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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 4 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के साथ कांग्रेस सरकार ने छल करके अपना चेहरा साफ कर दिया है यह कहना है भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्त दीपिका शोरी का.
उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार की सोची समझी लापरवाही के कारण आदिवासियों को जो संविधान ने अधिकार दिया है उससे वंचित करा कर इन्होंने सोचा था कि भोले भाले आदिवासी अपने साथ होने वाले इस अन्याय को सह लेंगे, परन्तु कांग्रेस की भूपेश सरकार यह भूल गई है कि आज छत्तीसगढ़ का आदिवासी नई ऊंचाइयों को स्पर्श कर रहा है किसी भी प्रकार की गलत बात बर्दाश्त नहीं करेगा पहले इन्होंने सोची समझी रणनीति के तहत आदिवासियों के मिलने वाले आरक्षण को 32 प्रतिशत से 20 प्रतिशत किया व जब पूरे छतीसगढ़ में आदिवासियों के साथ अन्य वर्गों ने भी कांग्रेस की इस हरकत का बड़े पैमाने पर विरोध करने हेतु सडक़ पर उतर आए व छत्तीसगढ़ की संवेदनशील राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भी इस पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार की इस विषय पर विशेष सत्र लाकर विधेयक पारित करने हेतु पत्र लिखा, इस पर भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के मध्य ही चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से आनन फानन में विशेष सत्र लाकर विधेयक पारित कर आदिवासियों के पक्ष में फैसला करने का ढोंग पीटते हुए जश्न मना रहे हैं।
मैं पूछना चाहती हूं सभी जश्न मनाने वालों से की जब आदिवासी अपने हक की लड़ाई लडऩे हेतु सडक़ पर उतरने को विवश था तब ये कहाँ थे, छत्तीसगढ़ का आदिवासी अब इनके बहकावे में आने वाला नहीं है ,ये कोई आदिवासियों के हितैषियों का जश्न नहीं अपितु भूपेश सरकार व कांग्रेसियों की जश्ने लापरवाही है, जिसका जवाब आने वाले विधानसभा चुनाव में इन्हें एक एक आदिवासी देगा।
सुकमा, 4 दिसंबर। जिले के कूकानार ग्राम में पहली बार श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है, जिससे ग्राम में रहने वाली महिलाओं,पुरुषों में बहुत ही उत्साह देखा जा रहा है।
भागवत कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से प्रारम्भ होकर शाम 6 बजे तक किया जाता है, जिसका श्रवण करने कूकानार के अलावा रोकेल,छूरागट्टा,छिंदगढ़, तोंगपाल आदि गाँव से श्रद्धालु पहुँचते हैं।
इस कथा का वाचन जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी रवीशाचार्य जी महाराज कौशलराज्य पीठाधीश्वर स्वामी दयानंद रामानुज आश्रम विंध्यवासिनी राजिम रोड अभनपुर रायपुर कर रहे हैं।
उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि कूकानार में पहली बार हो रहे इस प्रकार के धार्मिक कार्य से हम लोगों को बहुत ही अच्छा लग रहा है। सनातन धर्म की जानकारी व अपने आनेवाली पीढ़ी को एक उत्तम संस्कार देने हेतु ऐसे आयोजन सतत रूप से होना चाहिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 4 दिसंबर। जिले में लोगों को समय पर डाक नहीं मिलने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डाकघर में सिर्फ साधारण चि_ियां ही न हीं बल्कि रजिस्ट्रड डाक से भेजे गये पत्र भी लोगों को समय पर नहीं मिल रहे हैं। डाकघर से लोगों तक पत्र पहुंचाने में महीनों लग रहे हैं। ज्यादातर पत्र डाकघर पहुंचने के बाद भी नहीं बट रहे हैं। वहीं पोस्ट ऑफिस के जिम्मेदार स्टाफ की कमी का रोना रो रहे हैं।
पुराने समय में डाक विभाग का कितना महत्व था आज के दौर में भी डाक विभाग की उपयोगिता उतनी ही है। जमाना हाईटेक होने के बाद भी लोग डाक विभाग पर निर्भर हैं। बैंकों के एटीएम, सरकारी व प्राइवेट विभागों की नौकरियों के कॉल लेटर समेत अन्य जरूरी दस्तावेज डाक विभाग के माध्यम से ही लोगों तक पहुंचे हैं। लेकिन डाक विभाग में तैनात जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और डाकियों की लापरवाही के कारण महीनों से चि_ियां नहीं बंट रही हैं। लोगों के ड्यूटी ज्वाईनिंग लेटर, आधारकार्ड, पेनकार्ड, बैंक पासबुक, सहित सर्टिफिकेट्स और कोर्ट से आने वाले तमाम नोटिस डाकघर में धूल खा रहे हैं। जिसका खामियाजा आम लोगो को भुगतना पड़ रहा है।
पोस्ट ऑफिस से घर पहुंचने में लग जाते हैं महीनों...
कोंटा नगर पंचायत वार्ड क्रमांक 13 में स्थित डाकघर की हालत बेहद खस्ता हो गया है। महीनों तक डाक लोगों तक नहीं पहुंच रहे हैं। अगर पहुंच भी रहे हैं तो समय निकल जाने के बाद।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले जरूरी पत्र समय पर मिल जाते थे। लेकिन बीते कुछ वर्षों में रजिस्टर्ड डाक भी नहीं मिल रहे हैं। साधारण डाक से मिलने वाले पत्रों का तो कोई हिसाब-किताब नहीं है।
कोंटा नगर पंचायत के नया पारा निवासी विशाल घोष ने बताया कि उनके नाम का एक रजिस्टर्ड डाक 6 अक्टूबर को रायपुर से निकला था। 14 दिन के बाद 20 अक्टूबर को डाक कोंटा डाकघर पहुंचा। यहां से घर पहुंचने में 42 दिन लग गये। कुल मिलाकर प्रदेश की राजधानी से कोंटा तक डाक पहुंचाने में 58 दिन लगे हैं।
इस संबंध में कोंटा पोस्ट ऑफिस में पदस्थ सब पोस्ट मास्टर विके पाणिग्रही ने बताया कि कई बार लिखित रूप से उच्च अधिकारियों को शिकायत की जा चुकी है लेकिन आज तक रेगुलर पोस्टमैन की नियुक्ति नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि स्टाफ की कमी के कारण समय पर डाक का वितरण किया जा रहा है।
राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलने पर भाजपा नेत्री ने दी बधाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 3 दिसंबर। बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रपति ने लैंड एडवेंचर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। इस पर उन्हें बधाई देते हुए भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष व अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कहा कि बस्तर की बेटी प्रदेश की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों तेजनिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के लैंड एडवेंचर का पुरस्कार प्राप्त हुआ है, जो भारत की किसी भी बेटी के लिए बहुत ही सम्मान की बात है।
