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सार्वजनिक लापरवाही की सजा से बचने का दावा ठीक नहीं...
सुनील कुमार ने लिखा है
20-Jul-2025 12:31 PM
सार्वजनिक लापरवाही की सजा से बचने का दावा ठीक नहीं...

न सिर्फ सोशल मीडिया, बल्कि खबरों वाला मीडिया भी पिछले चार दिनों से एक मानवीय गलती, या कि गलत काम पर बहस में डूबा हुआ है। अमरीका की एक बड़ी टेक कंपनी एस्ट्रोनॉमर, के सीईओ एंडी बायरन एक बड़े संगीत कार्यक्रम में मौजूद थे। वहां पर कार्यक्रम का प्रसारण कर रहे कैमरों में से कुछ कैमरे दर्शकों पर फोकस हो जाते हैं, और अचानक ही जीवंत प्रसारण में वे तस्वीरें जाने लगती हैं, या कि स्टेडियम या सभागृह में लगे बड़े पर्दों पर ऐसे किसी भी दिलचस्प दिख रहे दर्शक के क्लोजप दिखने लगते हैं। यह मामला ठीक वैसा ही जैसा कि क्रिकेट मैच के प्रसारण में जब मैदान पर कुछ पल के लिए कोई एक्शन नहीं रहता, तो कैमरा पर्सन किसी सुंदरी के गालों पर बने हुए किसी देश के झंडे को दिखाने लगते हैं, या किसी सुंदरी के कानों के झुमकों पर फोकस करते हैं। यह अंदाज ऐसे बड़े आयोजनों में एकदम आम है। और ऐसे ही किस-कैम कहे जाने वाले वीडियो-कैमरे ने इस कंपनी मुखिया एंडी बायरन को कंपनी की ही एचआर प्रमुख महिला क्रिस्टिन कैबॉट के साथ कैद किया। यह पुरूष पीछे खड़े हुए अपनी मातहत सहयोगी के इर्द-गिर्द बांहें लपेटे हुए था, और मानो इसकी सहमति देते हुए यह महिला भी उसकी बांहों को थामे हुई थी। अचानक ही जब इस संगीत समारोह की सभी बड़ी स्क्रीनों पर इस जोड़े का वीडियो अचानक छा गया, तो खूब आवाजें होने लगीं, और यह जोड़ा खुद हक्का-बक्का होकर शर्मिंदगी में डूब गया, और उसी जगह बैठकर कैमरे की नजरों से दूर होने की कोशिश की। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी, और यह वीडियो क्लिप अमरीका की तमाम वेबसाइटों पर छा गया, सोशल मीडिया पर नैतिकता की बहस छिड़ गई, और एंडी बायरन की पत्नी ने अपने सोशल मीडिया अकाऊंट पर से अपने नाम के साथ पति का, बायरन, सरनेम हटा दिया, और बाद में अकाऊंट डिलीट भी कर दिया। साथ में वीडियो में दिख रही मातहत अफसर ने भी अपना सोशल मीडिया अकाऊंट डिलीट कर दिया। लिपटे हुए ये दोनों लोग निजी जिंदगी में अलग-अलग लोगों से शादीशुदा हैं, और कुछ सेकेंड का यह वीडियो उनके लिए बड़ी तबाही लेकर आया।

अब इन दोनों परिवारों का जो भी होता हो, और इन दोनों, शायद, प्रेमियों का जो भी होता हो, इसकी आंच कंपनी तक भी आई है, और इनकी कंपनी में यह सवाल उठने लगा है कि सीईओ, और उसकी मातहत एचआर प्रमुख के बीच इतना करीबी रिश्ता होना कंपनी के नैतिक मापदंडों, और वहां के कामकाज के माहौल के खिलाफ है।

लेकिन इस मुद्दे को देखकर भी मैं अनदेखा कर देता, अगर एक दोस्त ने मुझे इस मामले पर कुछ जानकारी भेजकर यह न पूछा होता कि यह किसी की निजी जिंदगी में नाजायज दखल नहीं है कि उन्हें इस तरह कैमरों पर कैद करके दिखा दिया गया हो, उनकी मर्जी के खिलाफ?

निजता और नैतिकता के तमाम पहलू हमेशा ही मेरा ध्यान खींचते हैं। मुझे लगता है कि अलग-अलग देश, काल, और परिस्थितियों के मुताबिक इन दोनों चीजों की परिभाषाएं, और पैमाने अलग-अलग तय होते हैं। मैं अमरीका से आधी धरती दूर, गोले के दूसरे तरफ मौजूद हूं, और यहां की संस्कृति भी अमरीका से बिल्कुल ही अलग है। अमरीका में किसी भी धर्मग्रंथ को फाडक़र फेंक देना, आग लगा देना, वहां के नागरिकों का अधिकार है, और मेरे देश में अभी पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करने पर उम्रकैद जोडऩे की कोशिश हो रही है। यहां धर्म का हाल यह है कि कल एक रेलवे स्टेशन पर एक धर्म की शिनाख्त बताने वाले लोगों की एक टोली के दर्जन भर लोगों ने एक अकेले वर्दीधारी सीआरपीएफ जवान को मार-मारकर गिराया, और लातों से कूट डाला। ऐसे देश में बैठे मैं धरती के दूसरे ओर के अमरीका की नैतिकता पर बात कर रहा हूं।

भारत के लोगों को पल भर के लिए यह अटपटा लग सकता है कि किस-कैम कहे जाने वाले ऐसे कैमरों से किसी एक जोड़े को अचानक ही तमाम स्क्रीन पर दिखा दिया गया, और यह उनकी निजता के खिलाफ रहा। लेकिन इस जोड़े को यह अच्छी तरह मालूम था कि वहां के ऐसे संगीत समारोहों में ऐसे किस-कैम आम हैं, और जब स्टेज को ही देखते-देखते लोग थोड़े से थक या ऊब जाते हैं, तो कैमरापर्सन, या वीडियो एडिटर दर्शकों के बीच की कोई भी फोटो दिखाते हैं। चूंकि यह एकदम ही आम प्रचलन की बात है, इसलिए वहां जाने वाले लोग ऐसे कैमरों के फोकस हो जाने को निजता का हनन नहीं कह सकते। दुनिया में कहीं भी क्रिकेट हो रहा हो, तो मुस्कुराती सुंदरियों की तस्वीरें, या बॉडी पेंट करके पहुंचने वाले खेल के दीवानों की तस्वीरें दिखती ही हैं, स्टेडियम में पहुंचने का मतलब ही निजता के एक हिस्से को बाहर घर पर छोडक़र आना होता है। इसलिए एक-दूसरे के प्रेम में डूबे, नाग-नागिन के जोड़े की तरह लिपटे हुए इस सीईओ, और उसकी मातहत अफसर की निजता का कोई उल्लंघन यहां नहीं हुआ है। अब सवाल केवल एक कंपनी में काम करने वाले सीनियर और जूनियर के बीच, या बराबरी के दो लोगों के बीच रिश्तों का है कि उनमें क्या जायज है, और क्या नाजायज? कल इस सीईओ एंडी बायरन ने इस्तीफा भी दे दिया है, और कंपनी-बोर्ड ने दूसरे को नियुक्त करके, इस प्रेमीजोड़े की जांच शुरू करवा दी है।

हिन्दुस्तान कहने के लिए तो अपने आपको पश्चिमी प्रभावों से अलग रखने की चाहत रखने वाला देश करार देता है, लेकिन दूसरी तरफ यहां ऐसे बड़े-बड़े स्कैंडल आकर गुजर जाते हैं, और लोग अपनी जगह बने रहते हैं। अभी पिछले ही महीने मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के एक स्थानीय नेता हाईवे पर अपनी कार से बाहर निकलकर साथ में चल रही बिन कपड़ों वाली एक महिला से सेक्स करते कैमरों पर कैद हुए थे। वे जितनी देर तक, जितने तरह से सेक्स करते दिखे, वह सब मीडिया में दिखाने लायक भी नहीं था, और सिर्फ निजी संदेशों में भेजने लायक था, या फिर पोर्न वेबसाइटों पर डालने लायक। लेकिन ऐसे मामले आते-जाते रहते हैं, कभी किसी का इस्तीफा हो भी जाता है, कभी नहीं भी होता है। कई मामलों में तो धर्म और आध्यात्म से जुड़े हुए कई चर्चित लोगों के वीडियो आते हैं, और बाबाओं का कोई ओहदा तो रहता नहीं है, कोई जुर्म साबित होने पर वे जेल जाते हैं, और खुले रहने पर बाकी भक्तों पर मेहरबानियां बिखराते रहते हैं।

हमारे पाठकों के लिए इस पूरी घटना में एक बड़ा छोटा सा सबक है, अगर शादीशुदा जिंदगी से परे कोई विवाहेत्तर रिश्ता है, तो उसका प्रदर्शन करते नहीं घूमना चाहिए, उसे किसी बंद कमरे तक सीमित रखना चाहिए, या फिर किसी ऐसे पहाड़ या समंदरी कोने तक जाना चाहिए जहां वीडियो-कैमरों की कोई आशंका न हो। और जो लोग ऐसा खतरा झेलकर भी अपने प्रेम का प्रदर्शन करना चाहते हैं, तो उन्हें अपने दुस्साहस का पूरा लोकतांत्रिक अधिकार है, ठीक उसी तरह जिस तरह कि मध्यप्रदेश में एक नेता को सडक़ के बीचोंबीच सेक्स करने का अधिकार था। उस पर कोई मामूली सा जुर्म बना होगा, और छोटी सी सजा के लिए जेल जाने पर वह बाकी कैदियों के बीच सेक्स के अपने प्रयोग पर प्रवचन देने आमंत्रित भी किया जाएगा। सार्वजनिक जगह पर निजता के पैमाने देश, काल, और परिस्थिति के मुताबिक अलग-अलग रहते हैं, उन्हें समझे बिना आप यह मानकर नहीं चल सकते कि आपकी निजी जिंदगी के हक लोगों के सार्वजनिक जगहों के हक के ऊपर हैं। (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक)a


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