राजपथ - जनपथ
चुनाव के बरसों पहले से लगे हैं...
छत्तीसगढ़ के म्युनिसिपलों में वार्ड मेंबर बनने की हसरत वाले लोग अभी से मतदाताओं पर मेहरबानियां उंडेल रहे हैं। आचार संहिता लगी उसके पहले ही कहीं कोई तीर्थयात्रा कराने ले गए, तो कहीं किसी ने कोई छोटा-मोटा उपहार बांटना शुरू किया। राजधानी रायपुर में समता कॉलोनी-चौबे कॉलोनी इलाका संपन्न लोगों का है, इसलिए वहां के लोगों को तीर्थयात्रा पर ले जाना तो मुमकिन नहीं है, इसलिए वहां उम्मीदवारी के एक उम्मीदवार ने अपनी अर्जी के साथ घर-घर एक बड़ी सी कॉपी बांटी है जिस पर उसकी तस्वीरें हैं। जाहिर है कि कम से कम गृहिणी या बच्चे उसका इस्तेमाल करेंगे, और वोट के दिन किसी न किसी को यह कॉपी दिख भी सकती है। ये प्रत्याशी कई बरस से इस इलाके में सफाई करवाने में लगे हुए थे, और कई ट्रैक्टर-ट्रॉलियां दीवाली के पहले से कचरा उठाने में लगी थीं, और वे इस काम में बरसों से लगे हुए हैं, मोदी के प्रधानमंत्री बनने के समय से, या उसके भी कुछ पहले से। जिस इलाके में इतनी मेहनत करने वाले गैरपार्षद हों, वहां उनके पार्षद बनने की संभावना तो अधिक हो सकती है, लेकिन वे जिस भाजपा से टिकट चाहते हैं, उस भाजपा की टिकट बताते हैं कि बृजमोहन अग्रवाल के छोटे भाई भी चाहते हैं। ऐसे में पहली जीत तो भाजपा के भीतर ही हासिल करनी पड़ेगी, तब पार्टी के बाहर मतदाताओं के बीच जीत-हार की नौबत आएगी। वैसे यह बात अच्छी है कि इस उम्मीदवार ने बरसों से अपनी नीयत उजागर कर रखी है, और मेहनत जारी रखी है।