अंतरराष्ट्रीय
न्यूयॉर्क, 19 अगस्त(भाषा) । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में ओवल ऑफिस ‘कमान केंद्र’ बनने के बजाय अफरातफरी वाले ‘तूफान केंद्र’ में तब्दील हो गया है. उन्होंने कहा कि ट्रम्प के लिए राष्ट्रपति का मतलब घंटो टीवी के सामने बैठकर समय बिताना, लोगों को सोशल मीडिया पर गाली देना और अपने कृत्यों की जिम्मेदारी नहीं लेना है.
'हमारी बेरोजगारी दर तिगुनी है'
डेमोक्रेटिक पार्टी के चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रम्प कहते हैं कि हम विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं. खैर हम दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिकीकरण वाली एकमात्र अर्थव्यवस्था हैं और हमारी बेरोजगारी दर तिगुनी है.’ उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में जो बाइडेन को औपचारिक रूप से पार्टी का राष्ट्रपति उम्मीदवार नामित किया गया.
'राष्ट्रपति चुनाव दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण काम है'
क्लिंटन ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण काम है और इस साल का चुनाव कोविड-19 महामारी की वजह से बहुत कठिन काम है जिसमें 1,70,00 लोगों की मौत हुई है और लाखों नौकरियां चली गई एवं छोटे कारोबार बर्बाद हो गए. कोविड-19 से निपटने के तरीके की आलोचना करते हुए क्लिंटन ने कहा, ‘पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वायरस नियंत्रण में है और जल्द ही यह खत्म हो जाएगा.’
'ट्रंप टीवी पर बताते हैं कि वह क्या शानदार काम कर रहे हैं'
उन्होंने कहा, ‘ जब यह नहीं हुआ तो वह रोजाना टेलीविजन पर आकर बताते कि वह क्या शानदार काम कर रहे हैं जबकि वैज्ञानिक हमें महत्वपूर्ण सूचनाएं देने का इंतजार करते रहे. जब उन्हें विशेषज्ञों की सलाह पसंद नहीं आई तो उन्होंने उसे नजरअंदाज किया.’
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका के लोग चुनाव की ओर बढ़ रहे हैं और उन्हें फैसला करना है कि ट्रम्प की संविदा अवधि बढ़ानी है या किसी अन्य को नियुक्त करना है. उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि डोनाल्ट ट्रम्प अगले चार साल आरोप लगाने, धमकाने और अपमानित करने का काम करेंगे और आप यह भी जानते हैं कि दो बार के उपराष्ट्रपति जो बाइडेन दोबारा बेहतर के लिए काम करेंगे.’
अमरीका, 19 अगस्त (आईएएनएस)। डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने भारतीय-अमेरिकी सबरीना सिंह को अपने प्रेस सचिव के रूप में चुना है। वह 2016 राष्ट्रपति पद के चुनाव अभियान में पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की सूचना टीम में शामिल थीं। अमेरिकन बाजार की सोमवार को रिपोर्ट के अनुसार, सबरीना सिंह (32) ने इससे पहले दो डोमोक्रेटिक प्रसिडेंशियल उम्मीदवार- न्यूजर्सी की सीनेटर कोरी बुकर और पूर्व न्यूयार्क मेयर माइक ब्लूमबर्ग के प्रवक्ता के रूप में काम किया है।
सबरीना ने रविवार को ट्वीट कर कहा, मैं हैशटैग बाइडन हैरिस टिकट के लिए कमला हैरिस की प्रेस सचिव बनकर काफी उत्साहित हूं।
अमेरिकन बाजार के अनुसार, सबरीना सिंह अमेरिकी राजनीति में गहरी पैठ जमा चुके एक परिवार से आती हैं। उनके परदादा जे.जे सिंह इंडिया लीग ऑफ अमेरिका के प्रमुख थे, जो भारतीय-अमेरिकी समुदाय के हित में काम करने वाली एक गैर लाभकारी संस्था है।
साओ पाउलो, 19 अगस्त (आईएएनएस) ब्राजील में कोविड-19 से और 1,352 मौतें दर्ज की गई हैं, जिसके बाद संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या यहां 109,888 के करीब पहुंच गई। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में मंगलवार को कोविड-19 के 47,784 नए मामले सामने आए, जिससे संक्रमण की कुल संख्या 3,407,354 हो गई।
देश में साओ पाउलो इस बीमारी का केंद्र बना हुआ है, जहां अब तक 711,530 मामले और 27,315 मौतें दर्ज हुईं हैं, इसके बाद रियो डी जनेरियो में 14,728 मौतें हुईं और सीआरा में 8,196 मौतें दर्ज की गई हैं।
अमेरिका के बाद ब्राजील विश्व में कोविड -19 से सबसे अधिक प्रभावित दूसरा देश है।
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मंगलवार को दुनिया में जो कुछ देखने को मिला उसमें प्रमुख बातें निम्नांकित रहीं-
फ्रांस ने ऐलान किया है कि एक से ज़्यादा कर्मचारियों वाले दफ़्तरों में मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य किया जा रहा है. यह प्रावधान आने वाले एक सितंबर से लागू हो जाएगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 20 से लेकर 40 साल के युवा कोरोना का संक्रमण दुनिया भर में फैला रहे हैं. उन्हें सतर्कता बरतने की जरूरत है.
Brilliant! pic.twitter.com/E1QhjMTatZ
— Rohini Singh (@rohini_sgh) August 18, 2020
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अमरीका में कोरोना संक्रमण के मामले एक करोड़ 15 लाख तक पहुंचने की आंशका है और इतना ही नहीं इस दौरान चार लाख लोगों की मौत की आशंका भी है.
जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा है कि बीते तीन सप्ताह में कोरोना संक्रमण के मामलों में दोगुनी वृद्धि को देखते हुए अब लॉकडाउन के प्रावधानों में रियायत नहीं दी जाएगी.
चीन की फर्मास्यूटिकल कंपनी सिनोफार्म ने साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन तैयार करने की उम्मीद जताई है. (बीबीसी)
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने मंगलवार को कहा है कि देश कोरोना की वैक्सीन का उत्पादन करेगा और सभी नागरिकों को मुफ्त में ये वैक्सीन देगा.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वीडिश-ब्रितानी कंपनी एस्ट्राज़ेनिका के साथ ऑस्ट्रेलिया ने एक करार किया है जिसके तहत ऑक्सफोर्ड की बनाई वैक्सीन अब उन्हें भी मिल सकती है.
उन्होंने कहा, “फिलहाल ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन दुनिया की सबसे उन्नत और भरोसेमंद वैक्सीन है. कंपनी के साथ करार के तहत हमने अपने सभी नागरिकों के लिए अब ये वैक्सीन सुनिश्चित कर ली है.”
अगर ये वैक्सीन कारगर साबित हुई तो हम बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करेंगे और सभी 250 लाख ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों तक मुफ्त में इसे पहुंचाएंगे.
ऑक्सफोर्ड में बनाई जा रही वैक्सीन दुनिया की उन पांच वैक्सीन में से एक है जिसकी तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और शोधकर्ता उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल के ख़िर तक इसके नतीजे भी आ जाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कुछ और संभावित वैक्सीन बना रही टीमों से संपर्क कर रही है और साथ ही देश के भीतर भी वैज्ञानिकों को उनकी कोशिशों में मदद कर रही है.
हालांकि अब तक एस्ट्राज़ेनिका के साथ वैक्सीन की क़ीमत क्या होगी और देश में उसका उत्पादन कौन करेगा इसे लेकर अब तक सहमति नहीं बन पाई है.(bbc)
निखिला नटराजन
न्यूयॉर्क, 18 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने डेमोक्रेटिक पार्टी के वर्चुअल कन्वेंशन के पहले दिन 18 मिनट का भाषण दिया। इसमें उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति कार्यकाल को लेकर एक ऐसे शख्स की तस्वीर खींची जो इस पद की "वजन और राष्ट्रपति पद की अद्भुत शक्तियों" को नहीं समझता है।
डार्क चॉकलेट के रंग की सिल्क की पोशाक पहने ओबामा ने अपने मुख्य भाषण में ट्रम्प को ऐसा व्यक्ति बताया जिसने 1.7 लाख से अधिक अमेरिकियों को मार डाला और अर्थव्यवस्था को "बुरी स्थिति" में पहुंचा दिया।
नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनावों से पहले ओबामा ने 2008 से 2016 तक व्हाइट हाउस में रहने के अपने व्यक्तिगत अनुभव के बारे में बताते हुए कहा, "मैं आज उन मुट्ठी भर लोगों में से एक हूं, जिन्होंने राष्ट्रपति पद के भारी बोझ और जबरदस्त ताकत को देखा है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह काम करना बहुत कठिन है। इसके लिए स्पष्ट मस्तिष्क से लिए जाने वाले निर्णयों की आवश्यकता होती है, जिसमें तथ्यों और इतिहास के जटिल और प्रतिस्पर्धी मुद्दों को सुनने की क्षमता हो। जो देश में रहने वाले 33 करोड़ लोगों में से हर एक की कीमत समझता हो।"
उन्होंने कहा, "डोनाल्ड ट्रम्प इस देश के लिए गलत राष्ट्रपति हैं। जैसा कि मैंने पहले कहा था कि राष्ट्रपति होने के नाते यह नहीं बदलता है कि आप कौन हैं बल्कि यह बताता है कि आप कौन हैं।"
बता दें कि ओबामा का यह भाषण जो बाइडन द्वारा उप-राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस को उम्मीदवार घोषित किए जाने से पहले रिकॉर्ड किया गया था, लिहाजा भाषण में उनका कहीं भी जिक्र नहीं था। भाषण के दौरान मिशेल ओबामा भावुक भी हो गईं थीं।
डेमाक्रेटिक कन्वेंशन में यह उनका चौथा भाषण था, पहली बार उन्होंने बराक ओबामा के 2008 के चुनाव अभियान के दौरान इस मंच पर भाषण दिया था।
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 18 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अगर पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडन और कैलिफोर्निया की सीनेटर कमला हैरिस उन्हें हरा देते हैं और शीर्ष पद पर काबिज हो जाते हैं, तो हैरिस बाइडन की बॉस होंगी।
गौरतलब है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बाइडन ने भारतीय-जमैकन मूल की कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना है।
बाइडन को कई बार मानसिक रूप से कमजोर व थका हुआ बता चुके ट्रंप ने सोमवार को सवालयिा लहजे में कहा, " क्या आप बाइडन और उनकी बॉस कमला हैरिस की उन्मादी समाजवादी नीतियों के तहत हमारी अर्थव्यवस्था को कुचलना चाहते हैं?"
विस्कॉन्सिन के ओशकोश में एक रैली में बोलते हुए, ट्रंप ने बाइडन की मानसिक स्थिति का उल्लेख किया और कहा, "मानसिक तौर पर वह थक गए हैं।"
बाइडन के गलत बोलने के उदाहरणों और खुला प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने से इनकार करने के बाद, ट्रंप ने हैरिस और हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी पर निशाना साधा।
निर्वाचित होने पर, बाइडन जो जनवरी 2012 में 78 साल के हो जाएंगे, राष्ट्रपति पद संभालने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति होंगे, जबकि हैरिस 56 वर्ष की होंगी।
यह कहने के बाद कि हैरिस 'बॉस' होंगी, ट्रंप ने फिर उन्हें निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की प्राइमरी (आंतरिक चुनाव) शर्म के कारण छोड़ दी थी, जिसमें उनके समर्थन में मतदान संख्या 14 प्रतिशत से 2 प्रतिशत पर पहुंच गई।
उन्होंने हैरिस को औसत दर्जे की और गुस्सैल मिजाज महिला कहा।
ट्रंप ने कहा कि बाइडन समाजवाद के लिए ट्रोजन हॉर्स है, जिनका कोई सुराग नहीं है, लेकिन उनके आस-पास के लोग सख्त हैं और वे स्मार्ट हैं । उन्होंने कहा वे हैरिस की तरह ही औसत दर्जे के और गुस्सैल हैं।
ट्रंप ने नस्लीय असंवेदनशीलता के लिए हैरिस की आलोचना की, जब वह पार्टी के नामांकन के लिए उनके खिलाफ लड़ रही थी। ट्रंप ने कहा, "किसी ने भी कमला जितना बुरा व्यवहार बाइडन के साथ नहीं किया।"
उन्होंने कहा, "वह (बहस) मंच पर किसी भी मुकाबले में बुरी थीं। किसी ने भी बाइडन के साथ बुरा व्यवहार नहीं किया या उनके सम्मान में कमी नहीं दिखाई। कमला के मन में उनके लिए कोई सम्मान नहीं था। अचानक वह कह रहा है कि वह बहुत अच्छे हैं। वह कुछ समय पहले ऐसा महसूस नहीं करती थी।"
ट्रंप ने कहा कि अगर बाइडन और हैरिस जीत गए, तो अमेरिका पर चीन की चलेगी।
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 18 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अगर पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडन और कैलिफोर्निया की सीनेटर कमला हैरिस उन्हें हरा देते हैं और शीर्ष पद पर काबिज हो जाते हैं, तो हैरिस बाइडन की बॉस होंगी।
गौरतलब है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बाइडन ने भारतीय-जमैकन मूल की कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना है।
बाइडन को कई बार मानसिक रूप से कमजोर व थका हुआ बता चुके ट्रंप ने सोमवार को सवालयिा लहजे में कहा, " क्या आप बाइडन और उनकी बॉस कमला हैरिस की उन्मादी समाजवादी नीतियों के तहत हमारी अर्थव्यवस्था को कुचलना चाहते हैं?"