मैं नैना की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई देती हूं कि वो आज भारत की प्रथम महिला बन गई हैं, जिसने माउंट एवरेस्ट और माउंट लहोत्से में 10 दिनों के भीतर सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की है, और इस साहसिक कार्य के लिए राष्ट्रपति ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत उन्हें 15 लाख रुपए की राशि स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर दिल्ली राष्ट्रपति भवन में सम्मान किया है। जिसको लेकर आज पूरे बस्तर की बेटियों में खुशी का माहौल है। मैं बस्तर छत्तीसगढ़ की हर बेटी से अपील करना चाहती हूं कि हमारे पास सम्भावनाएं बहुत हैं, बस नैना के जैसे हौसलें हो तो हमें उड़ान भरने से कोई नहीं रोक सकता है।
जिले में गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषण आहार प्रदान करने की दर 99.14 फीसदी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 3 दिसंबर। नीति आयोग द्वारा अक्टूबर में जारी आकांक्षी जिलों की डेल्टा रैंकिंग में सुकमा जिले ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए देश में प्रथम स्थान हासिल किया है।
आकांक्षी जिला सुकमा को अक्टूबर के लिए स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में प्रथम रेंक मिला है। प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से निश्चित ही जिले में स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी मापदण्डों में बेहतरी हुई है। जिले में गर्भवती महिलाओं की एएनसी रजिस्ट्रेशन में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं संस्थागत प्रसव में जिले में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, वर्तमान स्थिति में 90 फीसदी संस्थागत प्रसव किए जा रहे हैं।
इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत आंगनबाडिय़ों में गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को प्रदान की जाने वाली पूरक पोषण आहार प्रदान करने में जिले की दर 99.14 प्रतिशत है। जिले में टीबी के मरीजों की पहचान में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, वहीं टीबी मरीजों के सफल इलाज में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अक्टूबर के ओवरऑल रेंक में मिला तीसरा स्थान
जिला प्रशासन द्वारा जिले में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, मूलभूत सुविधाओं के विकास, कौशल विकास, जल संसाधन के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया गया है। जिसके परिणाम स्वरूप नीति आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर अक्टूबर माह के ओवरऑल रेंक में सुकमा जिला को तीसरा मिला। यह दर्शाता है कि जिले में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और जिले वासी इससे लाभांवित हो रहे हैं।
आकार आवासीय संस्था में दिव्यांग बच्चों ने पेश की जिंदादिली की मिसाल
मैदान पर खेल कूद में जोश, कलात्मकता का दिया परिचय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 3 दिसंबर। पूरे विश्व में हर साल तीन दिसम्बर को विश्व दिव्यांगता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। इस अवसर पर जिला मुख्यालय के कुम्हाररास स्थित आकार आवासीय संस्था में दो दिवसीय खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैं। इसके तहत 2 दिसम्बर को सुबह 10:30 बजे से आकार संस्था के खेल मैदान में खेलकूद और बौधिक क्षमता की गतिविधियाँ हुई, इसके पश्चात रंगोली एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें इन दिव्यांग बच्चों ने अद्वितीय खेल कौशल का प्रदर्शन किया।
उनमें शारिरिक या मानसिक दिव्यांगता जरुर है, लेकिन जीवन जीने का उमंग उनमें किसी भी सामान्य व्यक्ति से कई अधिक है। वे इस बात का जीवंत उदाहरण हैं कि कोई भी व्यक्ति कमजोर नही होता, सभी अपने आप में विशेष हैं।आकार संस्था के क्रीड़ा स्थल में खेलकूद कार्यक्रमों की शुरूआत दौड़ से हुई।
दौड़ के साथ ही मटकी फोड़, चम्मच दौड़, कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, बॉस्केटबॉल, मिश्रित मोती जैसे शारिरिक एवं बौधिक क्षमता वाले खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिमसें बालक-बालिकाओं ने बड़े ही उत्साह के साथ प्रतियोगिता में भाग लेकर खेल प्रतिभा का परिचय दिया। मटकी फोड़ प्रतियोगिता में नेत्र बाधित प्रतिभागियों ने एक बार में मटकी फोड़ी, यह देख वहाँ उपस्थित सभी दर्शक एवं अन्य प्रतिभागी अचंभित रह गए।
बच्चों ने बनाई कागज, बोतल, अन्य वस्तुओं से कलाकृतियां
आकार संस्था के बच्चों द्वारा बनाई गई मनमोहक कलाकृतियां किसी मास्टरपीस से कम नही थीं। किसी ने खाली बोतल को जोडक़र हाथी का आकार दिया। तो किसी छात्र ने अपनी कलात्मकता से मिट्टी में भी जान फूंक दी। दिव्यांग बच्चों द्वारा मेज पर सजाए गए हर आर्ट क्राफ्ट आकर्षण का केंद्र रहा। कक्षा आठवीं के मुखबाधित छात्र राजू नाग ने पेपर और आइस क्रीम स्टिक से खरगोश, उल्लू, टेडी बियर , फूलदान जैसी सजावटी वस्तुएं बनाई।
तो वहीं कक्षा बारहवीं के अधिगम अक्षम छात्र राजू मौर्य ने मिट्टी को आकार देकर बिल्ली, गणेश की प्रतिमा जैसी कलाकृतियों को मूर्त रूप दिया। प्रदर्शनी में नेल एंड थ्रेड आर्ट भी अपनी खास जगह बनाए हुए था, जिसे कक्षा आठवीं के अस्थिबाधित छात्र रोहित माड़वी ने बनाया है।
ऐसे ही बहुत से विशेष छात्रों ने अपनी कलात्मकता से कागज, थर्मोकोल सहित और बहुत सी चीज़ों से आकर्षित करने वाली वस्तुएं तैयार कर प्रदर्शित की।
विदित हो कि प्रतिवर्ष 3 दिसम्बर का दिन दुनियाभर में दिव्यांगों की समाज में मौजूदा स्थिति, उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने तथा सुनहरे भविष्य हेतु विचार विमर्श करने के लिए जाना जाता हैं। दरअसल यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक मुहिम का हिस्सा है। जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों को मानसिक रूप से सबल बनाना तथा अन्य लोगों में उनके प्रति सहयोग की भावना का विकास करना है। विश्व दिव्यांग दिवस की औपचारिक शुरूआत वर्ष 1992 से हुई थी। हमारे सामने वैज्ञानिक व खगोलविद स्टीफन हॉकिंग जैसे लोगों की लम्बी फेहरिस्त हैं, जिन्होंने दिव्यांगता को कमजोरी नहीं समझा, बल्कि चुनौती के रूप में स्वीकार किया और आज हम उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें याद करते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 2 दिसंबर। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले भर में घर-घर जाकर मलेरिया जांच किया जाना है। मलेरिया जांच हेतु आमजन को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों, मितानिनों, स्वास्थ्य कर्मियों, आंबा कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली और ‘‘पानी पीयो छान के-सोओ मच्छरदानी तान के’’ ‘‘गंदगी को भगाना है-मलेरिया मुक्त सुकमा बनाना है’’ के नारों के साथ जागरूकता का संदेश दिए।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का सातवां चरण
