपीएफ ने इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, झेलम एक्सप्रेस में बम होने की सूचना मिली थी। किसी यात्री ने सूचना दी कि गाड़ी के एस-9 कोच में संदिग्ध वस्तु रखी है।
इस सूचना के आधार पर रानी कमलापति स्टेशन पर गाड़ी को रोका गया और आरपीएफ व जीआरपी के जवानों ने तलाशी ली। डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया। ट्रेन के अंदर कुछ भी नहीं मिला।
झेलम एक्सप्रेस की सर्चिंग में लगभग आधे घंटे का समय लगा और उसके बाद गाड़ी को आगे के लिए रवाना किया गया।
आरपीएफ ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जिसकी मानसिक स्थिति अच्छी नहीं बताई जा रही है। उससे पूछताछ की जा रही है।
(आईएएनएस)
रायगढ़ (महाराष्ट्र), 3 मई । एक चौंकाने वाली घटना में शिवसेना नेता सुषमा अंधारे को लेने जा रहा एक निजी हेलीकॉप्टर लैंडिंग के समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अंधारे ने खुद लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग साझा की है। इसके मुताबिक, हेलिकॉप्टर एक अज्ञात स्थान पर लैंडिंग का प्रयास कर रहा था और अचानक लड़खड़ा गया, संतुलन खो बैठा और फिर खुले मैदान में तेज आवाज के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
हेलिकॉप्टर का पायलट कूदने में कामयाब रहा और बाल-बाल बच गया, लेकिन रायगढ़ के महाड शहर में हुई दुर्घटना में सफेद और नीले रंग का रोटरी-विंगर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
पुलिस और बचाव दल घटना की जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। अंधारे चुनाव प्रचार के लिए एक कार में रवाना हुई।
(आईएएनएस)
देहरादून, 3 मई । उत्तराखंड के चंपावत से पूर्व विधायक रहे कैलाश गहतोड़ी का शुक्रवार को निधन हो गया है। ये वही पूर्व विधायक थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ी थी।
कैलाश गहतोड़ी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने शुक्रवार को मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहतोड़ी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कैलाश गहतोड़ी के निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।
साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हारे तो उसके बाद बीजेपी हाईकमान ने उनके ऊपर विश्वास रखते हुए उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया था। मुख्यमंत्री धामी को 6 महीने में फिर से चुनाव जीत कर अपनी विधायकी को बचाना था।
चंपावत से उस समय विधानसभा चुनाव में जीते कैलाश गहतोड़ी ने सीएम के लिए अपनी सीट छोड़ दी। मुख्यमंत्री धामी चंपावत से चुनाव लड़े और रिकॉर्ड जीत दर्ज करते हुए अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को 55,025 मतों के अंतर से हरा दिया।
गहतोड़ी को पार्टी ने राज्य वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया था। गहतोड़ी को कैबिनेट स्तर का दर्जा दिया गया था। विगत शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके यमुना कालोनी स्थित आवास पहुंच कर मुलाक़ात की तथा कुशलक्षेम पूछी थी।
(आईएएनएस)
अमेठी, 3 मई । कांग्रेस ने किशोरी लाल शर्मा को अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। यहां उनका मुकाबला भाजपा की स्मृति ईरानी से होगा। शर्मा ने अमेठी से उम्मीदवार बनाए जाने पर पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस का आभार जताया है।
किशोरी लाल शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, "मैं कांग्रेस पार्टी का आभारी हूं जिसने इतने छोटे कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी के काबिल समझा। मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का तहे दिल से आभारी रहूंगा।"
मैंने 40 साल इस क्षेत्र की सेवा की है और आज भी कर रहा हूं। मेरे लिए खुशी की बात है कि छोटे से कार्यकर्ता को बड़ी इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी, मैं उनका बहुत आभारी हूं।
उन्होंने कहा कि भारी मतों से चुनाव जीत कर हम अमेठी सीट को कांग्रेस की झोली में डालेंगे।
बता दें कि किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसी कारण उन्हें सोनिया गांधी का प्रतिनिधि भी बनाया गया था। इस परिवार से उनका बहुत पुराना नाता रहा है।
किशोरी लाल शर्मा पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। 1983 के आसपास राजीव गांधी उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे। तब से वह यहीं के होकर रह गए।
(आईएएनएस)
लखनऊ, 3 मई । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गुरुवार रात उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की।
बसपा ने राज्य में तीन और सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की, जबकि अन्य तीन सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए।
पार्टी ने गोंडा से सौरभ कुमार मिश्रा, कैसरगंज से नरेंद्र पांडे और बाराबंकी (सुरक्षित सीट) से शिव कुमार दोहरे को मैदान में उतारा है।
जहां गोंडा और कैसरगंज के उम्मीदवार ब्राह्मण हैं, वहीं बाराबंकी का उम्मीदवार अनुसूचित समुदाय से है।
जिन तीन सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार बदले हैं उसमें संत कबीर नगर, आजमगढ़ और डुमरियागंज शामिल है।
आजमगढ़ में कांग्रेस छोड़कर आई सबीहा अंसारी की जगह मशूद अहमद को टिकट दिया गया है। संत कबीर नगर में सैयद दानिश की जगह नदीम अशरफ को टिकट दिया गया है।