विस्कॉन्सिन के ओशकोश में एक रैली में बोलते हुए, ट्रंप ने बाइडन की मानसिक स्थिति का उल्लेख किया और कहा, "मानसिक तौर पर वह थक गए हैं।"
बाइडन के गलत बोलने के उदाहरणों और खुला प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने से इनकार करने के बाद, ट्रंप ने हैरिस और हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी पर निशाना साधा।
निर्वाचित होने पर, बाइडन जो जनवरी 2012 में 78 साल के हो जाएंगे, राष्ट्रपति पद संभालने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति होंगे, जबकि हैरिस 56 वर्ष की होंगी।
यह कहने के बाद कि हैरिस 'बॉस' होंगी, ट्रंप ने फिर उन्हें निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की प्राइमरी (आंतरिक चुनाव) शर्म के कारण छोड़ दी थी, जिसमें उनके समर्थन में मतदान संख्या 14 प्रतिशत से 2 प्रतिशत पर पहुंच गई।
उन्होंने हैरिस को औसत दर्जे की और गुस्सैल मिजाज महिला कहा।
ट्रंप ने कहा कि बाइडन समाजवाद के लिए ट्रोजन हॉर्स है, जिनका कोई सुराग नहीं है, लेकिन उनके आस-पास के लोग सख्त हैं और वे स्मार्ट हैं । उन्होंने कहा वे हैरिस की तरह ही औसत दर्जे के और गुस्सैल हैं।
ट्रंप ने नस्लीय असंवेदनशीलता के लिए हैरिस की आलोचना की, जब वह पार्टी के नामांकन के लिए उनके खिलाफ लड़ रही थी। ट्रंप ने कहा, "किसी ने भी कमला जितना बुरा व्यवहार बाइडन के साथ नहीं किया।"
उन्होंने कहा, "वह (बहस) मंच पर किसी भी मुकाबले में बुरी थीं। किसी ने भी बाइडन के साथ बुरा व्यवहार नहीं किया या उनके सम्मान में कमी नहीं दिखाई। कमला के मन में उनके लिए कोई सम्मान नहीं था। अचानक वह कह रहा है कि वह बहुत अच्छे हैं। वह कुछ समय पहले ऐसा महसूस नहीं करती थी।"
ट्रंप ने कहा कि अगर बाइडन और हैरिस जीत गए, तो अमेरिका पर चीन की चलेगी।
मॉस्को 18 अगस्त (स्पूतनिक)। कोरोना वायरस प्रतिबंधों शुरूआत के बाद पहली बार रूस ने रक्षा मंत्रालय के हवाई जहाज की मदद से सीरिया दमिश्क में फंसे 26 रूसी बच्चों को निकाला है।
रूस में बच्चो के अधिकार आयुक्त अन्ना कुजनेत्सोवा ने कहा कि रूस के रक्षा मंत्रालय का विमान मॉस्को के पास चेलकोवस्की हवाई अड्डे पर दमिश्क के अनाथालयों से लाए गए 26 बच्चों को लेकर उतरा है।
इससे पहले की रिपोर्टो में कहा गया था कि 26 रूसी बच्चे मंगलवार को दमिश्क से अपने घर वापसी आ रहे है।
उन्होंने कहा कि उड़ान के दौरान बच्चों के साथ एक चिकित्सक भी मौजूदा था।
अभी तक कुल 157 बच्चों वापस घर लौट चुके है। इनमें पश्चिम एशिया के युद्ध क्षेत्र इराक से 122 और सीरिया से 35 बच्चे वापस लौट चुके है।(UNIVARTA)
अमरीका में राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल डोमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने अमरीकी भारतीयों के लिए विज़न डॉक्यूमेंट जारी किया है.
इसमें उन्होंने कहा है कि ”कोरोना महामारी से लड़ने से लेकर अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने और प्रवासन से जुड़े सुधारों के लिए भारतीय अमरीकी जो बाइडन और कमला हैरिस प्रशासन पर भरोसा कर सकते हैं.”
आगामी चुनावों में भारतीय मूल की कमला हैरिस उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं.
इससे पहले जो बाइडन ने अमरीकी मुसलमानों के लिए विज़न डॉक्यूमेंट जारी किया था जिसमें कश्मीर के मुद्दे और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के बारे में कहा गया था. इस विज़न डॉक्यूमेंट से कई अमरीकी भारतीय नाराज़ हो गए थे.
भारतीय स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर जो बाइडन और कमला हैरिस ने अमरीकी भारतीयों के नाम एक विशेष वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि अमरीकी और यहां रहने वाले भारतीय मिलकर देश को विकास के पथ पर ले जा सकते हैं.
समझा जा रहा है कि अमरीकी भारतीयों ख़ास कर कट्टर हिंदुओं का झुकाव मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ हो सकता है क्योंकि उन्हें भारत के समर्थक के रूप में देखा जाता रहा है. कश्मीर और विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून के मामले में ट्रंप प्रशासन अधिकतर चुप ही रहा है, जबकि प्रमिला जयपाल और बर्नी सैंडर्स जैसे डेमोक्रेट नेता इन विषयों पर बोलते रहे हैं.
साथ ही सितंबर 2019 में अमरीका के ह्यूस्टन में ट्रंप का शामिल होना और इसी साल फरवरी में ट्रंप का भारत दौरा भी ट्रंप के पक्ष में अमरीकी भारतीयों के झुकाव का कारण हो सकता है.
डेमोक्रेट्स के बीच भी अमरीकी भारतीयों के एक तबके का मानना है कि कुछ डेमोक्रेट नेताओं के बयानों का फायदा ट्रंप को मिल सकता है.
अमरीकी भारतीयों के विज़न डॉक्यूमेंट में क्या है ख़ास?
इस चुनावी दस्तावेज़ में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडन ने दोनों देशों में और पूरे इलाक़े में आतंकवाद के मुद्दे पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर काम किया है. बाइडन का मानना है कि पूरे दक्षिण एशिया में सीमा पार से आंतकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
भारत के साथ मिलकर बाइडन प्रशासन भारत प्रशांत इलाक़े में स्थायित्व लाने की कोशिश करेगा ताकि चीन समेत कोई और देश अपने पड़ोसियों को धमका न सके.
हिंदू, सिख, मुसलमान, जैन और दूसरे संप्रदायों के सभी अमरीकी भारतीयों के ख़िलाफ़ हाल के दौर में नस्लीय हिंसा बढ़ी है. आज उन्हें ये भरोसा दिलाने की ज़रूरत है कि वॉशिंगटन में बैठे नेताओं का समर्थन उनके साथ होगा.
राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडन ख़ुद नफरत से प्रेरित हमलों के ख़िलाफ़ खड़े होंगे और इस तरह का क़ानून पारित कराएंगे जिसके तहत नफरत से प्रेरित अपराध करने वाले पर हथियार खरीदने और रखने की पाबंदी लगाई जा सके.
जो बाइडन ये सुनिश्चित करेंगे कि देश के प्रवासन नियमों में परिवार को साथ रखने पर ध्यान दिया जाएगा और परिवार के लिए वीज़ा के पहले से पड़े मामलों को जल्द निपटाया जाएगा. देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वो परमानेंट और नौकरियों के लिए वीज़ा की संख्या बढ़ाएंगे और विज्ञान तकनीक, इजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में काम करने के इच्छुक पीएचडी कर चुके छात्रों पर लगी रोक को हटाएंगे.
हाई स्किल्ड लोगों के लिए अस्थायी वीज़ा के नियमों में सुधार की कोशिश की जाएगी और देशों के आधार पर सीमित संख्या में ग्रीन कार्ड जारी की संख्या भी बढ़ाएंगे.
अमरीकी मुसलमानों के लिए विज़न डॉक्यूमेंट से बढ़ी थी नाराज़गी
हाल में जो बाइडन ने अमरीकी मुसलमानों के लिए जो विज़न डॉक्यूमेंट जारी किया था उसमें कश्मीर और एनआरसी का ज़िक्र था जिससे कई लोग नाराज़ हो गए थे.
कई लोग इस चुनावी दस्तावेज़ को कश्मीर के मुद्दे पर कमला हैरिस के बयानों के साथ जोड़ कर देख रहे हैं. इस तरह के कई वीडियो यूट्यूब पर मौजूद हैं.
विज़न डॉक्यूमेंट में जो बाइडन ने कहा था, “भारत सरकार को ऐसे सभी कदम उठाने चाहिए जिससे कश्मीर में रहने वालों के अधिकारों कों को बहाल किया जा सके.”
“शांतिपूर्ण विरोध पर पाबंदी, इंटरनेट बंद करने या धीमा करने जैसे कदम उठाकर विरोध करने पर पाबंदियां लगाने पर गणतंत्र कमज़ोर होता है.”
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने और उसके बाद लगे प्रतिबंधों को लेकर कमला हैरिस का रुख भारत सरकार के विपरीत रहा है.
सितंबर 2019 को टेक्सस के ह्यूस्टन में आयोजित एक इवेंट में उनसे कश्मीर में फ़ोन व इंटरनेट पर लगे प्रतिबंध और लोगों को हिरासत में लेने के बारे में पूछे गए सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा था, “हम लोगों को ये बताना चाहते हैं कि वो अकेले नहीं हैं, हम नज़र बनाए हुए हैं. एक राष्ट्र के तौर पर ये हमारे मूल्यों का हिस्सा है कि हम मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में बोलते हैं, और जहां ज़रूरी होता है, हम दख़ल भी देते हैं.”
विवादित एनआरसी पर इस डॉक्यूमेंट में कहा गया है, “असम में एनआरसी लागू करने और नागरिकता संशोधन के प्रस्तावित मसौदे को क़ानून बनाने के भारत सरकार के फ़ैसले को जो बाइडन दुर्भाग्यजनक मानते हैं.”
बाइडन के लिए बढ़ी चुनौतियां
इस दस्तावेज़ के जारी किए जाने के बाद कई हलकों से हिंदू धर्म को मानने वाले अमरीकी भारतीयों के लिए भी इसी तरह के चुनावी दस्तावेज़ की मांग होने लगी थी.
बाइडन के चुनाव अभियान के अनुसार अमरीका में क़रीब 13.1 लाख ऐसे अमरीकी भारतीय वोटर हैं जिनका रुझान आठ चुनाव क्षेत्रों में निर्णायक साबित हो सकता है.
बाइडन के चुनावी अभियान में कश्मीर और एनआरसी के ज़िक्र के बाद अब अमरीकी भारतीयों को अधिक तवज्जो दी जा रही है.
14 और 15 अगस्त को बाइडन ने अमरीकी भारतीयों और पाकिस्तानियों के लिए वर्चुअल कार्यक्रम भी आयोजित किए थे.
इधर चुनाव की तैयारियों में जुटा ट्रंप खेमा भी भारतीय अमरीकी वोटों के एक बड़े तबके के समर्थन की उम्मीद कर रहा है.
ट्रंप विक्ट्री इंडियन अमरीकन फाइनेंस कमिटी के एक आकलन के अनुसार “भारतीय अमरीकी वोटर्स में से क़रीब आधे वोट बाइडन की बजाय ट्रंप के पक्ष में जा सकते हैं.”
