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तेलंगाना से बिजली की बकाया राशि वसूलने पॉवर कंपनी ने अब नियामक आयोग में लगाई याचिका
20-Jul-2025 6:01 PM
तेलंगाना से बिजली की बकाया राशि वसूलने पॉवर कंपनी ने अब नियामक आयोग में लगाई याचिका

छत्तीसगढ़ ने हाईकोर्ट से केस वापस लिया

‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट

रायपुर, 20 जुलाई (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता )। तेलंगाना से बिजली की बकाया राशि वसूलने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी कानूनी कार्रवाई कर रही है। इस कड़ी में कंपनी ने पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, और अब याचिका वापस लेकर राज्य नियामक आयोग में याचिका लगाई है।

छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एमडी भीम सिंह कंवर ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि तेलंगाना से से बिजली की बकाया राशि वसूलने के लिए पहले हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, और फिर कानूनी परामर्श के बाद वापस लेकर राज्य नियामक आयोग में याचिका दायर की गई है।

बताया गया कि तेलंगाना से बिजली आपूर्ति के बाद भुगतान को लेकर पिछले छह साल से विवाद चल रहा था। रमन सिंह सरकार में तेलंगाना के साथ बिजली बेचने को लेकर समझौता हुआ था। जिसमें छत्तीसगढ़ बिजली बोर्ड अलग-अलग समय एक हजार मेगावाट तक बिजली आपूर्ति करती रही है। यह बिजली कोरबा के मड़वा प्लांट से दी जाती रही है। शुरुआत में सब कुछ ठीक चलता रहा। बाद में तेलंगाना बिजली बोर्ड ने बिजली बिल का भुगतान बंद कर दिया।

बताया गया कि बिजली बिल की राशि बढक़र 36 सौ करोड़ तक पहुंच चुकी है। पिछली सरकार ने भी बिजली बिल के भुगतान के लिए दबाव बनाया गया था। तब छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी, और तेलंगाना के अफसरों के साथ बैठक भी हुई थी। तेलंगाना बिजली की बकाया राशि 21 सौ करोड़ मान रहा है। बकाया भुगतान के लिए किस्तों में राशि देने पर तेलंगाना सरकार ने सहमति दी थी, लेकिन भुगतान नहीं हुआ। इसके बाद छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनी ने बिजली आपूर्ति बंद कर दी।

छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनी ने बिजली बिल की वसूली के लिए दबाव बनाया है, और हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बाद में हफ्ते भर याचिका को वापस लेकर छत्तीसगढ़ राज्य नियामक आयोग में दायर की है।

आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी की याचिका स्वीकार कर ली गई है। इस संबंधित पक्षों को नोटिस जारी जवाब लिया जाएगा। उधर, तेलंगाना में सरकार बदलने के बाद कांग्रेस की रेवंत रेड्डी सरकार ने छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनी के साथ बिजली खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार पर छत्तीसगढ़ से बिजली खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। यह कहा गया कि बिना टेंडर के छत्तीसगढ़ से अधिक दर पर बिजली खरीदी की गई। और इससे तेलंगाना बिजली बोर्ड को 13 सौ करोड़ से अधिक करोड़ का नुकसान हुआ है। तेलंगाना सरकार बकायदा इसकी न्यायिक जांच करा रही है, और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग गठित हुई है। इसकी जांच चल रही है।

दूसरी तरफ, राज्य पॉवर कंपनी की नई याचिका के बाद बिजली के भुगतान के विवाद का निपटारा जल्द होने की उम्मीद कम है। वजह यह है कि तेलंगाना बोर्ड के पास खिलाफ में फैसला आने पर केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग जाने का विकल्प रहेगा।

बहरहाल, पॉवर कंपनी ने बिजली की बकाया भुगतान को लेकर आयोग में जल्द से जल्द सुनवाई हो, इसके लिए कोशिश कर रही है।


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