राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : पूंजीनिवेश का क्या होगा?
02-Jul-2019
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : पूंजीनिवेश का क्या होगा?

पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जल्द घोषित करने के लिए पुलिस महकमे पर दबाव है। करीब दो हजार से अधिक आरक्षकों की भर्ती के लिए पिछली सरकार में प्रक्रिया शुरू हुई थी और रिजल्ट बनने तक चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थी। हाईकोर्ट ने भी सारी प्रक्रिया पूरी कर दो महीने के भीतर रिजल्ट घोषित करने के आदेश दिए हैं। मगर सरकार  से जुड़े लोग पूरी प्रक्रिया ही निरस्त कर नए सिरे से भर्ती चाहते हैं। 

सुनते हैं कि आरक्षकों की भर्ती के एवज में भारी लेन-देन हुआ था। चर्चा है कि इसमें एक बड़े बंगले के कई लोगों ने जमकर माल भी बनाया। अब सरकार बदल गई, तो पूरी प्रक्रिया निरस्त करने के लिए भी दबाव बना है। जो लोग नियुक्ति के लिए काफी कुछ दे चुके हैं, उन्हें मालूम है कि उनका चयन हो चुका है, ऐसे लोग रकम डूबने की आशंका के चलते रिजल्ट जल्द जारी करने के लिए भागदौड़ कर रहे थे। इन सबने हाईकोर्ट के आदेश के बाद राहत की सांस ली है। 

हम साथ-साथ नहीं हैं...
भाजपा विधायकों का एक खेमा पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की अगुवाई में दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उनके साथ अजय चंद्राकर, नारायण चंदेल, शिवरतन शर्मा और प्रेमप्रकाश पाण्डेय भी हैं। इन सबों ने अपने पुराने साथी केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल से मुलाकात की। वे पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा से भी मिलने वाले हैं। नड्डा यहां प्रदेश के प्रभारी रहे हैं और सभी से बेहतर संबंध भी हैं। खास बात यह है कि प्रदेश के सभी नेता अब साथ-साथ दिख रहे हैं। 

हालांकि ये सभी एक खेमे के हैं, लेकिन सरकार में थे, तो इनमें से अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा, सीएम रमन सिंह के ज्यादा नजदीक दिखते थे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के चयन के दौरान जब रमन खुलकर धरमलाल कौशिक के पक्ष में दिखे, तो ये दोनों उनसे छिटक गए। पिछले दिनों मप्र के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के यहां भोपाल जाने का कार्यक्रम बना, तो बृजमोहन खेमा एक साथ गया। इसके अगले दिन रमन सिंह, धरम कौशिक और एक-दो अन्य लोगों को लेकर गए। विधानसभा चुनाव में हार के बाद साफ नजर आने लगा है कि हम साथ-साथ नहीं हैं...।

मरीज मर रहे और प्रेम चल रहा
प्रदेश के एक बड़े सरकारी अस्पताल के कर्ता-धर्ता चिकित्सक को आनन-फानन में हटा दिया गया। सरकार अस्पताल की दशा सुधारने के लिए जोर दे रही थी, लेकिन चिकित्सक महोदय नर्स के साथ प्यार की पींगें बढ़ाने में व्यस्त थे। ड्यूटी के दौरान भी दोनों घंटों कमरे में बंद रहते थे। अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण मरीज तो परेशान थे ही, कर्मचारी भी हलाकान थे। घपले-घोटालों की वजह से अस्पताल पहले ही सुर्खियों में रहा है। अब चिकित्सक-नर्स के प्रेम के किस्से बाहर आने लगे। धीरे-धीरे मंत्री तक बात पहुंच गई, उन्होंने तुरंत चिकित्सक हटाने का फरमान जारी कर दिया। अब चिकित्सक की पोस्टिंग ऐसी जगह कर दी गई है जहां उन्हें खलल डालने वाला कोई नहीं है। ([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news