आजमगढ़ में बसपा दो बार प्रत्याशी बदल चुकी है। पार्टी ने शुरुआत में अपने पूर्व उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को मैदान में उतारा था, लेकिन फिर उनकी जगह सबीहा अंसारी और अब मशूद अहमद को मैदान में उतारा है।
डुमरियागंज में ख्वाजा शम्सुद्दीन की जगह मोहम्मद नदीम मिर्जा चुनाव लड़ेंगे।
इस बीच, बसपा ने लखनऊ पूर्व सीट से आलोक कुशवाहा को मैदान में उतारने की घोषणा की। बसपा ने इलाहाबाद से रमेश सिंह पटेल को उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं बांसगांव में राम समुझ बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
श्रावस्ती में पार्टी ने मोइनुद्दीन अहमद खान उर्फ हाजी दद्दन खान को मैदान में उतारा है। वाराणसी में पार्टी ने अतहर जमाल लारी की जगह सैयद नियाज अली को उम्मीदवार बनाया है। भदोही में इरफान अहमद की जगह हरिशंकर सिंह को मैदान में उतारा है।
(आईएएनएस)
अमेठी, 3 मई । लंबी जद्दोजहद के बाद हाईप्रोफाइल सीट अमेठी और रायबरेली सीट से कांग्रेस ने उम्मीदवारों का फैसला कर दिया है। राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी तो सोनिया ने रायबरेली से चुनाव लड़ा था। राहुल को स्मृति ईरानी के हाथों हार का स्वाद चखना पड़ा था, हालांकि सोनिया गांधी जीत गई थीं।
राहुल गांधी का मुकाबला रायबरेली में बीजेपी के दिग्गज नेता दिनेश प्रताप सिंह से होगा।
राहुल को रायबरेली से चुनावी मैदान में उतारे जाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, “राहुल गांधी पहले पलायन कर वायनाड गए। अब रायबरेली आए, यहां भी उन्हें हार का सामना करना होगा।“
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर कहा, “राहुल गांधी को अमेठी से डर लग रहा था। जब राहुल गांधी का अमेठी गढ़ रहा है, तो वह क्यों भाग रहे हैं। उनकी माता सोनिया गांधी को भी डर था, इसलिए वह खुद रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ी और वह राज्यसभा चली गईं। यही वजह है कि दोनों ही नेता डरे हुए हैं और रायबरेली से भी कांग्रेस पार्टी की बुरी तरह हार होने वाली है।“
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस पार्टी को सिर्फ घर के लोग ही चला रहे हैं। अब उसमें रॉबर्ट वाड्रा की भी एंट्री हो गई है और प्रियंका वाड्रा भी पूरी तरह से शामिल हैं, लेकिन इन लोगों को हार का डर है, इसलिए इन लोगों ने अमेठी छोड़ राहुल को रायबरेली भेज दिया है, वहां भी उनकी हार होगी।”
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “जीतेंगे भारी मतों से जीतेंगे और उनके सामने राहुल गांधी के सामने जो प्रत्याशी लड़ रहे हैं दिनेश प्रताप सिंह, वो तो बेचारे हैं। उनको कहीं ना कहीं बलि का बकरा भाजपा ने बनाया है।“
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर कहा, “राहुल गांधी की उम्मीदवारी से बीजेपी को जवाब मिल गया है। बीजेपी सवाल खड़े करती थी कि केवल वायनाड से ही क्यों चुनाव लड़ते हैं। राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने से इंडिया गठबंधन मजबूत होगा। प्रियंका गांधी चुनाव लड़ें या नहीं, यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है।“
इसके अलावा गिरिराज सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “गांधी परिवार जहां से चुनाव हारता है उस सीट को छोड़ देता है। राहुल गांधी पहले अमेठी से चुनाव हारे और उस सीट को छोड़ दिया। रायबरेली से हारेंगे, उसे भी छोड़ देंगे। बहादुर शाह जफर जिस तरह मुगल सल्तनत के आखिरी बादशाह साबित हुए, इस तरह रायबरेली सीट पर राहुल गांधी भी साबित होंगे।"
इससे पहले अमेठी सीट को लेकर चर्चा थी कि कांग्रेस रॉबर्ट वाड्रा को चुनावी मैदान में उतार सकती है। बीते दिनों अमेठी स्थित कांग्रेस कार्यालय में रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित पोस्टर भी लगे थे
(आईएएनएस)
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं. उनके कई आपत्तिजनक वीडियो और तस्वीरें सामने आने का दावा किया जा रहा है. आखिर कैसे हुआ इस मामले का खुलासा.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
लोकसभा चुनाव के बीच कर्नाटक के कथित यौन उत्पीड़न मामले ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना और उनके पोते प्रज्वल रेवन्ना पर उनके घर में काम करने वाली महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 26 अप्रैल को कर्नाटक की 14 लोकसभा सीटों पर मतदान से ठीक दो दिन पहले प्रज्वल रेवन्ना के कई आपत्तिजनक वीडियो पेन ड्राइव के जरिए बांटे गए. दावा किया जा रहा है कि इन वीडियोज की संख्या 2976 के करीब हैं. कुछ वीडियोज सोशल मीडिया पर भी वायरल किए गए. आरोप है कि ये वीडियो खुद ही रेवन्ना ने शूट किए थे.
सांसद पर महिला उत्पीड़न का आरोप
इस बीच मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रज्वल रेवन्ना को 24 घंटे के अंदर जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया है. जेडीएस के विधायक एचडी रेवन्ना को भी नोटिस जारी किया गया है. वे प्रज्वल रेवन्ना के पिता हैं जो इस मामले में दूसरे आरोपी हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा उनके खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के बाद जेडीएस ने मंगलवार को हासन से मौजूदा पार्टी सांसद और लोकसभा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना को निलंबित कर दिया.
