अंतरराष्ट्रीय
लाहौर, 10 अप्रैल। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज और एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को सऊदी अरब से वापस इस्लामाबाद लाने वाली पीआईए की उड़ान को लाहौर हवाई अड्डे की ओर मोड़ दिया गया, जिससे सैकड़ों अन्य यात्रियों को असुविधा हुई। मीडिया में आयी खबर में बुधवार को यह जानकारी दी गई।
दिलचस्प है कि यह घटना हाल में प्रधानमंत्री शरीफ द्वारा उनके कार्यक्रमों में उनके लिए लाल कालीन बिछाने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद हुई है। वीआईपी संस्कृति को खत्म करने और जन सेवा के दायरे में विनम्रता की संस्कृति को प्रोत्साहित करने का संकेत देने वाली प्रधानमंत्री की घोषणा ने काफी प्रशंसा अर्जित की थी।
पीआईए प्रवक्ता के हवाले से ‘डॉन’ अखबार ने खबर दी कि जेद्दा से इस्लामाबाद के लिए रवाना पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) की उड़ान को सोमवार को लाहौर हवाई अड्डे की ओर मोड़ दिया गया और इस विमान से शरीफ और उनकी बेटी मरियम सऊदी अरब की यात्रा से वापस आ रही थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 393 यात्रियों को ले जा रही उड़ान संख्या पीके 842 को सोमवार रात साढ़े 10 बजे इस्लामाबाद में उतरना था, लेकिन इसे यहां अल्लामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की तरफ मोड़ दिया गया और विमान यहां रात 09:25 बजे उतरा।
सूत्रों के हवाले से खबर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य अति विशिष्ट लोग लाहौर में उतरे, जिससे इस्लामाबाद जाने वाले सैकड़ों अन्य यात्रियों को असुविधा हुई।
लगभग 79 यात्रियों को उतारने के बाद, उड़ान अंततः इस्लामाबाद के लिए रवाना हुई और रात साढ़े 10 बजे के बजाय 11:17 बजे इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी। पिछले महीने पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद शरीफ अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत सऊदी अरब गये थे। (भाषा)
बीजिंग, 10 अप्रैल । दक्षिण चीन के हैनान प्रांत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर मछली पकड़ने वाली एक नाव और एक कमर्शियल शिप के बीच टक्कर के बाद लापता हुए सभी आठ लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक, मछली पकड़ने वाली नाव "युएनान आओयू 36062" 3 अप्रैल को सुबह लगभग 0:15 बजे सान्या बंदरगाह से लगभग 60 समुद्री मील पश्चिम में पनामा के कंटेनर जहाज "एसआईटीसी दानंग" से टकरा गई। इसके बाद, मछली पकड़ने वाली नाव डूब गई और उसमें सवार आठ लोग लापता हो गए।
बुधवार दोपहर तक सभी आठ शव पानी से बरामद कर लिए गए और बचाव अभियान समाप्त हो गया।
पनामा का कंटेनर जहाज सान्या बंदरगाह पर खड़ा है और दुर्घटना की जांच चल रही है।
(आईएएनएस)
हांगकांग, 10 अप्रैल हांगकांग की एक बड़ी इमारत में बुधवार को आग लगने से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 36 अन्य लोग घायल हो गए।
हांगकांग के जॉर्डन में ‘न्यू लकी हाउस’ से लगभग 250 लोगों को बचाया गया और आग पर काबू पा लिया गया है। इस इमारत में अधिकतर आवासीय इकाइयां हैं।
अग्निशमन सेवा विभाग ने कहा कि आग 16 मंजिला इमारत की पहली और दूसरी मंजिल पर लगी, जहां एक जिम और अतिथि कक्ष स्थित थे।
अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के कारण की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिन पांच लोगों की मौत हुई है वे जाहिर तौर पर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश कर रहे थे।
‘न्यू लकी हाउस’ में 200 इकाइयां हैं और इसका निर्माण 1964 में किया गया था।
हांगकांग के मुख्य कार्यकारी जॉन ली ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि संबंधित विभागों को सभी पीड़ितों को सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। (एपी)
मॉस्को, 10 अप्रैल रूस के सुदूर पूर्वी अंतरिक्ष परिसर से भारी वजन ले जाने में सक्षम एक नये रॉकेट के परीक्षण-प्रक्षेपण का दूसरा प्रयास बुधवार को निरस्त करना पड़ा।
वोस्तोचन स्पेसपोर्ट से अंगारा-ए5 रॉकेट का प्रक्षेपण अपने निर्धारित समय 0900 जीएमटी(ग्रीनविच मीन टाइम) से लगभग दो मिनट पहले रद्द कर दिया गया।
सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए-नोवोस्ती ने कहा कि इसका कारण रॉकेट के केंद्रीय ब्लॉक के ऑक्सीडाइजर टैंक की दबाव प्रणाली की विफलता थी।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा कि अगला प्रक्षेपण प्रयास कम से कम एक दिन के लिए स्थगित रहेगा।
रोस्कोस्मोस के प्रमुख यूरी बोरिसोव ने कहा कि इससे पहले मंगलवार को पहला प्रयास तब नाकाम हो गया था जब स्वचालित सुरक्षा प्रणाली ने ऑक्सीडाइजर टैंक दबाव प्रणाली में तकनीकी खराबी दर्ज की थी। यह अंगारा-ए5 का चौथा प्रक्षेपण किया जाना था, इसके पहले इसके तीन प्रक्षेपण उत्तर-पश्चिम रूस के प्लेसेत्स्क लॉन्चपैड से किये जा चुके हैं।
वर्ष 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद रूस ने कजाकिस्तान से बैकोनूर कोस्मोड्रोम पट्टे पर लिया और अपने अधिकांश अंतरिक्ष प्रक्षेपणों के लिए इसका उपयोग करना जारी रखा। कजाकिस्तान के साथ समझौता वर्ष 2050 तक प्रति वर्ष 11.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की एवज में बैकोनूर को रूस को पट्टे पर देने की अनुमति देता है। (एपी)
वाशिंगटन, 10 अप्रैल प्रवासी भारतीयों के एक प्रमुख संगठन ने अमेरिकी सरकार की विभिन्न एजेंसियों, विश्वविद्यालयों और छात्र संघों से हाल के महीनों में भारतीय मूल के छात्रों की मौत की घटनाओं में वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए काम करने का आग्रह किया है।
फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस) के एक विश्लेषण में पाया गया कि इन घटनाओं के कारणों में संदिग्ध गोलीबारी/अपहरण, सुरक्षा जानकारी के अभाव में पर्यावरण संबंधी मौतें (मोनोऑक्साइड विषाक्तता, हाइपोथर्मिया), आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले मानसिक मुद्दे और संदिग्ध दुर्घटनाओं से लेकर हिंसक अपराध तक शामिल हैं।
एफआईआईडीएस ने कहा कि अधिकारियों को सुरक्षा शिक्षा बढ़ानी चाहिए, खोज और बचाव प्रक्रियाओं में सुधार करना चाहिए, भारतीय विद्यार्थियों के साथ रैगिंग के खिलाफ सख्त नियम लागू करना चाहिए; जोखिमों और सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करनी चाहिए।
वर्ष 2024 की शुरुआत से अब तक भारत से अमेरिका आए और भारतीय-मूल के कम से कम छह छात्रों की मौत हो चुकी है।
पिछले महीने से लापता एक 25-वर्षीय भारतीय छात्र इस सप्ताह अमेरिकी शहर क्लीवलैंड में मृत पाया गया था।