कलेक्टर हरिस एस. ने मलेरिया टेस्ट करवार कर जिले में इस अभियान को प्रारंभ किया। उन्होंने अमजनों से अपील करते हुए कहा कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को सफल बनाने के लिए हम सभी की सहभागिता जरूरी है। सुकमा को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए इस अभियान में अपना सहयोग करें और अनिवार्य रूप से मलेरिया जांच करवाएं। साथ ही अभियान में संलग्न मैदानी कर्मचारियों, स्वास्थ्य अमलों का सहयोग करते हुए दूसरों को भी मलेरिया टेस्ट करवाने हेतु प्रेरित करें। कलेक्टर ने मलेरिया से बचने के लिए रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने तथा मलेरिया के लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जांच कराने की अपील की। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा 782 दल का गठन किया गया है। साथ ही इस दल को ग्राम, विकासखण्ड स्तर और जिला स्तर पर भी प्रशिक्षित किया गया है।
यह दल जिले के सभी ग्राम स्तर के प्रत्येक घर घर जाकर मलेरिया टेस्ट करेगी। वहीं मलेरिया पॉजिटिव व्यक्तियों को मौके पर दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 2 दिसंबर। नर्सिंग कॉलेज में गुरुवार को विश्व एड्स दिवस मनाया गया। जिसमें छात्राओं ने शहर में रैली निकालकर एड्स के बारे में लोगों को जागरूक किया व नर्सिंग कॉलेज में एक दिवसीय कार्यक्रम के साथ एड्स से संबंधित जागरूकता लाई गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम व निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, चित्रकला आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
डॉ. राजेश ने बताया कि इस एड्स दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर उम्र के लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी की वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लडऩे में अक्षम होता है। इस दौरान उन्होंने उपस्थित कर्मचारीगण को कहा कि एचआईवी से ग्रसित कोई भी हो उसके प्रति आत्मीयता रखें और उनके साथ मधुर व्यवहार रखे। सप्ताह के तहत उपस्थित बच्चों को जानकारी देकर उन्हें जागरूकता के विषय में बताया।
इस दौरान बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग की खूब प्रशंसा की एवं बच्चों का हौसला बढ़ाया। इस दौरान विश्व एड्स दिवस पर छात्राओं को ऑनलाइन एड्स से संबंधित जानकारी दी गई। एड्स के कारण, लक्षण एवं रोकथाम पर विस्तृत जानकारी प्रदान की और छात्र छात्राओं से चर्चा करते हुए एड्स के बारे में भ्रांतियों जैसे खांसी, भोजन, स्पर्श से एड्स होना गलत बताया। इन आधारों पर एड्स रोगी के साथ में भेदभाव किया जाना अमानवीय है।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों ने एचआईवी एवं एड्स मे अंतर, टीबी रोग एवं कोरोना संक्रमण के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण टीबी एवं अन्य अवसरवादी संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है।
इन संक्रमण से बचाव के लिए नियमित एआरटी का सेवन, स्वच्छ एवं पोष्टिक आहार एवं नियमित योग एव व्यायाम अनिवार्य है। इस दौरान डॉ. राजेश सहायक प्रधानाध्यपक रामाकृष्णा और व नर्सिंग कॉलेज के शिक्षकों व विद्यार्थि मौजूद रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 1 दिसंबर। डॉक्टर जनमिलिशिया सदस्य सहित 2 नक्सलियों ने पुलिस अफसरों के समक्ष एक भरमार बंदूक व बारूद के साथ आत्मसमर्पण किया।
सुनील शर्मा पुलिस अधीक्षक सुकमा के नेतृत्व में देवेन्द्रनाथ यादव कमाटेण्ट 74 वाहिनी सीआरपीएफ दोरनापाल, किरन चव्हाण अति. पुलिस अधीक्षक नगरा ऑप्स. गुरुमा के निर्देशन में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान तथा छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के प्रचार-प्रसार एवं पुलिस द्वारा चलाये जा रहे पूना नर्कोम अभियान (नई सुबह, नई शुरूआत) से प्रभावित होकर पोडियम हिडमा व सरियम संदीप ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित जनमिलिशिया सदस्य से 1 नग भरमार बंदूक व बारूद बरामद किया गया। कमांडर को आत्मसमर्पण कराने में 74 वाहिनी सीआपीएफ दोरनापाल के सूचना टीम का विशेष प्रयास रहा।
बताया गया कि आत्मसमर्पित अरलमपल्ली आरपीसी डॉक्टर पूर्व में डिवीजन / ब्यूरो स्तर / बाद वर्ष 2014 2016 तक रहा । बटालियन मेडिकल टीम कमांडर रहा वर्ष 2010 से नक्सली संगठन में रहा व कई बड़ी घटनाओं को अंजाम देता रहा और अन्य नक्सली गतिविधियों में शामिल रहते हुए 10-12 कैडरों की नसबंदी व मुठभेड़ में घायलों व बीमार नक्सलियों का इलाज करता रहा।
सात माह में जीरो नेटवर्क वाले 13 स्थानों पर जिओ 4जी टॉवर स्थापित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 29 नवम्बर। जिले में शासन प्रशासन के द्वारा संचार सुविधाओं के विस्तार और सुदृढिक़रण के लिए पुरजोर प्रयास किए जा रहे हैं। सुकमा में कई ऐसे क्षेत्र थे, जहां वर्षों से मोबाइल नेटवर्क नहीं थे। इन जीरो नेटवर्क क्षेत्र के ग्रामीणों को ना तो मोबाइल का पता तो था लेकिन बिना नेटवर्क के दूर रह रहे अपनो से संवाद के लिए परेशानी होती थी। नई पीढ़ी के युवाओं का वास्ता समार्टफोन से तो रहा, पर अच्छे नेटवर्क और सिग्नल के अभाव में वह इंटरनेट की दुनिया से परिचित नही रहे।
आज परिस्थितियां बदल रही है। शासन प्रशासन के निर्देशन पर जिले में संचार व्यवस्था को बेहतर करने के लिए जिले के ऐसे क्षेत्र जहां किसी भी नेटवर्क की पंहुच नही है, उनका सर्वे कार्य कर वहां मोबाइल टॉवर स्थापित किए जा रहे हैं। पिछले 7 महिनों में जिले के 13 स्थानों पर मोबाइल टॉवर स्थापित किए गए हैं। जिनमें मई माह में सबसे पहले गीदमनाला में टॉवर स्थापित किया गया। साथ ही कोण्टा के संवेदनशील क्षेत्र के ग्राम मिनपा, एल्मागुण्डा, नागलगुण्डा के ग्रामीणों को 4जी नेटवर्क की सुविधा मिली।
आज की स्थिति में अतकारीरास, कुमाकोलेंग, पोंदुम, चिंगावरम, पाकेला, किकिरपाल, रामपुरम, बड़ेसट्टी, गंजेनार में भी ग्रामीण 4जी नेटवर्क की सुविधा का लाभ ले रहे हैं। अब वे बिना किसी जद्दोजहद के अपनों से विडियो कॉल पर बात करते हैं।
बीएसएनएल 4जी टॉवर भी लगाए जाएंगे
ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर मोहम्मद शाहिद ने बताया कि universal service obligation fund द्वारा जिओ टॉवर के साथ ही बीएसएनएल टॉवर भी स्थापित किए जाने हैं, जिसके लिए सर्वे कार्य प्रगति पर है। बीएसएनएल द्वारा 53 नए 4जी टॉवर स्थापित करने के साथ ही वर्तमान में क्रियाशील 2जी/ 3जी के 26 टॉवरों को 4जी में अपग्रेड किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 29 नवंबर। सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में जनदर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीणों ने विभिन्न मांगों एवं समस्याओं से संबंधित आवेदन कलेक्टर हरिस एस. के समक्ष प्रस्तुत किए।
जनदर्शन में ग्राम सोनाकुकानार से आयी सुमन नाग और ग्राम लेदा की अंजली साहू ने कलेक्टर को रोजगार प्रदान करने हेतु आवेदन दिया। जिस पर कलेक्टर ने उन्हें शासकीय नौकरी के लिए अपनी योग्यतानुसार प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि अपने ग्राम में रोजगार गांरटी योजनान्तर्गत रोजगार से जुड़ सकते हैं, इसके साथ ही स्व-सहायता समूह से भी जुडक़र रोजगार प्राप्त कर सकती है, आवश्यकता होने पर लोन प्राप्त कर स्वरोजगार भी स्थापित कर सकते हैं।
छिन्दगढ़ विकासखण्ड के ग्राम उरमापाल के कुशलपारा से आए दर्जनों ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष स्वच्छ पेयजल आपूर्ति हेतु पानी टंकी व्यवस्था करवाने की मांग रखी। ग्रामीणों में सोनो बघेल ने बताया कि उरमापाल में 7 पारा है जिनमें बोरिंग है किन्तु पीने योग्य पानी की आपूर्ति नहीं होती। फलस्वरूप ग्रामीण करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थिति बोरवेल से पीने योग्य पानी लाने को विवश है। वह अपने साथ पानी का नूमना भी लाई थी।
इस पर कलेक्टर ने बताया कि जल जीवन मिशन अन्तर्गत जिले के हर गांव में घरों-घर नल कनेक्शन दिया जा रहा है। उरमापाल में भी गर्मी शुरू होने से पहले पेयजल व्यवस्था नल के माध्यम से की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने तात्कालिक व्यवस्था करवाने की बात भी कही।
ग्राम पंचायत गोंडेरास से आए ग्रामीणों ने कलेक्टर को विभिन्न मांगों के संबंध में आवेदन दिया। जिसमें ग्राम पंचायत गोंडेरास के पुजारीपाल, पेद्दापारा और लेंडीपारा में प्राथमिक शाला खोलने, बालक आश्रम जो वर्तमान में मुरतोण्डा में संचालित है को पुन: गोंडेरास में संचालित करने, प्रत्येक घर में विद्युत कनेक्शन एवं मीटर लगाने, हेण्डपंप में सोलर व्यवस्था एवं पानी टंकी स्थापित किए जाने, गांव के शेष हितग्राहियों का आधार एवं आयुष्मान कार्ड बनाने, नवीन पंचायत भवन निर्माण आदि मांग थी।
कलेक्टर ने आवेदन पर संज्ञान लेते हुए बताया कि शीघ्र ही प्रशासन द्वारा गांव में शिविर लगाकर आयुष्मान एवं आधार कार्ड बनाया जाएगा। उन्होंने प्रत्येक हितग्राही को विद्युत मीटर कनेक्शन हेतु पृथक से आवेदन प्रस्तुत करने को कहा। साथ ही उन्होंने बताया कि गोंडेरास उपस्वास्थ्य केंद्र में एएनएम स्टॉप नर्स की भर्ती प्रक्रियाधीन है जिसे शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके साथ ही कलेक्टर ने अन्य मांगों पर जल्द ही उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
सुकमा, 28 नवंबर। मध्यप्रदेश में चल रहे भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी से चर्चारत सुकमा जिपं अध्यक्ष हरीश कवासी। तस्वीर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छग महिला कांग्रेस प्रभारी सीतक्का भी नजर आ रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर आयोजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 26 नवंबर। अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर जिला एवं विकासखंड स्तरीय कार्यक्रम सुकमा के पोस्ट मेट्रिक कन्या शाला में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से महिला सशक्तिकरण एवं उन्मुखीकरण पर कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें एसडीएम सुकमा प्रीति दुर्गम, पुलिस विभाग से महिला थाना प्रभारी पदमा जगत, दीपिका निर्मलकर, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी बिस्मिता पाटले द्वारा उपस्थित किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को घरेलू हिंसा एवं किसी अन्य प्रकार की हिंसा, शोषण आदि को न सहते हुए, उसका पुरजोर विरोध कर अपनी आवाज उठाने की बात कही गई। साथ ही सखी वन स्टॉप सेन्टर एवं आवश्यक होने पर पुलिस की सहायता लेने की सलाह भी दी गई।
कार्यक्रम में पुलिस विभाग से उपस्थित महिला अधिकारियों के द्वारा बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर भी बताए गए। जिससे वे किसी अनहोनी कीी स्थिति में स्वयं को सुरक्षित कर सकें। उपस्थित छात्राओं ने आत्म रक्षा के गुर सीखने में विशेष रुचि दिखाई।
कार्यक्रम में शिक्षा विभाग से रेशमा खान व आत्मानंद स्कूल की प्रचार्य श्रीमती दास, महिला संरक्षण अधिकारी प्रमिला सिंह, सखी वन स्टॉप सेंटर सुकमा से केंद्र प्रभारी डालिमा गौर व सखी सेंटर के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।
जिला स्तरीय छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक खेलों का समापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 26 नवंबर। जिला मुख्यालय स्थित कुम्हाररास खेल मैदान में दो दिवसीय जिला स्तरीय छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक खेलों का समापन हुआ। प्रथम दिवस जहां पुरुष वर्ग के खिलाडिय़ों की खेल प्रतियोगिताएं हुई, आज समापन दिवस पर महिला वर्ग की प्रतियोगिताएं हुई। जिसमें संखली, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बिल्लस सहित 14 खेलों में तीनों विकासखण्ड एवं सुकमा नगरीय निकाय के महिला खिलाडिय़ों ने खेल कौशल का उम्दा प्रदर्शन किया। जिला स्तरीय छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक में तीनों विकासखण्ड सहित सुकमा नगरीय निकाय के लगभग 400 प्रतिभागियों भाग लिया। जिसमें दोनो ही वर्गों के खेलों में छिन्दगढ़ और कोण्टा के खिलाड़ी विजयी रहे।
पुरुष वर्ग में 06 से 18 आयु वर्ग के खेलों- गिल्ली डंडा, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, बाटी (कंचा), 100 मीटर दौड में कोण्टा और पिट्टूल, संखली, रस्साकसी, फुगड़ी, लम्बी कूद में छिन्दगढ़ के खिलाडिय़ों ने जीत हासिल की और सुकमा शहरी ने खो-खो में जीत दर्ज की। 18 से 40 आयु वर्ग- पिट्टूल, संखली, कबड्डी, खो-खो बाटी (कंचा), और लम्बी कूद में कोण्टा तथा गिल्ली डंडा, लंगड़ी दौड़, रस्साकसी, फुगड़ी, गेड़ी दौड़ में छिन्दगढ़ और 100 मीटर दौड में सुकमा ग्रामीण विजयी रहा। 40 से अधिक आयु वर्ग में छिन्दगढ़ ने गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, बाटी (कंचा), 100 मीटर दौड एवं लम्बी कूद खेलों में जीत दर्ज की है।
