राजपथ - जनपथ
शांत करने की कोशिशें...
सत्ता हाथ से जाने के बाद भाजपा के कई बड़े कारोबारी नेता सरकार के रणनीतिकारों से मेलजोल बढ़ा रहे हैं। कुछ को तो सफलता भी मिल गई है और वे बड़े बंगले के करीब आ गए हैं। इनमें पिछली सरकार में संवैधानिक पद पर रहे एक नेता का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। ये भाजपा नेता अब दूसरों के लिए संकटमोचक साबित हो रहे हैं।
सुनते हैं कि नेताजी ने सीएम और पूर्व सीएम के बीच खटास को दूर करने का बीड़ा उठाया है। पूर्व सीएम और उनका परिवार कई तरह की जांच के घेरे में है। अदालत से एक जांच से राहत मिलती है, तो दूसरा प्रकरण सामने आ जाता है। कुल मिलाकर जांच से पूर्व सीएम-परिवार परेशान बताए जाते हैं। हालांकि भाजपा नेता को अब तक अपनी मुहिम में सफलता नहीं मिल पाई है। मगर वे कोशिश में जुटे हैं। उनके इस काम में अपने समधी का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।
भाजपा का हाल यह है कि दो-तीन विधायकों को छोड़ दें, तो बाकी सब सीएम के मुरीद हैं। सरगुजा और बिलासपुर संभाग के भाजपा नेता तो सरकार के एक मंत्री के करीब आ चुके हैं। उन्हें मंत्रीजी से कारोबारी संरक्षण मिल रहा है। भाजपा नेताओं में सत्ता के करीब आने की बेचैनी की खबर पार्टी हाईकमान को भी है। एक-दो को बुलाकर समझाइश भी दी जा चुकी है, फिर भी कोई असर नहीं दिख रहा है। चर्चा है कि पार्टी संगठन, निकाय और पंचायत चुनाव के जरिए नए चेहरों को आगे लाने की कोशिश भी कर सकती है। देखना है आगे-आगे होता है क्या...।
छत्तीसगढ़ के शहदखोर...
मध्यप्रदेश के हनी ट्रैप के तार छत्तीसगढ़ से जुड़े होने की बात सामने आ रही है। इनमें एक आईएएस, एक आईपीएस और एक आईएफएस के साथ-साथ एक पूर्व मंत्री का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। जिस आईएएस का नाम हनी ट्रैप में होने की चर्चा है, वह अपने सीनियर अफसरों से बदजुबानी के लिए कुख्यात रहा है। साथ ही पिछली सरकार में पॉवरफुल भी रहा। आईपीएस अफसर की रंगरेलियों के किस्से तो प्रशासनिक और राजनीतिक हल्कों में चर्चा का विषय रहा है। पूर्व गृहमंत्री ने तो सीएम को पहले ही उक्त आईपीएस अफसर की करतूतों से अवगत करा दिया था। जिस आईएफएस का नाम चर्चा में है, वह हमेशा खबरों में ही रहा है। वैसे तो आधा दर्जन आईएफएस अफसरों के नाम लिए जा रहे हैं, लेकिन ये अफसर हैदराबाद और अन्य जगह ही जाना ज्यादा पसंद करते रहे हैं। फिलहाल, लोग नए-नए नाम गिनाकर चुटकियां ले रहे हैं, जितने मुंह उतनी बातें। जिसको-जिसको जिससे हिसाब चुकता करना है, वे उस नाम का संभावित रिश्ता गिनाते हुए भोपाल की तस्वीरें और वीडियो आगे बढ़ा रहे हैं। कल सुबह एक मंत्री का नाम शुरू हुआ था, और रात होते-होते बात तीन नामों तक पहुंच गई। अब सेक्स की चर्चा ही ऐसी होती है कि टी-शर्ट के धागे की तरह, अगर खिंच गई, तो फिर खिंचती ही चली जाती है।