अफसरों की दिल्ली रवानगी
जूनियर आईएएस अफसर केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। दो कलेक्टर नम्रता गांधी, और ऋचा प्रकाश चौधरी की केन्द्र सरकार में पोस्टिंग भी हो चुकी है। ये दोनों पंचायत चुनाव निपटने के बाद रिलीव हो जायेंगी। इन सबके बीच सचिव स्तर के अफसर सौरभ कुमार ने भी केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया है।
आईएएस के 2009 बैच के अफसर सौरभ कुमार रायपुर, बिलासपुर, और दंतेवाड़ा कलेक्टर रहे हैं। हाल ही में जमीन से जुड़े एक प्रकरण में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने उन्हें फटकार भी लगाई थी।
खास बात यह है कि हाल ही में वर्ष-2009 बैच के अफसर केन्द्र सरकार में संयुक्त सचिव के लिए सूचीबद्ध हुए हैं। मगर छत्तीसगढ़ के इस बैच का कोई भी अफसर सूचीबद्ध नहीं हो पाया है। ऐसे में भविष्य के लिए केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति का रास्ता खुला रहे, इसके लिए सौरभ कुमार प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन दिया है। केन्द्र सरकार प्रतिनियुक्ति आवेदन को मंजूर करती है या नहीं, यह देखना है।
दारू की जगह...
नगरीय निकाय चुनाव में इस बार मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए प्रत्याशी, और उनके समर्थकों ने जो कुछ किया, उसकी काफी चर्चा हो रही है। रायपुर नगर निगम के एक हाई प्रोफाइल वार्ड में भाजपा प्रत्याशी पर बस्तियों में शराब बंटवाने के लिए काफी दबाव था। मगर स्थानीय विधायक इससे सहमत नहीं थे। वजह यह है कि कांग्रेस प्रत्याशी पर शराब घोटाले में संलिप्तता का आरोप है, और ईडी-ईओडब्ल्यू इसकी पड़ताल कर रही है।
काफी सोच विचार कर स्थानीय विधायक ने फैसला लिया कि शराब की जगह में मतदाताओं को दूध दिया जाए, ताकि एक संदेश भी चला जाए। पहले तो वार्ड के पदाधिकारी सहमत नहीं थे। उनका तर्क था कि शराब की जगह दूध बंटवाने का कोई असर नहीं होगा, और मतदाता शराब की चाह में विरोधी प्रत्याशी के साथ जा सकते हंै। मगर स्थानीय विधायक ने एक नहीं सुनी, और फिर तीन दिन तक बस्ती के करीब 18 सौ वोटरों को रोज दो-दो पैकेट दूध दिए गए।
शराब की जगह दूध बांटने की चर्चा तो खूब हुई है, और भाजपा के लोग रणनीति के कामयाब होने का दावा कर रहे हैं। अब मतदाताओं ने शराब की जगह दूध पीना पसंद किया है या नहीं, यह तो चुनाव नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा।
मतगणना के बाद गिरेगी गाज
नगरीय चुनाव के नतीजे शनिवार की रात तक घोषित हो जाएंगे। पहले मेयर, और अध्यक्षों के मतों की गिनती होगी। इसके बाद वार्ड प्रत्याशियों के मतों की गिनती की जाएगी। भाजपा के रणनीतिकारों की नजर चुनाव नतीजे पर विशेष रूप से टिकी है। वजह यह है कि कई नेताओं पर अपेक्षाकृत पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में काम नहीं करने की शिकायत आई है। पार्टी ने ऐसे चुनाव क्षेत्र भी चिन्हित किए हैं, जहां पार्टी प्रत्याशी को स्थानीय नेताओं की वजह से नुकसान हो सकता है।
बताते हैं कि रायपुर नगर निगम के दो वार्ड में तो भाजपा ने स्थानीय प्रमुख नेताओं की सिफारिश को नजरअंदाज कर महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे। इन दोनों महिला प्रत्याशियों को भितरघात से जूझना पड़ा है। प्रदेश संगठन ने इन दोनों वार्डों को लेकर जिलाध्यक्ष को विशेष रूप से हिदायत भी दी थी। बावजूद इसके असंतुष्ट नेता महिला प्रत्याशियों के खिलाफ गुपचुप तरीके से काम करते रहे। पार्टी के रणनीतिकारों ने संकेत दिए हैं कि दोनों वार्डों में चुनाव नतीजे अनुकूल नहीं आए, तो स्थानीय प्रमुख नेताओं पर गाज गिर सकती है। अब आगे क्या होता है, यह तो चुनाव नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा।