माउंट एवरेस्ट का नेपाली नाम सागरमाथा है. 1952 में एक स्विस पर्वतारोही नेपाल और तिब्बत के रास्ते 8,848 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने निकला. उसने भी नेपाल के शेरपा तेनजिंग नॉर्गे को साथ लिया. लेकिन खराब मौसम की वजह से ये साहसिक सफर अधूरा रह गया. कहा जाता है कि एशिया से लौटकर वो स्विस पर्वतारोही यूरोप में आल्प्स की पहाड़ियों पर गया. वहां उसकी मुलाकात न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी से हुई. बातचीत में उसने हिलेरी को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई करने की कोशिश का वाकया बताया. हिलेरी ने उसी क्षण ठान लिया कि वो भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ेंगे.
मार्च 1953 में 7,890 मीटर की ऊंचाई पर बेस कैंप बनाया गया. 26 मई को दो लोगों ने चढ़ाई की कोशिश की लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर फेल होने की वजह से उन्हें वापस लौटना पड़ा. अगले दिन कुछ और पर्वतारोही ऊपर गए और उन्होंने 8,500 मीटर पर एक और कैंप बना दिया. इसके बाद हिलेरी और तेनजिंग की बारी आई.
सबसे मुश्किल 8,500 मीटर के बाद का रास्ता था. वहां ऐसी तीखी चढ़ाई थी जिसे पहली बार एडमंड हिलेरी ने ही पार किया. तब से उसे हिलेरी स्टेप कहा जाता है. हिलेरी से भी ज्यादा चुनौती तेनजिंग के कंधों पर थी. उनकी पीठ पर 14 किलोग्राम का पिट्ठू था. इसके बावजूद 29 मई 1953 को सुबह साढ़े 11 बजे एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे ने माउंट एवरेस्ट के नाम से दुनिया भर में मशहूर सागरमाथा चोटी फतह कर ली. एडमंड हिलेरी ने वहां तेनजिंग की तस्वीर खींची. हिलेरी ने फोटो खिंचवाने से मना कर दिया.
दुनिया के शीर्ष पर 15 मिनट बिताने के बाद दोनों लौट आए. उनके इस अभियान ने दुनिया भर के पर्वतारोहियों की हिम्मत जगा दी. अब तक माउंट एवरेस्ट पर 4,000 लोग चढ़ चुके हैं. 250 पर्वतारोही बर्फ की उन वादियों में जान गंवा चुके हैं. माउंट एवरेस्ट अभियान आज नेपाल की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है.
साल भर बाद पर्वतारोहियों का बड़ा दल नेपाल पहुंचा. एक सदस्य के तौर पर हिलेरी भी उसमें शामिल थे. नेपाल में उन्होंने सबसे पहले तेनजिंग नॉर्गे को खोजा. इसके बाद दल के 400 लोगों ने सागरमाथा की चढ़ाई शुरू कर दी. इनमें 362 लोग सामान ढोने वाले थे.
- 1888 -अमेरिकी अन्वेषक ऐलियाह जे. मैक्कॉय को मशीनों को चिकना करने वाले उपकरण (ल्यूब्रिकेटर) के आविष्कार के लिए पेटेन्ट जारी किया गया।
- 1951 -विकसित सल्फोनामाइड ड्रग के लिए जेम्स डब्ल्यू. क्लैप और रिचर्ड ओ. रॉब्लिन को पेटेन्ट जारी किया गया।
- 1990 - बोरिस येल्तसिन सोवियत संघ के राष्ट्रपति निर्वाचित।
- 1999 - नाइजीरिया में नागरिक सत्ता की स्थापना।
- 2003 - ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर इराक के पुनर्निर्माण कार्यों का आकलन करने के लिए बसरा पहुंचे।
- 2004 - म्यांमार में चक्रवाती तूफ़ान ने 140 लोगों की जान ली। पाकिस्तान ने परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर ख़ान पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी।
- 2007 - जापान की रियो मोरी मिस यूनिवर्स 2007 बनीं।
- 2008 - भारतीय जनता पार्टी के नेता वीएस येदुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट माइस्पेस के साथ ई-मेल सम्बन्धी समझौता किया। नेपाली सरकार ने राजतंत्र का अंत कर गणतंत्र की घोषणा करते हुए शाही महलों सहित देश के सभी भागों से राजतंत्र के सभी चिह्न हटाते हुए राष्ट्रध्वज को मान्यता दी।
- 2010 - अमेरिका और भारत के बीच सितंबर 2008 में हुए 123 अग्रीमेंट में छोड़ दिए गए परमाणु ईंधन की रिप्रोसेसिंग के पहलू पर अमेरिकी प्रशासन ने सहमति का ऐलान किया। भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने हेनान प्रांत के लुओयांग में पहली सदी के प्राचीन श्वेताश्व व्हाइट हार्स मंदिर परिसर में भारतीय शैली से निर्मित एक बौद्ध मंदिर का लोकार्पण किया। भारत की ओर से बनाये गये इस मंदिर पर कऱीब 18 करोड़ रुपये की लागत आई थी। इसके निर्माण में तीन वर्ष लगे।
- 1906 - हिन्दी के जाने-माने निबंधकार कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर का जन्म हुआ।
- 1972 - जाने माने अभिनेता पृथ्वीराज कपूर का निधन हुआ।
- 1977 - भारत के प्रसिद्ध भाषाविद, साहित्यकार तथा विद्याशास्त्री सुनीति कुमार चटर्जी का निधन हुआ।
- 1987 - चौधरी चरण सिंह - भारत के सातवें प्रधानमन्त्री, किसानों के मसीहा के रूप में पहचान।
- 1781- फ्रांसीसी रसायनज्ञ हेनरी ब्रैक्कोनैट का जन्म हुआ, जिन्होंने सीधे पौधे से ग्लूकोज का पृथक्करण किया। उसके पहले तक ग्लूकोज केवल मण्ड (स्टार्च) से निकाला जाता था। (निधन- 13 जनवरी 1855)
- 1857-अमेरिकी भूविज्ञानी चाल्र्स रिचर्ड वैन हाइस का जन्म हुआ, जिन्होंने प्रीकैम्ब्रियन (सत्तावन करोड़ से चार अरब साठ करोड़) साल पहले सुपीरियर झील के बनने, खासकर इसमें लौह अयस्क की भूमिका के महत्व को समझाया। (निधन-19 नवम्बर 1918)
- 1829 -अंग्रेज़ रसायनज्ञ सर हम्फ्री डेवी का निधन हुआ, जिन्होंने कई रासायनिक तत्व और यौगिक खोजे। उन्होंने सुरक्षित लैम्प की खोज की। उन्हें पोटैशियम और सोडियम जैसे तत्वों की खोज का श्रेय भी जाता है। ( जन्म-17 दिसम्बर 1778)
- 1866 -अमेरिकी संरचनात्मक भूविज्ञानी हेनरी डार्विन रोजर्स का निधन हुआ, जिसने पर्वतों के निर्माण का अध्ययन किया। वे पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय की भू विज्ञान तथा खनिजशास्त्र विभाग के पहले प्रोफेसर थे। (जन्म-1 अगस्त 1808)