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ऐसा बयान एक तरह से देशद्रोह माना जाना चाहिए...
14-Nov-2025 5:24 PM
ऐसा बयान एक तरह से देशद्रोह माना जाना चाहिए...

भूपेश के बयान पर पंकज झा की कड़ी प्रतिक्रिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर,14 नवंबर। बिहार में एनडीए की जीत का श्रेय चुनाव आयोग को देने के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बयान पर सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज कुमार झा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के विरोध में ऐसा बयान देना एक प्रकार से देशद्रोह ही माना जाना चाहिए, जो भूपेश जी से कराया जा रहा है।

  सीएम के मीडिया सलाहकार झा ने फेसबुक पर अपने पोस्ट में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा- बहुत पीड़ा की बात है। गलती से भी जीत गए तो श्रेय लेने टूट पड़ते हैं राहुल गांधीजी, जबकि यहां भूपेशजी को आगे कर दिया। यह निहायत ही अनुचित है। बघेलजी के समर्थक लोग दस जनपथ की इस साजिश का उचित जवाब देंगे।

जहां भी आधारहीन बयान देना हो वहां भूपेशजी को आगे करने से छत्तीसगढ़ में भी बिहार की तरह ही रही-सही कसर भी पूरी हो जायेगी। अब जनता बे-सिर पैर के बयानों पर बुरी तरह प्रतिक्रिया देती है। कांग्रेस को बचना चाहिए इससे।

लंबे समय तक इन्होंने EVM को लांछित कर भारत की चुनाव प्रणाली का मखौल बनाया। इस सीमा तक मखौल बनाया कि सन 2018 में छग समेत तीन राज्यों में जीत कर, सत्ता सुख भोगते हुए भी उस जीत को जीत मानने के लिए ये तैयार नहीं थे। ऐसा अजीब सा बयान दिलवाया गया तब के सीएम से कि बड़ी जीत हासिल करने के लिए छोटी जीत करा दी गयी सायास।

फिर इनकी रिसर्च टीम (अगर कांग्रेस में ऐसी कोई टीम होती भी हो तो) को लगा कि जनता ईवीएम वाले झूठ पर बुरी तरह रियेक्ट कर रही है। कांग्रेस से बुरी तरह नाराज हो रही है। तब संविधान कथित तौर पर समाप्त कर देने का विषय ले आए।

जनता फिर भयंकर नाराज हुई। संवैधानिक संस्थाओं पर आक्रमण करते हुए, संविधान को कथित तौर पर बचाने का पाखंड फिर जनता को रास नहीं आया। इनके कोर इलाके में भी सफाया होता रहा। तब अब ये वोट चोरी का शिगूफा ले आए।

जनता सब समझती है। हर गलत आरोप का व्यवस्थित जवाब दिया चुनाव आयोग ने। ईवीएम से लेकर एसआईआर तक के बारे में सुप्रीम कोर्ट तक तर्कसंगत जवाब दिया। दिन रात काम कर 60 लाख से अधिक डेटा दिया कोर्ट को। मतदाता सूची स्वच्छता अभियान चला, कोर्ट ने पूरी तरह हर मामले में नजर बनाए रखा था।

ईवीएम के विरुद्ध तो न्यायालयों में 40 मुकदमे दर्ज हुए थे, हर में बेदाग निकला चुनाव आयोग। फिर भी नए-नए शिगूफे के साथ ये आते रहे, जनता की अदालत से सजा पाते रहे। अब तो बस कीजिए कृपया। अब तो बड़े बन जाइए।

दुखद है ऐसा बयान। भारतीय लोकतंत्र के विरोध में ऐसा बयान देना एक प्रकार का देशद्रोह ही माना जाना चाहिए, जो भूपेशजी से कराया जा रहा है। इतनी बुरी हार की जिम्मेदारी लेने सबसे पहले राहुलजी को आगे आना चाहिए था। उनके बाद ही शेष लोग जिम्मेदार हो सकते हैं। है न?


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