पिछले हफ्ते ओहायो में एक भारतीय छात्र उमा सत्य साई गड्डे की मौत हो गई और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पिछले महीने, भारत के 34-वर्षीय प्रशिक्षित शास्त्रीय नर्तक अमरनाथ घोष की मिसौरी के सेंट लुइस में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पिछले महीने, वाणिज्य दूतावास ने बोस्टन में 20-वर्षीय भारतीय छात्र अभिजीत पारुचुरू की मौत के बारे में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था। कनेक्टिकट में रहने वाले पारुचुरू के माता-पिता जांचकर्ताओं के सीधे संपर्क में थे और उनकी मौत की शुरुआती जांच में किसी भी तरह की साजिश से इनकार किया गया था।
पर्ड्यू विश्वविद्यालय में 23-वर्षीय भारतीय-अमेरिकी छात्र समीर कामथ पांच फरवरी को इंडियाना में एक संरक्षित क्षेत्र में मृत पाया गया था।
दो फरवरी को, भारतीय मूल के आईटी कार्यकारी विवेक तनेजा (41) को वाशिंगटन में एक रेस्तरां के बाहर हमले के दौरान जानलेवा चोटें आईं।
एक अन्य त्रासदी में, 25-वर्षीय भारतीय छात्र विवेक सैनी को जॉर्जिया में एक बेघर नशेड़ी ने पीट-पीटकर मार डाला।
अमेरिका में भारतीय छात्रों की दुखद मौतों में बढ़ोतरी ने भारत-अमेरिकी समुदाय के साथ-साथ भारतीय आबादी के बीच महत्वपूर्ण चिंताएं बढ़ा दी हैं।
दस से अधिक विद्यार्थियों की मौत से संबंधित डेटा इकट्ठा करने वाली बोस्टन की डॉ. लक्ष्मी थलांकी ने कहा, ‘‘भारतीय छात्रों की मौत की घटनाओं में अचानक वृद्धि चिंताजनक और संदिग्ध है।’’
एफआईआईडीएस ने विदेश विभाग, न्याय विभाग, शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालयों, छात्र संगठनों के साथ-साथ भारत-अमेरिकी समुदाय को विभिन्न सिफारिशें सौंपीं।
एफआईआईडीएस में नीतियों और रणनीति मामलों के प्रमुख खांडेराव कांड ने कहा, ‘‘हालांकि उनकी (भारतीय विद्यार्थियों की) मौतों में हालिया वृद्धि चिंताजनक है और अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो अमेरिकी विश्वविद्यालयों की सुरक्षा को लेकर भारतीयों का भरोसा डगमगाएगा, जिससे छात्रों की आमद पर और असर पड़ सकता है।’’
एफआईआईडीएस ने भारतीय-अमेरिकी छात्रों की चिंताओं और सुरक्षा से संबंधित एक सर्वेक्षण शुरू करने की भी घोषणा की। (भाषा)
जिनेवा, 10 अप्रैल भारत में 2022 में हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण के कुल 3.50 करोड़ मामले सामने आए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण की संख्या के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
हेपेटाइटिस यकृत की सूजन होती है, जिसके कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं और यह जानलेवा भी हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ की ओर से मंगलवार को जारी वैश्विक हेपेटाइटिस रिपोर्ट-2024 के अनुसार 2022 में दुनिया भर में 25.40 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हुए जबकि हेपेटाइटिस सी से पीड़ित होने वाले लोगों की संख्या पांच करोड़ रही।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार भारत में 2022 में हेपेटाइटिस बी के 2.98 करोड़ मामले सामने आए जबकि हेपेटाइटिस सी से संक्रमित होने वालों की संख्या 55 लाख रही।
चीन में हेपेटाइटिस बी और सी के मामलों की कुल संख्या 8.3 करोड़ रही जो विश्व भर में सामने आए कुल मामलों का 27.5 प्रतिशत है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हेपेटाइटिस बी और सी के कुल 3.5 करोड़ मामले सामने आए जो दुनियाभर में सामने आए कुल मामलों का 11.6 प्रतिशत है।
हेपेटाइटिस वायरस के पांच मुख्य प्रकार हैं, जिन्हें प्रकार ए, बी, सी, डी और ई कहा जाता है। हालांकि, वे सभी यकृत रोग का कारण बनते हैं, वे संचरण के तरीकों, बीमारी की गंभीरता, भौगोलिक वितरण और रोकथाम के तरीकों सहित महत्वपूर्ण तरीकों से भिन्न होते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को बताया कि विश्व में हेपेटाइटिस के कारण जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह बीमारी वैश्विक स्तर पर मौत का दूसरा प्रमुख संक्रामक कारण है। दुनिया भर में हेपेटाइटिस के संक्रमण के कारण प्रत्येक वर्ष करीब 13 लाख लोगों की मौत होती है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के 187 देशों के नए आंकड़ों से पता चलता है कि हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की अनुमानित संख्या 2019 में 11 लाख से बढ़कर 2022 में 13 लाख हो गई है। इनमें से 83 प्रतिशत मौतें हेपेटाइटिस बी के कारण जबकि 17 प्रतिशत मौतें हेपेटाइटिस सी के कारण होती हैं।
डब्ल्यूएचओ ने विश्व हेपेटाइटिस शिखर सम्मेलन में जारी इस रिपोर्ट में कहा, ‘‘प्रतिदिन, हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण के कारण दुनिया में 3,500 लोगों की मौत हो रही है।’’
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा, ‘‘यह रिपोर्ट एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करती है: हेपेटाइटिस संक्रमण को रोकने में विश्व स्तर पर प्रगति के बावजूद, मौतें बढ़ रही हैं क्योंकि हेपेटाइटिस से पीड़ित बहुत कम लोगों का निदान और उपचार किया जा रहा है।’’ (भाषा)
वाशिंगटन, 10 अप्रैल भारत के जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि को जनता के कल्याण और मानवता के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए अमेरिका के ‘प्रेसिडेंट्स गोल्ड वालेंटियर सर्विस’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
भारत में ‘अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र’ के संस्थापक मुनि को मंगलवार को अमेरिका के संसद भवन में डेमोक्रेटिक सांसद ब्रैड शर्मन ने इस पुरस्कार से सम्मानित किया।
राष्ट्रपति जो बाइडन के हस्ताक्षर वाले प्रशस्तिपत्र में कहा गया,‘‘ मैं जन कल्याण में आपके योगदान के लिए आपको मुबारकबाद देता हूं साथ ही इस महान देश और मानवता की सेवा के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं।’’
‘प्रेसिडेंट्स वॉलेंटियर सर्विस अवार्ड’ का चयन अमेरिकी सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी ‘अमेरीकॉर्प्स’ करती है।
प्रशस्तिपत्र में कहा गया है,‘‘ अमेरिका की कहानी हममें से किसी एक पर आधारित नहीं है और न ही हममें से कुछ पर, बल्कि यह हम सब पर आधारित है। जन कल्याण का जिम्मा खुद ही संभालने के लिए मैं आपको बधाई देता हूं और आपको ‘प्रेसिड़ेंट्स गोल्ड वॉलेंटियर सर्विस अवार्ड’ प्रदान करके इस देश में 500 घंटों की सेवा को रेखांकित करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। ’’
जैन मुनि ने कहा कि उनको प्रदान किया गया पुरस्कार जैन धर्म के सिद्धांतों, इसके संस्थापक भगवान महावीर और समृद्ध भारतीय संस्कृति का सम्मान है।
जैन मुनि ने राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रति आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि अमेरिका और भारत मानवता के कल्याण के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। (भाषा)
मेलबर्न, 10 अप्रैल । क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के पूर्व अध्यक्ष जैक क्लार्क का एडिलेड में 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया है, शासी निकाय ने बुधवार को यह जानकारी दी। क्लार्क 1999 में निदेशक के रूप में सीए बोर्ड में शामिल हुए और 2008 से 2011 तक इसके अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
उन्होंने दक्षिण ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन (एसएसीए) में निदेशक के रूप में भी 21 साल बिताए और 2012 में उन्हें एसएसीए का मानद आजीवन सदस्य बनाया गया। सीए अध्यक्ष के रूप में, क्लार्क ने कई महत्वपूर्ण पदों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें प्रशासन और उच्च प्रदर्शन में कमीशनिंग रिपोर्ट शामिल थीं। जिसने इन क्षेत्रों में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की प्रथाओं को आकार देने और आधुनिकीकरण करने और बिग बैश लीग के शुभारंभ में मदद की।
सीए के चेयरमैन माइक बेयर्ड ने कहा, "जैक ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और एसएसीए के साथ अपनी प्रमुख भूमिकाओं में ऑस्ट्रेलियाई, दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उत्कृष्ट योगदान दिया था और पूरे खेल में उन्हें जानने वाले सभी लोग उन्हें बहुत पसंद करते थे। प्रशासन और उच्च प्रदर्शन सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जैक का नेतृत्व विशेष रूप से उल्लेखनीय था। उस समय के दौरान जब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा, खेल के प्रति जैक का जुनून तुरंत किसी को भी दिखाई देने लगा जिसने उसके साथ क्रिकेट में एक दिन का आनंद लिया।''
बेयर्ड ने कहा, "क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की ओर से, मैं जैक की पत्नी सू, उनकी बेटियों जॉर्जी और लुसी, उनके विस्तारित परिवार और कई दोस्तों, उन सभी भाग्यशाली लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं जो उन्हें जानते हैं।"
1954 में रेनमार्क में जन्मे क्लार्क ने दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई प्रीमियर क्रिकेट प्रतियोगिता में ग्लेनेल्ग क्रिकेट क्लब के लिए खेला, इसके बाद एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया। क्लार्क केरी पैकर क्रिकेट फाउंडेशन के निदेशक, लॉर्ड्स टैवर्नर्स क्लब के सदस्य और दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई ब्रैडमैन लाइब्रेरी अपील समिति के सदस्य भी थे।
सभी स्तरों पर क्रिकेट के प्रति उनका विशाल उत्साह स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट प्रशासन में उनके लंबे और सफल करियर के लिए प्रेरणा था, जिसमें आईसीसी में ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना भी शामिल था।
"एसएसीए बोर्ड में जैक के 21 साल दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है और खेल के प्रति उनका जुनून उन सभी के लिए स्पष्ट था जो उन्हें जानते थे।
विल रेनर ने कहा, "जैक खेल के सच्चे पात्रों में से एक था। उसकी हंसी और जीवन के प्रति उत्साह प्रभावशाली था और हम उसे बहुत याद करेंगे। इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं उसकी पत्नी सू और बेटियों जॉर्जी और लुसी के साथ हैं।"
(आईएएनएस)
वेलिंगटन, 10 अप्रैल । न्यूजीलैंड के पूर्व लेग स्पिनर जैक अलबास्टर का 93 साल की उम्र में मंगलवार देर रात क्रॉमवेल में निधन हो गया। देश की क्रिकेट संचालन संस्था ने यह जानकारी दी है।
अलबास्टर ने 1955-1972 तक 21 टेस्ट खेले, जिसमें 12 वर्षों (1956 से 1968 तक) में फैले प्रारूप में न्यूजीलैंड द्वारा हासिल की गई पहली चार जीतें शामिल थीं, और ऐसा करने वाले वह एकमात्र खिलाड़ी थे। कुल मिलाकर, उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए अपने टेस्ट करियर में 38.02 की औसत से 49 विकेट लिए।
न्यूजीलैंड क्रिकेट ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, "न्यूजीलैंड क्रिकेट को लेग स्पिनर जैक अलबास्टर के निधन पर गहरा दुख हुआ है, जिनका कल रात 93 वर्ष की आयु में क्रॉमवेल में निधन हो गया। साउथलैंड और @ओटागोक्रिकेट के चैंपियन, जैक ने 1955-1972 तक 21 टेस्ट खेले (न्यूजीलैंड क्रिकेट द्वारा हासिल की गई पहली चार जीत सहित) 38.02 की औसत से 49 विकेट लिए।''
न्यूजीलैंड के क्रिकेटर के रूप में, अलबास्टर ने 1955-56 में भारत और पाकिस्तान, 1958 में इंग्लैंड, 1961-62 में दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया और 1971-72 में वेस्ट इंडीज की यात्रा के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत किया।
घरेलू क्रिकेट में ओटागो का प्रतिनिधित्व करते हुए स्पिनर ने 143 मैचों में 500 प्रथम श्रेणी विकेट लिए। अपने खेल करियर के समाप्त होने के बाद, अलबास्टर ने इन्वरकार्गिल में किंग्सवेल हाई स्कूल के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया और 1981 में उसी शहर में साउथलैंड बॉयज़ हाई स्कूल के रेक्टर के रूप में भी काम किया।
उनके परिवार में उनके छोटे भाई, ग्रेन अलबास्टर हैं, जो वर्तमान में 90 वर्ष के हैं और ओटागो के लिए 96 प्रथम श्रेणी मैच खेलने के बाद न्यूजीलैंड के पूर्व चयनकर्ता और प्रबंधक थे।
अलबास्टर के निधन के बाद अब ट्रेवर मैकमोहन, जो अभी 94 वर्ष के हैं, न्यूजीलैंड के सबसे उम्रदराज़ जीवित टेस्ट खिलाड़ी बन गए हैं।
(आईएएनएस)
हिग्स बोसोन की खोज करने वाले वैज्ञानिक पीटर हिग्स का निधन हो गया है. उनकी खोज को सदी की सबसे बड़ी खोजों में गिना जाता है.
पीटर हिग्स नहीं रहे. हिग्स बोसोन जैसी सदी की सबसे बड़ी खोजों में से एक करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता पीटर हिग्स का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. एडिनबरा यूनिवर्सिटी ने बताया है कि पीटर हिग्स ने कुछ समय तक बीमार रहने के बाद सोमवार को अंतिम सांस ली. वह यूनिवर्सिटी में मानद प्रोफेसर थे.
1964 में पीटर हिग्स ने एक ऐसा सिद्धांत दिया, जिससे ब्रह्मांड के बारे में इंसान की पूरी समझ को नया आयाम मिला था. उन्होंने एक नए कण की मौजूदगी की बात कही, जिसे बाद में उन्हीं के नाम पर हिग्स बोसोन के नाम से जाना गया.
क्या है हिग्स का सिद्धांत?
हिग्स ने कहा कि हिग्स बोसोन एटम से भी छोटा एक कण ब्रह्मांड में मौजूद है. वैज्ञानिकों ने इसे ‘गॉड पार्टिकल‘ यानी ईश्वरीय कण कहा. हिग्स का कहना था कि इस कण की मौजूदगी होनी चाहिए क्योंकि इससे ही ब्रह्मांड में छोटे से कणों से लेकर ग्रहों और सितारों तक के भार का होना साबित होता है.
हिग्स के मुताबिक अगर यह कण नहीं है तो पूरे यूनिवर्स को समझाने वाले तमाम भौतिकीय सिद्धांत और उन्हें साबित करने वाले समीकरण गलत साबित हो जाते हैं. हिग्स के इस सिद्धांत ने वैज्ञानिकों की ब्रहमांड के सबसे बड़े सवाल को सुलझाने की दिशा में नया रास्ता दिखाया कि 13.8 अरब साल पहले बिग बैंग क्यों हुआ. अगर हिग्स बोसोन नहीं होते तो आज हम जो भी कुछ अपने आस-पास देखते हैं, उसका वजूद ना होता.
पीटर हिग्स ने 1964 में सैद्धांतिक रूप में यह बात कही थी लेकिन उसकी पुष्टि होते-होते 50 साल लग गए. 2012 में यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संस्थान (CERN) एक विशाल परमाणु प्रयोग के जरिए साबित किया कि ‘गॉड पार्टिकल‘ ब्रह्मांड में मौजूद हैं.
सबसे बड़े प्रयोग का आधार
इसके लिए स्विट्जरलैंड और फ्रांस की सीमा पर 10 अरब डॉलर के खर्च से 27 किलोमीटर लंबी एक सुरंग बनाई गई. इस सुरंग में बनाई गई ट्यूब, जिसे लार्ज हैड्रन कोलाइडर कहा जाता है, के भीतर अणुओं को तोड़कर देखा गया तो पाया गया कि ईश्वरीय कण या हिग्स बोसोन मौजूद हैं.
यह पूरा प्रयोग हिग्स पार्टिकल की खोज के लिए ही डिजाइन किया गया था. इसमें उसी तरह की ऊर्जा का प्रयोग किया गया जैसा बिग बैंग में हुआ होगा. पूरी परिस्थिति वैसी ही थी जैसे बिग बैंग होने के बाद सेकेंड के 10 खरबवें हिस्से में रही होंगी.
इस खोज के बाद 2013 में पीटर हिग्स को बेल्जियम के फ्रांस्वा एंग्लेर्ट के साथ संयुक्त रूप से फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार दिया गया. एंग्लेर्ट ने भी यही सिद्धांत दिया था और इस पर वह हिग्स की नकल करके नहीं बल्कि खुद अपने शोध से पहुंचे थे.
पीटर हिग्स को एडिनबरा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पीटर मैथीसन ने एक ‘असाधारण इंसान‘ बताया. उन्होंने कहा कि हिग्स एक बेहद प्रतिभाशाली वैज्ञानिक थे जिन्होंने अपने जगत को समझने के लिए हमारी कल्पना को नए आयाम दिए. मैथीसन ने कहा, "उनकी शानदार खोज ने बहुत से वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया है और उनकी विरासत आने वाली कई पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.”
हिग्स का जन्म 29 मई 1929 को उत्तरी इंग्लैंड के न्यू कासल में हुआ था. लंदन यूनिवर्सिटी के किंग्स कॉलेज से पढ़ने वाले हिग्स को 1954 में डॉक्टेरट मिली. उन्होंने अपना अधिकतर समय एडिनबरा में ही बिताया, जहां 1980 में वह स्कॉटिश यूनिवर्सिटी में सैद्धांतिक फिजिक्स विभाग के अध्यक्ष बने. 1996 में वह रिटायर हो गए.
भावकु इंसान
2013 में वह जेनेवा की उस सर्न प्रयोगशाला में गए जहां हिग्स बोसोन के वजूद को साबित किया गया था. भाषण देते हुए वह भावुक हो गए और उनकी आंखें भर आईं.
सर्न प्रयोगशाला की महानिदेशक फाबियोला जियानोती ने उस पल को याद करते हुए कहा, "वहां माहौल बहुत भावुक हो गया था. पूरे ऑडिटोरियम में एक तरह की जज्बाती लहर थी. पेशेवर जिंदगी का वह एक अनूठा पल था, एक बेहद अनूठा अनुभव."
जियानोती ने कहा, "पीटर बहुत प्यारे इंसान थे. वह बहुत मीठे थे और बहुत गर्मजोश भी. वह हमेशा इसमें दिलचस्पी रखते थे कि दूसरों को क्या कहना है. वह दूसरों को सुन सकते थे. वह खुले, दिलचस्प और दिलचस्पी रखने वाले व्यक्ति थे.”
जियोनाती बताती हैं कि हिग्स बोसोन को ‘गॉड पार्टिकल‘ कहना उन्हें पसंद नहीं था और वह अक्सर इसके बारे में बोलते थे. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि उन्हें इस तरह की परिभाषा पसंद थी. यह उनका स्टाइल नहीं था."
वीके/एए (एएफपी, रॉयटर्स)
संयुक्त राष्ट्र, 10 अप्रैल । भारत विदेशी निवेश का एक 'मजबूत' प्राप्तकर्ता बना हुआ है, क्योंकि बहुराष्ट्रीय कंपनियां इसे आपूर्ति श्रृंखला के लिए वैकल्पिक विनिर्माण आधार के रूप में पहचानती हैं। यह बात संयुक्त राष्ट्र ने कही।
सतत विकास के लिए वित्तपोषण - 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, "बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी से भारत को फायदा हो रहा है, जो विकसित अर्थव्यवस्थाओं की आपूर्ति श्रृंखला और विविधीकरण रणनीतियों के संदर्भ में देश को एक वैकल्पिक विनिर्माण आधार के रूप में देखते हैं।"
मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि विकासशील देशों के बड़े हिस्से के विपरीत दक्षिण एशिया, खासकर भारत में निवेश मजबूत बना हुआ है।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए "वैकल्पिक विनिर्माण आधार" के रूप में भारत की भूमिका पर चर्चा करते हुए रिपोर्ट में सीधे तौर पर चीन का उल्लेख नहीं किया गया है, जो भू-राजनीतिक मुद्दों के कारण विकास के पीछे प्रेरक कारक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और कुछ अन्य देशों के विपरीत समग्र रूप से विकासशील दुनिया "चौंकाने वाले कर्ज के बोझ और आसमान छूती उधारी लागत" के कारण "स्थायी विकास संकट" का सामना कर रही है।
इसमें कहा गया है, ''ये विकासशील देशों को उनके सामने आने वाले संकटों का जवाब देने से रोकते हैं।''
संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना जे.मोहम्मद ने कहा, "हम वास्तव में एक चौराहे पर हैं और समय खत्म होता जा रहा है। नेताओं को बयानबाजी से आगे बढ़ना चाहिए और अपने वादों को पूरा करना चाहिए। पर्याप्त वित्तपोषण के बिना 2030 (संयुक्त राष्ट्र सतत विकास) लक्ष्यों को पूरा नहीं किया जा सकता।"
रिपोर्ट जारी होने पर एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, "हम एक सतत विकास संकट का सामना कर रहे हैं, जिसमें असमानताओं, मुद्रास्फीति, ऋण, संघर्ष और जलवायु आपदाओं ने योगदान दिया है।"
अमीना ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद बनाए गए वैश्विक वित्तीय संस्थान अब प्रासंगिक नहीं रह गए हैं और समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए तत्काल सुधार की जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिक्स द्वारा बनाया गया न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) 2022 और 2026 के बीच अपने 30 फीसदी कर्ज राष्ट्रीय मुद्राओं में जारी करने की योजना बना रहा है, जिसमें भारतीय रुपये-मूल्य वाले बॉन्ड भी शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि "विकास वित्तपोषण अंतर को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर वित्त जुटाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, जो अब सालाना 4.2 ट्रिलियन डॉलर हो जाने का अनुमान है, जो कोविड-19 महामारी से पहले 2.5 ट्रिलियन डॉलर था, उससे ज्यादा है।"
इसमें चेतावनी दी गई है, "बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, जलवायु आपदाएं और वैश्विक जीवन-यापन संकट ने अरबों लोगों को प्रभावित किया है, जिससे स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य विकास लक्ष्यों पर प्रगति प्रभावित हुई है।"
(आईएएनएस)
हांगकांग, 10 अप्रैल। हांगकांग की एक बड़ी इमारत में आग लगने से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 27 अन्य लोग घायल हो गए।
हांगकांग के जॉर्डन में ‘न्यू लकी हाउस’ नामक इमारत में लगी आग को सुबह बुझा दिया गया लेकिन पुलिस ने कहा कि इमारत के भीतर मौजूद लोग अब भी मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं। इस इमारत में अधिकतर आवासीय इकाइयां हैं।
प्राधिकारियों ने बताया कि सुबह सात बजकर 53 मिनट पर आग लगने की सूचना मिलने के बाद दमकलकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे।
पुलिस ने बताया कि तीन पुरुषों और दो महिलाओं की मौत हो गई है।
‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ सहित स्थानीय मीडिया ने बताया कि इमारत की पहली मंजिल पर स्थित एक जिम में आग लगी। ‘न्यू लकी हाउस’ में 200 इकाइयां हैं और इसका निर्माण 1964 में किया गया था।
प्रशासन के मुख्य सचिव एरिक चैन ने कहा कि वह आग लगने की इस घटना से स्तब्ध एवं दुखी हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी।(एपी)
( ललित के झा )
वाशिंगटन, 10 अप्रैल। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और देश की प्रथम महिला डॉ. जिल बाइडन ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनकी पत्नी युको किशिदा का मंगलवार शाम व्हाइट हाउस में स्वागत किया और शहर के एक रेस्तरां में उनके साथ रात्रि भोज किया।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों के तहत बाइडन ने बुधवार को जापान के प्रधानमंत्री को राजकीय रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले साल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राजकीय यात्रा पर आमंत्रित किया था।
राष्ट्रपति और प्रथम महिला ने फुमियो किशिदा और युको किशिदा का व्हाइट हाउस में स्वागत किया।
बाइडन और जिल ने उन्हें हाथ से बनाई गई एक मेज उपहार में दी है। तीन पायों वाली यह मेज पेंसिल्वेनिया स्थित जापानी अमेरिकी स्वामित्व वाली कंपनी ने तैयार की है।
जापान के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को उपहार में दी गई मेज 17 इंच की है। यह काले अखरोट की लकड़ी से तैयार की गई है। यह उत्तरी अमेरिका की सबसे कीमती लकड़ियों में से एक है। मेंज पर आधिकारिक यात्रा की स्मृति पट्टिका भी लगाई गई है।
बाइडन ने जापानी प्रधानमंत्री को और भी वस्तुएं उपहार में दीं।
अमेरिका की प्रथम महिला ने किशिदा को ‘योशिनो चेरी ट्री’ की एक पेंटिंग उपहार में दी है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने कहा, ''यह आधिकारिक राजकीय यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच उस विकास पर आधारित होगी जो अधिक सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाने के साथ-साथ हमारी जनता के लिए आपसी समृद्धि को बढ़ाने की दिशा में भी कारगर साबित होगा।''
उन्होंने कहा, ''राजकीय यात्रा के दौरान जापान के प्रधानमंत्री और अमेरीकी राष्ट्रपति रक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के साथ-साथ अंतरिक्ष, आर्थिक निवेश, जलवायु परिवर्तन से निपटने, वैश्विक कूटनीति में समन्वय और हमारे लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने सहित सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।''
एनएसए के मुताबिक, दोनों नेता रक्षा और सेनाओं के सहयोग को बढ़ाने के उपायों भी बातचीत करेंगे।
सुलिवन ने एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, "जैसे-जैसे हम अंतरिक्ष अन्वेषण और चंद्रमा पर वापसी की दिशा में आगे बढ़ेंगे तो हमें अंतरिक्ष में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल होंगी।"
उन्होंने कहा, ''एआई, क्वांटम, सेमीकंडक्टर और स्वच्छ ऊर्जा जैसी महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर हमारे अग्रणी संस्थानों के बीच महत्वपूर्ण अनुसंधान साझेदारी की घोषणाएं होंगी। यह सब हमारे आर्थिक संबंधों और आर्थिक सुरक्षा को और मजबूत करेगा और इस दौरान कई महत्वपूर्ण वाणिज्यिक सौदों का भी ऐलान किया जायेगा।'' (भाषा)
जिनेवा, 10 अप्रैल। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को कहा कि वायरल हेपेटाइटिस के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ रही है और इस संक्रामक बीमारी से वैश्विक स्तर पर रोजाना 3,500 और प्रतिवर्ष 13 लाख लोगों की मौत हो रही है।
‘डब्ल्यूएचओ 2024 ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट’ में कहा गया है कि 187 देशों के नए डेटा से पता चलता है कि वायरल हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की अनुमानित संख्या 2019 में 11 लाख से बढ़कर 2022 में 13 लाख हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 83 प्रतिशत मौत हेपेटाइटिस बी के कारण और 17 प्रतिशत मौत हेपेटाइटिस सी के कारण हुईं।
विश्व हेपेटाइटिस शिखर सम्मेलन में जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण के कारण वैश्विक स्तर पर रोजाना 3,500 लोग मर रहे हैं।’’
हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण के करीब दो तिहाई मामले सामूहिक रूप से बांग्लादेश, चीन, इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपीन, रूस और वियतनाम में हैं।
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने एक बयान में कहा कि 2025 तक इन 10 देशों में संक्रमण की रोकथाम, निदान और उपचार तक लोगों की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना और इस दिशा में अफ्रीकी क्षेत्र में गहन प्रयास करना सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के वास्ते वैश्विक प्रतिक्रिया को पटरी पर लाने के लिए आवश्यक हैं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने भी हेपेटाइटिस के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की और इससे निपटने में देशों की मदद करने की प्रतिबद्धता जताई। (भाषा)
मिलान, 10 अप्रैल। उत्तरी इटली में दशकों पुराने एक जलविद्युत संयंत्र में मंगलवार को हुए विस्फोट में कम से कम तीन श्रमिकों की मौत हो गई और पांच श्रमिक घायल हो गए तथा चार अन्य लोग लापता हैं। क्षेत्रीय अग्निशमन प्रमुख ने यह जानकारी दी।
क्षेत्रीय अग्निशमन प्रमुख फ्रांसेस्को नोटारो ने ‘स्काई टीजी24’ को बताया कि बोलोग्ना के दक्षिण में बिजली कंपनी एनेल के बर्गी संयंत्र में रखरखाव के काम के दौरान हुए विस्फोट से नौ मंजिला भूमिगत संरचना का एक हिस्सा ढह गया, जिससे आग लग गई और 60 मीटर (200 फुट) की गहराई में बाढ़ आ गई।
इमारत की हालत को देखते हुए लापता लोगों को तलाश में बहुत सावधानी बरती जा रही है। गोताखोर उन्हें खोजने में मदद कर रहे हैं। बचाव अभियान के रात तक चलने की संभावना है।
अग्निशामकों द्वारा उपलब्ध कराए गए वीडियो में झील के किनारे स्थित बिजली संयंत्र में जमीन के नीचे से धुआं उठता दिखाई दे रहा है।
निकटवर्ती शहर कैमुग्नानो के मेयर मार्को मासिनारा ने ‘स्काई’ से कहा, ‘‘यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक बिजली संयंत्र है। एनेल कंपनी 50 साल से इसका प्रबंधन कर रही है। इससे कई परिवारों को रोजगार मिला है। यहां आज तक कभी कुछ नहीं हुआ। ...हमारी दुनिया ढह गई।’’
उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती तीन लोगों की हालत गंभीर है, जबकि अन्य दो को कम चोटें आई हैं।
कृत्रिम सुवियाना झील का निर्माण 1928-32 में एक बांध के निर्माण से हुआ था और यह बोलोग्ना से लगभग 70 किलोमीटर (40 मील) दक्षिण पश्चिम में 500 मीटर (1,640 फुट) की ऊंचाई पर एक क्षेत्रीय उद्यान में स्थित है।
‘एनेल ग्रीन पावर’ ने एक बयान में कहा कि बांध को कोई नुकसान नहीं हुआ है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी साल्वातोर बर्नबेई घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए घटनास्थल पहुंचे। कंपनी ने पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि वह इस ‘‘खौफनाक’’ समाचार पर नजर रखे हुए हैं और उन्होंने पीड़ितों एवं उनके परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की है। (एपी)
इसराइल के रफ़ाह में सैन्य अभियान शुरू करने के बयान के बीच हमास ने कहा है कि इसराइल की ये चेतावनी इसराइली बंधकों को छोड़े जाने के बदले संघर्षविराम को लेकर हो रही वार्ता पर सवाल खड़ी करती है.
हमास के प्रवक्ता समी अबू ज़हरी ने कहा है कि मिस्र में मध्यस्थों ने जो प्रस्ताव दिए हैं, समूह उसकी समीक्षा कर रहा है लेकिन उन्होंने इसराइली पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू के बयान की निंदा की है.
नेतन्याहू ने सोमवार को कहा था कि रफ़ाह में सैन्य अभियान के लिए तारीख तय कर ली गई है.
फ्रांस, जॉर्डन और मिस्र ने इसराइल से कहा है कि वो रफ़ाह में इस तरह की कार्रवाई न करें क्योंकि यहां बड़ी संख्या में फ़लस्तीनी लोगों ने शरण लिया हुआ है.
अमेरिका भी इस अंतरराष्ट्रीय कोशिश में शामिल हो गया है.
मिस्र के अधिकारियों ने बताया है कि मध्यस्थों की तरफ़ से संघर्षविराम के लिए पेश प्रस्ताव में छह सप्ताह का संघर्ष विराम है शामिल है. इसके बदले प्रस्ताव रखा गया है कि हमास 40 बंधकों को रिहा करेगा और इसराइल, कै़द में रह रहे कम से कम 700 फ़लस्तीनियों को छोड़ेगा. (bbc.com/hindi)
नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक पीटर हिग्स का 94 साल की आयु में निधन हो गया है.
उन्हें गॉड पार्टिकल की खोज के लिए जाना जाता है. इसके तहत ये समझाने में मदद मिली कि बिग बैंग के बाद सृष्टि की रचना कैसे हुई.
उन्हें साल 2013 में हिग्स-बोसोन सिद्धांत के लिए संयुक्त रूप से भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
1960 के दशक में हिग्स और अन्य भौतिकविदों ने यह समझने की कोशिश की कि ब्रह्मांड आखिर किस चीज़ से बना है.
इसी कोशिश में उन्होंने भौतिकी के मूल सवाल के जवाब को तलाशने की कोशिश की. साल 2012 में वैज्ञानिकों ने इस पर जानकारी हासिल कर ली, इसका नाम हिग्स बोसोन रखा गया.
अमेरिका के मिशिगन में गोलीबारी करने वाले एक किशोर के माता-पिता को अदालत ने 10 और 15 साल की कैद की सज़ा सुनाई है. इस गोलीबारी में चार छात्रों की मौत हुई थी.
पहले बच्चे के माता-पिता के लिए सात साल की सज़ा का सुझाव दिया गया लेकिन अभियोजन पक्ष ने इसे बढ़ाने की मांग की थी.
जेम्स और जेनिफ़र क्रम्बली मंगलवार को सज़ा के एलान के समय अदालत में पेश हुए थे.
दोनों ने अपने बेटे के हमले के प्रति खेद जताया. एक ऐतिहासिक मामले में जूरी के सदस्यों ने एथान क्रम्बली के माता-पिता को उनके बेटे के किए कत्लेआम का गैर-इरादतन दोषी पाया.
जज शेरील मैथ्यूज़ ने कहा कि माता-पिता को दी गई 10 और 15 साल की कैद भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने में मदद करेगा.
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि बच्चे के माता पिता ने साफ़ तौर पर अपने बेटे की गिरते मानसिक स्वास्थ्य को अनदेखा किया. साथ ही साल 2021 में हुए हमले के लिए युवक ने जिस बंदूक का इस्तेमाल किया था, वह भी माता-पिता ने ही खरीद के दी थी.
हमले के समय युवक की उम्र 15 साल थी और उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड हाई स्कूल में सेमी-ऑटोमैटिक बंदूक से गोलीबारी की थी, जिसमें चार छात्रों की मौत हुई थी और सात घायल हुए थे.
फिलहाल ये युवक बिना पैरोल के मिली सज़ा के तहत जेल में है. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 9 अप्रैल। ऑनलाइन टैक्सी बुक करने की सेवा देने वाली कंपनी ओला ने ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अपना कामकाज समेटने का निर्णय किया है। कंपनी भारत में अपने कारोबार पर ध्यान देना जारी रखेगी।
ओला की प्रवर्तक एएनआई टेक्नोलॉजीज ने मंगलवार को कहा कि कंपनी को भारत में विस्तार की काफी संभावना दिख रही है।
ओला मोबिलिटी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारा कामकाज तेजी से बढ़ रहा है और हम भारत में लाभदायक स्थिति में और क्षेत्र में अगुवा बने हुए हैं। न केवल व्यक्तिगत परिवहन में बल्कि ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग कारोबार में भविष्य इलेक्ट्रिक है। साथ ही भारत में विस्तार के लिए काफी अवसर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ हमने अपनी प्राथमिकताओं का फिर से मूल्यांकन किया है और ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अपने ‘राइड-हेलिंग’ कारोबार (ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग सेवा) को मौजूदा स्वरूप में बंद करने का फैसला किया है।’’
कंपनी ने 2018 में विभिन्न चरणों में ये परिचालन शुरू किया था।
शेयर बाजार को दी गयी सूचना के अनुसार एएनआई टेक्नोलॉजीज का एकीकृत शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 2022-23 में कम होकर 772.25 करोड़ रुपये रहा। कंपनी को वित्त वर्ष 2021-22 में 1,522.33 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ था।
कंपनी की परिचालन आय वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 48 प्रतिशत बढ़कर 2,481.35 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 1,679.54 करोड़ रुपये थी। (भाषा)
इस्लामाबाद, 9 अप्रैल पाकिस्तान में रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सुरक्षा पर हर महीने 12 लाख रुपये का खर्च आ रहा है।
जेल अधिकारियों की ओर से लाहौर उच्च न्यायालय में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 71 वर्षीय खान को जेल परिसर के अंदर विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं जिसमें पांच लाख रुपये की लागत से पृथक सीसीटीवी प्रणाली शामिल है। यह सात हजार कैदियों की निगरानी करने वाली प्रणाली से अलग है।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, खान का खाना सहायक अधीक्षक की निगरानी में एक अलग रसोई में पकाया जाता है और भोजन परोसे जाने से पहले मेडिकल अधिकारी या उपाधीक्षक उसकी जांच करते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य की जांच और इलाज के लिए ‘होली फैमिली हॉस्पिटल’ के छह से अधिक डॉक्टरों की टीम वहां मौजूद है। इसके अलावा एक विशेषज्ञ दल उनकी नियमित जांच करता है।
खान के पास सात विशेष कोठरी में से दो हैं जबकि पांच अन्य कोठरियों को सुरक्षा कारणों से बंद रखा गया है। इन कोठरियों में करीब 35 कैदियों को रखा जाता है।
खान की कोठरी तक पहुंच सीमित है, प्रवेश के लिए अनुमति की जरूरत होती है और उनके वार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पेशेवर रूप से प्रशिक्षित कर्मियों को नियुक्त किया गया है।
खान की सुरक्षा में 15 कर्मी लगे हैं, जिनमें दो सुरक्षा अधिकारी और तीन उनकी निजी सुरक्षा के लिए हैं।
इसके अलावा, जेल परिसर में एक निर्दिष्ट क्षेत्र इमरान खान के टहलने के लिए निर्धारित किया गया है, जहां व्यायाम मशीन और अन्य सुविधाएं हैं।
रिपोर्ट में अडियाला जेल की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जेल पुलिस, रेंजर्स और जिला पुलिस के सहयोगात्मक प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई है। (भाषा)
रियो डी जेनेरो, 9 अप्रैल । चार बार के ब्राजीलियाई सीरी ए चैंपियन क्रूजेरियो ने अर्जेंटीना के मैनेजर निकोलस लार्कमोन को चार महीने से भी कम समय के बाद बर्खास्त कर दिया है।
यह घोषणा क्रूजेरियो की रविवार को स्थानीय प्रतिद्वंद्वी एटलेटिको माइनिरो से 3-1 की हार के बाद हुई, जिसके परिणामस्वरूप मिनस गेरैस राज्य चैंपियनशिप के फाइनल में निकोलस लार्कमोन की टीम को कुल 5-3 की हार झेलनी पड़ी।
क्रूजेरियो की वेबसाइट पर एक बयान में कहा गया है, "हमने निकोलस लार्कमोन को टीम के प्रभारी के रूप में उनके कर्तव्यों से मुक्त करने का फैसला किया है। हम इस क्लब के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहते हैं और भविष्य में उनकी हर सफलता की कामना करते हैं।"
दिसंबर में पाउलो ऑटोउरी की जगह लेने के बाद लार्कमोन ने बेलो होरिज़ोंटे टीम का सात जीत, चार ड्रॉ और तीन हार में नेतृत्व किया।
क्रूजेरियो पिछले साल 20 टीमों की ब्राज़ीलियाई सीरी ए स्टैंडिंग में 14वें स्थान पर रहा था, जो कि रेलीगेशन ज़ोन से केवल चार अंक आगे था।
वे अपने 2024 लीग अभियान की शुरुआत 14 अप्रैल को बोटाफोगो के खिलाफ घरेलू मुकाबले से करेंगे।
क्रूजेरियो का स्वामित्व महान ब्राज़ीलियाई स्ट्राइकर रोनाल्डो के पास है, जिन्होंने दिसंबर 2018 में क्लब में हिस्सेदारी खरीदी थी।
(आईएएनएस)
जकार्ता, 9 अप्रैल । इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत पश्चिमी पापुआ में मंगलवार को 6.0 तीव्रता का भूकंप आया, लेकिन सुनामी की चेतावनी नहीं दी गई है।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, वहां की जियोफिजिक्स एजेंसी ने शुरुआत में भूकंप की तीव्रता 6.1 बताई थी लेकिन फिर बाद में इसे संशोधित किया।
एजेंसी ने कहा, भूकंप जकार्ता के समय के अनुसार मंगलवार सुबह 07.02 बजे आया, जिसका केंद्र रानसिकी शहर से 46 किमी दक्षिणपूर्व में और समुद्र तल से 11 किमी की गहराई में स्थित था।
इसमें कहा गया है कि भूकंप के झटके काफी दूर तक महसूस किए गए।
एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की है। भूकंप के झटकों से लहरें नहीं उठेंगी।
इंडोनेशिया एक द्वीपसमूह देश है जो रिंग ऑफ फायर के साथ स्थित है, इस कारण यहां भूकंप का खतरा बना रहता है।
(आईएएनएस)
कराची, 9 अप्रैल पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र बलूचिस्तान प्रांत में दो अलग-अलग बम विस्फोट हुए, जिसमें एक पुलिसकर्मी सहित तीन लोगों की मृत्यु हो गई तथा 20 अन्य लोग घायल हो गये। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पहली घटना के दौरान, सोमवार को प्रांत के क्वेटा जिले के कुचलक इलाके में एक मस्जिद में विस्फोट हुआ, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और 15 अन्य लोग घायल हो गये।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ''जब मस्जिद में विस्फोट हुआ, उस समय लोग मग़रिब की नमाज पढ़ रहे थे।''
दूसरी घटना के दौरान, बलूचिस्तान के खुजदार शहर में उमर फारूक चौक के पास एक बाजार में सोमवार को हुए बम विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह विस्फोट उस समय हुआ जब बाजार में ईद की खरीददारी करने के लिए महिलाओं और बच्चों की भीड़ थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ''इस विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। उन्होंने कहा कि सूचना मिलते ही पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन बल घटनास्थल पर पहुंचे। घायल व्यक्तियों और शवों को खुजदार टीचिंग अस्पताल ले जाया गया।
बम निरोधक दस्ते के अधिकारी दोनों स्थानों की जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उमर फारूक चौक और मस्जिद के पास खड़ी की गई मोटरबाइक में ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी) लगाए गए थे।
अधिकारी ने कहा, ''ऐसा लगता है कि मोटरबाइक में लगाए गए आईईडी को रिमोट के जरिये नियंत्रित किया गया था।''
बलूचिस्तान में हुए इस हमले की अब तक किसी भी प्रतिबंधित संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इस साल हाल के हफ्तों में प्रतिबंधित संगठनों और आतंकवादियों द्वारा प्रांत में कई आतंकी हमले किये गए हैं, जिसमें सुरक्षाबलों और प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया है।
प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पिछले दिनों बलूचिस्तान के माच, ग्वादर बंदरगाह और तुरबत में एक नौसैनिक अड्डे पर तीन बड़े आतंकी हमले करने का दावा किया था। इस हमले में सुरक्षाबलों ने लगभग 17 आतंकवादियों को मार गिराया था। (भाषा)
ब्रिटिश अखबार द गार्डियन ने 4 अप्रैल को एक रिपोर्ट में दावा किया था कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद से भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने पाकिस्तान के अंदर आतंकवादियों की हत्याएं की हैं.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
पाकिस्तान के भीतर संदिग्ध आतंकवादियों की कथित हत्याएं को लेकर छपी रिपोर्ट को भारत ने खारिज कर दिया था. भारत ने द गार्डियन अखबार की टारगेट किलिंग का दावा करने वाली रिपोर्ट को "झूठा और भारत विरोधी प्रचार" बताकर खारिज किया था.
अब अमेरिका ने भी इस बारे में प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से जब पूछा गया कि अमेरिका इस मामले को कैसे देखता है तो उन्होंने कहा कि हम इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं.
मिलर ने कहा, "अमेरिका इस मामले पर आई मीडिया रिपोर्ट पर ध्यान बनाए हुए है. हम इस मामले को लेकर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते और दोनों पक्षों से अनुरोध करेंगे कि वे तनाव से बचें और बातचीत के माध्यम से समाधान खोजें."
पाकिस्तान में "टारगेट किलिंग" का दावा
द गार्डियन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने 2019 के पुलवामा हमले के बाद से ऐसी 20 हत्याओं को अंजाम दिया है.
रिपोर्ट में पाकिस्तान द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों और सीमा के दोनों ओर के खुफिया अधिकारियों के इंटरव्यू का हवाला दिया गया है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि दिल्ली ने "उन लोगों को निशाना बनाने की नीति लागू की है जिन्हें वह भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण मानता है."
रिपोर्ट में कहा गया कि ये हत्याएं "भारतीय खुफिया एजेंसी के स्लीपर सेल द्वारा अंजाम दी जा रहीं थीं जो ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होती थीं."
अखबार ने दावा किया कि उसने रिपोर्ट के लिए भारतीय और पाकिस्तानी जासूसों से बात की, जिन्होंने आरोप लगाया कि "भारत सरकार ने विदेशी धरती पर रहने वाले आतंकवादियों को खत्म करने की एक व्यापक रणनीति के तहत पाकिस्तान में व्यक्तियों की हत्या की."
"पाकिस्तान में घुसकर मारेंगे"
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मीडिया रिपोर्ट के आने के बाद 5 अप्रैल को एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगर पड़ोसी देश के आतंकवादी भारत में शांति भंग करने की कोशिश करेंगे या भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करेंगे तो हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे.
राजनाथ ने कहा था, "अगर आतंकवादी सीमा पार पाकिस्तान भाग गए तो भारत उन्हें पड़ोसी देश में घुसकर मार गिराएगा. अगर कोई भारत को आतंकवाद से परेशान करेगा तो उसकी खैर नहीं है."
राजनाथ सिंह के बयान आने के एक दिन बाद पाकिस्तान ने भी प्रतिक्रिया दी थी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था भारत "भड़काऊ" टिप्पणी कर रहा है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, "पाकिस्तान आक्रामकता के किसी भी कृत्य के खिलाफ अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए तैयार है. पाकिस्तान ने हमेशा क्षेत्र में शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है."
आगे कहा गया, "इतिहास पाकिस्तान के दृढ़ संकल्प और अपनी रक्षा करने की क्षमता का गवाह है." (dw.com)
(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 9 अप्रैल। भारत ने रमजान के महीने में गाजा में युद्धविराम की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को ‘‘सकारात्मक कदम’’ बताया और कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष से पैदा हुआ मानवीय संकट ‘‘बिल्कुल अस्वीकार्य’’ है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने सोमवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कहा, ‘‘हम गाजा में जारी संघर्ष से बेहद चिंतित हैं। मानवीय संकट गहरा गया है और क्षेत्र एवं उसके बाहर अस्थिरता बढ़ रही है।’’
उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा 25 मार्च को एक प्रस्ताव पारित किये जाने को ‘‘सकारात्मक कदम’’ के रूप में देखता है।
कंबोज ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष के कारण बड़ी संख्या में नागरिक, विशेषकर महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस संघर्ष के कारण पैदा हुआ मानवीय संकट बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।’’
कंबोज ने कहा कि भारत संघर्ष में आम नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा करता है और किसी भी संघर्ष की स्थिति में यह अनिवार्य है कि आम नागरिकों की मौत की घटनाएं नहीं हों।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रमजान के दौरान गाजा में तत्काल संघर्षविराम के प्रस्ताव को पिछले महीने पारित किया था। इजराइल और हमास के बीच संघर्ष के लगभग पांच महीने से अधिक बीतने के बाद यह प्रस्ताव पारित किया गया।
पंद्रह राष्ट्रों वाली सुरक्षा परिषद ने 10 गैर-स्थायी निर्वाचित सदस्यों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को अपनाया। प्रस्ताव के पक्ष में 14 देशों ने मतदान किया, जबकि अमेरिका मतदान में शामिल नहीं हुआ।
हालांकि, इससे कुछ दिन पहले ही 22 मार्च को रूस और चीन ने गाजा में तत्काल युद्धविराम संबंधी एक अमेरिकी प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल किया था।
इस प्रस्ताव के तहत गाजा में नागरिकों की सुरक्षा और भुखमरी का सामना कर रहे 20 लाख से अधिक फलस्तीनी लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए गाजा में इजराइल-हमास युद्ध को तत्काल रोके जाने का आह्वान किया गया था।
कंबोज ने रेखांकित किया कि संघर्ष को लेकर भारत के रुख को देश के नेतृत्व ने कई अवसरों पर स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमलों या बंधक बनाए जाने को किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले साल सात अक्टूबर को इजराइल पर हुए आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे और ‘‘हमारी स्पष्ट निंदा’’ के पात्र थे।
कंबोज ने कहा, ‘‘भारत का आतंकवाद के सभी स्वरूपों के खिलाफ लंबे समय से स्पष्ट रवैया रहा है और इस रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हम सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।’’
कंबोज ने क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करने में संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का स्वागत किया और कहा कि भारत ने फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की है और वह ‘‘ऐसा करना जारी रखेगा।’’
कंबोज ने कहा, ‘‘हम ऐसे द्विराष्ट्र समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें फलस्तीनी लोग इजराइल की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सीमाओं के भीतर एक आजाद देश में स्वतंत्र रूप से रह सकें।’’ (भाषा)