एक विश्लेषक के अनुसार “भारत में मुसलमानों के साथ क्या कुछ हो रहा है ये पूरी दुनिया देख रही है, इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी छवि को नुक़सान पहुंचा है... लिंचिंग, लोगों को मार देना, ये हमारी छवि का हिस्सा बन गई है.”(BBCNEWS)
मोगादिशु, 17 अगस्त (आईएएनएस)| सोमालिया में अल-शबाब आतंकी समूह द्वारा राजधानी मोगादिशु में समुद्र किनारे स्थित होटल पर हमला करने के बाद सुरक्षाबलों द्वारा जवाबी कार्रवाई की गई। पांच घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद होटल को आंतकियों के चंगुल से मुक्त करा लिया गया। घटना में एक पुलिस अधिकारी सहित कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के प्रवक्ता इस्माइल मुख्तार उमर ने कहा एक मशहूर होटल पर आतंकियों के हमले के बाद सुरक्षाबलों द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में अल-शबाब के पांच आतंकवादी भी मारे गए।
उमर ने एक बयान में कहा, "इलीट होटल पर हुए हमले में मारे गए लोगों की संख्या 16 है। मारे गए 16 लोगों में से पांच हमलावर हैं जबकि एक पुलिस अधिकारी बचाव अभियान में मारा गया ।"
इस हमले में सूचना और रक्षा मंत्रालयों के दो वरिष्ठ अधिकारियों की भी मौत हो गई।
उमर ने कहा कि 18 लोग घायल हुए हैं।
सरकारी अधिकारी ने कहा कि सोमाली विशेष बलों ने मालिक समेत होटल के अंदर 205 लोगों को बचाया है। होटल के मालिक एक सांसद हैं।
उन्होंने कहा कि यह जानने के लिए एक जांच शुरू की गई है कि कैसे अल-शबाब आतंकियों ने कड़ी सुरक्षा वाले होटल में प्रवेश करने में कामयाबी हासिल की।
हमला रविवार दोपहर को उस समय शुरू हुआ था जब आतंकवादियों ने होटल गेट पर एक कार बम विस्फोट किया और अंदर घुस गए।
विशेष बल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया।
सुमित कुमार सिंह
नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| भारत के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चीन ने तिब्बत में तोप और बंदूकें भेजी है।
सूत्रों के मुताबिक, "तोप और बंदूक तैनाती तिब्बत की 4,600 मीटर की ऊंचाई पर जुलाई के अंतिम हफ्ते में ही की गई।"
ये भी पता चला है कि चीन ने 77 कांबैट कमांड के 150 लाइट कंबाइन्ड आर्म्स ब्रिगेड की तिब्बत के सैन्य जिले में तैनाती की है। कंबाइन्ड आर्म्स ब्रिगेड अमेरिकन ब्रिगेड कंबैट टीम का एडेप्टेशन है जिससे विभिन्न सैन्य बलों को एक साथ काम करने में मदद मिलती है। इस बीच चीन ने तिब्बत क्षेत्र में तैनाती कई गुना बढ़ा दी है और कंबाइन्ड आर्म्स ब्रिगेड की तैनाती भारत से लगे लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल के पास की गई है।
चीन ने ये तोप, बंदूक और दूसरे शस्त्रों की तैनाती लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल के तीन सेक्टर - पश्चिमी (लद्दाख), बीच में (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्व में (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) की है। चीन ने अपने जवानों को उत्तराखंड के लिपुलेख पास में भारत, चीन और नेपाल के तिराहे पर कालापानी घाटी के ऊपर भी तैनात कर दिया है।
भारत और चीन की सेना के बीच कई राउंड की बातचीत के बाद भी दोनों देशों में तनाव कम नहीं हुआ और वादा करने के बाद भी चीन की सेना सीमा से पीछे नहीं हटी।
इसके अलावा चीन ने सीमावती इलाकों में परमानेंट स्ट्रक्चर भी बना लिए हैं जो कि चीन द्वारा किए गए वादे के खिलाफ है।
15 जून को भारत और चीनी सेना के जवानों में हुई झड़प में भारत के 20 जवान मारे गए थे।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बड़े कर्जदाता देश चीन ने पिछले दो दशकों में 150 से अधिक देशों को ऋण दिया है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उसने ऐसा बिना किसी बाधा या जरूरी औपचारिकताओं के किया है।
चीन पेरिस क्लब का सदस्य नहीं है जो ऋणदाता राष्ट्रों का एक अनौपचारिक समूह है जिसका उद्देश्य व्यावहारिक पुनर्भुगतान समाधान पेश करना है। यह आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) का भी हिस्सा नहीं है। पेरिस क्लब और ओईसीडी, दोनों आधिकारिक देनदारों के ऋण रिकॉर्ड को बनाए रखते हैं।
चीन की वित्तीय सहायता को प्रत्यक्ष ऋण के अलावा ट्रेड क्रेडिट, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अग्रिम के रूप में निर्देशित किया जाता है। हालांकि यह कोई रहस्य नहीं है लेकिन जो बहुत चिंताजनक है, वह है इसके उधार पैटर्न और रिकॉर्ड रखने में पारदर्शिता की कमी।
हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू (एचबीआर) के अनुसार, चीन के बकाया दावे अब वैश्विक जीडीपी के पांच प्रतिशत से अधिक हो चुके हैं। इसके साथ ही ड्रैगन द्वारा अपने स्थानीय अधिकारियों और उधारदाताओं के माध्यम से अनौपचारिक रूप से ऋण का एक बड़ा हिस्सा भी दिया गया है, जिसका व्यावहारिक रूप से कोई हिसाब-किताब नहीं है।
रिपोर्ट बताती है कि लगभग 1.5 ट्रिलियन डॉलर दिया गया है लेकिन विश्लेषकों ने इस आंकड़े पर सवाल उठाया है क्योंकि चीन अन्य देशों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की मात्रा पर चुप है।
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक विश्लेषक ने कहा, "चीन के आधिकारिक आंकड़े सही तस्वीर पेश नहीं करते हैं और कोरोना वायरस युग जैसे संकटों के काल में आर्थिक स्थिति, ऋण और पुनर्भुगतान के बारे में स्पष्ट और पारदर्शी जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। चीन के साथ मामला ऐसा नहीं है।"
कोरोना वायरस महामारी द्वारा चीन और दुनिया की वैश्विक अर्थव्यवस्था को गतिरोध में लाने से पहले चीन रेटिंग एजेंसियों की जांच से बचा हुआ था।
लेकिन, महामारी फैलने के साथ तस्वीर बदल गई। जून में विश्व बैंक ने अपने ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल 5.2 प्रतिशत तक सिकुड़ सकती है जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे खराब स्थिति होगी।
चीनी ऋण लेने वाले कई देश ने कर्ज चुकाने में असमर्थता का संकेत दिया है। इसके बावजूद चीन नए गठबंधनों को बनाने के लिए नई सहायता प्रदान कर रहा है। नेपाल और बांग्लादेश इसकी मिसाल हैं।
एचबीआर ने रिपोर्ट में कहा है कि चीन अपने अंतरराष्ट्रीय उधार को रिपोर्ट नहीं करता है और चीनी ऋण हर तरह से पारंपरिक डेटा-एकत्रित करने वाले संस्थानों से बच जाते हैं। उदाहरण के लिए मूडीज और स्टैंडर्ड एंड पुअर्स जैसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां या ब्लूमबर्ग जैसे डेटा प्रदाता, निजी कर्जदाताओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। चूंकि चीन का कर्ज राज्य प्रायोजित है, इसलिए इनकी रडार स्क्रीन से बाहर है।
यह बिना हिसाब-किताब वाला कर्ज या जिसे एचबीआर ने 'छिपा हुआ ऋण' कहा है, अब कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के लिए चिंता का कारण बन गया है।
(यह सामग्री इंडियानैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत प्रस्तुत की गई)(IANS)
वाशिंगटन, 16 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिका के आगामी 3 नवंबर के चुनाव के लिए राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक पार्टी दावेदार जो बाइडेन की रनिंग मैट भारतीय-अमेरिकी कमला हैरिस ने कहा कि उनकी मां 'वह हमेशा से उनमें अच्छी इडली के प्रति प्यार को जगाना चाहती थीं।' उनकी मां मूल रूप से चेन्नई की थीं। उन्होंने भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को एक वीडियो मैसेज में यह टिप्पणी की।
वीडियो की शुरुआत में वह कह रही हैं, "भारत के लोगों और भारतीय-अमेरिकियों, मैं आपको भारतीय स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देना चाहती हूं।"
उन्होंने कहा, "15 अगस्त, 1947 को पूरे भारत के पुरुषों और महिलाओं ने भारत देश की स्वतंत्रता की घोषणा का जश्न मनाया था। (और) आज 15 अगस्त, 2020 को, मैं आपके सामने अमेरिका के दक्षिण एशियाई मूल के उपराष्ट्रपति की पहली उम्मीदवार के रूप में खड़ी हूं।"
वीडियो में हैरिस ने अपनी मां श्यामला गोपालन, जो भारत की एक कैंसर शोधकर्ता थी और पिता डोनाल्ड हैरिस जो एक अफ्रीकी जमैकन अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे, का भी उल्लेख किया है।
उन्होंने कहा, "जब मेरी मां श्यामला ने कैलिफोर्निया के विमान से यहां कदम रखा था, तब वह मात्र 19 साल की थीं। उनके पास बहुत कुछ नहीं था, लेकिन उन्होंने एक चीज को बहुत संभाल कर रखा, वह था अपने घर पर अपने माता-पिता से मिली सीख।"
हैरिस ने कहा, "उन्होंने उन्हें सिखाया जब आप दुनिया में अन्याय देखते हैं, तो आपका दायित्व है कि आप इसके बारे में कुछ करें।"
अपनी मां के साथ की यादों को याद करते हुए हैरिस ने कहा, "बड़े होने पर मेरी मां, मेरी बहन माया और मुझे लेकर तब के मद्रास वापस आई थीं, क्योंकि वह चाहती थीं कि हम उस स्थान को समझें कि वह कहां से आई थीं और हमारा वंश कहां था।"
उन्होंने कहा, "और हां, जाहिर तौर पर वह हमारे अंदर इडली को लेकर प्यार जगाना चाहती थी।"
उन्होंने कहा, "मद्रास में मैं अपने नानाजी के साथ लंबी सैर पर जाती थी .. और वह मुझे उन नायकों की कहानियां सुनाते थे जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के जन्म के लिए जिम्मेदार थे।"
वीडियो के अलावा, हैरिस ने बधाई देने के लिए ट्विटर का भी सहारा लिया।
उन्होंने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, "भारतीय स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं! बीते 74 साल यह दर्शाते हैं कि हमारे लोगों ने न्याय की लड़ाई में कितनी प्रगति की है। मुझे आशा है कि आप आज मेरे जश्न में शामिल होंगे और फिर एक बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होंगे।"
बीजिंग, 16 अगस्त (आईएएनएस)| स्पेन की एल मुनदो वेबसाइट ने हाल में लेख जारी कर कहा कि विश्व के प्रमुख बहुराष्ट्रीय निगमों का मानना है कि विश्व अर्थव्यवस्था को 2022 से पहले महामारी के पहले के स्तर तक बहाल नहीं किया जा सकता है। यह अमेरिका ओवी परामर्श कंपनी की एक जांच में सामने आया है। जांच से जाहिर है कि अमेरिकी फॉर्च्यून पत्रिका के विश्व 500 शक्तिशाली बहुराष्ट्रीय निगमों के सीईओ में 75 प्रतिशत लोग मानते हैं कि 2022 से पहले विश्व अर्थव्यवस्था को महामारी के पहले के स्तर तक बहाल नहीं किया जा सकेगा।
इसके साथ ही विश्व के पहले 50 बहुराष्ट्रीय निगमों में से 90 प्रतिशत निगमों ने महामारी के दौरान खर्च को कम करने की योजना बनायी है। यह निगमों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने का प्राथमिक मिशन है।
विश्व बैंक द्वारा जून माह में जारी विश्व आर्थिक आउटलुक की रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड-19 के झटके से अनुमान है कि 2020 में विश्व अर्थव्यवस्था में 5.2 प्रतिशत की कटौती होगी। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर आर्थिक मंदी है।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
काठमांडू, 16 अगस्त (आईएएनएस)| नेपाल के सिंधुपालचौक जिले में भूस्खलन में करीब 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 21 अन्य लापता होने की सूचना मिली है। यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी। प्रभावित क्षेत्र में तलाशी और बचाव अभियान जारी है। जिले की जुगल ग्रामीण नगरपालिका में शुक्रवार को हुए भूस्खलन से लिडी गांव में 37 घर भी क्षतिग्रस्त हो गए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जिला पुलिस कार्यालय सिंधुपालचौक के पुलिस अधीक्षक प्रजवोल महारजन ने बताया कि मारे गए 18 लोगों में 11 बच्चे, चार महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं।
स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है।
महारजन ने कहा, "घटना में पास की एक पहाड़ी में भी दरार आ गई है और उस पहाड़ी के तराई में 25 घर स्थित हैं।"
उन्होंने कहा, "एक अन्य भूस्खलन के जोखिम को देखते हुए हमने लोगों को नजदीकी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है और वे टेंट में रह रहे हैं।"
गाजा 16 अगस्त (शिन्हुआ)। इजरायल ने रविवार तडक़े गाजा पट्टी में हमास के कुछ ठिकानों पर हवाई हमले किये।
इजरायल ने यह कार्रवाई हमास द्वारा दक्षिण इजरायल में विस्फोटकों वाले गुब्बारे छोड़े जाने की प्रतिक्रिया में की है।
हमास से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इजरायल के टोही ड्रोन और लड़ाकू विमान तटीय एन्क्लेव पर मंडराते रहे और हमास की सशस्त्र इकाई अल कसम ब्रिगेड की चौकियों तथा ठिकानों को लक्षित करके कई मिसाइल दागे।
सूत्रों के अनुसार हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं हैं, लेकिन इस हवाई हमले में कुछ ठिकानों को क्षति पहुंची है तथा नजदीक के कुछ मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं।
वाशिंगटन, 16 अगस्त (स्पूतनिक)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के छोटे भाई रॉबर्ट का निधन हो गया है। वह 72 वर्ष के थे।
श्री ट्रम्प ने शनिवार को स्वयं यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, Þबहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मेरे अछ्वुत भाई रॉबर्ट का आज रात निधन हो गया। वह सिर्फ मेरा भाई ही नहीं, बल्कि सबसे अच्छा दोस्त था। उसकी हमेशा याद आएगी, लेकिन हम फिर मिलेंगे। उसकी याद हमेशा मेरे दिल में रहेगी। रॉबर्ट, मैं तुमसे प्यार करता हूं। ईश्वर तुम्हारी आत्मा को शांति प्रदान करें।
काठमांडू, 16 अगस्त (शिन्हुआ)। नेपाल में भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर 18 हो गयी है तथा 21 लापता लोगों की तलाश जारी है। पुलिस, सशस्त्र बलों तथा सेना के जवान स्थानीय लोगों की मदद से लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं।
नेपाल के सिंधुपालचौक जिले में जुगल ग्रामीण नगर पालिका क्षेत्र में शुक्रवार तडक़े हुए इस भूस्खलन के बाद मलबे में दबे 18 लोग के शव बरामद कर लिये गये हैं, जबकि 21 लोग अब भी लापता हैं। इस घटना में पहाड़ी का एक हिस्सा टूट कर लिडी गांव के 37 मकानों पर जा गिरा। पुलिस अधीक्षक प्रज्वोल महारजन ने बताया कि मृतकों में 11 बच्चे, चार महिलाएं तथा तीन पुरुष शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि पहाड़ी का एक हिस्सा टूट कर 25 घरों पर गिर गया। फिर से भूस्खलन होने के खतरे को देखते हुए हमने लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया है और वे लोग टेंट में रह रहे।
जेरूसलम, 16 अगस्त (आईएएनएस)। इजरायल ने रविवार को गाजा पट्टी में हमास द्वारा संचालित सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। यह हमला तटीय एन्क्लेव से इजरायल में छोड़े गए विस्फोटक गुब्बारों के परिणामस्वरुप किया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हमास के सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि इजरायली टोही ड्रोन और युद्धक विमानों ने तटीय एन्क्लेव पर हमला किया और इस्लामिक मूवमेंट की सशस्त्र शाखा अल-कसम ब्रिगेड की कई मिसाइलों को निशाना बनाते हुए साधकर हमला किया।
सूत्रों ने कहा कि किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली है, लेकिन हवाई हमलों में कई सामानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है और गाजा पट्टी में आसपास के कुछ घरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है।
इजरायली सेना के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि इजरायल के लड़ाकू जेट विमानों ने एक सैन्य पोस्ट और सैन्य इंफ्रास्ट्रक्च र पर हमला किया, जो गाजा पट्टी में हमास के आतंकवादियों के हैं।
बयान में कहा गया है कि इजरायल के खिलाफ सभी गतिविधियां गंभीर हैं और सेना लोगों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई जरूर करेगी।
पिछले कुछ दिनों से अज्ञात नकाबपोश युवक गाजा पट्टी से इजरायल में आग लगाने वाले विस्फोटक गुब्बारे छोड़ रहे हैं, जो कि छोटी मात्रा में विस्फोटकों को ले जाती है।
विस्फोटक गुब्बारों के कारण दक्षिणी इजराइल के कृषि क्षेत्रों और खेतों के अलावा गाजा और इजरायल के बीच सीमा क्षेत्रों के आसपास के इलाकों में भीषण आग लग गई थी।
मॉस्को, 16 अगस्त (आईएएनएस) रूस ने कोविड-19 के इलाज के लिए अपने वैक्सीन के पहले बैच का उत्पादन शुरू कर दिया है। यह जानकारी उनके स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में दी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को नोवल कोरोनावायरस के इलाज के लिए दुनिया के पहले पंजीकृत वैक्सीन की घोषणा की, जिसका नाम मॉस्को द्वारा 1957 में लॉन्च किए गए अंतरिक्ष सैटेलाइट स्पूतनिक वी के नाम पर है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन को गामालेया साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा बनाया गया है। यह मॉस्को के पास स्थित एक चिकित्सा संस्थान है।
स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने बुधवार को कहा कि रूस अपने नागरिकों को वैक्सीन लगाने के बाद अन्य देशों को वैक्सीन की पेशकश करेगा। वैक्सीन की प्रभावशीलता पर संदेह निराधार है।
रूस में अब तक कुल 917,884 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 15,617 मौतें भी शामिल हैं, वहीं अब तक 729,411 लोग इससे उबर चुके हैं।
वाशिंगटन, 16 अगस्त (आईएएनएस)| जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 2.1 करोड़ से अधिक हो गई है। वहीं संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या 7.7 लाख के करीब पहुंच गई है।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के ताजा अपडेट में खुलासा किया है कि रविवार की सुबह तक दुनिया में मामलों की कुल संख्या 2,13,77,367 और मृत्यु दर बढ़कर 7,69,652 हो चुकी थी।