महिला वर्ग में 06 से 18 आयु वर्ग के खेलों- गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, बिल्लस, फुगड़ी में कोण्टा और कबड्डी, खो-खो, बाटी (कंचा), लम्बी कूद, 100 मीटर दौड़ में छिन्दगढ़ तथा रस्साकसी में सुकमा शहरी ने जीत दर्ज की। 18 से 40 आयु वर्ग- संखली, लंगड़ी दौड़, लम्बी कूद, बिल्लस में कोण्टा तथा पिट्टूल, कबड्डी, खो-खो, बाटी (कंचा), फुगड़ी, 100 मीटर दौड में छिन्दगढ़ और रस्साकसी में सुकमा शहरी विजयी रहा। 40 से अधिक आयु वर्ग में छिन्दगढ़ ने पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, 100 मीटर दौड, बिल्लस, फुगड़ी, रस्साकसी एवं लम्बी कूद खेलों में जीत दर्ज की है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने जिले में ‘‘छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक‘‘ का आयोजन किया जा रहा है। इसकी शुरूआत राजीव युवा मितान क्लब स्तर से हुई और इसके बाद जोन स्तर, फिर विकासखण्ड, नगरीय क्लस्टर स्तर से होते हुए जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर पर खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
32 क्विंटल चावल-चना जब्त, मामला पंजीबद्ध
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 26 नवंबर। सुकमा जिले के दोरनापाल थानाक्षेत्र अंतर्गत वन विभाग द्वारा चावल से भरे पिकअप को जब्त किया। इसकी जांच में सुकमा मुख्यालय से पहुंची खाद्य विभाग की टीम ने चावल में फोर्टिफाइड चावल पाया और इससे पीडीएस का राशन होना पाया।
चेकिंग के दौरान शुक्रवार की देर रात विभाग द्वारा पिकअप वाहन को शक के दायरे में पकड़ा गया ,चूंकि वह गश्ती दल को देख कर भाग खड़ा हुआ।
घेराबंदी कर काष्ठ होने के शक में उक्त वाहन को चेक करने पर पिकअप वाहन में सरकारी बोरा व प्लास्टिक बोरा में बिना दस्तावेज सरकारी चावल ले जा रहे वाहन को पेंटा के पास पकड़ा। इस दौरान ड्राइवर से चावल के परिवहन संबंधी दस्तावेज भी मांगे गए। लेकिन वह दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सका। वन विभाग ने वाहन को अपने कब्जे में लेकर खाद्यविभाग को सुपुर्द किया।
मिली जानकारी के मुताबिक नाइट गश्ती के दौरान वन विभाग की टीम को देखकर भाग रहा था. वाहन चालक वाहन का पीछा कर वन पेंटा से मेडवाही गांव में विभाग ने वाहन में 28 सरकारी बोरे में व प्लास्टिक बोरे में कुल 30 क्विंटल चावल व 2.40 क्विंटल चना पाया । जिसके बाद प्रकरण बनाकर वाहन को थाने में ले जाया गया।
वन विभाग दोरनापाल रेंज के अफसरों का कहना है कि वाहन चालक द्वारा चेकिंग के दौरान कर्मचारियों को देख लेने की धमकी दी गई थी जिसको लेकर रेंज के द्वारा चालक के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज करवाई गई है।
जिला खाद्य अधिकारी जय वर्धन ठाकुर का कहना है कि वन विभाग टीम द्वारा काष्ठ के शक में वाहन की चेकिंग के दौरान 30 क्विंटल चावल और 6 बोरी चना मिला है। मेरे द्वारा दोरनापाल में जांच की गई जिसमें चावल की बोरियों में फोर्टिफाइड चावल पाया गया जो केवल शासकीय चावल पीडीएस के चावल में ही मिलता है, जिससे ये साबित होता है कि यह पीडीएस का चावल है। पूछताछ में वाहन चालक ने बताया कि वह सुबह किसी व्यापारी को सुकमा बेचने जाने वाला था। प्रकरण पंजीबद्ध कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 23 नवंबर। ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के नगर अध्यक्ष व वार्डवासियों ने समस्याओं को लेकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुकमा को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उल्लेख है कि रंगाराज वार्ड क्र. 15 में पेयजल, स्टेट लाईट, नाली, सी.सी.सडक़, की समस्या हैं। लगातार इन सभी समस्यों को लेकर पार्षद व नगर पालिका अधिकारी को अवगत कराया गया, उसके बावजूद भी नगर पालिका इन सभी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है। जिससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आम जनता के हितों को देखते हुए सभी समस्याओं को जल्द पूरा किया जाए।
जल्द ही इन सभी समस्याओं का निवारण नहीं होने पर ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के नेतृत्व में नगर पालिका का घेराव करेगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान यूथ फेडरेशन के नगर अध्यक्ष व समस्त वार्डवासी मौजूद रहे।
राज्य स्तर के लिए पांच बाल वैज्ञानिकों का चयन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 23 नवंबर। 30 वां राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का जिला स्तरीय आयोजन सुकमा के आईएमएसटी अंग्रेजी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना, राज्य गीत व विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गीत के साथ प्रारंभ हुआ।
इस वर्ष के राष्ट्र्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय था स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए परितंत्र को समझना। जिले के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए परितंत्र को समझना विषय पर रोचक व ज्ञानवर्धक प्रस्तुतिकरण किया गया।
जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान-मनोहर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झापरा द्वितीय स्थान-आदित्य मरावी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गादीरास रहे।
वहीं सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान-जागेश कुमार, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तालनार, द्वितीय स्थान-सामुएल, डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल कोंटा एवं तृतीय स्थान-अनुराग बिसेन आईएमएसटी अंग्रेजी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा ने प्राप्त किया।
जूनियर वर्ग से दो और सीनियर वर्ग से तीन इस प्रकार से पांच बाल वैज्ञानिकों का चयन राज्य स्तर के लिए हुआ है। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता 1 दिसंबर से 3 दिसंबर तक रायपुर में होगी। कलेक्टर हरीश. एस ने बाल वैज्ञानिकों को राज्य स्तर के लिए अपनी शुभकामनाएं एवं बधाई दी है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नितिन डडसेना जिला शिक्षा अधिकारी, गुलराज शर्मा एपीसी, अनिल कुमार, जी जॉनसन प्राचार्य, जिला बाल विज्ञान कांग्रेस के समन्वयक जगदीश राव भी उपस्थित रहे।
