धमतरी

कुरुद में 23 को सीएम का दौरा, प्रशासन अलर्ट, पार्टी में सन्नाटा
20-Sep-2025 3:33 PM
कुरुद में 23 को सीएम का दौरा, प्रशासन अलर्ट, पार्टी में सन्नाटा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

 कुरुद, 20 सितंबर। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने कुरूद विधानसभा में आने की हांमी भर ही दी। 23 सितंबर को मगरलोड ब्लॉक के बड़ी करेली में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन युध्द स्तर पर तैयारी में जुट गया है। लेकिन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं पार्टी नेताओं का अब तक इसमें कोई सक्रिय भागीदारी नजऱ नहीं आ रही है।

कुरुद विधानसभा के तहत आने वाले ग्राम पंचायत बड़ी करेली में मंगलवार को मुख्यमंत्री साय के प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने कलेक्टर अबिनाश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार करेली जाकर हेलीपैड स्थल का निरीक्षण एवं मंचीय व्यवस्था के बारे में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। इस बीच उन्होंने नवनिर्मित महतारी सदन का भी अवलोकन किया। इसके अलावा कलेक्टर ने 19 सितम्बर को मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर कलेक्टरेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें कलेक्टर ने तैयारियों की विभागवार समीक्षा की।

इस दौरान उन्होंने मंच व्यवस्था,वीआईपी और आम नागरिकों के बैठक स्थल, प्रवेश एवं निकासी द्वार, वाहन पार्किंग व्यवस्था आदि का बारीकी से अवलोकन किया। कलेक्टर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान आने वाले जनसमूह को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने स्वच्छता, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, शौचालय व्यवस्था और यातायात नियंत्रण जैसी सुविधाओं को सुचारू बनाने पर विशेष जोर दिया। इसी तरह एसपी

 सूरज सिंह परिहार ने हेलीपैड और कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा बलों की तैनाती, एंट्री और एग्जिट प्वाइंट, पार्किंग स्थल तथा आपातकालीन मार्ग की समीक्षा कर सुरक्षा की दृष्टि से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्व तैयारी के साथ सुनिश्चित करने का फरमान जारी कर चुके हैं। लेकिन इन सब के बीच सत्तापक्ष के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों एवं संगठन से जुड़े लोगों के बीच सन्नाटा पसरा हुआ है। नाम न छापने के आग्रह के साथ कुछ नेताओं ने बताया कि हमारी सरकार के मुखिया हमारे क्षेत्र में आने वाले है, लेकिन अब तक उन्हें इसकी खबर नहीं, सबकुछ अधिकारी ही हैंडल कर रहे हैं। क्या इसी दिन के लिए हमने चुनाव में पसीना बहा पार्टी की सरकार बनाई है ? सत्ताधारी बड़े नेता हम कार्यकर्ताओं की इसी तरह उपेक्षा करते रहे तो चुनाव प्रबंधन भी अफसरों को ही करना पड़ेगा।


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