राष्ट्रीय
जयपुर, 4 मई मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से एक चीता भटक कर करीब 50 किलोमीटर दूर राजस्थान के करौली जिले में पहुंच गया। वन विभाग के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
करौली के सिमारा गांव के खेतों में शनिवार को ग्रामीणों ने चीते को देखा और वन विभाग को इसकी सूचना दी।
सूचना पर चीते को बचाने और मानव-पशु संघर्ष को रोकने के लिए राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के वन विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंच कर उसे पकडने की कार्रवाई शुरू की।
करौली के वन्यजीव उप वन संरक्षक पीयूष शर्मा ने बताया ''सिमारा गांव में एक जंगली जानवर के बारे में जानकारी मिली थी। जानवर की पहचान नर चीता के रूप में की गयी है।’’
उन्होंने बताया कि चीता मध्यप्रदेश के श्योपुर और सबलगढ़ से होते हुए गांव तक पहुंचा है। मध्यप्रदेश के ये दोनों शहर चंबल नदी से सटे हुए हैं और करौली का सिमारा गांव भी चंबल के किनारे स्थित है।
यह पहला मौका नहीं है जब कूनो राष्ट्रीय उद्यान से चीता भटककर राजस्थान में आ गया है। चार महीने पहले भी मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से से लापता चीता प्रदेश के बारां जिले के जंगल में मिला था। इस पर कूनो की टीम बारां पहुंची और उसे बेहोश कर उसे पकड़ा गया था । (भाषा)
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के भारत के जेनोफोबिक यानी विदेशी लोगों के प्रति भेदभाव बरतने के बयान को दो आधारों पर खारिज किया है.
डॉयचे वैले पर अविनाश द्विवेदी की रिपोर्ट-
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने भारत को जेनोफोबिक बताया था. बाइडेन ने कहा था कि इसी जेनोफोबिया के चलते भारत का विकास बाधित हो रहा है. एस जयशंकर ने भारतीय अखबार इकोनॉमिक टाइम्स के एक राउंड टेबल कार्यक्रम में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है और भारत ऐतिहासिक रूप से एक बहुत ही खुला समाज रहा है.
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था, भारत में मौजूद जेनोफोबिया के चलते लड़खड़ा रही है. उन्होंने चीन, रूस और जापान की अर्थव्यवस्था को लेकर भी यही कहा था. भारतीय विदेश मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के जवाब में भारत के सीएए (सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) कानून का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि भारत इसके जरिए मुश्किल हालात में फंसे लोगों के लिए अपने दरवाजे खोलता है.
भारत, चीन और जापान में माइग्रेशन वाकई कम
सीएए के नियमों के मुताबिक सिर्फ तीन देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई अब इन देशों का वैध पासपोर्ट या भारत से वैध वीजा पेश किए बिना नागरिकता हासिल कर सकते हैं. हालांकि मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण होने के चलते इस कानून की काफी आलोचना होती रही है.
दुनिया में सबसे ज्यादा आप्रवासी अमेरिका में रहते हैं. यहां इनकी संख्या 5 करोड़ से भी ज्यादा है. इसके बाद जर्मनी और सऊदी अरब में सबसे ज्यादा आप्रवासी रहते हैं. रूस में भी 1 करोड़ से ज्यादा आप्रवासी रहते हैं. बड़ी आप्रवासी जनसंख्या के मामले में भारत, चीन और जापान दुनिया के 10 सबसे प्रमुख देशों की सूची से बाहर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति एक भाषण में माइग्रेशन के, अमेरिका के लिए फायदेमंद होने की वकालत कर रहे थे, जब उन्होंने यह बयान दिया.
जापान के लिए सबसे ज्यादा चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान को पिछले हफ्ते आए आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड) के एक बयान की रोशनी में भी देखा जाना चाहिए. इस बयान में आईएमएफ ने कहा था कि 2024 में तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का विकास धीमा पड़ेगा. जबकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था 2.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी. यह विकास दर पिछले साल की 2.5 फीसदी की विकास दर से थोड़ी ज्यादा रहेगी.
बहुत से अर्थशास्त्री मानते हैं कि अमेरिका में आप्रवासियों की बड़ी संख्या से देश के लेबर फोर्स को काफी फायदा होता है. जबकि जापान के लिए देश की बढ़ती आबादी और माइग्रेशन के लिए उचित नीतियां वाकई चिंता हैं. हालांकि चीन अभी अपनी आबादी की बढ़ती उम्र के चलते लेबर फोर्स में आ रही कमी को रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर पूरा कर सकता है. हालांकि यह उपाय लंबा नहीं चल सकेगा. वहीं भारत के लिए लेबर फोर्स की कमी कोई चिंता नहीं है. लेबर फोर्स का स्किल्ड होना जरूर चिंता का विषय है, लेकिन उसे बढ़ाने के लिए माइग्रेशन से ज्यादा शिक्षा और रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर खर्च बढ़ाना जरूरी होगा. (dw.com)
मेरठ, 4 मई । उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के मेडिकल थाना क्षेत्र के सराय काजी में स्थित क्लॉथस इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड कपड़ा फैक्ट्री में शनिवार सुबह आग लग गई। आग इतनी ज्यादा भीषण थी कि निकलने वाला धुआं कई किलोमीटर दूर से दिख रहा था।
फायर विभाग की छह गाड़ियों ने साढ़े तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पर काबू पाया। शुरुआती जांच में पता चला है कि सुबह के वक्त कंपनी बंद थी और आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है।
गनीमत ये रही कि फैक्ट्री में रखे हुए केमिकल तक ये आग नहीं पहुंची, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। आग फैक्ट्री के पीछे वाले इलाके में शुरू हुई और बढ़ने लगी। आग लगने की वजह अभी तक सामने नहीं आई है।
इस आगजनी की घटना को लेकर मेरठ के सीएफओ संतोष कुमार राय ने बताया कि शनिवार को मेडिकल थाना क्षेत्र के सराय काजी में स्थित कपड़ा बनाने की प्राइवेट कंपनी में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई। जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए फायर सर्विस यूनिट की ओर से घटनास्थल पर पहुंचकर छह गाड़ियों की मदद से आग को बुझा लिया गया। फिलहास कोई जनहानि नहीं हुई है।