जिला स्तरीय इस प्रतियोगिता में निर्णायक महेश यादव सहायक प्राध्यापक शहीद बापूराव शासकीय उपाधि महाविद्यालय सुकमा, संजय वर्मा व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तोंगपाल, एम के उसेंडी प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गादीरास, नीरज बघेल जवाहर नवोदय विद्यालय सुकमा एवं गजेंद्र देवांगन व्याख्याता शासकीय पॉलिटेक्निक सुकमा थे।
अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं केरलापाल छात्रावास के बच्चे - दीपिका
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा 21,नवंबर। सुकमा जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में स्थित आदिवासी छात्रावासों की वास्तविक स्तिथि से सभी अवगत हैं परंतु एनएच 30 के किनारे जिला मुख्यालय से मात्र 15 किमी की दूरी पर स्थित केरलापाल में आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास विभाग प्री मेट्रिक बालक छात्रावास में रहकर अध्ययन करने वाले आदिवासी छात्र कई समस्याओं से जूझ रहे हैं।
इन छात्रों की समस्याओं बेखबर जिम्मेदारों ने सूध लेना भी मुनासिब न समझते इस बीच भाजपा नेत्री पहुंची तो उन्होंने स्वयं छात्रावास जाकर बच्चों से बात कर वस्तु स्तिथि की जानकारी ली।
उन्होंने बताया कि इस छात्रावास में कोयाबेकूर, गोलाबेकूर, दुरमापारा, बडे शेट्टी, पटेलपारा, पोंगाभेज्जी, कुडक़ेल, तातिपारा, पुसपल्ली, बेलवापाल, पाकेला, बन्देगपारा, तेलावर्ती, चिकपाल, टेटेमदडगु, दुर्गुडा, इत्तापारा, फुलबगड़ी, मिलंपल्ली, दोरनापाल, सोनुपारा, मांझीपारा, सिरसेट्टी, बुर्कालंका, किस्टाराम, कोसागुड़ा, मरकानगुड़ा, कवासिपारा, पालेचलमा, तेमेलवाडा, बोडको आदि नक्सलप्रभावित ग्राम के लगभग 80 आदिवासी बच्चे रहकर अध्ययन कर रहे हैं जिनकी व्यवस्था देखने हेतु प्रशासन ने स्वीपर, रसोइया, भृत्य एवं छात्रावास अधीक्षक की नियुक्ति की हंै परन्तु जब हम यहां पहुंचे तो सभी नदारत थे एक भी जिम्मेदार व्यक्ति यहां पर नहीं मिला।
छात्रावास केरलापाल के छोटे - बड़े बच्चे अधीक्षक की अनुपस्थिति में केरलापाल की नदी में स्नान कर लौट रहे थे उनसे पूछने पर उन्होंने बताया कि एक ही बोर हंै और वो भी पूरी तरह पानी नहीं देता बीच बीच में बंद हो जाता हंै इसलिए प्रत्येक रविवार को हम सभी नदी में कपड़े धोने व स्नान करने जाते हैं अगर दुर्भाग्यवश इस बीच किसी प्रकार की दुर्घटना घट जाती हंै तो जिम्मेदार कौन होगा जिला प्रशासन या अधीक्षक
छात्र स्वयं लकड़ी काटकर लाते हैं
छात्रावास में अक्सर कर्मचारी नदारद रहते हंै बच्चे ऑटो से सामान उतार कर अपने कांधे पर रखकर छात्रावास के अंदर लें जातें हंै उनसे पूछने पर पता चला जवाब दिया कि हम लोगों ने जिला प्रशासन से रसोई हेतु गैस की मांग की जो नहीं मिला हम स्वयं जंगल में जाते हैं कुल्हाडिय़ों से लकडिय़ां काटते हैं फिर उसे ट्रेक्टर में लोड करके छात्रावास लाकर खाली करते हैं।
बच्चों ने यह भी बताया कि हमारे छात्रावास में स्वीपर कोई कार्य नहीं करते हैं पूरे छात्रावास की सफाई हम लोग ही करते हैं, शौचालय एवं स्नानघर की साफ सफाई भी हम लोग ही करते हैं ये कैसी शिक्षा व्यवस्था सुकमा के गरीब आदिवासी बच्चों को दी जा रही है मैं पूछना चाहती हूं जिम्मेदारों से अगर उनके बच्चे छत्रावासों में होते और उनके साथ ऐसी स्थिति होती तो वो तय करें कि इसके जिम्मेदारों के साथ व्यवहार किया जाए।
नन्हें नन्हें बालक छोटे छोटे हांथो से चुनते हैं चावल
इस छात्रावास में रहने वाले नन्हें नन्हें बालक अपने छोटे छोटे हांथों से चावल साफ करते हैं रसोइया या भृत्य इसमें उनका कोई सहयोग नहीं करते हैं
एक शौचालय के भरोसे 80 छात्र
इस छात्रावास के बच्चों की नित्यक्रिया भी किसी जंग लडऩे जैसी नहीं है पुराना शौचालय पूर्णत: छतिग्रस्त है व नवीन शौचालय में एक ही सही है जिसके भरोसे 80 छात्रों की नित्यक्रिया टिकी हुई हैं बच्चों ने बताया कि शौच हेतु सुबह 3 बजे से लाइन लगती है तब स्कूल के समय तक सभी तैयार हो पाते हैं हम इस समस्या से बहुत ज्यादा परेशान हैं।
प्रत्येक पलंग पर सोते हैं दो-दो छात्र
छात्रावास में जगह व साधन का अभाव है प्रत्येक पलंग पर दो दो छात्र सोते हैं जिससे संक्रमण भी फैलने का डर बना रहता है साथ ही गद्दे भी बहुत पुराने हो चुके हैं कई पलंग पर तो फटे हुए गद्दे भी दिखाई दे रहे थे।
बारिश में बहुत विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है
बच्चों ने बताया कि बारिश में हमें बहुत ही विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता हैं। छात्रावास से मेनरोड की ऊंचाई अधिक होने के कारण सडक़ का पूरा पानी छात्रावास के अंदर आ जाता हंै। जिससे छात्रावास के दो हाल पानी से पूरी तरह भर जाते हैं जिससे हमें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है
माहेश्वरी समाज की बैठक में जिला स्तरीय चुनाव की घोषणा
सुकमा, 20 नवंबर। पिछले तीन साल में माहेश्वरी समाज बस्तर के सभी स्थानीय संगठनों ने बेहतर काम किया है। राष्ट्र व प्रदेश से मिलने वाले कार्यक्रम हो या फिर स्थानीय कार्यक्रमों को शानदार तरीके से सम्पन्न किया गया। कोरोनाकाल में भी संगठन ने सेवाभाव से समाजिक व अन्य समाज के साथ प्रशासन की हर तरह से मदद की। उक्त बातें जिला अध्यक्ष गजेंन्द्र चांडक ने कही।
शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित माहेश्वरी भवन में माहेश्वरी समाज की जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें स्थानीय संगठन केशकाल, कोंडागांव, जगदलपुर, गीदम, बीजापुर, दंतेवाड़ा, तोंगपाल, छिन्दगढ़, सुकमा, दोरनापाल के पदाधिकारी व समाज प्रमुख शामिल हुए। बस्तर जिला पदाधिकारियों का तीन साल का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है, इसलिए नए चुनावों की घोषणा की गई।
सबसे पहले भगवान महेश की पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। महिला संगठन ने स्वागत गीत गाया और उसके बाद समाज के दिवंगतों को याद कर दो मिनट का मौन धारण किया गया। उसके बाद कार्यक्रम का संचालन करते हुए संतोष चांडक ने पिछले तीन सालों में संगठन द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। उसके बाद बेहतर कार्य करने के लिए सभी स्थानीय संगठनों का सम्मान किया गया। साथ ही महिला संगठन व व युवा संगठन को भी साथ देने के लिए सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में हाल ही स्थानीय संगठनों में चुने गए नए पदाधिकारियों का स्वागत किया गया। साथ ही आगामी चुनाव की तारीखों की घोषणा व चुनाव प्रभारी बनाए गए। ज्ञात हो कि बस्तर जिला पदाधिकारियों का तीन साल का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है, इसलिए नए चुनावों की घोषणा की गई।
