राजपथ - जनपथ

मोबाइल ले डूबा
बिलासपुर संभाग में पदस्थ राज्य पुलिस सेवा के एक अफसर जांच के घेरे में हैं। पुलिस अफसर की एक प्रभावशाली भाजपा नेता से रिश्तेदारी भी है। बावजूद इसके पुलिस अफसर की गलती इतनी बड़ी है कि नेताजी भी उन्हें संरक्षण नहीं दे पा रहे हैं।
हुआ यूं कि पुलिस अफसर ने अपने करीबी को किसी दूसरे शख्स का कॉल डिटेल्स निकाल कर उपलब्ध करा दिया। इसकी शिकायत हुई, तो सीनियर पुलिस अफसर ने इसकी पड़ताल की। जांच रिपोर्ट में शिकायत सही पाई गई। अब अफसर के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, और विभागीय जांच के संकेत हैं।
पिछली सरकार में भी मोबाइल टैपिंग को लेकर काफी हल्ला मचा था। एक अफसर को निजी तौर पर टैपिंग से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध करा दिए गए थे। इसको लेकर भी काफी किरकिरी हुई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इन सबको देखते हुए निजी तौर पर किसी को कॉल डिटेल्स उपलब्ध कराने का मामला गंभीर है ही।
बस्तर से एयर टैक्सी...!
बस्तर इलाके के नेता, खासकर विधायक और उनके निकटवर्ती जमीन पर नहीं चल रहे, वे उड़ रहे हैं। मतलब राजधानी आना है, तो बहुत मजबूरी में कार की सवारी कर रहे। जबकि केशकाल घाटी को छोड़ दें तो फोरलेन एक्सप्रेस-वे जैसी एनएच की सुविधा है। मगर बस्तर के नेता हवा में सफर करने को प्रेफर कर रहे हैं। और करें क्यों न, सरकारी सुविधा आपकी अपनी ही तो होती है। बस दुरुपयोग नहीं करना होता। रायपुर जगदलपुर नियमित विमान सेवा के साथ नक्सल ऑपरेशन के किराए में लिए चॉपर भी तो हैं अपने। एक दो चॉपर वीआईपी उड़ान के लिए भी हायर्ड हैं। सभी प्लेन- चॉपर सुकमा से रायपुर तक हर एक दिन की आड़ में रसद,एमुनेशन और अन्य आधिकारिक काम से उड़ान भरते ही हैं। बस विधायक नेताओं को अफसरों से सेटिंग और उनकी टेक आफ टाइमिंग के मुताबिक टाइम मैनेजमेंट करना रहता है।
रायपुर के लिए टेक आफ में कोंडागांव, केशकाल, कांकेर के विधायक नेताओं को पिकप लैंडिंग की भी सुविधा मिल जाती है। बस कागजी कारण थ्रेट की एंट्री कराना होता हैं। वैसे इस परंपरा की नींव पिछली सरकार के नेताओं ने रखा था और अब आगे बढ़ रही है। सो कहा जा सकता है बस्तर से रायपुर तक एयर टैक्सी उपलब्ध हो गई है।
एआई की इतनी चर्चा क्यों है?
एआई की इन दिनों बड़ी चर्चा है। चलो आपको बता देते हैं कि ये काम क्या-क्या करता है। निश्चित रूप से इनमें से कोई न कोई काम धंधा आपसे जुड़ा होगा:
एआई तकनीक के केंद्र में डेटा होता है। डेटा साइंटिस्ट, डेटा इंजीनियर, और बिजनेस एनालिस्ट जैसे प्रोफेशनल्स की मांग तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि एआई को सटीक, समृद्ध और विविध डेटा पर निर्भर रहने की आवश्यकता होती है।
एआई और मशीन लर्निंग का विकास करने और उसे प्रशिक्षित करने के लिए विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है। मशीन लर्निंग इंजीनियर एआई सिस्टम के मॉडल तैयार करते हैं, उन्हें सुधारते हैं और उनके व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए काम करते हैं।
एआई का उपयोग रोबोटिक्स के क्षेत्र में तेजी से हो रहा है। रोबोटिक्स इंजीनियरों की आवश्यकता उत्पादन, चिकित्सा, एग्रीकल्चर, लॉजिस्टिक्स और अन्य क्षेत्रों में रोबोट्स को डिजाइन और संचालन के लिए होती है।
जैसे-जैसे एआई का प्रसार बढ़ रहा है, यह जरूरी है कि इसकी नैतिकता और जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित किया जाए। इसलिए एआई नैतिकता विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है, जो एआई के विकास और उसके प्रभाव की निगरानी और मार्गदर्शन करते हैं।
एआई का इस्तेमाल साइबर सुरक्षा में भी तेजी से हो रहा है, जिससे साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है। एआई द्वारा
एआई का शिक्षा में व्यापक रूप से उपयोग हो रहा है। शिक्षा में कंटेंट डेवलपमेंट, पर्सनलाइज्ड लर्निंग सिस्टम और एडुकेशनल ऐप्स का विकास करने वाले प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ रही है।
एआई का इस्तेमाल कला, डिज़ाइन, कंटेंट क्रिएशन, फिल्म और मीडिया में भी तेजी से हो रहा है। एआई का सहयोगी उपयोग करने वाले क्रिएटिव प्रोफेशनल्स जैसे कंटेंट क्रिएटर, ग्राफिक डिज़ाइनर, और एनिमेटर की मांग बनी रहेगी।
एआई का उपयोग हेल्थकेयर में बीमारी के निदान, उपचार, मेडिकल डेटा विश्लेषण और प्रेडिक्टिव हेल्थकेयर में बढ़ता जा रहा है। इसके लिए एआई आधारित समाधानों का विकास करने वाले विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी।
वर्चुअल असिस्टेंट्स और चैटबॉट्स का उपयोग विभिन्न सेवाओं में बढ़ता जा रहा है। इन सिस्टम को बनाने, प्रशिक्षित करने और बेहतर करने के लिए डेवलपर्स और भाषा विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी।
मैन्युफैक्चरिंग और अन्य उद्योगों में ऑटोमेशन तेजी से बढ़ रहा है। ऑटोमेशन विशेषज्ञ उत्पादन प्रक्रिया को एआई और रोबोटिक्स के साथ ऑटोमेट करते हैं।
एआई की नई तकनीकों और तरीकों को खोजने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए शोधकर्ता और डेवलपर्स की आवश्यकता होगी। इसमें एआई आर्किटेक्चर, कंप्यूटर विजऩ, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता की मांग है। (rajpathjanpath@gmail.com)