‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 27 फरवरी। नगर के वार्ड 3 रिंग रोड में राजस्व विभाग के द्वारा अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर राजनीति गरमाती जा रही है, जहां भाजपा के द्वारा कुछ दिन पूर्व रैली निकालकर अतिक्रमण की कार्रवाई रोकने के लिए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था, वहीं आज राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने अतिक्रमण से प्रभावित लोगों से मुलाकात की एवं प्रशासन की कार्रवाई की निंदा की।
श्री नेताम ने कहा कि बिना पुनर्वास के वर्षों से निवासरत लोगों को अकारण हटाया जा रहा है, ऐसी कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जा सकती। श्री नेताम ने अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर स्थानीय विधायक पर भी निशाना साधा।
गौरतलब है कि राजस्व विभाग के द्वारा रिंग रोड में अतिक्रमण के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 10 से अधिक घरों को तोड़ा तथा वहीं 70 से अधिक लोगों को नोटिस भी जारी की गई है। प्रशासन की बड़ी कार्रवाई के बाद से ही राजनीति गरमा गई। पहले जहां सैकड़ों लोगों के साथ भाजपा के स्थानीय नेताओं ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई को बंद करने की मांग की थी, वहीं आज अपने रामानुजगंज प्रवास के दौरान पहुंचे राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम भाजपा नेता शर्मिला गुप्ता, अनूप तिवारी, शैलेश गुप्ता, अश्वनी गुप्ता, अजय यादव सहित वार्ड क्रमांक 3 अतिक्रमण से प्रभावित वार्डवासियों से मुलाकात करने पहुंचे।
इस दौरान सैकड़ों की संख्या में वार्डवासी एकत्रित हो गए, जो रामविचार नेताम से प्रशासन के द्वारा की जाने वाली कार्रवाई को बंद करवाने की मांग करने लगे। वार्डवासी बताने लगे कि हम सब यहां 20 से 50 वर्षों से निवासरत है, परंतु प्रशासन के द्वारा हमें यहां खाली करने की नोटिस दी है, जिससे हम सभी की रातों की नींद उड़ गई है, हम लोगों को कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
श्री नेताम ने कहा कि जिस प्रकार से प्रशासन के द्वारा अनावश्यक रूप से अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई के नाम पर गरीबों का घर उजाड़ा जा रहा है, वह घोर निंदनीय है, तत्काल प्रशासन को ऐसी कार्रवाई बंद करनी चाहिए। मैंने पूर्व में भी अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई बंद करने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा था। श्री नेताम ने अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर स्थानीय विधायक के विरुद्ध भी जमकर निशाना साधा।
पहले पुनर्वास की व्यवस्था करें उसके बाद हो कार्रवाई
रामविचार नेताम ने कहा कि रामानुजगंज में कई स्थान ऐसे हैं, जहां प्रदेश के बाहरी लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है, परंतु उन्हें स्थानीय प्रभावशील लोगों का संरक्षण प्राप्त है, वहां पर प्रशासन कार्रवाई न करके ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रहा है, जो विगत 40 से 50 वर्षों से निवासरत हैं एवं अत्यंत गरीब हैं। प्रशासन को अतिक्रमण की कार्रवाई करने से पहले पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए।