राजपथ - जनपथ
वैसे तो छत्तीसगढ़़ में कोरोना का प्रकोप अब तक दिखने में कम है। यहां तकरीबन सभी कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं। मगर सरकार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एहतियात के तौर पर कड़े कदम उठा रही है और लॉकडाउन का कड़ाई से पालन भी करवा रही है। बावजूद इसके डर का माहौल बना हुआ है। हाल यह है कि पुलिस के एक आला अफसर तो कोरोना संक्रमण से इतने भयभीत हैं कि उन्होंने अपने ड्राइवर को छुट्टी दे दी है। खुद कार ड्राइव कर पीएचक्यू जाते हैं। लोगों की शिकायतें सुनना भी बंद कर दिए हैं। यही नहीं, जरूरी होने पर ही सीएम और होम मिनिस्टर की बैठक में जा रहे हैं और वहां भी सेफ डिस्टेंस बनाकर रखते हैं। ये अलग बात है कि पूर्व में नक्सल विषयों को लेकर जब भी उच्चस्तरीय बैठक होती थी तब वे सैनिक वाली वर्दी पहनकर बैठक में मौजूद रहते थे। मगर कोरोना ने इतना डरा दिया है कि अफसर वर्दी को ही भूल गए हैं।
लॉकडाउन का सख्ती से पालन
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राजधानी रायपुर की कई कॉलोनियों में लॉक डाउन का सख्ती से पालन हो रहा है। सबसे ज्यादा आबादी वाले रिहायशी कैंपस अशोक रतन में तो कॉलोनी के पदाधिकारियों ने मुख्य द्वार पर ही ताला लगा दिया है। पहले कुछ लोग सिगरेट पीने तक के लिए कार निकालकर कॉलोनी से बाहर चले जाते थे। वहां गार्ड की भी परवाह नहीं करते थे।
कॉलोनी के पदाधिकारियों ने लॉक डाउन का सख्ती से पालन करवाने के लिए सबसे पहले गार्ड को ही छुट्टी दे दी और कुछ पदाधिकारियों ने बारी-बारी से सुरक्षा गार्ड के काम को अपने हाथों में ले लिया। यही नहीं, बेकाबू हो रहे कुछ लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की भी मदद ली गई और कॉलोनी वासियों से यह कहा गया कि जिसे भी कॉलोनी से बाहर जाना है, उसे थाने में सूचना देनी होगी। पुलिस की अनुमति से ही वे बाहर जा सकेंगे। इसका नतीजा यह रहा कि कॉलोनी में अनुशासन कायम हो गया है और लोग लॉकडाउन का सख्ती से पालन कर रहे हैं। (([email protected]))