-- (आईएएनएस)
गढ़वा, 4 मई । झारखंड के गढ़वा जिले में पानी की समस्या देखने को मिल रही है। भीषण गर्मी के बीच अब पानी की किल्ल्त शुरू हो गई है। पानी के लिए यहां के लोग नदी-नाले पर निर्भर हैं, जिसके सूखने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
झारखंड और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में बहने वाली कनहर नदी गोदरमाना के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस नदी को जीवनदायिनी के नाम से जाना जाता है। गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही इस नदी के सूखने से ग्रामीणों की चिंता और बढ़ गई है।
गोदरमाना में कई चापाकल, जल मीनार भी खराब पड़ा हुआ है। पानी लेने के लिए लोगों को एक से दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव में जाना पड़ता है।
लगभग 35 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल विभाग द्वारा पानी टंकी का काम धीरे-धीरे होने के चलते इस साल भी ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है।
पानी की समस्या के कारण बच्चे भी दूसरी जगह से पानी लाने को मजबूर हैं, जिसके चलते उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। कनहर नदी के सूखने के बाद लोग अब नदी में चुवाड़ी खोद कर पानी पीने और नहाने के लिए मजबूर हैं, लेकिन इन लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं।
स्थानीय निवासी असीम अंसारी ने बताया कि नदी सूखने के बाद कई सालों से हम लोग नदी में चुवाड़ी खोद कर नहा रहे हैं। गांव में कई ऐसे चापाकल हैं जो खराब हो चुके हैं। चुनाव के समय पानी की समस्या दूर करने की बात जरूर कही जाती है, लेकिन होता कुछ नहीं है।
(आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 4 मई । ओडिशा के पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। सुचरिता ने चुनाव लड़ने के लिए फंड नहीं मिलने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि केवल फंड की कमी ही हमें पुरी में विजयी अभियान से रोक रही है। मुझे दुख है कि पार्टी फंडिंग के बिना पुरी में अभियान चलाना संभव नहीं होगा। इसलिए, मैं पुरी लोकसभा सीट से अपना कांग्रेस का टिकट लौटा रही हूं।
सुचारिता मोहंती ने अपने त्याग पत्र में लिखा, "मैं एक कांग्रेसी महिला हूं और मेरे डीएनए में कांग्रेस के मूल मूल्य हैं। मैं कांग्रेस और अपने नेता जननायक राहुल गांधी की एक वफादार सिपाही बनी रहूंगी।''
पुरी लोकसभा सीट के लिए अपने नामांकन के बाद, मोहंती ने क्राउड-फंडिंग के माध्यम से फंड की व्यवस्था करने की भी कोशिश की थी। उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए चंदा मांगते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक यूपीआई क्यूआर कोड और अन्य अकाउंट डिटेल भी शेयर की।
मोहंती ने साल 2014 के आम चुनाव में पुरी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजद उम्मीदवार पिनाकी मिश्रा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा पुरी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि सत्तारूढ़ बीजद ने पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक को हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 4 मई । भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आर पी सिंह और हरीश खुराना ने आम आदमी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अब सोमनाथ भारती की जगह अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को नई दिल्ली लोकसभा सीट से उतारने के लिए माहौल बना रही है।
उन्होंने कहा, पिछले एक महीने के दौरान मिले फीडबैक के बाद आम आदमी पार्टी को भी अहसास हो गया कि उनका कैंपेन एक ठंडे बस्ते वाली कैंपेन है। उनके समर्थक उनका साथ नहीं दे रहे हैं। इसलिए अब सुनीता केजरीवाल को नई दिल्ली लोकसभा सीट से उतारने के लिए माहौल बनाया जा रहा है।
उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि सोमवार को सुनीता केजरीवाल का नामांकन कराया जा सकता है। भाजपा के उम्मीदवार को लगभग 70 फीसदी वोट मिलने वाला है, जबकि इंडी गठबंधन के उम्मीदवार को सिर्फ 30 फीसदी ही वोट मिलेगा। उन्होंने दिल्ली में सबसे ज्यादा वोट बांसुरी स्वराज को मिलने का भी दावा किया।
वहीं भाजपा के दिल्ली प्रदेश सचिव हरीश खुराना ने दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के जीतने का दावा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नई दिल्ली से आप उम्मीदवार सोमनाथ भारती से दिल्ली की जनता पूछ रही है कि अगर उनकी खुद की पत्नी उनके खिलाफ है तो फिर महिलाएं उनके शासन में सुरक्षित कैसे रहेंगी। सुनीता केजरीवाल को लेकर अब एक माहौल बनाया जा रहा है और एक बेचारा पॉलिटिक्स खेलने की कोशिश की जा रही है। सीएम केजरीवाल जेल के अंदर है और उनके नाम पर वोट लेने की कोशिश की जा रही है। उनका यह दांव उल्टा भी पड़ सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि लोगों की सहानुभूति लेने की जगह आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर जनता के साथ धोखा दिया है, इसलिए इस चुनाव में दिल्ली की जनता इस घमंडिया ठगबंधन को नकारने वाली है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने यह बात कन्फर्म की है कि नई दिल्ली लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी अपना उम्मीदवार बदलने वाली है।
(आईएएनएस)
पटना, 4 मई । बिहार में दूसरे चरण के चुनाव में भले ही पूर्णिया में मतदान हो गया हो, लेकिन वहां से निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव की राजद के प्रति नाराजगी कम नहीं हो रही है।
उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्णिया में राजद ने जदयू को वोट ट्रांसफर करवाया। पूर्णिया में राजद के लोगों ने इंडिया गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश नहीं की।
राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा कि कटिहार में भी आप औपचारिकता निभाने गए। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जब आप पांच-छह बार अन्य जगहों पर जा सकते हैं तो कटिहार में कांग्रेस प्रत्याशी तारिक अनवर के लिए तीन बार क्यों नहीं आए?