पीड़ित महिला ने क्या कहा
प्रज्वल रेवन्ना के घर पर काम करने वाली 47 साल की महिला ने उनपर और उनके पिता पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. इस महिला ने पुलिस में शिकायत में कहा, "जब भी रेवन्ना की पत्नी घर पर नहीं होती थीं तो रेवन्ना मुझे गलत ढंग से छूते थे." उन्होंने कहा, "काम पकड़ने के चार महीने बाद रेवन्ना मुझे अपने कमरे में बुलाने लगे, घर में छह अन्य महिला कर्मचारी भी काम करती थीं और वे भी डरी रहती थीं. घर के पुरुष कर्मचारियों ने महिला कर्मचारियों से सतर्क रहने के लिए कहा था."
इस महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि प्रज्वल ने उनकी बेटी के साथ छेड़खानी करने की कोशिश की. उसने कहा, "वे दूसरे लोगों से कहते थे कि मेरी बेटी को ले आए जो उनकी तेल मालिश करे. प्रज्वल मेरी बेटी को वीडियो कॉल कर उससे अश्लील बातें करते थे."
महिला ने कहा कि उनकी बेटी ने प्रज्वल का नंबर ब्लॉक कर दिया और उसके बाद महिला ने काम छोड़ दिया.
महिला ने मीडिया से कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रज्वल के अश्लील वीडियो सामने आए और उसके पति ने उस पर संदेह करना शुरू कर दिया. महिला ने पुलिस से उसे सुरक्षा प्रदान करने और रेवन्ना और प्रज्वल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
महिला ने शिकायत में कहा कि उन्होंने वीडियो को देखा और मैं उनमें से (महिलाओं को) एक को जानती हूं. महिला ने दावा किया कि उसने अन्य पीड़ितों की क्लिप ऑनलाइन देखने के बाद आगे आने का फैसला किया.
पिछले साल ही आरोप आए थे सामने
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ आरोप पहली बार पिछले साल जून में सामने आए थे, लेकिन उन्होंने मीडिया को "मॉर्फ्ड वीडियो" के रूप में रिपोर्ट करने से रोकने के लिए एक अदालत का आदेश हासिल कर लिया था. लेकिन 26 अप्रैल को हासन में मतदान से पहले कथित यौन उत्पीड़न के वीडियो वाले पेन ड्राइव बांटे गए और ये सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गए.
कर्नाटक बीजेपी के नेता देवराजे गौड़ा ने दिसंबर में राज्य नेतृत्व को पत्र लिखा था और कहा था कि वीडियो के कारण प्रज्वल रेवन्ना या उनके परिवार के किसी भी सदस्य को गठबंधन का उम्मीदवार न बनाया जाए.
कर्नाटक में बीजेपी ने जेडीएस के साथ गठबंधन किया है और लोकसभा चुनाव में जेडीएस तीन सीटों पर लड़ रही हैं. उनमें से एक सीट हासन भी है, जहां से प्रज्वल उम्मीदवार हैं.
आरोप पर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने
प्रज्वल ने कथित सेक्स वीडियो को अपने खिलाफ साजिश बताया है. फिलहाल वो देश छोड़कर जर्मनी जा चुके हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मंगलवार को मामले का संज्ञान लेते हुए कर्नाटक पुलिस से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है.
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी-जेडीएस गठबंधन पर प्रज्वल रेवन्ना को लेकर विवाद के बारे में जानने के बावजूद उन्हें हासन लोकसभा टिकट देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रज्वल रेवन्ना को टिकट दिया गया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस स्कैंडल के बारे में पता था. यह वास्तव में दुखद है."
इस पूरे विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि इस मामले पर राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने पत्रकारों से कहा, "बीजेपी का रुख स्पष्ट है, हम नारी शक्ति के साथ खड़े हैं. नरेंद्र मोदी जी की राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता महिला शक्ति का अपमान बर्दाश्त नहीं करने की है. फिर भी मैं कांग्रेस से एक छोटा सा सवाल पूछना चाहता हूं, क्योंकि वे हमारे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं. आखिर वहां (कर्नाटक में) सरकार किसकी है? कांग्रेस पार्टी वहां सरकार चलाती है."
अमित शाह ने कहा, "कानून और व्यवस्था राज्य का मुद्दा है." गृह मंत्री ने मामले में निष्क्रियता के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने पूछा,"कांग्रेस ने अब तक कोई जांच क्यों नहीं कराई? हमें जांच नहीं करनी चाहिए. लॉ एंड ऑर्डर राज्य का मुद्दा है." (dw.com/hi)
भारत के करीब एक अरब मतदाताओं में से लगभग आधे ऐसे हैं जिनके लिए वोट डालना इतना महंगा काम है कि वे यह खर्च उठा ही नहीं सकते. क्या उनकी किसी को परवाह है?
शफीक अंसारी का मन तो बहुत है कि वोट डालने के लिए नोएडा से अपने घर झारखंड जाएं. इस बहाने तीन बच्चों और पत्नी के साथ भी कुछ समय बिता पाएंगे. लेकिन वह चाहकर भी ऐसा कर नहीं सकते क्योंकि वोट डालने जाने का मतलब होगा दिहाड़ी खोना. दिल्ली की गर्मी में काम करते अंसारी की पहली चिंता तो घर चलाना ही है.
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में जारी चुनावोत्सव में हिस्सा ना ले पाने की यह कसमसाहट झेलने वाले अंसारी अकेले नहीं हैं. 1 जून तक भारत के अलग-अलग राज्यों में वोट डाले जाने हैं और करोड़ों लोग जो अन्य राज्यों में मजदूरी कर रहे हैं, इसी तरह की कशमकश से गुजर रहे हैं.
अंसारी एक दिहाड़ी मजदूर हैं जो सड़क बनाने के काम में लगे हैं. नोएडा में वह 600 रुपये रोजाना कमाते हैं. वोट डालने जाने का मतलब होगा आठ-दस दिन की दिहाड़ी खोना और नौकरी दोबारा ना मिलने का खतरा उठाना. इसके अलावा आने-जाने का खर्च अलग. महीने भर की कमाई वह सिर्फ वोट डालने के लिए खर्च नहीं करना चाहते.
37 साल के अंसारी बताते हैं, "अगर मुझे मुफ्त में ट्रेन का टिकट और तन्ख्वाह के साथ छुट्टी मिल पाती तो जरूर जाता. लेकिन ऐसा तो होगा नहीं. इसलिए जाऊंगा नहीं बस उम्मीद करूंगा कि सब अच्छा हो.”
अंसारी के साथ ही बहुत से लोग काम करते हैं जो पूर्वी राज्यों से आते हैं. उन सबके लिए काम और कमाई मतदान से ज्यादा बड़ी प्राथमिकता है. अगर वे सिर्फ दो दिन के लिए घर जाकर वोट डाल आएं तो भी 4-5 हजार का खर्च होगा, यानी उनकी हफ्ते भर की कमाई.
30 साल के एक अन्य मजदूर ने कहा, "हम मजबूरी में यहां रह रहे हैं. काम के लिए. क्योंकि घर के पास कोई काम नहीं मिला.”
इतने सारे मतदाता
थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में काम करने वाले करीब दो दर्जन प्रवासियों से बात की. उनमें से सिर्फ चार ने कहा कि वे वोट डालने अपने गृह नगर जाएंगे. हालांकि उन चार में से तीन का घर पास ही है और वोट डालने के लिए उन्हें बस एक दिन की दिहाड़ी और कुछ घंटे की यात्रा की ही कीमत चुकानी होगी.
भारतमें कितने लोग अपने राज्यों से बाहर काम करते हैं इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है क्योंकि आंतरिक प्रवासियों की गिनती को दस साल से ज्यादा हो चुके हैं. लेकिन विशेषज्ञों का अनुमान है कि लगभग 40 फीसदी मतदाता ऐसे हो सकते हैं. भारत में इस साल लगभग एक अरब लोगों के पास मतदान का अधिकार है.
2011 के आंकड़े बताते हैं कि तब भारत में 45.6 करोड़ लोग अपने राज्यों से बाहर काम कर रहे थे. तब भारत की आबादी 1.21 अरब थी. इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ माइग्रेशन एंड डिवेलपमेंट नामक थिंक टैंक के प्रमुख एस इरुदया राजन कहते हैं कि अब इस संख्या में करीब 15 करोड़ लोग और जुड़ गए होंगे.
राजन कहते हैं, "देश की नीतियों और योजनाओं में ये प्रवासी आज भी अदृश्य हैं. भारतीय जनता पार्टी और अन्य किसी दल ने भी अपनी प्रचार रैलियों में कोविड-19 के प्रवासी संकट का जिक्र नहीं किया है.”
किसी को परवाह नहीं
2020 में जब कोविड-19 महामारी के कारण मोदी सरकार ने पूरे देश में एकाएक लॉकडाउन लगा दिया था तो लगभग 10 करोड़ लोग बुरी तरह प्रभावित हुए थे. तब सैकड़ों लोगों के दसियों किलोमीटर तक पैदल चलते हुए घर जाने की तस्वीरें और वीडियो पूरी दुनिया ने देखे थे.
राजन कहते हैं, "ऐसा तो नहीं हो सकता कि लोग उसे भूल गए हों. सिर्फ चार साल पहले की बात है. यह दिखाता है कि उनकी परवाह किसी को नहीं है.”
राजन कहते हैं कि ज्यादातर प्रवासी मजदूर छोटी अवधि के लिए आते हैं. वे मौसमी काम करते हैं. वे कम पढ़े-लिखे और असंगठित होते हैं इसलिए उनके लिए एकजुट हो पाना और अपने अधिकारों के लिए लड़ पाना बहुत मुश्किल होता है. राजन के मुताबिक चुनावों में अपना पक्ष ना रख पाना उनके शोषण को और बढ़ा सकता है और उनकी मोलभाव की शक्ति को कम कर सकता है क्योंकि वे फैसले लेने की प्रक्रिया से ही बाहर हो जाते हैं.
प्रवासी मामलों के मंत्रालय की जरूरत बताते हुए राजन कहते हैं, "समस्या ये है कि अर्थव्यवस्था में अपने अहम योगदान के बावजूद ये प्रवासी मजदूर वोटबैंक के रूप में नहीं देखे जाते. इसे बदलने की जरूरत है.”
पिछले कुछ सालों में भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था धीमी हुई है, जिस कारण आने वाले सालों में आंतरिक प्रवासन और बढ़ने की संभावना है. विशेषज्ञों के मुताबिक आज भी 60 फीसदी लोग गांवों में ही रहते हैं. इनमें से बहुत से लोग, खासकर 35 वर्ष से कम आयु के युवा काम की तलाश में शहरों की ओर जा रहे हैं. वे बड़े शहरों में जाकर दिहाड़ी करने से लेकर घरों में काम करने तक जैसे काम करते हैं.
अधिकारों का संकट
केरल स्थित सेंटर फॉर माइग्रेशन एंड इन्क्लूसिव डिवेलपमेंट के निदेशक बिनॉय पीटर कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन ऐसे लोगों के लिए एक महासंकट बन सकता है, खासतौर पर खेतों में मजदूरी करने वाले प्रवासियों के लिए.
पीटर बताते हैं कि अगर घर के पास ठीकठाक कमाई हो पाती इनमें से ज्यादातर लोग पलायन कर शहरी केंद्रों में "दोयम दर्जे के नागरिक” बनकर ना जी रहे होते. उन्होंने कहा, "अगर घर के पास अच्छी नौकरी मिल जाए तो लोग एक सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं. लेकिन यह तो एक सपना ही बन चुका है.”
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2019 में जब भारत में आम चुनाव हुए थे तो 30 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान नहीं किया. इनमें से अधिकतर प्रवासी मजदूर ही थे.
2024 के लोकसभा चुनावों के पहले चरण में मतदान में 2019 के मुकाबले लगभग चार फीसदी की गिरावट हुई है. इसके बाद पूर्व उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने एक अखबार में लिखे लेख में चेताया था कि मतदाताओं का यह कष्ट "अन्य लोगों को उनकी जिंदगियों के फैसले लेने का हक दे देता है.”
वीके/एए (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
नई दिल्ली, 2 मई । दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी के. कविता की जमानत याचिका पर अपना आदेश 6 मई तक के लिए टाल दिया।
फिलहाल, के. कविता 7 मई तक न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया था, जब वह तिहाड़ जेल में थीं।
राउज एवेन्यू कोर्ट की जज कावेरी बावेजा ने तब उन्हें यह कहते हुए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था कि आरोपी से पूछताछ जरूरी है। अब वह इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। मामले की जांच दोनों एजेंसियां कर रही हैं।
कविता ने अपने आवेदन में आरोप लगाया है कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है, जिसका मकसद उन्हें और उनकी पार्टी को आम चुनाव में प्रचार करने से रोकना है।
उन्होंने कहा है कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से उनका कोई संबंध नहीं है। सत्तारूढ़ दल उनकी और उनके पिता की छवि खराब करने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहा है।
अपने आवेदन में उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार उन्हें सार्वजनिक रूप से दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जोड़ने के लिए जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
इसके अलावा, कविता ने ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद चिकित्सा देखभाल की जरूरत पर जोर देते हुए जमानत के लिए अपनी चिकित्सा स्थिति और हाई ब्लड प्रेशर का हवाला दिया।
उन्होंने दलील दी है कि सीबीआई उनके खिलाफ एक बड़ी साजिश के तहत केवल कुछ बयानों पर भरोसा कर रही है।
(आईएएनएस)
सुपौल, 2 मई । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को सुपौल लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम लोगों ने पिछले विधानसभा चुनाव के समय ही वादा किया था कि 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे, जिसमें करीब 5 लाख नौकरी दी जा चुकी है और 5 लाख नौकरी एक साल के अंदर दी जाएगी।
उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए राजद कार्यकाल की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पहले बिहार में कुछ नहीं था, आज सड़कें बन रही है तो घरों तक बिजली पहुंचा दी गई।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए लोगों को सचेत भी किया। उन्होंने कहा कि जो लोग अपने परिवार को ही आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं, उनके झांसे में नहीं आना है। हमारे लिए तो बिहार के लोग परिवार हैं। उन लोगों ने कोई काम नहीं किया है। वो सिर्फ अनर्गल बयानबाजी करते रहते हैं। उन लोगों ने विकास किया है तो सिर्फ अपने परिवार का, पहले अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाया, अब बेटा और बेटियों को भी सेट करने में लगे हैं।
सुपौल लोकसभा से एनडीए की ओर से जदयू प्रत्याशी दिलेश्वर कामत के पक्ष में आयोजित सभा में नीतीश कुमार ने आगे कहा कि हम लोगों ने प्रदेश में जातीय जनगणना करवाई। केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक आधार पर उच्च वर्ग के गरीब लोगों को भी आरक्षण दिया जा रहा है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मई । पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी कमलजीत सहरावत ने नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेत कई भाजपा नेता मौजूद रहे।
नामांकन से पहले कमलजीत सहरावत ने पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रोड शो निकला। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि रोड शो में उमड़ा जनसैलाब यह दिखाता है कि यहां की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अटूट विश्वास रखती है। लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए संकल्पित हैं। दिल्ली ने ठाना है, हर बूथ पर कमल खिलाना है।
भाजपा उम्मीदवार कमलजीत सहरावत ने कहा कि रोड शो को भव्य बनाने के लिए मैं पश्चिमी दिल्ली के सभी लोगों का आभार व्यक्त करती हूं। उमड़ा जनसैलाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास की गारंटी पर जनता के विश्वास की मुहर है। पश्चिमी दिल्ली की जनता प्रचंड मतों से कमल खिलाकर नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने जा रही है।
इस दौरान कमलजीत सहरावत ने अपने सिर पर भगवा साफा बांध रखा था। रोड शो के दौरान वह कई बार हाथ में धनुष और बाण तानें दिखाई दीं। उन्होंने कहा कि आज आप के कार्यकर्ता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे होंगे। जो भाई-भतीजावाद के खिलाफ बोलते थे। उनके परिवार के लोग रोड शो के लिए निकल रहे हैं।
