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अमेरिका के 'द रेज़िस्टेंस फ़्रंट' (टीआरएफ़) को 'विदेशी आतंकवादी संगठन' घोषित किए जाने के फ़ैसले का भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को स्वागत किया.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री मार्को रुबियो की इस फ़ैसले के लिए सराहना की.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि 'यह भारत-अमेरिका के बीच आतंकवाद के ख़िलाफ़ के मजबूत सहयोग का प्रमाण है.'
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने टीआरएफ़ को 'विदेशी आतंकवादी संगठन' घोषित किया है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी.
बयान में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को ने कहा, "लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के फ़्रंट टीआरएफ़ ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले की ज़िम्मेदारी ली थी. इसमें 26 नागरिकों की मौत हुई."
‘‘यह 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के किए गए मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला था. टीआरएफ़ ने भारतीय सुरक्षा बलों के ख़िलाफ़ कई हमलों की जिम्मेदारी भी ली है, जिनमें 2024 में किया गया हमला भी शामिल है.’’
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सात मई को एक प्रेस ब्रीफ़िंग के दौरान टीआरएफ़ को पहलगाम हमले का ज़िम्मेदार ठहराया था.
मिसरी ने कहा, "खुद को द रेजिस्टेंस फ़्रंट (टीआरएफ़) कहने वाले एक ग्रुप ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है. यह समूह संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकवादी ग्रुप लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है." (bbc.com/hindi)