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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 17 अक्टूबर। चुनाव नजदीक आते ही नक्सलियोंं की गतिविधियां बढ़ गई हैं। छत्तीसगढ़ में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नक्सलियों का विरोध शुरू हो गया है। जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों द्वारा बैनर लगाकर प्रदेश सरकार को उखाड़ फेंकने आह्वान किया जा रहा है, वहीं अब जिला मुख्यालय के करीब भी नक्सलियों द्वारा इसका विरोध संबंधित बैनर-पोस्टर नजर आने लगे हैं।
मंगलवार की सुबह सुकमा—दंतेवाड़ा मार्ग पर नक्सलियोंं ने चुनाव बहिष्कार संबंधित भारी मात्रा में बैनर—पोस्टर लगाए। स्टेट हाईवे पर स्थित कानकीपारा और गोलागुड़ा के बीच नक्सलियों की दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने पर्चे फेंके हैं। जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को सबक सिखाने और वन संरक्षण अधिनियम संशोधित कानून को रद्द करने की बात लिखी। नक्सलियों ने छग विधानसभा चुनाव को फर्जी करार देते बहिष्कार करने कहा है। ब्राह्मण हिंदुत्व फासीवादी भाजपा और पीएम नरेन्द्र मोदी की नीतियों के विरोध करने का आह्वान किया है।
भाजपा नेत्री दीपिका की दखल से पीडि़त को मिली राहत
सुकमा, 3 अक्टूबर। नक्सल पीडि़त से जन्मप्रमाण पत्र के लिए डेढ़ हजार मांगने का मामला सामने आया है। भाजपा नेत्री दीपिका की दखल से पीडि़त को राहत मिली।
सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के ग्राम पंचायत बोकड़ा ओडार के रहने वाले नक्सल पीडि़त आदिवासी युवक धनीराम को अपने पुत्र का जन्मप्रमाण पत्र बनाने हेतु तहसील कार्यालय छिंदगढ़ में लगातार 1500 रु की मांग की जा रही थी। पीडि़त के पास उतनी राशि नहीं होने पर उसने आर्थिक मदद करने हेतु भाजपा नेत्री अधिवक्ता दीपिका शोरी से मिलने उनके घर पहुंचा। दीपिका ने पैसे की आवश्यकता का कारण पूछा। जिस पर पीडि़त ने उन्हें तहसील कार्यालय छिंदगढ़ में जन्म प्रमाण पत्र बनाने के एवज में 1500 रु की नाजायज मांग के विषय में बताया। इस बात को सुनकर दीपिका ने तहसीलदार छिंदगढ़ को फोन लगाकर इसकी जानकारी दी। दीपिका ने बताया कि मेरे फोन करने पर तहसीलदार ने धनीराम को बुलाकर तत्काल प्रमाणपत्र दिलवा दिया, परन्तु तहसील कार्यालय में राशि मांगने की बात से अपनी अनभिज्ञता जाहिर की। इसके बाद भाजपा नेत्री ने स्वयं तहसील कार्यालय जाकर तस्दीक की, वहाँ उपस्थित बहुत से ग्रामीणों से दीपिका ने बात की तो पता चला कि यहाँ प्रमाण पत्र हेतु निर्धारित राशि से अधिक राशि की वसूली की जा रही थी।
भाजपा नेत्री दीपिका ने कहा कि मैंने छिंदगढ़ के तहसीलदार से मिलने का लगातार प्रयास किया, परन्तु तहसीलदार से मुलाकात नहीं हो पाई। मैं मीडिया के माध्यम से कलेक्टर सुकमा से अपील करती हूं कि समस्त तहसील कार्यालय में जांच की जाए व ग्रामीणों को इन अनियमितताओं से राहत दिलाया जाए।
निकाली भरोसा यात्रा, हजारों कार्यकर्ता बाइक रैली में पहुँचे
सुकमा, 2 अक्टूबर। बस्तर के युवा बेरोजगारों को एनएमडीसी प्लांट से बहुत उम्मीदें हैं और केंद्र सरकार इस प्लांट का निजीकरण करने जा रहा है, जिसको लेकर आदिवासी समाज मे बहुत आक्रोश है और 3 अक्टूबर को बंद का आह्वान किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी बस्तर आ रहे हैं, उनका स्वागत है, लेकिन पिछले 9 सालों में बस्तर हित में कोई कार्य नहीं किया। अगर प्लांट का निजीकरण नही करने की बात कहे तो हम विरोध नही करेंगे। उक्त बातें मंत्री कवासी लखमा ने कही।
सोमवार को दोरनापाल से सुकमा भरोसा यात्रा निकाली गई। जिसमें जिलेभर के हजारों कार्यकर्ता बाइक पर सवार होकर पहुँचे। जगह- जगह मंत्री कवासी लखमा का स्वागत हुआ। बाइक रैली दोरनापाल से होते हुए केरलापाल, रामराम, बोरगुड़ा व जिला मुख्यालय के विभिन्न मार्गों से होते हुए मिनी स्टेडियम पहुँची। जहाँ कार्यकर्ताओं ने मंत्री कवासी लखमा का जोरदार स्वागत किया।
उससे पहले मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि कोण्टा विधानसभा को लोगो का कांग्रेस सरकार पर बहुत विश्वास है। क्योंकि पिछले 5 सालों में यहां बंद स्कूलों को खोला गया, गाँव-गाँव मे राशन दुकान व आंगनबाड़ी बनाए गए। सडक़ो का जाल बिछाया गया इतना ही नही दर्जनों गाँवो में बिजली पहुँचा दी गई। लोगो को शुद्ध पानी मिल रहा है।
हमारी सरकार ने हर वर्ग के लिए काम किया है। आज वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। धान व तेंदूपत्ता से आदिवासियों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। लोग कांग्रेस सरकार से खुश है। भाजपा ने 15 सालों में आदिवासियों के शोषण के अलावा कुछ नही किया है। यही हाल सीपीआई का भी रहा है। कोण्टा विधानसभा के लोग समझदार है। उन्होंने कहा कि में उद्योग मंत्री हु और मैने एनएमडीसी के निजीकरण के विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव लाया था जिसका समर्थन भाजपा के बड़े नेताओं ने किया उसको भी केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया। हमारी सरकार ने कहा कि अगर आप किसी उद्योगपति को प्लांट बेचोगे हम उससे दुगनी कीमत में राज्य सरकार खरीद लेगी। क्योकि इस प्लांट से युवाओ को बहुत उम्मीद है। भाजपा सिर्फ उद्योगपतियो का कर्जा माफ करती है और हम गरीब किसानों का कर्जा माफ करते है फर्क सिर्फ इतना है। इस दौरान भारी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
ग्रामीणों से कहा सडक़ बनेगी और विकास होगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 1 अक्टूबर। नक्सल प्रभावित गांव कोर्रापाड़, तोंगगुड़ा, पुनपल्ली, नेलगुड़ा पहुंचे कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि पिछले पांच साल में जिले की अधिकांश गांवों को सडक़ों से जोड़ दिया गया है। कुछ गांवों में अब भी सडक़ें नहीं बन पाई है, लेकिन आने वाले समय में उन गांवों को भी जोड़ दिया जाएगा। हर गांव हर घर में शुद्ध पेयजल व बिजली लगेगी, धीरे-धीरे विकास हो रहा है और आप लोगों का साथ रहा तो आने वाले पांच साल में ऐसा कोई गांव नहीं होगा, जहां बिजली, पानी व सडक़ नहीं बनेगी, इसलिए विकास और सुरक्षा व विश्वास के लिए आप मुझे सहयोग करें।
रविवार को वाणिज्यिक कर (आबकारी) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा कांकेरलंका पहुंचे, जहां से बाइक पर सवार होकर वे 7 किमी दूर स्थित कोर्रापाड़ पहुंचे, लेकिन इस बीच उन्हें पैदल छोटा सा नाला पार करना पड़ा और कड़ी मशक्कत के बाद गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया।
पारंपरिक ढोल के साथ नृत्य किया, जिसमें मंत्री कवासी लखमा खुद शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने चुनाव से पहले जो वादे किए उसे पूरा किया। आज आदिवासियों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। धान का समर्थन मूल्य मिल रहा है। वनोपज का समर्थन मूल्य मिल रहा है साथ ही तेंदूपत्ता का पैसा समय पर मिल रहा है। जिससे आप लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। पहले स्कूलें बंद थी और राशन के लिए मीलों पैदल जाना पड़ता था। लेकिन हमारी सरकार बनते ही गांव-गांव में बंद स्कूलों को फिर से खोला गया जिसमें हजारो आदिवासी बच्चे अपना बेहतर भविष्य बना रहे है।
गांव में या फिर आसपास राशन दुकानें खुल गईं, जिसके चलते आप लोगों को नजदीक राशन मिल रहा है। हमारी सरकार सुरक्षा, विश्वास और विकास को लेकर काम कर रही है। चुनाव होने वाले है जैसा पहले मेरा साथ दिया, ठीक उसी तरह आगे भी साथ दें। वहीं पेड़ के नीचे चौपाल लगाई और ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। उससे पहले सर्व उरांव समाज का जिला मुख्यालय में कार्यक्रम का आयोजन था जिसमे उन्होने भाग लिया। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
30 साल पुराना कर्जा चुकाया
मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि 30 साल पहले जब बैला का धंधा करता था तो उस समय इस गांव के सोढ़ी देवा के पिता से एक बैला ले गया था, उस समय मेरे पास 3 हजार थे और बाकी 3 हजार उधार में थे। उसके बाद मैंने चुनाव लड़ा और बैला काम बंद कर दिया, लेकिन मेरे से न तो कभी पैसे मांगे और न ही मुझे याद था। लेकिन आज जब गांव पहुंचा और सोढ़ी देवा ने याद दिलाया तो मैं बचे हुए 3 हजार दे रहा हूं और कर्ज मुक्त हुआ हूं।
कहा हमारे पंचायत मुख्यालय में बनाए मतदान केंद्र, मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 29 सितंबर। मतदान के पक्ष में 6 गांवों के ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे। ग्रामीणों का कहना था कि हमारे पंचायत मुख्यालय में मतदान केंद्र बनाए ताकि सभी लोग आराम से मतदान कर सके। छ: गाँवों के ग्रामीणों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नाम का ज्ञापन सौंपा।
गुरुवार दोपहर ऑडिटोरियम के पास 6 गांवों के प्रमुख ग्रामीण पहुँचे। ये गाँव मारोकि, गुफडी, गोंड़पल्ली, डब्बा व पाण्डुपारा हैं, जहां के ग्रामीणों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि उनके पंचायत मुख्यालय में मतदान केंद्र बनाया जाए।
ग्रामीणों ने कहा कि लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व आगामी विधानसभा चुनाव का हिस्सा बनना चाहते हैं, लेकिन माओवाद का डर बताकर हमारे मतदान केंद्रों को दूसरे जगह पर स्थानांतरण कर दिया जा रहा। जिसकी दूरी 15 से 20 किमी होती है, ऐसे में बहुत ग्रामीण संसाधनों के अभाव में मतदान देने नहीं पहुँच पाते हंै, जबकि इन गाँवों में माओवाद का प्रभाव कम है और 3 किमी दूर ही कैम्प स्थित है। यहां के लोग मतदान को लेकर काफी उत्साहित हंै, लेकिन मतदान केंद्र स्थानांतरण हुआ तो मतदान करने से कई लोग छूट जाएंगे। ऐसे में सभी मतदान केंद्रों को फिर से यथावत यानी कि पंचायत मुख्यालय में रखा जाए। ताकि इस लोकतंत्र में लोग बढ़-चढक़र हिस्सा ले सके। मुख्य निवार्चन अधिकारी के नाम ज्ञापन सौपा गया। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
यहां मतदान केंद्र बनाने की मांग
ग्रामीणों ने कहा कि हमारे गाँव के मतदान केंद्र कोंडरे, कुन्ना व कुंदनलाल जो कि गाँव से 15 से 20 किमी दूर है। इसलिए हमारी मांग है कि हमारे पंचायत मुख्यालय में ही मतदान केंद्र बनाया जाए। ताकि दूरी कम होगी तो लोग अपने हिसाब से मतदान के लिए आ पाएंगे।
36 मतदान केंद्र होंगे शिफ्ट
वहीं विभागीय सूत्रों की माने तो आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 36 मतदान केंद्रों को शिफ्ट करने का प्रस्ताव भेजा गया। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव के समय 40 मतदान केंद्र को शिफ्ट किया गया था। इस बार घटकर 36 हुआ है।
किस्टाराम पहुँचे पूर्व विधायक ने कांग्रेस व भाजपा पर साधा निशाना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 27 सितंबर। प्रदेश में जब भाजपा की सरकार थी, तब सलवा जुडूम चलाया गया, उसका सीपीआई ने सडक़ से लेकर कोर्ट तक विरोध किया तब कहीं जाकर बंद हुआ। अब कांग्रेस की सरकार द्वारा भी निर्दोष आदिवासियों को जेलों में डाला जा रहा है या फिर मुठभेड़ों में मारा जा रहा है। जबकि कांग्रेस के मंत्री कवासी लखमा ने चुनाव से पहले कहा था कि जेलों में बंद निर्दोषों को छोड़ा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। उक्त बातें सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने कही।
मंगलवार को सीपीआई नेता मनीष कुंजाम, रामा सोढ़ी जिले के नक्सल प्रभावित गाँव किस्टाराम पहुँचे। जहाँ बालक आश्रम के मैदान में सभा का आयोजन किया गया। जिसमें किस्टाराम के अलावा आसपास के गाँव के ग्रामीण शामिल हुए।
सभा को संबोधित करते हुए रामा सोढ़ी ने कहा कि बस्तर में जल-जंगल व जमीन की लड़ाई सिर्फ हम लोगों ने लड़ी। चाहे सलवा जुडूम हो या फिर टाटा जिसके खिलाफ सडक़ से लेकर कोर्ट तक की लड़ाई लड़ी। वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस व भाजपा सिर्फ चुनाव के समय वादे करती है, लेकिन हम जो कहेंगे, उसे कर के दिखाएंगे।
पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कहा कि आज बस्तर में खनिज बचा हुआ है, उसमें हमारी मुख्य भूमिका है। तेंदूपत्ता का दर बहुत कम था। जिस पर हमारा हक होना चाहिए, लेकिन सरकार, नेता, अधिकारी इतना पैसा लेते हंै कि हम लोगों को सिर्फ मेहनताना ही मिलता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बस्तर में पेशा कानून लागू होगा और हम जीते तो कानून के मुताबिक काम करेंगे। खनिज, गिट्टी, रेती, तेंदुपत्ता का दर ग्राम पंचायत तय करेगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले मंत्री कवासी लखमा ने वादा किया था कि जेलों में बंद निर्दोषों को रिहा किया जाएगा। लेकिन पिछले 5 सालों में निर्दोषों को जेलों में बंद किया गया। सिलगेर, ताड़मेटला में फर्जी मुठभेड़ की गई। हम आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ लड़ रहे हैं। आपका साथ चाहिए, आगामी चुनाव में सीपीआई का समर्थन करें। आज पेंशन समय पर नहीं मिल रही है। गाँव के बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिल रही है। बाहरी लोगों को नौकरी दिया जा रहा है। हम लोग स्थानीय लोगों की भर्ती को लेकर लड़ रहे हैं। उन्होंने सीपीआई की नीति व चुनाव के बाद करने वाले काम के बारे में ग्रामीणों को बताया। इस दौरान रामा सोढ़ी, हड़मा राम, मंजू कवासी, आराधना मरकाम, महेश कुंजाम मौजूद रहे।
सुकमा, 25 सितंबर। पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण को मादक पदार्थ की तस्करी को रोकने के लिए किए बेहतर कार्यों को देखते हुए फिक्की ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अवार्ड दिया। एसपी किरण चव्हाण ने इस अवार्ड के लिए जिले की पूरी टीम को बधाई दी।
तीन राज्यों की सीमा से लगा होने और खासकर ओडिशा से लगा होने के कारण यहां से सबसे ज्यादा मादक पदार्थ गांजा की तस्करी होती है। और गांजे की तस्करी को लेकर पुलिस हमेशा सर्तक रहती है और आए दिन कार्रवाई होती रहती है। पिछले कुछ महिनों से लगातार गांजे के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिसके चलते गांजे की तस्करी में कमी आई है। मादक पदार्थों के खिलाफ लगातार कार्रवाई को देखते हुए देश की प्रतिष्ठित संस्था फिक्की ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए अवार्ड दिया गया। एसपी किरण चव्हाण ने इस अवार्ड के लिए पूरे टीम को बधाई दी उन्होंने कहा कि जिले में लगातार मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिसके लिए मेरी पूरी टीम बधाई की पात्र है।
तालनार में बनेगा 30 बिस्तर अस्पताल, छिंदगढ़ में रेस्ट हाउस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 25 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सडक़ से ना जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सडक़ से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब कच्चे मार्ग का निर्माण तेजी से हो रहा है। पक्की सडक़ों का निर्माण हो रहा है। गिट्टी, मुरुम का कार्य हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए। पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि पूरे सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं।
रविवार को मुख्यमंत्री श्री बघेल सुकमा जिले के छिंदगढ़ में आयोजित आमसभा कार्यक्रम में शामिल हुए। श्री बघेल ने इस अवसर पर सुकमा जिले को 273 करोड़ 28 लाख रूपए से अधिक राशि के 137 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास कर सौगात दी। मुख्यमंत्री ने आमसभा में छिंदगढ़ में रेस्ट हाउस और तालनार में 30 बिस्तर वाले अस्पताल के निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यहां आमजनों की सुविधाओं में वृद्धि करते हुए पोरदेम मार्ग में पुलिया निर्माण, मनकापाल से पुसेर मार्ग स्थित मलगेर नदी में पुलिया निर्माण, हम्मीरगढ़ से लिटीरास के बीच बारू नदी में पुलिया निर्माण, सुकमा जिले के मनकापाल, किस्टाराम, जगरगुंडा, बस्तर जिले के पोटानार, धुरागांव गूमड़पाल में धान खरीदी केंद्र के निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने रोकेल से पेदारास के मध्य बारू नदी पर पुलिया निर्माण और केरलापाल से पोंगा भेज्जी मार्ग स्थित रेवड़ी नाला में पुलिया निर्माण की भी घोषणा की।
आमसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी, इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया था, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछले समय मैं भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था बहुत सारे अपने निर्माण कार्य, बहुत सारे आजीविका के कार्यों और साथ ही स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी क्रास (पार) करके आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते जाते हैं। यहां के आवागमन में परिवर्तन हुआ है। छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सडक़ से ना जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सडक़ से जुड़ चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, मजदूर कार्ड बन गया है। उन तक योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। यह सब जनप्रतिनिधियों के मेहनत से अधिकारियों के साहस से यह संपन्न हुआ। आज यहां आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ परब मनाने के लिए छत्तीसगढ़ आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत हम सरपंचों को भी 10-10 हजार रूपए दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए, लोग आएं और देखें कि सुकमा हमारा सबसे सुंदर जिला बने। यहां अच्छे स्कूल, चिकित्सालय बने और सुविधाएं बढ़े। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। आप सबको विकास कार्यों की बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।
इस अवसर पर आम सभा को आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी संबोधित किया। श्री लखमा ने कहा कि हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
कार्यक्रम में बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी, कलेक्टर हरीश एस. पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 25 सितंबर। राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेव की शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें बाबा के भजनों से नगर गूंज उठा। वही बाबा रामदेव की झांकी आकर्षक का केंद्र रहा।
रविवार को माहेश्वरी समाज द्वारा राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेव की भव्य शोभायात्रा माहेश्वरी भवन से निकाली गई, जो नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए वापस भवन पहुँची। वहीं बाबा के भजनों से पूरा नगर गूंज उठा, माहौल भक्तिमय हो गया। साथ ही बाबा रामदेव की झांकी आकर्षक का केंद्र रहा।
बाबा रामदेव की झांकी व शोभायात्रा में राजस्थानी समाज के महिलाएं व पुरुष शामिल हुए। साथ ही शोभायात्रा के दौरान जगह- जगह शीतल पेयलज पिलाया गया। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी व नपा अध्यक्ष राजू साहू शामिल हुए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 24 सितम्बर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छिंदगढ़ स्थित नवीन माता मुसरिया मंदिर का लोर्कापण किया गया। उन्होंने मुसरिया माता के दर्शन कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की। मुसरिया माता क्षेत्र के 64 परगना के ग्रामों की आराध्य देवी मानी जाती है।
मंदिर परिसर पहुंचने पर क्षेत्र के क्षेत्रीय गेड़ी नर्तक दलों द्वारा मुख्यमंत्री का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा 64 परगना के समाज प्रमुख पुजारी गायता, सिरहा, पेरमा, मांझी, पटेल चालकियो का सम्मान परंपरागत पगड़ी पहना कर किया गया।
इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा, सरपंच चंदना नेगी, अन्य जन प्रतिनिधिगण और कलेक्टर हरिस. एस, एसपी किरण चव्हाण समेत अधिकारी, कर्मचारीगण समेत आमजन उपस्थित रहे।
सुकमा, 24 सितम्बर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा जिले के छिंदगढ़ में सुकमा जिले के 681 प्राथमिक शालाओं में मुख्यमंत्री स्वल्पाहार योजना का प्रारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को टिफिऩ का वितरण किया। इस योजना के तहत कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों को सप्ताह के पाँच दिन अलग-अलग मैन्यू के तहत स्वल्पाहार दिया जाएगा। जैसे सोमवार को पोहा, मंगलवार को दलिया, बुधवार को चना फ्राई, गुरुवार को मूंगदाल और शुक्रवार को वेज पुलाव दिया जाएगा। इससे सुकमा जिले के लगभग 17 हजार बच्चे लाभान्वित होंगे।
योजना के तहत स्कूल के रसोइयों को 800 रुपए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 24 सितम्बर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा जिले के छिंदगढ़ में आमसभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी, इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया था, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछले समय मैं भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था बहुत सारे अपने निर्माण कार्य, बहुत सारे आजीविका के कार्यों और साथ ही स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी।
सुकमा वो जगह थी जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी क्रोस करके आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते जाते हैं। यहां के आवागमन में परिवर्तन हुआ है। छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सडक़ से ना जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सडक़ से जुड़ चुके हैं।
कोंटा में भी अब कच्चे मार्ग का निर्माण तेजी से हो रहा है। पक्की सडक़ों का निर्माण हो रहा है। गिट्टी, मुरुम का कार्य हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए। पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि पूरे सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं।
आज मुझे इस बात की खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है।
मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, मजदूर कार्ड बन गया है। उन तक योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है।
यह सब जनप्रतिनिधियों के मेहनत से अधिकारियों के साहस से यह संपन्न हुआ। आज यहां आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।
समाज प्रमुखों ने कहा- मुठभेड़ की हो जांच और ऐसी घटनाओं की न हो पुनरावृत्ति जिलेभर में व्यापारिक प्रतिष्ठानें रहीं बंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 23 सितंबर। जिले के ताड़मेटला में हुई मुठभेड़ को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने एक दिवसीय बंद का एलान किया था। जिसके बाद आज जिलेभर की व्यापारिक प्रतिष्ठानें बंद रहीं। समाज प्रमुखों ने कहा-ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, साथ ही जांच की मांग भी की।
शनिवार को सर्व आदिवासी समाज ने एक दिवसीय बंद का आह्वान किया था, जिसके बाद सुबह से ही व्यापारिक प्रतिष्ठानें बंद रही। जिला मुख्यालय के अलावा जिले के सभी जगहों पर दुकानें दोपहर तक बंद रही।
वहीं समाज प्रमुखों ने कहा कि ताड़मेटला में हुई मुठभेड़ पूरी तरह फर्जी है। अगर वो दोनों नक्सली होते तो उन्हे गिरफ्तार किया जा सकता था। उन्हें मारने की क्यों जरूरत पड़ी। साथ ही समाज प्रमुखों ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की, साथ ही ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए प्रशासन से मांग की।
ज्ञात हो कि 5 सितंबर को ताड़मेटला में पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो नक्सली मारने का दावा पुलिस ने किया था। जिसके बाद राजनीतिक दल व सर्व आदिवासी समाज उस मुठभेड़ का फर्जी बता रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 16 सितंबर। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में पुलिस ने एक करोड़ रुपए के ईनामी नक्सली को गिरफ्तार किया है। नक्सली का नाम संजय दीपक राव उर्फ विजय है। जो नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी का सदस्य है।
बताया जा रहा है कि यह नक्सली आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल समेत साउथ के इलाकों में सक्रिय था। छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुई नक्सली घटनाओं का भी मास्टरमाइंड रहा है। पूछताछ में इससे कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
दरअसल, नक्सली संजय पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहा था। हैदराबाद के एक अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आया था। इसकी भनक तेलंगाना पुलिस की मिली। जहां दबिश देकर नक्सली को गिरफ्तार कर लिया गया।
बताया जा रहा है कि यह तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक ट्राई जंक्शन का सचिव भी है। बस्तर के दंडकारण्य इलाके के नक्सलियों से लगातारा संपर्क में था। पुलिस इससे पूछताछ कर रही है।
मिट्टी से भगवान का रूप देकर उल्लूर के नागेश की संवरने लगी जिंदगी
मोहम्मद इमरान खान
भोपालपटनम, 6 सितंबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र उल्लूर संजय पारा के दुर्गम नागेश भगवान की मूर्तियां बनाकर अपनी जिंदगी सवार रहे हैं। बचपन से सीखा हुआ हुनर अब जाकर जवानी में पालन पोषण का सहारा बना है, यह कहानी है उल्लूर के रहने वाले नागेश दुर्गम की।
ब्लॉक मुख्यालय से छ: किलोमीटर दूर उल्लूर के रहने वाले दुर्गम नागेश बताते हंै कि वे बचपन से मिट्टी से खिलौने बनाकर खेलते थे, 10 साल की उम्र में घर में गाय, बैल, खिलौने बनकर अपने दोस्तों के साथ खेलते थे, इसी तरह धीरे-धीरे उन्होंने भगवान की मूर्तियां बनाना शुरू किया। उनसे गांव के लोग औने-पौने दाम में मूर्तियां ले जाया करते थे।
कुछ साल बाद गांव में गणेश स्थापना के लिए उन्हें मूर्ति बनाने को कहा गया। उनका वह पहला आर्डर था, उन्होंने गांव के लिए बड़ी मेहनत से मूर्ति बनाई और वे सफल हुए, उसके बाद आसपास के गांव वाले गणेश व दुर्गाेत्सव में उनसे मूर्तियां बनाने लगे, धीरे-धीरे अब वे तीन साल से ब्लाक मुख्यालय में आकर मूर्तियां बनाकर बेच रहे हंै।
उल्लूर के नागेश क्लब ग्राउंड में पंडाल लगाकर मूर्तिया तैयार कर रहे हंै। उनकी मेहनत व लगन लोगों के लिए प्रेरणा साबित हो रही है। नागेश के साथ दो लडक़े दुर्गम संतोष, हरीश पिन्नापल्ली भी इनका हाथ बांटने इनके पंडाल में काम कर रहे हंै।
नागेश बताते हैं कि उनका छोटा सा परिवार है, उनकी पत्नी व दो बच्चे हैं। माता-पिता का देहांत कुछ साल पहले हुआ है। उनके यह डेढ़ एकड़ खेती है, इस काम के साथ खेती का काम भी करते हंै। खेत में जो फसल आता है उन्हें साल भर खाने के काम में आता है।
पाई-पाई जमा कर खरीदी पेंटिंग मशीन
मूर्तियों को कलर कर उभरने के लिए नागेश ने पाई-पाई पैसा जमा कर 10 हजार में पेंट करने की मशीन खरीदी है। काम चालू किए शुरुआती समय में हाथ से मूर्तियों में कलर लगाया करते थे। पांच साल पहले उन्होंने मूर्तियां बेचकर थोड़े थोड़े पैसे जमा किया, उसके बाद उन्होंने तेलंगाना के मंचिरियाल शहर जाकर दस हजार में कम्प्रेशर मशीन ली है, तब जाकर वे बड़ा काम कर रहे हैं।
मेले में लगती है स्टॉल
आस पास के मेले मड़ाई में इनकी स्टाल लगती है। वे बताते हंै कि मेलों में भगवान की छोटी-छोटी मूर्तियां गणेश, दुर्गा, लक्ष्मी, गौरी, और मिट्टी से बने खिलौना बनाकर बेचते हैं। जिसकी कीमत पचास रुपए से लेकर दो सौ रुपए तक की होती है। यह बेचकर वे एक हजार से दो हजार तक का फायदा काम लेते हंै।
पत्नी बंटाती हैं काम में हाथ
दुर्गम नागेश ने बताया कि उनकी जीवन साथी सुशील दुर्गम उनके हर काम में हाथ बटाती है। खेती कार्य से लेकर मूर्ति बनाने के काम मे उनका भरपूर सहयोग रहता है। घर के काम के बाद वे बिना थके पति का सहयोग करती हैं।
जिला मुख्यालय से लेकर कोण्टा तक निकाली बाइक रैली
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 1 सितंबर। पोलावरम बांध बन चुका है, लेकिन राज्य सरकार अभी तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रही है। कोण्टा व आसपास क्षेत्र के सैकड़ों परिवार डुबान क्षेत्र में आ रहे हैं, लेकिन उनके विस्थापन को लेकर सरकार नहीं सोच रही है, यह गंभीर विषय है। यहाँ के मंत्री कवासी लखमा जब विपक्ष में थे, तब कहते थे कि बांध बनने नहीं दूंगा, लेकिन अब बांध बन गया है और वे इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर रहे हैं। उक्त बातें सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने कही।
शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित मिनी स्टेडियम से सीपीआई नेता मनीष कुंजाम के नेतृत्व में सैकड़ों लोग बाइक पर सवार होकर रैली के रूप में कोण्टा के लिए रवाना हुए। पोलावरम बांध को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए गए। केरलापाल, दोरनापाल समेत कई जगहों से लोग बाइक रैली में शामिल हुए। उसके बाद कोण्टा में बाइक रैली सभा में तब्दील हो गई।
वहाँ संबोधित करते हुए मनीष कुंजाम ने कहा कि मंत्री कवासी लखमा जब विधायक थे, तब कहते थे कि कोण्टा वाले चिंता मत करो, मैं पोलावरम बांध बनने नहीं दूंगा। लेकिन बांध बनकर तैयार हो गया है और मंत्री जी कुछ नहीं कर पा रहे हंै। राज्य के मुख्यमंत्री से कोण्टा वाले मिलने गए थे, सिर्फ ये कहा गया कि मामला कोर्ट में चल रहा है। क्या यह जवाब काफी है। सरकार को चाहिए कि पोलावरम मामले में अपना रुख स्पष्ट करें। अगर कोण्टा के लोगों को विस्थापन करना है तो कहां कर रहे हैं, या फिर तटबन्ध बनाया जा रहा है, ये तय करें, हमारी मांग है। इस दौरान रामा सोढ़ी, हड़मा राम, आराधना मरकाम, कुसुम नाग, महेश कुंजाम समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।
कांग्रेस से एकमात्र नाम, जिला महामंत्री ने आवेदन किया प्रस्तुत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 28 अगस्त। विधानसभा चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा की पहली लिस्ट जारी हो चुकी है और दूसरी लिस्ट की तैयारी चल रही है। इस बीच कांग्रेस से भी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने की हलचल चल रही है। जिले की एकमात्र कोंटा विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे के लिए एकमात्र कवासी लखमा ने आवेदन प्रस्तुत किया है।
कांग्रेस पार्टी की ओर से उम्मीदवारों से आवेदन मंगाए थे, जिसमें कोंटा विधानसभा से एकमात्र कवासी लखमा ने चुनाव लडऩे का आवेदन दिया था। जिसको लेकर जिला महामंत्री प्रदेश कार्यालय पहुंचे और आवेदन जमा कर दिया। प्रदेश सरकार में मंत्री कवासी लखमा अब छठवीं बार चुनाव लड़ेंगे, इससे पहले पांच बार चुनाव जीत चुके हैं।
कांग्रेस पार्टी द्वारा ब्लॉक स्तर पर चुनाव लडऩे के लिए खुला आवेदन देने की प्रक्रिया शुरू की थी। कोंटा विधानसभा में एकमात्र सुकमा ब्लॉक से मंत्री कवासी लखमा ने ब्लॉक अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसके बाद ब्लॉक अध्यक्ष ने जिला कमेटी में आवेदन प्रस्तुत किया। जिला महामंत्री गुलाम मूर्तजा व राजेश नारा ने आवेदन को प्रदेश कार्यालय पहुंच कर प्रदेश महामंत्री रवि घोष व मलकित सिंह को सौंपा। पिछले पांच बार से चुनाव लड़ रहे मंत्री कवासी लखमा ने लगातार जीत दर्ज की है। अब छठवीं बार वे चुनाव लड़ेंगे। नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू ने कहा कि कवासी लखमा छठवीं बार चुनाव जीतकर रिकार्ड दर्ज करेंगे और इस बार जीत का अंतर बहुत ज्यादा होगा।
पांच नामों पर चर्चा, राजधानी तक लगा रहे दौड़, इस बार उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया अलग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 27 अगस्त। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने इस बार नई नीति अपनाते हुए आचार संहिता से पहले उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर न सिर्फ विपक्ष बल्कि भाजपा के नेताओं को भी चौंका दिया। लिस्ट जारी होने के बाद कोंटा विधानसभा के उम्मीदवारों की धडक़नें तेज हो गई है।
फिलहाल, पांच नामों पर चर्चा जरूर हो रही है, लेकिन उम्मीदवार इन पांचों के अलावा भी हो सकता है। क्योंकि इस बार भाजपा पार्टी अलग ढंग से उम्मीदवारों के नामों को तय कर रही है। बताया जाता है कि न तो किसी की सिफारिश चल रही है और न ही मंडल व जिलों से नाम मंगाया जा रहा है।
जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, ठीक वैसे-वैसे राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों की धडक़नें तेज हो रही है। भाजपा पकी इस बार बस्तर की सबसे वीआईपी सीट कोंटा पर विशेष नजर है। लेकिन भाजपा ने इस बार पहली लिस्ट जारी कर सभी को चौंका जरूर दिया है, क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई राजनीतिक दल ने आचार संहिता से पहले लिस्ट जारी की हो। इस लिस्ट के बाद कोंटा विधानसभा के भाजपा पार्टी के उम्मीदवारों का रक्तचाप बढ़ गया है।
यहां से पांच नामों पर चर्चा पिछले कुछ महिनों से चल रही है। जिसमें धनीराम बारसे, सोयम मुक्का, हुंगाराम मरकाम, संजय सोढ़ी व दीपिका सोरी का नाम स्थानीय से लेकर राजधानी तक चल रहा है, लेकिन इस बार इन पांचों के अलावा भी किसी और का नाम घोषित होगा तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि भाजपा उम्मीदवारों को लेकर अलग फार्मूला अपना रही है। खैर जो भी हो लेकिन कोंटा विधानसभा के उम्मीदवारों की धडक़ने तेज हो गई है।
भाजपा के नेता व पूर्व सांसद दिनेष कष्यप द्वारा ली गई बैठक में कुल 9 नामों पर चर्चा हुई लेकिन उसमें से पांच नाम टिकिट के लिए आगे भेजे गए। जिसमें धनीराम बारसे, सोयम मुक्का, हुंगाराम मरकाम, संजय सोढ़ी व दिपिका सोरी शामिल है।
धनीराम बारसे
सुकमा ब्लॉक के झापरा के रहने वाले धनीराम बारसे भाजपा के पुराने नेता व वर्तमान में जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं और वो दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और दूसरे स्थान पर रहे हैं। साथ ही जिला पंचायत सदस्य रहे है और शबरी नदी के किनारे व ओडिशा सीमा से सटे इलाके में अच्छी पकड़ है। इसके अलावा भाजपा के स्थानीय संगठन में भी अच्छी पकड़ है और चुनाव लडऩे का अनुभव भी है।
सोयम मुक्का
कोंटा के निवासी है और सलवा जुडूम के लीडर के तौर पर उनकी छवि है। इसके अलावा दोरला जनजाति के होने के कारण कोंटा इलाके में अच्छी पकड़ है। वो शिक्षक भी रह चुके हंै। उनके पिताजी कोंटा विधानसभा के विधायक रह चुके हैं। पिछले बार दो बार से उम्मीदवारों की लिस्ट में उनका नाम रहता है। संगठन व स्थानीय लोगों में अच्छी पकड़ है।