उन्होंने आगे कहा कि अभी भी समय है। यदि कांग्रेस को सामने रखकर चुनाव लड़ा जाता है तो निश्चित तौर पर हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे। यदि आज कांग्रेस बैकफुट पर रहेगी तो कोई भरोसा नहीं करेगा। यह देश का चुनाव है।
पूर्णिया सीट पर दूसरे चरण में चुनाव सम्पन्न हो चुका है। यहां जदयू से संतोष कुमार और राजद से बीमा भारती चुनावी मैदान में हैं।
(आईएएनएस)
मुंबई, 4 मई । सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर सक्रिय रूप से भाग लेने वाली एक्ट्रेस दीया मिर्जा ने शनिवार को शहरी इलाकों में पेड़ों की कटाई पर खुलकर बात की और अधिकारियों से बेहतर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
दीया, जिन्हें पिछली बार 'मेड इन हेवन' में देखा गया था, ने इंस्टाग्राम पर एक पेड़ के नीचे बैठे हुए अपनी एक खूबसूरत तस्वीर साझा की। उन्होंने ब्लू कलर का सूट पहना हुआ है और साथ ही सफेद शॉल ले रखा है। उन्होंने पक्षियों और वन्यजीव प्रजातियों की तस्वीरों की एक सीरीज भी साझा की।
उन्होंने अपने पोस्ट की शुरुआत कैफी आजमी की एक शायरी से की जिसमें मानसून की तैयारी में हर साल दरख्तों की छंटाई पर वह अपने मन की उदासी बयां करते हैं। एक्ट्रेस ने आगे लिखा है, " 'कांट-छांट' अवैज्ञानिक और भयानक है। देश भीषण गर्मी की चपेट में है। जो पेड़ अपनी छाया से हमें कुछ राहत देते हैं, उन्हें बेरहमी से काटा जा रहा है।''
दीया ने कहा, "साल-दर-साल, हम अधिक सुधार प्रक्रिया की भीख मांगते हुए अधिकारियों के पास पहुंचते हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं होता।" उन्होंने कमेंट्स में शहरी केंद्रों में पेड़ों के लाभ बताते हुए बीएमसी को टैग करने का अनुरोध किया, ताकि "हम उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह कर सकें कि बेहतर चीजों को लागू किया जाए। तस्वीरें उस वास्तविकता का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं जिससे हम निपट रहे हैं। लेकिन यह इस बात का प्रतिनिधित्व है कि जब हम प्रकृति को अपना जादू करने की अनुमति देते हैं तो कैसा महसूस होता है''।
बता दें कि, हाल ही में एक्ट्रेस ने लखनऊ में दो चीता शावकों को गोद लिया है। उन्हें 2017 में भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया और उन्होंने देश में जंगली हाथियों के लिए कम होती जगह के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अभियानों का समर्थन किया।
इस बीच, फिल्मों की बात करें तो दीया को 'धक धक', 'भीड़' और 'थप्पड़' में देखा गया था।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 4 मई । दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह फेक वीडियो मामले में आरोपी अरुण रेड्डी को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को अरुण रेड्डी को गिरफ्तार किया था।
सूत्रों ने बताया कि रेड्डी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। इस बीच, हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया। जिसकी पहचान हैदराबाद निवासी पेंड्याला वामशी कृष्णा, सतीश मन्ने, पेट्टम नवीन, अस्मा तस्लीम और कोया गीता के रूप में हुई। यह सभी छेड़छाड़ किए गए वीडियो को प्रसारित कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, अमित शाह ने 23 अप्रैल को तेलंगाना के मेडक में एक जनसभा को संबोधित किया था।
हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा था, "पेंड्याला वामशी कृष्णा को व्हाट्सएप पर भाषण का एक मॉर्फ्ड वीडियो मिला। इसके बाद उसने इस वीडियो को 'आईएनएसीतेलंगाना' एक्स अकाउंट पर अपलोड किया और विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में भी शेयर कर दिया।"
दिल्ली पुलिस ने भाजपा और गृह मंत्रालय से शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की थी। आईपीसी की धारा 153, 153ए, 465, 469 और 171जी और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66सी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "जांचकर्ताओं को छेड़छाड़ किए गए वीडियो के संबंध में एक्स और मेटा से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।"
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने मामले के संबंध में पूछताछ के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को भी बुलाया था।
(आईएएनएस)
रांची, 4 मई । रांची लोकसभा सीट से नामांकन करने पहुंचे झारखंड भाषा खतियानी संघर्ष समिति के नेता देवेंद्रनाथ महतो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
साल 2022 में झारखंड विधानसभा घेराव के मामले में उसके खिलाफ वारंट जारी हुआ था। इस मामले में रांची के नगड़ी थाने में एफआईआर दर्ज है।
देवेंद्रनाथ महतो जैसे ही नामांकन करने रांची कलेक्ट्रेट स्थित जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचे, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
इस संगठन से जुड़े गिरिडीह लोकसभा सीट के निर्दलीय प्रत्याशी जयराम महतो को भी पिछले दिनों रांची पुलिस ने नामांकन के बाद हिरासत में लिया था, लेकिन समर्थकों के जबरदस्त विरोध के बीच वह पुलिस के घेरे से निकल भागे थे।
अब इस मामले में उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने उनके तीन समर्थकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 4 मई । कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हाल में ही पीएम मोदी पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा था कि वह हिंदू हृदय सम्राट की छवि गढ़ रहे हैं। इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि शशि थरूर कुछ भी बोलते हैं, बिना सिर पैर के बोलते हैं। शशि थरूर को हम सीरियसली नहीं लेते, वह खुद चुनाव हार रहे हैं।
दरअसल, शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था कि पीएम मोदी ने 2014 का चुनाव भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडा और गुजरात मॉडल पर, 2019 का चुनाव सर्जिकल स्ट्राइक पर और अब 2024 के चुनाव में वह हिंदू हृदय सम्राट की छवि गढ़ने और मुस्लिमों को डराने में लगे हुए हैं।
रोहित वेमुला केस में तेलंगाना पुलिस के क्लोजर रिपोर्ट में रोहित वेमुला के दलित नहीं होने की बात सामने आने पर उन्होंने कहा कि इस पर राहुल गांधी को या फिर उन लोगों को जवाब देना चाहिए जो रोहित वेमुला को दलित बताते हुए शोर मचा रहे थे। धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। इसका जवाब राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को देना चाहिए।
आरपी सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को रणछोड़ बताया है। उन्होंने कहा कि वह अमेठी को छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं, वो भगोड़े हैं। राहुल गांधी को दिख रहा है कि वह चुनाव हार रहे हैं। राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली दोनों जगह से चुनाव हार रहे हैं। अमेठी से कांग्रेस ने जिस उम्मीदवार को खड़ा किया है उसकी जमानत जब्त होगी।
(आईएएनएस)
सुपौल, 4 मई । लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बाद राजनीतिक दलों ने तीसरे चरण के चुनावी प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। ऐसे में कोसी क्षेत्र की सुपौल सीट पर भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
सुपौल के मध्य से गुजरने वाली कोसी की धारा की तरह यहां की सियासी धारा भी बदलती रही है। लेकिन, इस क्षेत्र से अब तक राजद नहीं जीत सकी है। इस सीट में एक बार फिर निवर्तमान सांसद जदयू के दिलेश्वर कामत चुनावी मैदान में हैं, जिनका मुकाबला राजद के चंद्रहास चौपाल से है।
पिछले लोकसभा चुनाव में जद (यू) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे दिलेश्वर ने रंजीत रंजन को कड़ी शिकस्त दी थी। इस बार दिलेश्वर कामत भाजपा, जदयू और लोजपा (रा) सहित अन्य दो दलों के एनडीए के उम्मीदवार हैं, इसलिए चुनावी चौसर का हिसाब-किताब लगाने वाले इस बार भी उनका पलड़ा भारी मानते हैं। सुपौल से पहली बार राजद चुनाव मैदान में है। दलित समुदाय से आने वाले सिंघेश्वर क्षेत्र के विधायक चंद्रहास चौपाल को मुकाबले में उतारकर राजद ने यहां की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। हालांकि जातीय समीकरण के इन आंकड़ों में जोड़-तोड़ की पूरी गुंजाइश है। कहा जा रहा है राजद ने दलित चेहरे को प्रत्याशी उतारकर नई सियासी चाल चली है।
राजद को मुस्लिम और यादव के वोट बैंक पर विश्वास है, हालांकि यादव प्रत्याशी नहीं दिए जाने से यादव मतदाता नाराज भी बताए जाते हैं। परिसीमन के बाद सहरसा, मधेपुरा और अररिया के कुछ इलाकों को मिलाकर बना संसदीय क्षेत्र सुपौल में अब तक हुए तीन चुनाव में पहली बार 2009 में जद (यू) विश्वमोहन कुमार से रंजीत रंजन को हार का सामना करना पड़ा था, जबकि 2014 में कांग्रेस की रंजीत रंजन यहां से सांसद बनी थी।
छह विधानसभा क्षेत्र वाले सुपौल में मतदाताओं की संख्या करीब 19 लाख के करीब है।
इस चुनाव में सबसे बड़ा सवाल यह है कि एनडीए गठबंधन की ओर से जदयू प्रत्याशी दिलेश्वर कामत दूसरी बार जीत का परचम लहरायेंगे या फिर इंडिया गठबंधन की ओर से राजद प्रत्याशी चंद्रहास चौपाल पहली बार सुपौल लोकसभा क्षेत्र में लालटेन को रोशन कर पायेंगे।
वैसे, निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व आईआरएस अधिकारी बैद्यनाथ मेहता त्रिकोणीय संघर्ष बनाने में जुटे हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मंच के राष्ट्रीय महासचिव रहे बैद्यनाथ मेहता को जातीय वोट बैंक पर भरोसा है, वहीं जदयू को नरेंद्र मोदी के चेहरे पर गुमान है।
सुपौल में अब तक हुए तीन चुनावों में मतदाताओं ने हर बार पुराने चेहरे को बदला है और नए को मौका दिया है। एनडीए और महागठबंधन को भीतरघात का भी भय सता रहा है, जिसे लेकर दोनों प्रत्याशी सक्रिय हैं।
बहरहाल, मतदाता प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ सहित अन्य समस्याओं को लेकर राजनीतिक दलों पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। माना जा रहा है कि एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला है। सुपौल में तीसरे चरण के तहत सात मई को मतदान होना है।
(आईएएनएस)
हरिद्वार, 4 मई । हरिद्वार-नारसन बॉर्डर पर शनिवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। यहां एक यात्रियों से भरी प्राइवेट बस अनियंत्रित होकर थाने में जा घुसी जिसमें 5 यात्री घायल हो गए।
शनिवार सुबह दिल्ली की ओर से आ रही एक तेज रफ्तार प्राइवेट बस एक पुलिस चौकी में घुसते हुए पलट गई जिससे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि चौकी के परखच्चे उड़ गए।
जिस वक्त ये हादसा हुआ उस समय बस में 60 यात्री सवार थे, जिसमें 5 लोग घायल हुए हैं। हादसे के बाद बस का ड्राइवर और कंडक्टर मौके से फरार हो गया।
इस हादसे में चौकी पर तैनात होमगार्ड नरेश भी मलबे में दब गए। आसपास के लोगों और राहगीरों ने होमगार्ड को मलबे से बाहर निकाला।
(आईएएनएस)
कोच्चि, 4 मई । केरल के कोच्चि में 23 वर्षीय महिला को अपने नवजात बच्चे को पांचवीं मंजिल से नीचे फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। महिला ने बच्चे की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है।
आरोपी महिला अपार्टमेंट में अपने माता-पिता के साथ रहती थी। उसने शुक्रवार की सुबह बाथरूम में बच्चे को जन्म दिया।
महिला ने पूछताछ में बताया कि वह घबराई हुई थी और जब उसकी मां ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया, तो उसने नवजात को एक कोरियर कवर में पैक किया और फेंक दिया।
दिल दहला देने वाली बात यह भी है कि उसने बच्चे को फेंकने से पहले नवजात का गला घोंटा और उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया था।
पुलिस ने महिला के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है, जिसका फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मामले को लेकर एक सीसीटीवी क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें पैकेट में लिपटा बच्चा गिरता हुआ दिख रहा है।
शुरूआती जांच के बाद, पुलिस ने अपार्टमेंट की पांचवीं मंजिल पर रहने वाली महिला और उसके माता-पिता को हिरासत में ले लिया।
वहीं उसके माता-पिता का कहना है कि उन्हें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नही है।
कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि विस्तृत जांच से पता चलेगा कि महिला बलात्कार पीड़िता थी या नहीं।
पुलिस कथित तौर पर मामले के सिलसिले में त्रिशूर के एक युवक की तलाश कर रही है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 4 मई । भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समुद्र के नीचे जाकर द्वारका का दर्शन करने को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसा बोल कर कांग्रेस नेता ने फिर से नफरती पैगाम दिया है।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के मन में हिंदू धर्म को लेकर कैसी हिकारत की भावना है, वह एक बार फिर से सामने आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समुद्र के नीचे द्वारका का दर्शन करने गए थे, लेकिन राहुल गांधी को वहां सिर्फ समुद्र ही नजर आ रहा है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए पूछा कि भारतीय संस्कृति, हिंदू धर्म और पीएम मोदी के लिए नफरती पैगाम जबकि पाकिस्तान से कांग्रेस के लिए आ रहे मोहब्बत के पैगाम पर इन्हें क्या कहना है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वही भाषा बोल रहा है जो कांग्रेस बोल रही है कि भाजपा की सरकार नहीं आनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जिस भाव भंगिमा के साथ जिस तरह की भाषा का प्रयोग पीएम मोदी के लिए कर रहे हैं, वह बहुत ही अपमानजनक और दुखद है।
सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी के वायनाड और रायबरेली, दोनों लोकसभा सीट से हारने का दावा करते हुए पूछा कि कांग्रेस को अब यह भी बता देना चाहिए कि वह कौन सी तीसरी सीट से चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ज्यों-ज्यों लोकसभा चुनाव आगे बढ़ रहा है, कांग्रेस की स्थिति जितनी गिरती जा रही है, उनके नेताओं की भाषा भी उतनी ही गिरती जा रही है। कांग्रेस के स्वघोषित नेता राहुल गांधी वायनाड में हार को तय देखकर अमेठी की बजाय रायबरेली में चले गए हैं।
उन्होंने कांग्रेस की तीन पीढ़ियों का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय कांग्रेस ने नारा दिया था 'इंदिरा लाओ देश बचाओ'। फिर नारा दिया 'सोनिया लाओ कांग्रेस बचाओ'। 2019 के चुनाव में नारा दिया 'प्रियंका लाओ अमेठी बचाओ' और अब इनका नारा है 'रायबरेली जाओ सांसदी बचाओ'। लेकिन राहुल गांधी की सांसदी बचने वाली नहीं है क्योंकि उन्हें ना रायबरेली से जीत मिलने वाली है और ना ही वायनाड से। इसलिए राहुल गांधी और कांग्रेस बताए कि वह किस तीसरी सीट से नामांकन करने जा रहे हैं।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 4 मई । कांग्रेस से निष्कासित आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले को प्रियंका गांधी के खिलाफ बताया। उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि प्रियंका गांधी के खिलाफ पार्टी के भीतर एक साजिश हो रही है, जिसका वो शिकार हो रही हैं।
उन्होंने कहा, “पार्टी का एक बड़ा धरा नहीं चाहता है कि प्रियंका गांधी संसद पहुंचें।“
इससे पहले भी आचार्य प्रमोद कृष्णम प्रियंका गांधी का खुलकर समर्थन कर चुके हैं।
उन्होंने बीते दिनों प्रियंका गांधी को कांग्रेस से पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की थी।
उन्होंने कहा था, “प्रियंका एक काबिल नेता हैं। अब वो कहां से चुनाव लड़ेंगी और कहां से नहीं, यह तो उनका निजी फैसला है, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से ताल ठोकनी चाहिए, क्योंकि उनके अंदर पीएम मोदी को टक्कर देने की क्षमता है। वो एक काबिल नेता हैं।“
(आईएएनएस)
रांची, 4 मई । सीबीआई ने झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले में शनिवार को रांची स्थित सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट फाइल की है। इसमें कुल 37 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें जेपीएससी के पूर्व चेयरमैन दिलीप प्रसाद एवं आयोग के अन्य सदस्यों और जेपीएससी परीक्षाओं के जरिए अफसर बने लोग शामिल हैं।
झारखंड हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान वर्ष 2012 में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। 12 साल से भी ज्यादा समय से चल रही यह जांच अब तक पूरी नहीं हुई थी।
जांच में देरी को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने कई बार सीबीआई से जवाब तलब किया है। जांच एजेंसी ने इस मुद्दे पर कई बार स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल किया है।
बुद्धदेव उरांव नामक व्यक्ति ने जेपीएससी फर्स्ट एवं सेकेंड बैच की परीक्षाओं में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए 2008 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। प्रथम सिविल सेवा में 62 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था, जबकि द्वितीय सिविल सेवा में 172 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे। लेक्चरर नियुक्ति परीक्षा में 751 अभ्यर्थी हुए थे सफल।
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इन परीक्षाओं की सीबीआई जांच करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही नियुक्ति पर ही रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार और मुकदमे से प्रभावित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी, जहां से अभ्यर्थियों को राहत मिली थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश को बरकरार रखा था।
(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 4 मई कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने कहा है कि एक साथ या एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार कर रहे विपक्षी दल लोकसभा चुनाव के बाद साथ आ जाएंगे और ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार में लोगों को ऐसा प्रधानमंत्री मिलेगा, जो सबको समान भाव से देखता हो और दूसरों की बात सुनता हो।
थरूर ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई’ के मुख्यालय में संपादकों के साथ बातचीत में कहा कि गठबंधन सरकार को लेकर डर की कोई बात नहीं है।
उन्होंने कहा, “एक पार्टी की सरकारों की तुलना में ऐसी (गठबंधन) सरकारों के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर होता है।”
थरूर ने कहा कि यह "परिवर्तन" का चुनाव है और भाजपा ने विमर्श पर अपनी पकड़ खो दी है।
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य थरूर ने अयोध्या में राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल नहीं होने के पार्टी के फैसले का भी बचाव किया और कहा कि निमंत्रण को अस्वीकार करना सही था क्योंकि यह “प्रधानमंत्री मोदी के महिमामंडन के लिए आयोजित एक राजनीतिक समारोह था।”
बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “मेरे विचार से अगर हमने ऐसा किया होता तो यह एक गलती होती। एक विशुद्ध राजनीतिक फैसले के तौर पर देखें तो यह सही निर्णय था।”
थरूर ने कहा कि यह सच है कि गठबंधन सरकार एकदलीय सरकार से बहुत अलग तरह से काम करती है।
उन्होंने कहा, “श्री मोदी की शैली, उनके व्यक्तित्व और भाजपा के शासन के तरीके को देखते हुए, मुझे लगता है कि यह कहना उचित होगा कि यह (इंडिया गठबंधन की सरकार) बीते दस वर्ष की इस सरकार से बहुत अलग होगी।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गठबंधन सरकारों के साथ भारत की जनता का रिकॉर्ड और अनुभव काफी अच्छा रहा है।
थरूर ने कहा, "गठबंधन सरकार का एक लाभ यह होगा कि जो भी प्रधानमंत्री बनेगा वह निरंकुश प्रवृत्ति का नहीं होगा... उसे दूसरों को ध्यान में रखना होगा। सच कहूं तो, यह शासन की संसदीय प्रणाली का उत्कृष्ट राजनीतिक सिद्धांत है। अभी हम (कई देशों) में राष्ट्रपति के तहत चलने वाली संसदीय व्यवस्था देख रहे हैं, जो बहुत खराब है।”
उन्होंने कहा, “यदि इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो लंबे समय के बाद पहली बार एक ऐसा प्रधानमंत्री मिलेगा, जो सबको समान रूप से देखता हो, दूसरों की बात सुनता हो, उनकी बात पर गौर करता हो और अच्छा प्रबंधक हो।”
थरूर ने कहा, “मुझे लगता है... गठबंधन सरकार को लेकर डर की कोई बात नहीं है। मैंने जिन मतदाताओं से बात की उनमें से अधिकतर की सोच थी कि मैं जिस उम्मीदवार को वोट दे रहा हूं वह कौन है, वह किन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है, उसके जीतने से दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी और वह सरकार कैसे काम करेगी।”
केरल में कांग्रेस और वाम दलों के बीच टकराव को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन में उपजे विरोधाभासों और इससे एकजुट सरकार के गठन में बाधा आने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और उससे पहले वाजपेयी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) भी तो चुनाव के बाद बना था।
उन्होंने कहा, “आखिरकार जब चार जून को मतगणना होगी तो मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि तृणमलू समेत ये सभी दल, चाहे वे एक साथ या एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार कर रहे हों, नतीजे हमारे पक्ष में आने पर साथ आ जाएंगे।” (भाषा)
भुवनेश्वर,4 मई ओडिशा में पुरी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी सुचरिता मोहंती ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है और पार्टी से वित्तीय मदद न मिलने का आरोप लगाते हुए पार्टी टिकट लौटा दिया।
कांग्रेस के पूर्व सांसद ब्रजमोहन मोहंती की बेटी सुचरिता ने शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पुरी लोकसभा क्षेत्र में उनका प्रचार अभियान बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि पार्टी ने वित्तीय मदद देने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के ओडिशा प्रभारी अजॉय कुमार ने स्पष्ट रूप से उनसे अपने दम पर चुनाव लड़ने को कहा है।
सुचरिता ने कहा, ''मैं एक वेतनभोगी पेशेवर पत्रकार थी और 10 वर्ष पहले चुनावी राजनीति में प्रवेश किया था। मैंने पुरी में प्रचार अभियान में अपना सबकुछ झोंक दिया। मैंने प्रगतिशील राजनीति के लिए अपने प्रचार अभियान के समर्थन में चंदा अभियान चलाने की भी कोशिश की लेकिन अब तक कोई खास सफलता नहीं मिली है। मैंने अनुमानित अभियान खर्च को कम से कम रखने की भी पूरी कोशिश की।''
चूंकि सुचरिता अपने दम पर धन जुटाने में सक्षम नहीं थीं, इसलिए उन्होंने पुरी लोकसभा क्षेत्र में प्रभावशाली अभियान चलाने के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व सहित सभी वरिष्ठ नेताओं से वित्तीय मदद के लिए संपर्क किया था।
उन्होंने पार्टी को लिखे अपने मेल में कहा, ''स्पष्ट है कि धन की कमी हमें पुरी में विजयी अभियान से रोक रही है। मुझे खेद है कि पार्टी से वित्तीय मदद के बिना पुरी में अभियान चलाना संभव नहीं होगा। इसलिए, मैं पुरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का पार्टी का टिकट वापस कर रही हूं।''
सुचरिता ने कहा कि वह एक कर्मठ कांग्रेस कार्यकर्ता बनी रहेंगी और उनके नेता राहुल गांधी हैं।
पुरी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता संबिता पात्रा और बीजू जनता दल (बीजद) ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त अरुप पटनायक को चुनाव मैदान में उतारा है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 4 मई रूस के महान शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्परोव ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के इस खेल के प्रति प्रेम पर सोशल मीडिया पर उनका पोस्ट वायरल होने के बाद भारतीय राजनीति पर उनके इस मजाक को ‘ पैरवी करने या विशेषज्ञता’ के रूप में नहीं लिया जायेगा।
कास्परोव ने ‘एक्स’ पर एक उपयोगकर्ता की पोस्ट का जवाब देते हुए शुक्रवार को राहुल को सलाह दी थी कि ‘शीर्ष स्तर पर चुनौती देने से पहले रायबरेली में जीत दर्ज करें’।
इस 61 साल के पूर्व खिलाड़ी ने हालांकि बाद में एक और पोस्ट में कहा कि यह सिर्फ एक मजाक था और इसे एक मजाक के तौर पर ही देखा जाना चाहिए।
इस खेल को 2005 में अलविदा कहने वाले इस पूर्व विश्व चैम्पियन ने अभिनेता रणवीर शौरी को जवाब देते हुए लिखा, ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरा छोटा सा मजाक भारतीय राजनीति में किसी की पैरवी या विशेषज्ञता के तौर पर नहीं देखा जाएगा। एक नेता मेरे प्रिय खेल के बारे में टिप्पणी कर रहा है, मुझे यह दिख रहा है।’’
शौरी की टिप्पणी गांधी के हालिया दावे पर कटाक्ष करती हुई प्रतीत होती है कि वह सभी भारतीय राजनेताओं में सबसे अच्छे शतरंज खिलाड़ी है। कास्परोव ने एक्स पर कुछ अन्य पोस्ट को भी यही जवाब दिया, जिन्होंने उनकी मूल पोस्ट पर टिप्पणी की थी।
कांग्रेस ने हाल ही में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोबाइल फोन पर शतरंज खेलते हुए गांधी के एक वीडियो को पोस्ट किया था। इस वीडियो में गांधी ने कास्परोव को अपना पसंदीदा शतरंज खिलाड़ी बताने के साथ इस खेल और राजनीति के बीच कई समानताएं बताईं।
उन्होंने खुद को राजनेताओं में सबसे अच्छा शतरंज खिलाड़ी बताया था।
इस पर ‘एक्स’ के एक उपयोगकर्ता ने चुटिले अंदाज में लिखा, ‘‘बहुत राहत महसूस हो रही है कि कास्परोव और विश्वनाथन आनंद ने खेल को जल्दी अलविदा कह दिया और उन्हें हमारे समय की सबसे बड़ी शतरंज प्रतिभा का सामना नहीं करना पड़ा।’’
कास्परोव ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘ शीर्ष स्तर पर चुनौती देने से पहले आपको रायबरेली से जीत दर्ज करना चाहिये।’’
कास्परोव रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर आलोचक हैं और वह अपने देश से बाहर क्रोएशिया में रहते हैं।
गांधी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के रायबरेली से अपना नामांकन दाखिल किया। वह केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं। (भाषा)
इंफाल घाटी में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने पर विचार करने की मणिपुर हाईकोर्ट की सिफारिश के बाद बीते साल तीन मई को जातीय हिंसा का जो दौर शुरू हुआ था उसकी लपटें अब भी धधक रही हैं.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
राजधानी इंफाल से शुरू हुई वह हिंसा जंगल की आग की तरह कुछ घंटों के भीतर ही पूरे राज्य में फैल गई थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस हिंसा में दोनों तबकों के 227 लोगों की मौत हो गई और करीब 70 हजार लोग विस्थापित हो गए. इनमें से करीब 59 हजार लोग अपने परिवार या परिवार के बचे-खुचे लोगों के साथ साल भर से राज्य के विभिन्न स्थानों पर बने राहत शिविरों में रह रहे हैं. इनमें से कुछ लोगों ने पड़ोसी मिजोरम में शरण ले रखी है. इस हिंसा से प्रभावित लोगों के जख्म अब नासूर बन चुके हैं. मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक पुलिस और सुरक्षाबलों के 16 जवान भी मारे जा चुके हैं.
बीते एक साल में केंद्र या राज्य सरकार ने उनके इन जख्मों पर मरहम लगाने की कोई कोशिश नहीं की है. इसके कारण हिंसा के एक साल बाद भी राज्य की तस्वीर जस की तस है. हालांकि बीते करीब आठ महीनों से राज्य में हिंसा की कोई बड़ी वारदात नहीं हुई है. लेकिन हिंसा थमने का भी नाम नहीं ले रही है. मैतेई और कुकी-जो तबकों के बीच अविश्वास का खाई इतनी गहरी हो गई है जिसका पाटना बहुत कठिन लगता है. इसी माहौल में राज्य की दोनों लोकसभा सीटों के चुनाव के दौरान भी हिंसा की घटनाएं हुईं. लेकिन यह राज्य इतने बड़े पैमाने पर हिंसा झेल चुका है कि अब दो-चार लोगों की हत्या को मामूली घटना समझा जाने लगा है.
अब हालत यह है कि राज्य की दोनों प्रमुख जनजातियों यानी मैतेई और कुकी के बीच विभाजन की रेखा बेहद साफ नजर आती है. मैतेई लोगों के गढ़ इंफाल घाटी में कुकी समुदाय का कोई व्यक्ति नहीं नजर आता. यही स्थिति कुकी बहुल पर्वतीय इलाकों में भी है. वहां मैतेई समुदाय का कोई व्यक्ति नजर नहीं आता. एक-दूसरे के इलाकों में सदियों से आपसी भाईचारे के साथ रहने वाले अब या तो जान से मार दिए गए हैं या अपने परिवार के साथ पलायन कर गए हैं. इन दोनों तबके के लोग अब एक-दूसरे के इलाके में कदम रखने की कल्पना तक नहीं कर सकते. उनको पता है कि ऐसा करने का मतलब मौत को गले लगाना है.