इस अपडेट के मुताबिक अमेरिका 53,06,215 मामलों और 1,69,463 मौतों के साथ दुनिया में सबसे अधिक कोरोना प्रभावित देश है। इसके बाद ब्राजील 3,317,096 संक्रमितों और 1,07,232 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर है।
सीएसएसई के अनुसार, संक्रमण के मामलों की संख्या में भारत 25,26,192 के साथ दुनिया में तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है। इसके बाद रूस (9,15,808), दक्षिण अफ्रीका (5,83,653), मेक्सिको (5,17,714), पेरू (5,16,296), कोलम्बिया (4,45,111), चिली (3,83,902), स्पेन (3,42,8132), ईरान (341,070), ब्रिटेन (3,19,208), सऊदी अरब (2,97,315), अर्जेंटीना (2,89,100), पाकिस्तान (2,88,047), बांग्लादेश (2,74,525), इटली (2,53,438), फ्रांस (2,52,965), तुर्की (2,48,117), जर्मनी (2,24,488), इराक (1,72,583), फिलीपींस (1,57,918), इंडोनेशिया (1,37,468), कनाडा (1,23,788), कतर (1,14,809), कजाकिस्तान (1,02,287) और इक्वाडोर (1,00,688)हैं।
वहीं 10 हजार से अधिक मौतों वाले देशों में मेक्सिको (56,543), भारत (49,036), ब्रिटेन (46,791), इटली (35,392), फ्रांस (30,410), स्पेन (28,617), पेरू (25,856), ईरान (19,492), रूस (15,585), कोलंबिया (14,492), दक्षिण अफ्रीका (11,677) और चिली (10,395) शामिल हैं।
सुमी खान
ढाका, 15 अगस्त (आईएएनएस)| 'बंगबंधु' शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के लिए अप्रैल में फांसी की सजा सुनाए जाने से पहले एक कबूलनामे में सैन्य अधिकारी अब्दुल माजिद ने कहा था कि 1975 की हत्या के पीछे बांग्लादेश के पूर्व सेना प्रमुख रियाउर रहमान थे।
बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की मौत पर शनिवार को बांग्लादेश के लोगों ने शोक व्यक्त किया, जिनकी हत्या 15 अगस्त, 1975 को उनकी पत्नी बेगम फाजिलातुन्निसां मुजीब सहित परिवार के 12 अन्य सदस्यों के साथ कर दी गई थी।
माजिद ने स्वीकार करते हुए कहा कि हत्या के अगले दिन, रियाउर रहमान ने ढाका छावनी के सभी जवानों और अधिकारियों को संबोधित किया।
माजिद ने रहमान के हवाले से कहा, "उन्होंने हर किसी को प्रेरित किया कि जो कुछ हुआ है, उसके बारे में चिंता न करें। यह राष्ट्र का मुद्दा है, यह हमारा मुद्दा नहीं है।"
माजिद ने आगे कहा कि हत्या में शामिल लोगों को नरसंहार के दिन बंगभवन में आश्रय दिया गया था।
वे राष्ट्रपति खंडेकर मुश्ताक के बगल में ही वीआईपी सुविधा में ठहरे हुए थे, जहां रहमान जाते थे और उनसे मिलते थे। बाद में उन्होंने उन ढोंगी अधिकारियों को सम्मानित भी किया।
उन्होंने हत्यारों को विदेश सेवा में तैनात किया और उनमें से प्रत्येक को इनाम के रूप में पदोन्नत किया।
अपने कबूलनामे में माजिद ने कहा कि वह एक अपेक्षाकृत कनिष्ठ अधिकारी के रूप में हत्यारों के साथ था।
उसने कहा कि नूर चौधरी ने बंगबंधु को गोली मार दी, जबकि रिसालदार मोसलेह उद्दीन ने परिवार के अन्य सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी।
माजिद ने यह भी दावा किया कि जिन लोगों को विदेश सेवा में नौकरी दी गई थी, उनमें उसके लायक योग्यता नहीं थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें तो महज रहमान के प्रत्यक्ष संरक्षण के कारण विदेशी पद पर पदोन्नति दी गई थी।
वे अधिकारी विदेशी सेवा के लिए योग्य नहीं थे, वे स्नातक भी नहीं थे। उनमें से अधिकांश अल्पकालिक कमीशन अधिकारी थे।
माजिद ने बार-बार अपनी भागीदारी छिपाने की कोशिश की थी। सेनेगल के राजदूत के रूप में सेवा करने के बाद, उनकी इच्छा के अनुसार 1980 में उन्हें देश में वापस लाया गया और बांग्लादेश इनलेन्ड वॉटर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (बीआईडब्ल्यूटीसी) में उपसचिव के पद पर पदोन्नत किया गया।
माजिद को 12 अप्रैल को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था। उसे सात अप्रैल को ही ढाका से गिरफ्तार किया गया था। माजिद और उसके साथी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा शुरू होने के 24 साल बाद उसकी गिरफ्तारी हुई।
मॉस्को, 15 अगस्त। कोरोनावायरस वैक्सीन पंजीकरण को लेकर एक शीर्ष श्वसन चिकित्सक ने रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय की नैतिकता परिषद को छोड़ दिया, जबकि देश ने एक महत्वपूर्ण फेज-3 टेस्ट करने से पहले ही कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया। मेलऑनलाइन ने यह जानकारी दी। गुरुवार को रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रोफेसर अलेक्जेंडर चुचलिन नैतिकता परिषद को छोड़ने से पहले, 'सुरक्षा' आधार पर वैक्सीन के पंजीकरण को रोकना चाहते थे।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की कि देश ने दुनिया का पहला कोविड-19 वैक्सीन पंजीकृत किया है।
बाद में, बुधवार को रूसी स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा कि देश दो सप्ताह के भीतर वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर देगा।
हालांकि, वैक्सीन के उत्पादन में तेजी दिखाने को लेकर देश को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसकी प्रभावशीलता पर टिप्पणी करने के लिए वैक्सीन के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है।
चुचलिन के इस्तीफे से पता चलता है कि वैक्सीन 'स्पुतनिक 5' को देश के भीतर भी आलोचना का सामना करना पड़ा।
मेलऑनलाइन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि उनके इस्तीफे का कोई विशेष कारण नहीं बताया गया।
हालांकि, छोड़ने से कुछ समय पहले, एक विज्ञान पत्रिका 'नौका आई झिज्न' को दिए साक्षात्कार में चुचलिन ने किसी भी दवा या वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया था।
चुचलिन ने साक्षात्कार में कहा था, "एक दवा या वैक्सीन के मामले में, नैतिक समीक्षकों के रूप में सबसे पहले यह समझना चाहते हैं कि यह इंसानों के लिए कितना सुरक्षित है।"(IANS)