इतिहास
ओजोन की परत को बचाने के लिए कई देशों ने मिल कर ऐसी योजना बनाई जिसका मकसद उन सभी खतरनाक रसायनों को पर्यावरण में जाने से रोका जाना था जो ओजोन की परत को नुकसान पहुंचाती हैं और उसमें छेद बनाने के लिए जिम्मेदार हैं.
16 सितंबर 1987 के दिन इसे हस्ताक्षर के लिए पेश किया गया. यह पहली जनवरी 1989 से लागू हुई. 1989 की जनवरी में इसके लागू होने के बाद इसमें सुधार के लिए उसी साल मई के दौरान हेलसिंकी में बैठक हुई. तब से अब तक इसमें आठ सुधार किए गए हैं. सबसे ताजा सुधार 2007 में मॉन्ट्रियल में हुआ.
इन्हीं कोशिशों का फल है कि हाल में ही ओजोन की परत फिर से अच्छी होने की खबर आई है. मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि आर्कटिक के ऊपर की यह परत ठीक हो रही है और 2050-2070 के बीच इसमें बना छेद पूरी तरह से बंद हो जाएगा.
इस योजना की सफलता से पता चलता है कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय साथ आए तो वह पर्यावरण की रक्षा कर सकता है. हालांकि क्योटो प्रोटोकॉल जैसे मामलों में ये एकता देखने को नहीं मिली. ओजोन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दो संधियां की हैं, जिसमें 196 देशों के साथ यूरोपीय संघ भी शामिल है. इसी कारण संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में यह ऐसी पहली संधि बन गई जिसमें सभी सदस्य देशों ने साथ दिया.
इस संधि का लक्ष्य हैलोजनेटेड हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को रोकना है. इस ग्रुप के सभी रसायनों में या तो क्लोरीन या फिर ब्रोमीन होता है. और यह ओजोन की परत को नुकसान पहुंचाता है. सभी देशों ने मिल कर तय किया इन रसायन वाले पदार्थों को धीरे धीरे वह हवा में जाने से रोक देंगे.
- 1884- कार्ल कोलर द्वारा सर्जरी में बेहोशी के लिए पहली बार कोकीन का प्रयोग किया गया।
- 1939 - पोलैंड की राजधानी वारसॉ को जर्मनी के सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध के पहले महीनें में अपने घेरे में ले लिया। नाजी जर्मनी के सैनिकों ने इससे 15 दिन पूर्व पोलैंड पर आक्रमण किया जर्मनी और सोवियत संघ की सेनाओं द्वारा दो ओर से घेरे जाने के बावजूद पोलैंड की सेना ने वर्शों की सुरक्षा के लिए कड़ा प्रतिरोध किया किंतु 11 दिनों के संघर्ष और बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने के बाद वर्शों पर जर्मनी का नियंत्रण हो गया। इस आक्रमण से पूर्व ही जर्मनी और सोवियत संघ के बीच हस्ताक्षरित होने वाले एक गुप्त समझौते के आधार पर पोलैंड को इन दौनो देशों ने आपस में बांट लिया था।
- 1978 - जनरल जिया उल हक पाकिस्तान के राष्ट्रपति निर्वाचित।
- 1987 -ओज़ोन परत में ह्रास के लिए जि़म्मेदार यौगिकों पर नियंत्रण हेतु मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल स्वीकृत किया गया। इसके अंतर्गत सन् 2000 तक क्लोरोफ्लोरो कार्बन (सीएफसी) का उपयोग बंद किए जाने का प्रावधान था।
- 2003 - भूटान ने भारतीय हितों के खिलाफ अपनी ज़मीन के इस्तेमाल नहीं होने देने का आश्वासन दिया।
- 2007 - पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त ने परवेज मुशर्रफ़ के राष्ट्रपति पद पर दोबारा चुनाव लडऩे के लिए चुनाव से जुड़े क़ानूनों में संशोधन किया।
- 2009 - दुनिया भर के समक्ष भारत के एक उत्कृष्ट पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने वाले अतुल्य भारत विज्ञान अभियान को ब्रिटिश पुरस्कार मिला।
- 1916 - कर्नाटक संगीत की प्रसिद्ध भारतीय गायिका और अभिनेत्री एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी का जन्म हुआ।
- 1931- इटली के साम्राज्यवाद के विरुद्ध लीबिया राष्ट्र के संघर्ष के नेता अमर मुख्तार को फांसी दे दी गयी। उनका जन्म 1859 ईसवी में हुआ। वे एक धर्मगुरु थे।
- 1853 -जर्मन जैव रसायनज्ञ अल्ब्रैक्ट कोसेल का जन्म हुआ, जिन्हें न्यूक्लिक अम्ल तथा प्रोटीन के रसायनविज्ञान को समझने के लिए 1910 में शरीर क्रिया विज्ञान तथा चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। (निधन- 5 जुलाई 1927)
- 1877 -अमेरिकी अन्वेषक तथा पहले सफल इलेक्ट्रिक रेजऱ के निर्माता जैकब शिक का जन्म हुआ, जिन्होंने 1925 में रेजऱ व्यापार की नींव रखी। (निधन- 3 जुलाई 1937)
- 1932-ब्रिटेन के जीवाणु विज्ञानी सर रॉनल्ड रोस का निधन हुआ, जिन्हें मादा ऐनोफ्लीज़ मच्छर में मलेरिया के परजीवी की खोज करने के लिए 1902 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म-13 मई 1857)
- 1736-जर्मन भौतिकशास्त्री गैब्रियल फैरेन्हाइट का निधन हुआ, जिन्होंने फारेनहाइट पैमाने वाले मरकरी थर्मामीटर का आविष्कार किया। सन् 1714 में इन्होंने पहला थर्मामीटर बनाया जिसमें अल्कोहल की जगह पारे का इस्तेमाल होता था। (जन्म-14 मई 1686)
- महत्वपूर्ण दिवस- ओजोन परत संरक्षण दिवस।