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ईडी ने किंगफिशर कर्मचारियों के लिए 311.67 करोड़ रुपए की राशि बहाल की, जल्द मिलेगा बकाया
19-Dec-2025 3:13 PM
ईडी ने किंगफिशर कर्मचारियों के लिए 311.67 करोड़ रुपए की राशि बहाल की, जल्द मिलेगा बकाया

 मुंबई, 19 दिसंबर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई जोनल कार्यालय ने किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (केएएल) के पूर्व कर्मचारियों को उनके लंबे समय से लंबित बकाये दिलाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए 311.67 करोड़ रुपए की राशि की बहाली सुनिश्चित की। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत अपराध की आय को पीड़ित पक्षों तक पहुंचाने की नीति को मजबूत करती है। यह राशि चेन्नई स्थित डेब्ट्स रिकवरी ट्रिब्यूनल-1 के रिकवरी अधिकारी द्वारा 12 दिसंबर 2025 को पारित आदेश के बाद जारी हो रही है। ट्रिब्यूनल ने उन शेयरों की बिक्री से प्राप्त धनराशि को जारी करने का निर्देश दिया, जिन्हें पहले ईडी ने संलग्न किया था और बाद में पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को बहाल किया था।

अब यह राशि आधिकारिक परिसमापक (ऑफिशियल लिक्विडेटर) को भेजी जाएगी, जो इसे किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों में वितरित करेगा। ईडी की यह जांच कई एफआईआर पर आधारित थी, जो सीबीआई ने किंगफिशर एयरलाइंस, विजय माल्या और संबंधित संस्थाओं के खिलाफ दर्ज की थीं। इन एफआईआर में बैंक धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र जैसे आरोप थे, जो पीएमएलए के तहत शेड्यूल्ड अपराध की श्रेणी में आते हैं। जांच में यह सामने आया कि लोन की भारी-भरकम रकम को बड़े पैमाने पर डायवर्ट किया गया और उसका दुरुपयोग हुआ, जिसके बाद ईडी ने किंगफिशर एयरलाइंस, विजय माल्या, यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड और अन्य संबद्ध इकाइयों की चल-अचल संपत्तियों को अटैच कर दिया। बता दें कि विजय माल्या को 5 जनवरी 2019 को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के तहत फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर घोषित किया गया था। जांच और संपत्ति कुर्की की यह लंबी प्रक्रिया इस बात का प्रमाण है कि आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने और उसे पीड़ित पक्षों तक पहुंचाने में ईडी कितनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। उल्लेखनीय है कि ईडी अब तक 14,132 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियां एसबीआई को पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत बहाल कर चुका है और इसी संपत्ति पूल से कार्यबल के बकाये चुकाने की प्रक्रिया संभव हुई है। किंगफिशर कर्मचारियों के बकाया एक दशक से भी अधिक समय से लटके हुए थे।

इस दिशा में ईडी ने एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय किया और बैंक को यह सुविधा दी कि वह पीएमएलए के तहत बहाल परिसंपत्तियों का उपयोग कर्मचारियों के दावों के भुगतान में करे। ईडी की पहल पर एसबीआई ने डेब्ट्स रिकवरी ट्राइब्यूनल में इंटरलोक्यूटरी एप्लिकेशन नंबर 01/2025 दायर की, जिसमें बैंक ने न केवल इन परिसंपत्तियों को कार्यबल के बकाये चुकाने के लिए उपलब्ध कराने की पेशकश की, बल्कि यह भी स्वीकार किया कि कर्मचारियों के दावे सुरक्षित लेनदारों की तुलना में प्राथमिकता रखते हैं। इसी कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया के परिणामस्वरूप ट्राइब्यूनल ने आदेश दिया कि आधिकारिक परिसमापक 311.67 करोड़ रुपए की राशि किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों को वितरित करे। यह बहाली न केवल ईडी की अपराध की आय छीनने की नीति को पुष्ट करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि यह एजेंसी उन लोगों तक न्याय पहुंचाने को प्राथमिकता देती है जो आर्थिक अपराध से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते हैं। इस मामले में वह कर्मचारी वर्ग जिसने वर्षों पहले बिना किसी गलती के अपनी नौकरियां और बकाया खो दिए थे। --(आईएएनएस)


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