उसके बाद सामाजिक मुद्दों को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान बस्तर संभाग के सभी संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 20 नवंबर। राजवाड़ा तालाब मैदान में 21 जनवरी को शुरू होने वाले सहस्त्र चंडी महायज्ञ की तैयारी को लेकर रविवार को सुकमा के गणमान्यों की उपस्थिति व पंडितों के मार्गदर्शन में यज्ञस्थल पर भूमि पूजन व ध्वजारोहण किया गया।
21 जनवरी से शुरू होने वाले इस महायज्ञ की तैयारीयों में स्थानीय भक्तजन जुट गये हैं। जिसमें सैकड़ों कलश के साथ यात्रा में माता व बहनें भाग लेंगी।
भूमिपूजन में जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी, नपाध्यक्ष राजू साहू, हुंगाराम मरकाम, शैलेंद्र भदौरिया , मेडिलाल गुप्ता ,अनिल टावरी, रोहित पांडे, मनोज चौरसिया, राम्मू राठी, आशीष भदौरिया, मनोज गुप्ता, ओम गांधी , सतेन्द्र गुप्ता, शीतल प्रभा नर्मदा, भुनेश्वरी यादव, मालती भदौरिया, अनीता नामदेव, शीतल कवासी,रिना बैरागी,व महिला मानस मंडली की सदस्य मौजूद थे।
21 जनवरी को पंचांग पूजन और बरनी
सुकमा में पहली बार होने वाले सहस्त्र चंडी महायज्ञ का शुभारंभ प्रयाग से पधारें आचार्यों के देखरेख व मार्गदर्शन में 21 विद्वानों द्वारा यज्ञशाला निर्माण की विधि व कुंड निर्माण व विभिन्न वेदियों पर पाठ व पूजा पुरा विधि विधान से शुरू की जाएगी।
इस संबंध में आयोजन समिति के सदस्य सुशील त्रिपाठी ने बताया कि गुम बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदिआवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यज्ञ का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया ह तथा हमारे क्षेत्र की सुख-समृद्धि व शांति को ध्यान में रखकर ही सहस्त्र चंडी यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। पहली बार सुकमा में बड़े रूप में सहस्त्र चंडी का आयोजन होने जा रहा है सप्ताह भर चलने वाले इस यज्ञ के दौरान काशी के विद्वानों का आगमन व उनके मुखारविंद से वैदिक स्लोगन व मंत्र उच्चारण के साथ पुर्णाहुति व महाप्रसादी वितरण कर आयोजन को भव्यता दिया जाएगा। सहस्त्र चंडी यज्ञ में विभिन्न वार्डों व सुकमा जिले के आमजन व श्रद्धालु आमंत्रित होंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 20 नवंबर। सुकमा में प्रीमियर लीग का एक और पन्ना जोड़ते हुए 8 टीमों की आपस में भिडं़त होंगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी, कलेक्टर हरीश एस, नपा अध्यक्ष राजू साहू व जीव जंतु बोर्ड के सदस्य करण देव ने सुकमा प्रीमियर लीग 3 का शुभारंभ किया।
जिला मुख्यालय स्थित मिनी स्टेडियम में प्रीमियर लीग में 8 टीम आपस में मुकाबला करेंगे। पहला मैच राइजि़ंग स्टार गादीरास व स्पार्टन्स सुकमा के बीच हुआ कवासी फ्रेंड्स मल्टीपर्पस आयोजन एसपीएल 3 में जीत हासिल करने वाले विजेता टीम को 222222 रुपए इस बार ट्रॉफी के साथ मिलेगा वही उपविजेता टीम के लिए 111111 रुपए ईनामी राशि रहेगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने कहा कि जीवन में खेल का अहम महत्व हैं और जब भी खेल का आयोजन होता हैं उस दौरान सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता हैं । यह लगातार तीसरा वर्ष हैं जब यह आयोजन हो रहा हैं और आयोजन समिति को इसके लिए बधाई और टूर्नामेंट अच्छी तरह से पूर्ण हो इसके लिए शुभकामनाएं।
कलेक्टर हरीश एस ने कहा कि एसपीएल के आयोजन के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की गई हैं इसके लिए आयोजन समिति को बधाई। एसपीएल जैसे आयोजन अच्छा प्लेटफार्म हैं युवा खिलाडिय़ों के लिए । सभी जगह के खिलाड़ी सुकमा में आकर खेल रहे हैं यह गर्व की बात हैं। नपा अध्यक्ष राजू साहू ने कहा कि मंत्री कवासी लखमा का हमेशा से यह प्रयास रहता हैं कि सुकमा में कुछ न कुछ आयोजन होना चाहिए इसी का नतीजा हैं कि कुछ दिन पहले यहाँ राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम हुआ और आज पुन: एसपीएल का आयोजन हो रहा है।
सुकमा विकास के रास्ते पर अग्रसर हैं और यहाँ बदलाव की बयार दिख रही हैं। स्पार्टन्स टीम ने पहले बल्लेबाजी करके ऑलआउट होकर 97 रन का लक्ष्य रखा । जिसे राइजिंग स्टार्स टीम ने मात्र 8 ओवर में हासिल कर लिया ।
एसपीएल 3 कमेटी के अध्यक्ष तरुण बारठ ने बताया कि कल का पहला मैच सीएसके वर्सेज ट्राइबल योद्धा वही दूसरा मैच केकेआर वर्सेज डीएस ब्लास्टर के मध्य होना हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा,18 नवंबर। जनपद पंचायत छिंदगढ़ के मुख्यकार्यपालन अधिकारी एस.एल.देवांगन की अध्यक्षता एवं दिशा निर्देश में प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न हुई। जिसमें छिंदगढ़ ब्लॉक ग्राम पंचायत से सरपंच, जनप्रतिनिधि, ग्राम पंच, सचिव उपस्थित थे।
सी-3 जिला समन्वयक महेश झरकर द्वारा नौ थीम और विशेष रूप से ‘बाल हितैषी ग्राम पंचायत’ व ‘महिला हितैषी ग्रामपंचायत’ पर जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बच्चों के अधिकार, ग्राम बाल सभा, ग्राम स्तरिय बाल संरक्षण समिति, शालाओं और आंगनबाड़ी केन्द्र में साप्ताहिक आयरन फोलिक अम्ल गोलियां, बाल विवाह जीरो ग्राम पंचायत, कुमारी मांताए, जीरो ग्राम पंचायत कुपोषण मूक्त ग्राम पंचायत, किशोरी बालिकाओ को संनिटरी पैड नॅपकिन कि उपलब्धता, हर ग्राम पंचायत में सॅनेटरी पैड निर्माण कि मशीन, खेलकुद मैदान के साथ खेल सामग्री उपलब्धता, महिला सशक्तीकरण एवं किशोरी सशक्तीकरण हेतु स्व सहायता समूह को जीवन कौशल्य एवं व्यावसायीक प्रशिक्षण, नौ थीम और अन्य बिंदुओं पर मार्गदर्शन किया गया।
ग्राम पंचायत के विकास हेतु विभिन्न नौ थीम से जुड़ी जानकारी वीडियो के माध्यम से दिखाई गई। सुरेन्द्र साहू ने नौ थीम और ग्राम पंचायत विकास हेतु वीडियो के माध्यम से जानकारी साझा किया।
छिंदगढ़ राष्ट्रीय आजिविका मिशन से मिथेलेश भास्कर, शंकर बघेल, जनपद पंचायत से शंकर बघेल, जनपद पंचायत से लाला नाग, भिमसिंग, निती आयोग पिरामल से राजेश सोलंकी, उपस्थित थे।
जनयोजना अभियान पीपीसीअंतर्गत वर्ष के लिए जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत बी डी पी जी पी डी पी विकास योजना जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों में सामान्य सभा व ग्रामसभा का आयोजन कर आगामी वर्ष के लिए कार्ययोजना का निर्माण किया जाना है।
ग्राम पंचायतों द्वारा सतत विकास लक्ष्यों से संबंधित नौ थीम पर जो संकल्प लिया गया हैं। उनसे संबंधित कार्य को भी ग्राम विकास कार्ययोजना में सम्मिलित करना है।
अनुपस्थित शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 18 नवंबर। जिला शिक्षा अधिकारी ने शालाओं से अनुपस्थित शिक्षकों तथा विलंब से पहुंचने वाले शिक्षकों की एक दिवस की वेतन कटौती के साथ ही बंद पाए गए संस्था के शिक्षकों की एक वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की है।
जिला शिक्षा अधिकारी नीतिन डडसेना द्वारा जिले के शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों की उपस्थिति एवं शैक्षणिक व्यवस्था का नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में उन्होंने सुकमा विकासखण्ड के प्राथमिक शाला परिया, मारोकी, कुचारास, धुरवारास, एतेलपारा, आदगुड़ा, माहरापारा, डोडपाल, गोरेपारा, कोर्रा, पूर्व माध्यमिक शाला मारोकी, माध्यमिक शाला डोडपाल, कन्या आश्रम कोर्रा, हाई स्कूल कोर्रा और हायर सेकेण्डरी स्कूल गादीरास का आकस्मिक निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने शालाओं से अनुपस्थित शिक्षकों तथा विलंब से पहुंचने वाले शिक्षकों की एक दिवस की वेतन कटौती के साथ ही बंद पाए गए संस्था के शिक्षकों की एक वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की है।
शालाओं के आकस्मिक निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए प्राथमिक शाला मारोकी के प्रधान पाठक सुरेश कश्यप, सहायक शिक्षक दीनदयाल ठाकुर और माध्यमिक शाला मारोकी के शिक्षक रोहित कुमार विश्वकर्मा, शिक्षक विजय कुमार भोई की एक दिन की वेतन कटौती करने के साथ ही प्राथमिक शाला रेटेमपारा के प्रधान पाठक माड़वी जोगा, गादेमपारा के प्रधान पाठक नागेश राव एवं सहायक शिक्षक बहादुर सिंह सिरदार का भी विलंब से शाला में उपस्थित होने पर एक दिवस की वेतन कटौती करने के निर्देश दिए।
साथ ही प्राथमिक शाला परिया बंद पाए जाने पर संस्था में पदस्थ सहायक शिक्षक लखमाराम नागेश का आगामी आदेश तक असंचयी प्रभाव से एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए।
3 खिलाडिय़ों की मृत्यु पर भडक़ी भाजपा नेत्री
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 18 नवंबर। छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक में लगातार 3 खिलाडिय़ों की मृत्यु पर प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कहा कि मैं समस्त शहीद खिलाडिय़ों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं व उनके परिजनों से कहना चाहती हूं कि आपके साथ दु:ख की इस बेला में भाजयुमो छत्तीसगढ़ का एक एक युवा आपके साथ है, साथ ही मैं पूछना चाहती हूं कांग्रेस की सरकार से कि यह छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक है या कांग्रेस पार्टी के द्वारा कारित मौत का ओलम्पिक हैं जहां सिर्फ अव्यवस्था के चलते छत्तीसगढ़ नें अपने दो होनहार युवा खिलाड़ी व एक महिला खिलाड़ी को खो दिया, उस पर छत्तीसगढ़ के सरकार के मुखिया भूपेश बघेल जी का गैर जिम्मेदाराना बयान कि खेल-खेल में हो जाती हैं दुर्घटनाएं।
मैं पूछना चाहती हूं कांग्रेस पार्टी के समस्त जिम्मेदारों से अगर उनके घरों के किसी सदस्य के साथ यह घटना होती तो क्या वो मुख्यमंत्री के बयान से सहमत होते आज पूछिए फरसाबहार विकासखण्ड के सुंढरु में आयोजित कबड्डी के दौरान घायल होकर असमय ही मृत्यु का वरण करने वाले घुमरा गाँव के समारू के परिजनों से, माकड़ी विकासखण्ड के ग्राम माँझीबोरण्ड की मृतक महिला खि़लाडी शांति मंडावी के परिजनों से जिन्हें घायल शांति को इलाज हेतु ले जाने 108 भी नसीब नहीं हुई और 11 अक्टूबर को रायगढ़ में घरघोड़ा क्षेत्र के भालूमार में कबड्डी के दौरान खिलाड़ी ठंडा राम मालाकार जिनकी कबड्डी के दौरान घायल होने पर हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल भेजा, लेकिन सडक़ खराब होने के चलते एंबुलेंस को साढ़े चार घंटे लग गए।
इस दौरान तमनार पाली घाट मार्ग पर रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। पूछिये इस सभी खिलाडिय़ों के परिजनों से कितना दु:ख और दर्द के बीच गुजर रहे हैं उनके दिन।
मैं यह नहीं कहती कि खेल नहीं होना चाहिए परन्तु बिना किसी उचित तैयारी के आनन फानन में सिर्फ वाहवाही लूटने की नीयत से करवाये गए इस मौत के ओलम्पिक ने छत्तीसगढ़ महतारी के दो युवा और एक महिला खिलाड़ी की जान ले ली।
मेरी यह मांग है कि छत्तीसगढ़ सरकार नैतिकता के आधार पर इसकी पूरी जिम्मेदारी लेकर आयोजकों पर उचित कार्यवाही करते हुए मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रु मुआवज़े के तौर पर देकर प्रत्येक परिवार के एक एक सदस्य को शासकीय नौकरी भी दे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा,17 नवंबर। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल पावारास के विद्यार्थियों ने राज्य स्तरीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता में अपनी कला का बेहतर प्रदर्शन करते हुए जिले का नाम रोशन किया।
सांस्कृतिक प्रतियोगिता में माध्यमिक स्तर पर लव्य, गोविन्द, गोपाल, उज्ज्वल, शिवम, सुमित, अनमोल, विस्मित और ओम के सामूहिम नृत्य ‘‘हर घर तिरंगा‘‘ की सुन्दर प्रस्तुति ने राज्य स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया, वहीं माध्यमिक स्तर पर आठवीं के छात्र हर्ष कुंजाम ने भी देशभक्ति गीत का वादन कर राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया। इसी तरह 22वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा (कराटे) बालक वर्ग की प्रतियोगिता में बारहवीं का छात्र विजय तेजा ने लगातार दूसरी बार सिल्वर मेडल प्राप्त किया।
22वीं राज्य स्तरीय शाला स्तर पर आयोजित अंडर 19 क्रिकेट स्पर्धा में कप्तान अखिलेश कोर्राम और प्रयांशु सोरी ने राज्य में उपविजेता का स्थान हासिल किया, वहीं अंडर 14 से अर्पित जायसवाल ने भी बस्तर संभाग का प्रतिनिधित्व किया।
राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में हर बिलास मंडल ने तीसरा स्थान हासिल किया। राज्य एवं बस्तर संभाग स्तर पर जिले का प्रतिनिधित्व कर जिले का नाम गौरांवित करने वाले समस्त विजेता प्रतिभागी विद्यार्थियों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल पावारास सुकमा परिवार ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी।