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बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने किसानों पर की गई अपनी टिप्पणी पर सफ़ाई देते हुए कहा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.
उन्होंने कहा, "मेरे बयान का मतलब यह नहीं था कि हमारे देश के किसान भाई और अन्नदाता का किसी तरह से आपराधिक घटनाओं से कोई लेना-देना है. किसान हमेशा हमारे सम्मान के पात्र हैं और रहेंगे. मेरे पूर्वज भी सभी किसान थे. मैं अपने गाँव और कृषक समाज से गहरा संबंध रखता हूँ और जुड़ा हूँ."
"प्रत्येक आपराधिक घटनाओं के पीछे सिर्फ़ अपराधी होते हैं, उनकी जाति या कोई धर्म नहीं होता. मेरे मन में किसान के प्रति काफ़ी आदर भाव है, लेकिन फिर भी मेरे वक्तव्य से किसी को भी ठेस पहुँची है तो इसके लिए मुझे खेद है. मैं इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ."
कुंदन कृष्णन का बयान
इसमें वह कह रहे थे, "हाल में कई हत्याएं हुई हैं. होती हैं पूरे बिहार में. अप्रैल, मई और जून में वर्षों से ज़्यादा हत्याएं होती आई हैं. जब तक बरसात नहीं होती है, यह सिलसिला जारी रहता है. क्योंकि ज़्यादातर किसानों को कोई काम नहीं रहता है. बरसात होने के बाद कृषक समाज के लोग व्यस्त हो जाते हैं और घटनाएं घटती हैं." (bbc.com/hindi)