कमलजीत सहरावत दक्षिणी दिल्ली की पूर्व मेयर रह चुकी हैं। उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी महाबल मिश्रा से है। भाजपा ने पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से अपने दो बार के सांसद प्रवेश वर्मा का टिकट काट कर कमलजीत सहरावत पर विश्वास जताया है। दिल्ली में सभी सात सीटों पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मई । भाजपा ने उत्तर प्रदेश के कैसरगंज लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर उनके बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
पार्टी ने इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट रायबरेली से अपने उम्मीदवार का नाम भी घोषित कर दिया है।
पार्टी ने योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से लोकसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
पार्टी ने गुरुवार को लोकसभा उम्मीदवारों की 17 वीं सूची जारी कर इन दोनों उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की।
वहीं इसके साथ ही भाजपा ने ओडिशा विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपने 6 उम्मीदवारों की पांचवी सूची जारी कर दी है।
पार्टी ने घासीपुरा विधानसभा से शंभूनाथ राउत, भोगराई से आशीष पात्रा, भंडारीपोखरि से सुधांशु नायक, बरी से उमेश चंद्र जेना, बाराबती कटक से पूर्णचंद्र महापात्र और बेगुनिया विधानसभा से प्रकाश चंद्र रणबिजुली को चुनावी मैदान में उतारा है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मई । दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि कथित तौर पर एक व्यक्ति ने अपने बेटे की हत्या करने के लिए एक किशोर को सुपारी दी, जिसे क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मार्च में अपराध को अंजाम देने के बाद से फरार था।
18 वर्षीय आरोपी की पहचान देवली निवासी लक्ष्य उर्फ अंकुश के रूप में हुई।
पुलिस के अनुसार, 7 मार्च को तिगरी इलाके में गौरव नामक व्यक्ति पर लोहे की रॉड और कैंची से हमला किया गया। उसे मैक्स अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जांच के दौरान पता चला कि गौरव के पिता ही हत्या के मुख्य साजिशकर्ता थे। उसने अपने बेटे को मारने की योजना में लक्ष्य, साहिल और अभिषेक नाम के तीन लड़कों को शामिल किया।
अधिकारी ने कहा, "दो आरोपियों को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और लक्ष्य तब से फरार था।"
हालांकि, इनपुट मिली कि एक वांछित अपराधी लक्ष्य मुंबई में कहीं छिपा हुआ है। पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमित गोयल ने कहा, ''विश्वसनीय जानकारी एकत्र करने के बाद पाया गया कि लक्ष्य मुंबई से दिल्ली आ रहा है और बत्रा अस्पताल के सामने अपनी बहन से मिलेगा।''
26 अप्रैल को सूचना के आधार पर दिल्ली के बत्रा अस्पताल के पास जाल बिछाया गया और लक्ष्य को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में लक्ष्य ने खुलासा किया कि वह मृतक के पिता के संपर्क में था, जिसने उसे और उसके साथियों को उसके बेटे की हत्या के लिए 75,000 रुपये की पेशकश की थी।
डीसीपी ने कहा, ''6 और 7 मार्च की दरम्यानी रात इन सभी ने हत्याकांड को अंजाम दिया। हत्या करने के बाद लक्ष्य गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई में कहीं छिप गया। इसके बाद वह अपनी बहन से मिलने दिल्ली आया।''
(आईएएनएस)
अहमदाबाद, 2 मई । अहमदाबाद पहुंची सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कहा कि देश की जनता केजरीवाल के साथ है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को जेल में बंद कर रखा है ताकि उनकी आवाज दबाई जा सके।
सुनीता केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “अरविंद केजरीवाल को चुनाव के दौरान जेल में बंद किया गया है ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके, लेकिन सभी लोग समझदार हैं। इन लोगों को कोर्ट से जवाब मिलेगा।“
वहीं, राजनीति में कदम रखने के सवाल पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
जब से सीएम केजरीवाल को ईडी ने शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया है, तब से सियासी गलियारों में यही चर्चा है कि क्या अब सुनीता केजरीवाल सक्रिय राजनीति में पदार्पण करेंगी? लेकिन, अभी तक उन्होंने इस सवाल पर अपना कोई रुख स्पष्ट नहीं किया है।
बीते 21 मार्च को सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था। आम आदमी पार्टी ने इस गिरफ्तारी को बीजेपी की साजिश बताया है, लेकिन बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया कि यह साजिश नहीं, बल्कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र होकर अपना काम कर रही हैं।
दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद सीएम केजरीवाल राहत पाने के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का रुख कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनको राहत नहीं मिली है।
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मई । दिल्ली में उपराज्यपाल और महिला आयोग के बीच जंग शुरू हो गई है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
आरोप है कि दिल्ली महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नियमों के खिलाफ जाकर बिना अनुमति के नियुक्ति की थी। सभी कॉन्ट्रैक्चुअल स्टाफ थे।
इस पर स्वाति मालीवाल ने भी मोर्चा खोलते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "एलजी साहब ने डीसीडब्ल्यू के सारे कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ को हटाने का एक तुगलकी फरमान जारी किया है। आज महिला आयोग में कुल 90 स्टाफ हैं, जिसमें सिर्फ 8 लोग सरकार द्वारा दिए गए हैं, बाकी सब तीन-तीन महीने के कॉंन्ट्रैक्ट पर हैं। अगर सब कॉंन्ट्रैक्ट स्टाफ हटा दिए जाएंगे, तो महिला आयोग पर ताला लग जाएगा। ऐसा क्यों कर रहे हैं ये लोग? खून-पसीने से बनी है ये संस्था। उसको स्टाफ और सरंक्षण देने की जगह आप जड़ से खत्म कर रहे हो? मेरे जीते जी मैं महिला आयोग बंद नहीं होने दूंगी। मुझे जेल में डाल दो, महिलाओं पर मत जुल्म करो!"
