रायपुर

वीजा स्टील वाली 151 एकड़ जमीन 99 साल लीज पर दी गई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 3 मई। पतरापाली कोटमार में एक भारी भरकम फैक्ट्री लगने जा रही है। इसकी कार्रवाई भी पूरी तरह से गुपचुप तरीके से की गई है। यह उद्योग वीजा स्टील एंड पावर को अलॉट हुई भूखंड पर स्थापित की जा रही है। खास बात ये है कि वीजा पावर वाले भूखंड को बीपीए मेटालिक्स प्रा लि नाम के एक औद्योगिक घराने को गुपचुप तरीके से 99 साल की लीज पर आबंटित कर दी गई है।
पर्यावरण मित्र संस्था के बजरंग अग्रवाल ने बताया कि 151.756 एकड़ के विशाल भूखंड जो वीजा स्टील के लिए थी जिसे गैर कानूनी तरीक़े से 99 साल के लिए सीएसआईडीसी रायपुर के द्वारा महज चंद लाख रुपए में आबंटित कर दिया गया है। इसके खिलाफ पर्यावरण मित्र संस्था के द्वारा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाने की बात कही गई है ताकि इस पर रोक लग सके।
पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल ने कहा की रायगढ़ शहर के 20 किमी के चारों दिशाओं में शासन ने प्रदूषण फैलाने की मुहिम चला रही है आम जनता प्रदूषण से बेहाल है इसकी कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि पतरापाली कोटमार में बीपीए मेटालिक्स के द्वारा विशाल फैक्ट्री लगाए जाने से प्रदूषण और भयावह रूप धारण कर लेगी। जबकि आईआईटी खडग़पुर और भिलाई के केयरिंग कैपिसिटी की रिपोर्ट में रायगढ़, तमनार, घरघोड़ा ब्लॉक को रेड जोन माना है और स्पष्ट किया है कि यहां और उद्योग नहीं लगना चाहिए। यह रिपोर्ट 5 साल पहले की है और इन पांच सालों में कई उद्योगों की स्थापना की अनुमति दे दी गई।
जिले में और उद्योग की स्थापना न हो इसके लिए पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता लगातार इसका विरोध कर रहे हैं बावजूद इसके पर्यावरण विभाग अनुमति पर अनुमति दिए जा रहा है।
बजरंग अग्रवाल ने बताया कि बीपीए मेटालिक्स के द्वारा एक बड़ा प्लांट स्थापित किया जा रहा है जिसमें डीआरआई बेस्ड स्पंज आयरन का उत्पादन 7,17,500 टन प्रतिवर्ष, आई ओ बेनिफिकेशन 10 लाख टन प्रतिवर्ष, आयरन ओर पेलेट प्लांट की क्षमता 6 लाख टन प्रतिवर्ष, एमएस बिलेट 6 लाख 12 हजार 500 टन प्रतिवर्ष, रिरोल्ड स्टील का उत्पादन 5 लाख 82 हजार टन प्रतिवर्ष, एमएस पाइप 3 लाख हजार टन, कोल वाशरी 10 लाख टन सहित अन्य कई उत्पादन इस फैक्ट्री से होना है। इसकी वजह से पतरापाली कोटमार क्षेत्र की भूजल भी तेजी से प्रभावित होगी क्योंकि इस भारी भरकम फैक्ट्री में हर दिन 5 लाख 10 हजार लीटर पानी की खपत होनी है खास बात ये है कि पानी कहां से आएगा इसकी आईआईए रिपोर्ट में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इससे जाहिर होता है कि यहां बड़े बड़े भारी भरकम बोर से भूजल का दोहन होगा।