मामला पारवानी, थौरानी के बीच
व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन चैम्बर ऑफ कामर्स के चुनाव को लेकर भाजपा के अंदरखाने में खींचतान मची हुई है। चर्चा है कि पार्टी में निवर्तमान अध्यक्ष अमर पारवानी, और एकता पैनल के अध्यक्ष प्रत्याशी सतीश थौरानी से परे सर्वमान्य प्रत्याशी उतारने पर भी विचार हो रहा है। इन सबके बीच पारवानी के महासचिव प्रत्याशी अजय भसीन को अध्यक्ष प्रत्याशी बनाने का भी फार्मूला सुझाया गया है।
पारवानी भाजपा संगठन के पसंदीदा हैं। कांग्रेस नेताओं को भी उनसे कोई परहेज नहीं रहा है। वो व्यापारियों के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे हैं। इससे परे पारवानी के खिलाफ भाजपा के बड़े व्यापारी नेता श्रीचंद सुंदरानी के एकता पैनल ने सतीश थौरानी को अध्यक्ष का प्रत्याशी बना दिया है। वैसे तो थौरानी किसी दल से सीधे नहीं जुड़े हैं, लेकिन भाजपा नेताओं के वो काफी करीब हैं।
इन सबके बीच चैम्बर चुनाव में भाजपा संगठन के प्रमुख नेता दिलचस्पी दिखा रहे हैं, और इसको लेकर बैठकें हो रही हैं। पार्टी की तरफ से एक सुझाव आया है कि रायपुर शहर से बाहर के व्यापारी नेता को चैम्बर की कमान सौंपी जाए। बाहर के व्यापारी नेताओं की भी मांग कुछ इसी तरह की रही है। ऐसे में पारवानी के चुनाव मैदान से हटने, और उनके महासचिव प्रत्याशी अजय भसीन को अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित करने के लिए भी दबाव बनाया गया है। ऐसी स्थिति में सतीश थौरानी, अजय भसीन के समर्थन में मैदान से हटने का फार्मूला सुझाया गया है। चूंकि पारवानी व्यापारियों के मुद्दे को लेकर काफी सक्रिय रहे हैं। ऐसे में वो इसके लिए तैयार होते हैं या नहीं, यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा।
दुर्लभ लिथियम का नया भंडार
छत्तीसगढ़ सहित बिहार, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर में स्थित 20 क्रिटिकल एंड स्ट्रेटेजिक मिनरल ब्लॉक्स की ई-नीलामी के लिए एमएसटीसी पोर्टल पर नोटिस जारी किया जा चुका है। इन ब्लॉक्स में कटघोरा क्षेत्र का 250 हेक्टेयर इलाका भी शामिल है, जहां दुनियाभर में भारी मांग वाले लिथियम का बड़ा भंडार मिला है। अभी भारत स्वयं इसका आयात करता है। दावा किया जा रहा है कि यह छत्तीसगढ़ की पहली लिथियम खदान होगी। यह प्रक्रिया अभी चल ही रही है कि कोरबा जिले के ही रामपुर क्षेत्र के तीन गांवों में फिर से लिथियम मिलने की संभावना को देखते हुए भारतीय भू गर्भ विज्ञान सर्वेक्षण विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग को 126 हेक्टेयर में लिथियम तथा दूसरे क्रिटिकल मिनरल्स की मौजूदगी का पता चला है लेकिन यह भंडार कितनी गहराई में है, कितना बड़ा है इसके लिए बोर खनन की जरूरत पड़ेगी जिसके लिए वन विभाग से मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सर्वेक्षण में इस क्षेत्र में 10 पीपीएम से 2,000 पीपीएम तक लिथियम कंटेंट की मौजूदगी दर्ज की गई है। इसके अलावा, ब्लॉक में रेयर अर्थ एलिमेंट की भी उपस्थिति पाई गई है। भारत वर्तमान में इन खनिजों की आपूर्ति के लिए आयात पर निर्भर है। यदि छत्तीसगढ़ में सफलता के साथ खनन की प्रक्रिया शुरू होगी तो यह देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के राजस्व में भारी उछाल आएगा। मगर, खनिज संसाधनों से धनी इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों और खासकर जल स्त्रोतों और नदियों का क्या होगा? विस्थापन की क्या स्थिति रहेगी। रोजगार और व्यापार में कितना लाभ मिलेगा? जंगल को नष्ट कोयला खनन के विरोध में अभी लोग आंदोलन कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों की भलाई सुनिश्चित कैसे की जाएगी? आने वाले दिनों में यह सवाल फिर खड़ा हो सकता है।
लंबा सफर तय करके पहुंचे स्टर्लिंग
हर साल की तरह, इस बार भी छत्तीसगढ़ की धरती पर एक खास मेहमान पहुंचा है – रोजी स्टर्लिग! छत्तीसगढ़ में इसे गुलाबी मैना के नाम से जाना जाता है। यह खूबसूरत प्रवासी पक्षी सर्दियों के अंत में हजारों किलोमीटर की यात्रा करके हमारे यहां आता है। गुलमोहर व सेमल के खिले फूलों के बीच इसकी मौजूदगी प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं। इसकी हल्की गुलाबी छाया, चमकदार काले पंख और पीला चोंच इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि अद्भुत प्रवासी पक्षी का स्वागत तो करें ही, पर इनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करें! (तस्वीर- प्राण चड्ढा) ([email protected])