इस हिंसा के लिए कोई एक तबका दोषी नहीं है. दोनों तबके के लोगों ने जम कर हिंसा और आगजनी की है. इस हिंसा के भड़कने और इतने लंबे समय तक जारी रहने के लिए राज्य की बीजेपी सरकार को जरूर दोषी ठहराया जा सकता है. केंद्र सरकार ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की बजाय चुप्पी साध रखी है. इसका नतीजा यह हुआ कि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर यह बेहद खूबसूरत पर्वतीय राज्य अब युद्ध के मैदान में बदल चुका है.
केंद्र सरकार ने इलाके में शांति बहाल करने के लिए बड़े पैमाने पर केंद्रीय बलों को राज्य में भेज दिया. लेकिन सेना और केंद्रीय बलों की मौजूदगी भी हिंसा रोकने में नाकाम रही. इस हिंसा में महिलाएं भी भागीदार रहीं. कानून और व्यवस्था की स्थिति ढहने के कारण कई उग्रवादी गुट भी सक्रिय हो गए और उसके बाद हिंसा का जो दौर शुरू हुआ उस पर अब तक अंकुश नहीं लगाया जा सका है.
इस हिंसा ने राज्य के हजारों छात्रों का भविष्य भी अनिश्चित कर दिया है. हिंसा के कारण लंबे समय तक इंटरनेट बंद रहने की वजह से उन हजारों छात्रों और लोगों को भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा जो देश के दूसरे शहरों में रह कर पढ़ाई या नौकरी कर रहे हैं. कई छात्र अपने समुदाय को बचाने के लिए लड़ाई में कूद गए और कलम छोड़ कर हथियार थाम लिया.
हिंसा की शुरुआत से ही तमाम गुटों ने बड़े पैमाने पर सरकारी अस्त्रागारों और थानो से हतियार लूट लिए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पांच हजार से ज्यादा ऐसे हथियार लूटे गए थे. लेकिन सरकार की बार-बार अपील के बावजूद इनमें से अब तक 18 सौ हथियार ही लौटाए जा सके हैं.
मणिपुर के वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप फंजौबाम ने हिंसा के एक साल पूरा होने के मौके पर द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपे अपने एक लेख में लिखा है कि राज्य में फिलहाल शांति की बहाली सबसे बड़ी और पहली प्राथमिकता है. इसके लिए हथियारबंद गुटों से उनके हथियार छीन कर लोगों में भरोसा बहाल करना जरूरी है. शांति बहाली के लिए दोनों गुटों के बीच बातचीत के जरिए उस गलतफहमी को दूर करना जरूरी है जो हिंसा की वजह बनी थी.
वह लिखते हैं, "मणिपुर में आगे की राह बेहद जटिल है. अगर किसी तरह शांति बहाल भी हो गई तो कड़वी हकीकत से सामंजस्य बैठाना बेहद मुश्किल होगा. जले हुए घरों को तो दोबारा बनाया जा सकता है. लेकिन जिन लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया है उनका क्या होगा. ऐसे लोग आजीवन इस आग में जलते रहेंगे.”
कैसे शुरू हुई थी हिंसा
मणिपुर में मैतेई और कुकी तबके के बीच टकराव की चिंगारी कई महीनों पहले से सुलग रही थी. लेकिन इस आग में घी डाल कर विस्फोट का काम किया मणिपुर हाईकोर्ट के उस फैसले ने जिसमें उसने राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश की थी.
मणिपुर की एन. बीरेन सिंह सरकार ने बीते साल मार्च में पर्वतीय इलाकों में जमीन पर अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया था. सरकार का कहना था कि सीमा पार म्यांमार से आने वाले घुसपैठिए जमीन पर अवैध कब्जा कर अफीम और दूसरी नशीली वस्तुओं की खेती और कारोबार कर रहे हैं. सरकार के इस अभियान के खिलाफ कुकी इलाकों में लगातार प्रतिवाद रैलियां आयोजित की जा रही थी. लेकिन हाईकोर्ट के फैसले से कुकी लोगों में आतंक पैदा हो गया.
दरअसल, संविधान का धारा 371 एफ के विशेष प्रावधानों के तहत राज्य के पर्वतीय इलाकों में दूसरे यानी मैतेई तबके के लोग जमीन या संपत्ति नहीं खरीद सकते थे. उन पर कुकी लोगों का ही अधिकार था. हाईकोर्ट के फैसले के बाद कुकी समुदाय को लगा कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने के बाद राज्य के बहुसंख्यक मैतेई लोग पर्वतीय इलाके की जमीन और संसाधनों पर भी कब्जा कर लेंगे. अपने अस्तित्व पर मंडराते इसी खतरे की वजह से कुकी तबके के लोगों ने आक्रमण ही बचाव की सर्वश्रेष्ठ नीति है के तहत मैतेई समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तीन मई को पूरे राज्य में कुछ घंटे के भीतर जिस तरह बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी शुरू हुई वह एक सुनियोजित योजना का नतीजा था. पहले तीन दिनों के दौरान इस हिंसा में कम से कम 52 लोग मारे गए और सैकड़ों घर जला दिए गए. इसके अलावा हजारों लोग विस्थापित हो गए.
अब हिंसा के एक साल पूरे होने के मौके पर तीन मई को पर्वतीय इलाकों में 'कुकी-जो जागृति दिवस' के तौर पर मनाने की अपील की गई है. इस मौके पर कुकी बहुल चूड़ाचांदपुर जिले में शोक सभा भी आयोजित की जाएगी. दूसरी ओर, इंफाल में विभिन्न गुटों ने 'चिन-कुकी नार्को आतंकवादी आक्रमण के 365 दिन' के मौके पर एक सभा आयोजित की है.
कुकी संगठन इंडीजीनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के सचिव मुआन तोम्बिंग कहते हैं, अब हम मैतेई लोगों के साथ नहीं रह सकते. हमें अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश चाहिए. इस मांग पर कोई समझौता नहीं हो सकता. ऐसा नहीं होने तक हम अपनी जमीन की सुरक्षा खुद करते रहेंगे.
दूसरी ओर, एक मैतेई संगठन कोऑर्डिनेटिंग कमिटी आन मणिपुर इंटीग्रिटी (कोकोमी) के प्रवक्ता खुराईजाम अथौबा कहते हैं, "केंद्र सरकार को कुकी उग्रवादी संगठनों से कड़ाई से निपटना होगा. कुकी संगठनों के खिलाफ अभियान के लिए वर्ष 2008 में पर हुए समझौते को स्थगित करने के कारण उग्रवादी संगठनों की ताकत बढ़ गई है. यही लगातार बढ़ती हिंसा की मूल वजह है."
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि साल भर बीत जाने के बावजूद राज्य में तस्वीर जरा भी नहीं बदली है. मुख्यधारा की मीडिया में भले अब मणिपुर की हिंसा को खास जगह नहीं मिल रही हो, राज्य की जमीनी परिस्थिति बेहद गंभीर है. यहां के लोगों को जख्म अब नासूर बन गए हैं. (dw.com)
नैनीताल, 3 मई । उत्तराखंड में इन दिनों जंगल जलने से फैले धुएं की वजह से प्रदूषण में वृद्धि होने लगी है। उत्तराखंड के कुछ इलाकों में धुंध और धुएं से जीवन जीना बेहाल है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। साथ ही जंगल के धुएं से अब विजिबिलिटी भी कम होने लगी है।
सरोवर नगरी नैनीताल में शुक्रवार को स्मॉग ही स्मॉग नजर आ रहा है। वायु प्रदूषण ने नैनीताल में रहने वालों की टेंशन बढ़ा दी है। आसमान में धुंध छाई हुई है। विजिबिलिटी घट गई है। सूरज छिप गया है। इस जहरीले धुएं से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
जिला अस्पताल बीडी पांडे के वरिष्ठ चिकित्सक और हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर दुग्ताल ने बताया कि वायु प्रदूषण बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा और फेफड़ों की समस्याएं बढ़ा सकता है। ब्रोंकाइटिस संक्रमणों की संख्या बढ़ सकती है।
उन्होंने कहा कि आज नैनीताल से हल्द्वानी तक हर जगह स्मॉग नजर आ रहा है, जो स्वास्थ्य के नजरिए से बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
उन्होंने सलाह दी है कि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी श्वसन समस्याओं से पीड़ित लोग अपनी दवाएं नियमित रूप से लें और जब तक बहुत जरूरी न हो, खुले में न जाएं, अगर जाना भी पड़े तो मास्क पहनकर ही बाहर निकलें। उन्होंने लोगों को अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 मई । आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर फिर निशाना साधा है। उन्होंने ईडी को केंद्र की मोदी सरकार की कठपुतली बताया।
इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान को लेकर भी हमला किया, जिसमें उन्होंने बीते दिनों एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि अगर आज से 6 महीने पहले भी केजरीवाल पूछताछ के लिए पहुंच गए होते, तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया होता।
संजय सिंह ने मोदी सरकार की कार्यशैली को तानाशाही बताया।
उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले व्यक्ति को अहंकार की भाषा बोलना नहीं चाहिए। लोकतंत्र में जनता मालिक होती है। जनता तय करती है कि कौन सांसद बनेगा और कौन विधायक।“
संजय सिंह ने बीजेपी पर भी निशाना साधा। सिंह ने कहा, “भाजपा की भाषा तानाशाह की भाषा है। वो किसी लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए नेता की भाषा नहीं है।“
इसके साथ ही संजय सिंह ने ईडी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, “ईडी केंद्र सरकार की कठपुतली बन गई है, जो पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर काम करती है। कई बार गलती से ही सही, सच का खुलासा हो जाता है। अमित शाह ने बीते दिनों एक इंटरव्यू के दौरान अपनी पार्टी का सच पूरे देश के सामने रख दिया। केजरीवाल भी तो यही बात कहते थे कि इनकी मंशा हमसे पूछताछ या जांच करने की नहीं है, इनकी मंशा हमें गिरफ्तार कर लोकसभा चुनाव में हमें प्रचार करने से रोकने की है। यही बात गृह मंत्री ने कैमरे पर स्वीकार कर ली।”
उन्होंने कहा, “अमित शाह जी, आपके इसी तानाशाही को इस देश की जनता खत्म करेगी। पीएम मोदी द्वारा बोली गई अहंकार की भाषा लोकतंत्र में सही नहीं है और इसका जवाब इस देश के लोग देंगे।“
बता दें, बीते 21 मार्च को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पूछताछ के बाद सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। आप ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बीजेपी की साजिश बताया है। --
(आईएएनएस)
मुंबई, 3 मई । डॉक्यूमेंट्री सीरीज '12 डिजिट मास्टरस्ट्रोक- द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ आधार' दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक पहचान कार्यक्रम के निर्माण की पर्दे के पीछे की कहानी को उजागर करती है, जिसे आज 'आधार कार्ड' के नाम से जाना जाता है।
स्ट्रीमिंग सर्विस डॉक्यूबे द्वारा डॉक्यूमेंट्री सीरीज की घोषणा की गई है।
डॉक्यूमेंट्री टेक जादूगर नंदन नीलेकणी के नेतृत्व में बनी टीम के सामने आई चुनौतियों के बारे में बताती है, जिसे हासिल करने का प्रयास देश में पहले कभी नहीं किया गया था।
टीम आधार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली दो सरकारों के तहत काम किया।
डॉक्यूबे के सीओओ गिरीश द्विभाष्यम ने अपने एक बयान में कहा, "आधार प्रोजेक्ट से एक अरब से ज्यादा लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है। लोगों को इस उल्लेखनीय पहल के बारे में पता तो है, लेकिन बहुत से लोगों को ये नहीं पता कि नंदन नीलेकणी के नेतृत्व वाली टेक्नोक्रेट्स की टीम ने इसे कैसे हासिल किया।''
डॉक्यूमेंट्री को एंटरप्रेन्योर अंकुर वारिकू ने नैरेट किया है और इसमें यूआईडीएआई के पूर्व सीईओ राम सेवक शर्मा हैं।
श्रीकांत नाथमुनि ने आधार के निर्माण के लिए पावरफुल टेक्नोलॉजी दी है।
शंकर मारूवाड़ा ने चार लोगों की एक छोटी टीम के साथ आधार मार्केटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वाइड एंगल फिल्म्स की संस्थापक और सीईओ सुजाता कुलश्रेष्ठ ने कहा, ''हमें एग्जीक्यूशन पीरियड से आर्काइव मटेरियल की कमी और टीम के प्रमुख सदस्यों तक पहुंच प्राप्त करने जैसी चुनौतियों से पार पाना था। हमारी टीम ने नैरेटिव तैयार करने से पहले ही डीप रिसर्च की। डॉक्यूमेंट्री इस अविश्वसनीय 'मेड-इन-इंडिया' कहानी को दर्शकों के सामने लाती है।''
वाइड एंगल फिल्म्स द्वारा निर्मित '12 डिजिट मास्टरस्ट्रोक' अब डॉक्यूबे पर उपलब्ध है।
(आईएएनएस)
भोपाल, 3 अप्रैल ट्रेन में संदिग्ध वस्तु होने की सूचना मिलने पर रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) ने शुक्रवार को सुबह मध्य प्रदेश के भोपाल में रानी कमलापति स्टेशन पर पुणे-जम्मू तवी झेलम एक्सप्रेस की तलाशी ली।
आरपीएफ कमांडेंट प्रशांत यादव ने बताया कि आरपीएफ द्वारा 40 मिनट तक तलाशी लिए जाने के बाद यह सूचना झूठी निकली।
यादव ने बताया कि एक यात्री ने टीटी को ट्रेन में संदिग्ध वस्तु होने की सूचना दी, जिसके बाद ट्रेन को भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि करीब 40 मिनट तक चले तलाशी अभियान के दौरान कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।
उन्होंने बताया कि ट्रेन सुबह 9.40 बजे गंतव्य के लिए रवाना हुई।
यादव ने बताया कि इस संबंध में एक व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है। (भाषा)