दिल्ली महिला आयोग की यह कहानी अभी खत्म नहीं बल्कि शुरू हुई है, क्योंकि दिल्ली महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मोर्चा खोल दिया है। आम आदमी पार्टी पहले से ही दिल्ली के एलजी के खिलाफ अपना मोर्चा खोल कर बैठी है और अब दिल्ली महिला आयोग भी उसमें जुड़ गया है।
(आईएएनएस)
चेन्नई, 2 मई । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपनी यात्रा छोटी कर दी है और गुरुवार को चेन्नई लौट आएंगे। वह 29 अप्रैल को परिवार के साथ छह दिन की छुट्टी मनाने के लिए कोडाइकनाल हिल स्टेशन गए थे।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की कि सीएम एमके स्टालिन और उनका परिवार गुरुवार को हिल स्टेशन से लौटेंगे।
सीएम और उनका परिवार मदुरै एयरपोर्ट से रवाना होगा और वह शाम लगभग तक चेन्नई पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री और उनके परिवार द्वारा छुट्टियां कम करने की वजह का पता नहीं चला है।
गौरतलब है कि सीएम स्टालिन 2021 विधानसभा चुनाव प्रचार के बाद कोडाइकनाल में रुके थे। 2021 में डीएमके सत्ता में लौटी और स्टालिन मुख्यमंत्री बने। इसके बाद कोडाइकनाल को सीएम स्टालिन के लिए भाग्यशाली माना जा रहा है।
(आईएएनएस)
एटा, 2 मई । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एटा में भाजपा प्रत्याशी राजवीर सिंह राजू भैया के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा के गठबंधन से सावधान हो जाइए। ये लोग पिछड़ी जाति और अनुसूचित जाति के आरक्षण में से मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं, जो बाबासाहब भीमराव अंबेडकर के संविधान का अपमान है। यह वही कांग्रेस है जो कहती थी कि राम हुए ही नहीं, जबकि, हम कहते थे कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। इसे हमने करके दिखाया।
उन्होंने आगे कहा कि सपा कहती थी कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता है, लेकिन, कल्याण सिंह के त्याग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और आप सभी के आशीर्वाद से अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है। यही नहीं पहली बार देश की राष्ट्रपति ने राम मंदिर में रामलला के दर्शन किए हैं। आपके सामने भगवान राम के प्रति द्रोह करने वाले और राम भक्तों की टोली दोनों है। ऐसे में निर्णय आपको करना है कि सपा और कांग्रेस आपके वोट के लायक हैं या नहीं। इन्होंने कल्याण सिंह का अपमान किया। समाजवादी पार्टी ने उनकी मृत्यु पर संवेदना के दो शब्द भी नहीं व्यक्त किए।
सीएम योगी ने आगे कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर देश में धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे, लेकिन, कांग्रेस जानबूझकर देश का इस्लामीकरण करने की नीयत से तालिबानी शासन लागू करना चाहती है। बाबा साहब के संविधान का अपमान सपा और कांग्रेस दोनों कर रहे हैं।
(आईएएनएस)
बरेली, 2 मई । गृह मंत्री अमित शाह ने बरेली से भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि दो चरण के चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी दूरबीन से भी नजर नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे सामने इंडी गठबंधन चुनाव लड़ रहा है। इनके शहजादे राहुल गांधी ने चुनाव की शुरुआत 'भारत जोड़ो यात्रा' से की थी, मगर, 4 जून के बाद 'कांग्रेस ढूंढ़ो यात्रा' से इनका समापन होने वाला है।
उन्होंने आगे कहा कि दस साल तक केंद्र में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की सरकार थी, जिन्होंने दस साल में यूपी को मात्र चार लाख करोड़ रुपए दिए थे। मोदी सरकार ने 10 साल में यूपी को 18 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। सपा के शासन में पूरे उत्तर प्रदेश में देशी कट्टे बनाने के कारखाने थे। आज कट्टों की जगह, उत्तर प्रदेश में तोप और मिसाइल बनाने का कारखाना लगा, जो पाकिस्तान पर गोले बरसाएगा।
उन्होंने कहा कि यहां पर वाहन चोरी का कुटीर उद्योग चलता था, आज भाजपा के शासन में वाहन बनाने का फैक्ट्रियां लग रही हैं। यहां के बेरोजगार युवा चेन स्नेचिंग कर रहे थे, आज यूपी में मेडिकल डिवाइस बन रही है। 2010 और 2012 में बरेली में भीषण दंगे हुए, लेकिन, कांग्रेस और सपा वाले बरेली वालों के साथ नहीं थे। 2017 में आपने भाजपा की सरकार बनाई और भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया। इतने कम समय के अंदर सीएम योगी ने यूपी को दंगामुक्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को राम मंदिर के लिए निमंत्रण भेजा गया, लेकिन, इनमें से कोई नहीं गया। इनको डर था कि वहां जाएंगे तो वोट बैंक खिसक जाएगा। ये लोग हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं। मोदी सरकार ने बीते दस सालों में देश के गरीबों को आगे बढ़ाने का काम किया। 80 करोड़ गरीबों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह मुफ्त राशन दिया जा रहा है। 12 करोड़ गरीब माताओं के लिए शौचालय बनाकर उनके सम्मान की रक्षा की जा रही हैं। चार करोड़ गरीबों को पक्का घर बनाकर दिया तो दस करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिया गया।
उन्होंने लोगों से वोट देने की अपील करते हुए कहा कि यह चुनाव देश के अर्थतंत्र को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अर्थतंत्र बनाने का चुनाव है। यह चुनाव 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का चुनाव है। यह चुनाव नक्सलवाद समाप्त करने का चुनाव है।
(आईएएनएस)
पटना, 2 मई । पूर्व केंद्रीय मंत्री और सारण से भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी तथा हाजीपुर से लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशी चिराग पासवान ने नामांकन पर्चा दाखिल किया। नामांकन पत्र भरने के पहले दोनों नेताओं ने पूजा-अर्चना की।
सारण लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी के नामांकन पत्र दाखिल करने के समय उनके साथ उनकी पत्नी और दोनों बेटी मौजूद थी। रूडी नामांकन पत्र भरने के पहले शिवालय गए और भगवान महादेव का आशीर्वाद लिया। इसके बाद एक रोड शो में शामिल हुए।
पत्रकारों से चर्चा के दौरान रूडी ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग संविधान बदलने की अफवाह फैलाकर वोट पाना चाह रहे हैं, जो सरासर गलत है। जनता सब जानती है। नामांकन के बाद राजेंद्र स्टेडियम में जनसभा हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हुए।
सारण लोकसभा सीट पर पांचवें चरण के तहत 20 मई को मतदान होने वाला है। राजद ने इस सीट से रोहिणी आचार्य को मैदान में उतारा है। रोहिणी आचार्य अपना नामांकन पहले ही दाखिल कर चुकी हैं। रोहिणी आचार्य पहली बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
हाजीपुर से लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशी चिराग पासवान ने नामांकन पत्र भरने के पहले रोड शो में हिस्सा लिया। इस दौरान लोगों का जनसैलाब देखने को मिला। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आज पापा (रामविलास पासवान) जी नहीं हैं, जिनकी कमी खल रही है। उनके कर्मक्षेत्र को अब अपना कर्मक्षेत्र बना रहा हूं, आशा है लोगों का आशीर्वाद मिलेगा।
चिराग पासवान के नामांकन के दौरान केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा सहित एनडीए के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे। इससे पहले चिराग अपनी मां का आशीर्वाद लेकर घर से नामांकन करने के लिए रवाना हुए। हाजीपुर में भी पांचवें चरण के तहत मतदान होना है। राजद ने यहां से शिवचंद्र राम को प्रत्याशी बनाया है।
(आईएएनएस)
कोलकाता, 2 मई । सीबीआई ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में अवैध रूप से जमीन हड़पने, जबरन वसूली और महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों की जांच पर प्रारंभिक स्टेटस रिपोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ को सौंपी।
सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपने के बाद, सीबीआई के वकील ने कोर्ट से शिकायत की कि राज्य सरकार केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को संदेशखाली के लैंड रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करा रही है।
सीबीआई के वकील ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को अपने समर्पित पोर्टल के माध्यम से संदेशखाली में अवैध रूप से जमीन हड़पने से संबंधित लगभग 900 शिकायतें मिली हैं।
उन्होंने कहा कि लैंड रिपोर्ट तक पहुंचने में राज्य सरकार के सहयोग के बिना मामले में जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा।
सीबीआई के वकील की दलील सुनने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह एक सप्ताह के भीतर सीबीआई अधिकारियों द्वारा मांगे गये सभी दस्तावेज सौंप दे।
खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह भी आदेश दिया कि वह सीबीआई को सभी आवश्यक सहयोग दे, ताकि एजेंसी मामले में अपनी जांच को सुचारू रूप से आगे बढ़ा सके।
मुख्य न्यायाधीश ने मामले में सीबीआई जांच का निर्देश देने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के पहले के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं किया है, इसलिए राज्य सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह इस मामले में सीबीआई के साथ पूरा सहयोग करेगी।
(आईएएनएस)
रांची, 2 मई । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस लगातार एक्शन मोड में है। इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को दिल्ली तलब किया था जिस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
राजेश ठाकुर ने कहा कि वह अभी दिल्ली नहीं जा रहे हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि आखिर 16 लोगों को नोटिस क्यों भेजा गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि चुनाव में व्यस्त हूं, इसलिए फिलहाल नहीं आ सकता, दिल्ली पुलिस को पत्र के माध्यम से जवाब भेजा जाएगा।
दरअसल, कहा जा रहा है कि झारखंड कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण का एडिटेड फर्जी वीडियो अपलोड किया गया है। इस मामले के बाद 'एक्स' ने झारखंड कांग्रेस के अकाउंट पर रोक लगा दी है।
दिल्ली पुलिस ने झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर को सीआरपीसी की धारा 160/91 के तहत समन भेजकर 2 मई को दिल्ली पुलिस के समक्ष पेश होने को कहा था। इस दौरान उन्हें अपना मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को साथ लाने को कहा गया था, जिसका इस्तेमाल फर्जी वीडियो शेयर करने में किया गया हो सकता है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मई । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छेड़छाड़ किए गए वीडियो मामले की जांच तेजी से चल रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने गुरुवार को हैदराबाद में तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर 'गांधी भवन' का दौरा किया। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि टीम ने तेलंगाना में स्थानीय पुलिस से मुलाकात की और कुछ नेताओं के बारे में विवरण मांगा, जिन्हें नोटिस दिया गया है।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की समाप्ति के बाद अमित शाह का एक छेड़छाड़ किया गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां राज्य में मजहब के आधार पर आरक्षण कोटा खत्म करने के उनके बयान को बदल दिया गया और यह डाल दिया गया कि वो सभी आरक्षण खत्म करने की वकालत कर रहे हैं।
रविवार को दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी, एक बीजेपी से और दूसरी गृह मंत्रालय (एमएचए) से। मामला आईपीसी की धारा 153, 153ए, 465, 469 और 171जी और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66सी के तहत दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि जांचकर्ताओं को छेड़छाड़ किए गए वीडियो के संबंध में सोशल मीडिया दिग्गज एक्स और मेटा से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोप में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से दो गुजरात से और एक असम से है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम छेड़छाड़ किए गए वीडियो के सोर्स का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। मामले में सोशल मीडिया दिग्गजों का जवाब बेहद महत्वपूर्ण है।"
इस बीच, एक्स ने अपने प्लेटफॉर्म से छेड़छाड़ किए गए सभी वीडियो हटा दिए हैं।
(आईएएनएस)