हुंगाराम मरकाम
पूर्व जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा चुके हुंगाराम छिन्दगढ़ ब्लॉक के रहने वाले है। छात्रनेता के रूप में उनकी पहचान है और वो जिले के सबसे बड़े ब्लाक के रहने वाले है। स्थानीय लोगों में अच्छी पकड़ है।
संजय सोढ़ी
पूर्व जिला अध्यक्ष व विधान सभा चुनाव लड़ चुके स्व. बुधराम सोढ़ी के पुत्र है। वर्तमान में जिला मुख्यालय में निवासरत है। सर्व आदिवासी समाज में अच्छी पकड़ है और युवाओं के बीच उनकी अच्छी छवि है। बेबाक भाषण व मुद्दों को उठाते है। वर्तमान में भाजयुमो जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हंै।
दीपिका सोरी
जिले के छिन्दगढ़ ब्लॉक की निवासी हंै, साथ ही भाजयुमो के प्रदेश पदाधिकारी के रूप में काम कर रही है। पेशे से वकील है और महिलाओं में उनकी अच्छी पकड़ है। छिन्दगढ़ ब्लॉक में सबसे ज्यादा सक्रिय है और लोगों की समस्याओं को लगातार उठा रही है। कोंटा विधानसभा में महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।
सरकार की योजनाओं का मिल रहा लाभ, इस साल खेतों में होगा चार गुना धान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 25 अगस्त। कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि पिछले चार सालों में किए गए कार्यों का परिणाम अब मिल रहा है। जिले के तीनों ब्लॉक का दौरा किया, जिसमें बदलाव साफ दिख रहा है। इस साल चार गुना ज्यादा फसल होगी खासकर कोंटा के अंदरूनी इलाकों में विकास की धमक साफ दिखाई दे रही है। नक्सल प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों के विचारों में भी फर्क आया है। लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। गांवों में मूलभूत सुविधाएं मिल रही है।
शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित विश्रामगृह में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मंत्री लखमा ने कहा- मैं पिछले एक सप्ताह से जिले के तीनों ब्लॉक कोंटा, सुकमा व छिन्दगढ़ का भ्रमण कर रहा हूं। चाहे कोंटा के नक्सल प्रभावित इलाके के गांव हो या फिर छिन्दगढ़ इलाके के विकसित गांव हो सरकार के काम दिख रहे हैं और बस्तर में शांति, सुरक्षा व विश्वास का भाव पैदा हो रहा है।
आज कोंटा ब्लाक के ग्रामीण पुलिस जाने से घबरा कर जंगलों की ओर नहीं भाग रहे हैं, बल्कि उनसे बात कर रहे हंै। उन इलाकों में पुलिस द्वारा दवाई दी जा रही है। सरकार के प्रति भरोसा ग्रामीणों का बढ़ा है। कोंटा के कई गांव हैं, जहां आजादी के बाद बिजली पहुंची है, उन इलाकों में चौड़ी सडक़े बनी है, जिसका लाभ ग्रामीण ले रहे हंै। वहां के लोग अब सडक़, मोबाइल टावर, पीडीएस दुकान, स्कूल भवन की मांग कर रहे है। ये फर्क दिखाता है कि आप कैसा काम कर रहे है।
आगे कहा-मैंने प्रवास के दौरान महसूस किया कि प्रदेश की भूपेश सरकार ने चार साल में बड़ा बदलाव ला दिया है। जिले में 15 हजार आधार कार्ड बने हैं, 10 हजार पट्टा का वितरण किया गया। 13 हजार राशन कार्ड दिया गया। उन इलाकों में मतदान भी ज्यादा होगा। इस दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष बोड्डू राजा मौजूद थे।
मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि रमन सरकार आदिवासियों की विरोधी थी। क्योंकि रमन सरकार पिछले 15 सालों में बस्तर का बर्बाद करने का काम किया है। तीन हजार स्कूलों को बंद कर दिया गया, गांवों में संचालित आश्रमों को सडक़ों के किनारे स्थापित कर दिया गया। साथ ही फोर्स आने पर ग्रामीण जंगल में भाग जाते थे, बाजार आने से घबराते थे। सरकार नाम की चीज नहीं थी। उनका आदिवासी चेहरा साफ दिख रहा था। लेकिन पिछले 4 सालों में कांग्रेस ने सरकार की भूमिका ही बदल दी। आज बस्तर में बड़ा बदलाव आ रहा है। लोग सरकार के कामों से खुश नजर आ रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 23 अगस्त। फॉस्टर किड्स प्ले स्कूल अंबिकापुर ब्रांच ने नेशनल स्कूल ऑफ अवार्ड्स 2023 ( एनएसए) के बेस्ट प्ले स्कूल इन कर्रिकुलर एक्टिविटीज कैटेगरी में प्रथम स्थान साथ ही बेस्ट प्ले स्कूल इन छत्तीसगढ़ का अवार्ड प्राप्त कर शहर का नाम रोशन किया है ।
स्कूल की प्रिंसिपल एकता गुप्ता, डायरेक्टर अनंत गुप्ता सहित पूरी टीम ने सभी अभिभावकों व विद्याथियों को यह सम्मान समर्पित किया है तथा आगे भी इस तरह शिक्षा के क्षेत्र मे बेहतर कार्य करने का संकल्प लिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 20 अगस्त। धरमपुरा जगदलपुर में आयोजित युवाओं से भेंट मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा सुकमा में कृषि महाविद्यालय की घोषणा के बाद विद्यार्थियों में खुशी की लहर है। सीएम को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए युकां प्रदेश महासचिव दुर्गेश राय ने कहा कि क्षेत्र के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा और दूसरे जिले व राज्यों में जाने से छुटकारा मिलेगा। आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्राओं के लिए वरदान से कम नहीं है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद से हर वर्ग को लाभ पहुंचाने का काम किया है। खासकर शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव पहल लगातार किये जा रहे हैं।
ज्ञात हो कि सुकमा जिले में साल 2022 में आयोजित भेंट मुलाकात के दौरान कांग्रेसी नेता दुर्गेश राय द्वारा कृषि कॉलेज की मांग की गई थी। जिसे जगदलपुर में आयोजित युवाओं से भेंट मुलाकात कार्यक्रम में पूरा किया गया। दुर्गेश राय ने बताया कि सीएम भूपेश बघेल ने युवाओं से किया वादा पूरा किया है। इससे साबित होता है कि कांग्रेस सरकार हर वर्ग की बातों को सुनने वाली सरकार है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के बहुत सारे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कम से कम 400 से अधिक छात्र—छात्राएं प्रतिवर्ष 12वीं कृषि संकाय से उत्तीर्ण होते हैं। लेकिन उचित मार्गदर्शन नहीं मिलने और नजदीक में कृषि महाविद्यालय नहीं होने के कारण कला संकाय से बीए करने के लिए बाध्य होते हैं।
दुर्गेश राय ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। भाजपा सरकार ने दोरनापाल मे खेल ग्राउंड में 3 बड़े हेलीपेड बनाकर दोरनापाल व उसके आस पास के प्रतिभावान बच्चों का भविष्य अंधकार में डालने का काम किया था। कई बार जन चौपाल में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को युवाओं के द्वारा आवेदन दिया गया। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुआ। प्रदेश में कांग्रेसी सरकार बनने के बाद मेरे द्वारा सीएम हाउस जाकर हेलीपैड के हटाने की मांग की।
जिसे तत्काल हटाया गया। आज दोरनापाल ग्राउंड एक बेहतरीन ग्राउंड बनकर तैयार हो गया। आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, एवं अन्य प्रदेश के खिलाड़ी यहां अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।
दुपहिया पर सवार होकर पहुँचे लखमा, कहा- सडक़ बनने से गाँव होगा विकसित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 18 अगस्त। आजादी के बाद कोई मंत्री जिले के नक्सल प्रभावित इलाके के गाँवों में पहुँचा। मंत्री कवासी लखमा दुपहिया पर सवार होकर कोण्टा ब्लाक के घोर नक्सल प्रभावित रामराम व पिडमेल इलाके में पहुँचे, जहां लोगों की समस्याएं सुनी। साथ ही गाँव में स्कूल भवन का शिलान्यास किया।
जिले के कोण्टा ब्लॉक का रामाराम, पिडमेल व करिगुंडम गाँव जो कि घोर नक्सल प्रभावित है, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा दुपहिया पर सवार होकर पहुँचे। रामाराम व पिडमेल गाँव में ग्रामीणों से बात करते हुए कहा कि गाँव में जब तक सडक़ नहीं पहुँचेगी, तब तक विकास नहीं होगा। इसलिए इन इलाकों में सडक़ों का निर्माण कराया जा रहा है आप लोग सहयोग दें। क्योंकि सडक़ बनने के बाद यहां बिजली, पानी, सरकारी योजनाएं आएगी। यहां के लोग ऑटो, दुकानें खोलेंगे रोजगार बढेंग़े। हमारी सरकार इन इलाकों में विकास कार्य पहुंचाने का काम कर रही है। ताकि यहाँ के लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी। इस दौरान एसपी किरण चव्हाण, बोड्डू राजा, सुन्नेम नागेश, माड़वी देवा मौजूद रहे।
ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कवासी लखमा ने कहा कि मैं आम जनता के लिए हमेशा लड़ा हूं। उन्होंने कहा कि भाजपा के 15 साल में स्कूलें बंद कर दी गई थी, जिसे फिर से गाँवों में खुलाया गया। आज बस्तर बदल रहा है।
गाँवों में शासन की योजना पहुँच रही है। लोगों की समस्या दूर हो रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 17 अगस्त। आज पुलिस अफसरों के समक्ष बिना हथियार के ईनामी नक्सल दम्पत्ति ने आत्मसमर्पण किया। दोनों को प्रोत्साहन राशि दी गई और योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति’’ के तहत विश्वास, विकास एवं सुरक्षा की भावना एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘पुना नर्कोम अभियान’’ नई सुबह, नई शुरूआत से प्रभावित होकर नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन में सक्रिय नक्सली दम्पत्ति सोमे (जगरगुण्डा एलओएस सदस्या, ईनामी एक लाख छग शासन द्वारा) निवासी थाना चिंतागुफा क्षेत्र जिला सुकमा, नंदा (कोंटा एलओएस सदस्य+ एरिया कृषि शाखा सदस्य, ईनामी एक लाख छग शासन द्वारा) निवासी थाना पोलमपल्ली जिला सुकमा क्षेत्र के द्वारा 17 अगस्त को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आकाश मरकाम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुकमा, रजत नाग, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स. सुकमा एवं उत्तम प्रताप सिंह, उप पुलिस अधीक्षक सुकमा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया।
पुलिस, सीआरपीएफ व जिला प्रशासन के प्रयास से हुआ संभव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 14 अगस्त। आजादी के बाद जिले के नक्सल प्रभावित एलमागुंडा गाँव में बिजली पहुँची, जिससे ग्रामीणों में खुशी की लहर है। पुलिस, सीआरपीएफ व जिला प्रशासन की मदद से यह संभव हो पाया।
जिले के अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम एल्मागुण्डा में जिला पुलिस बल, सीआरपीएफ, प्रशासन के संयुक्त प्रयासों के परिणाम स्वरुप रविवार की शाम को विद्युतीकरण संपन्न हुआ।
उल्लेखनीय है कि ग्राम एल्मागुण्डा में नक्सलियों के हिंसात्मक कृत्यों के कारण बिजली की सुविधा आज तक नहीं पहुंच पाई थी। ग्रामीण अंधकारमय जीवन जीने को मजबूर थे। जिला पुलिस द्वारा समय-समय पर ग्राम एल्मागुण्डा सहित आसपास के ग्रामीणों की लगातार बैठक लेकर ग्रामीणों को नक्सली कृत्यों से अवगत कराकर ग्रामों के विकास में सहभागी बनने तथा ग्रामीणों को नक्सलवाद से दूर रहने, गांव के विकासात्मक कार्यों में सहयोग करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिला पुलिस, सीआरपीएफ एवं प्रशासन के प्रयासो से सोमवार को ग्राम एल्मागुण्डा के ग्रामीणों का घरो में विद्युतीकरण होने से ग्राम जगमगा उठा। ग्रामीणों के चेहरे में वर्षों बाद घरों में बिजली की रोशनी की जगमगाहट से खुशी का माहौल है।
ग्रामीण शासन-प्रशासन की भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे है एवं भविष्य में नक्सलवाद से दूर रहने कृतसंकल्पित हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्राम तोंडामरका में छ: माह पहले ही सुरक्षा कैम्प स्थापित किया गया है। कैम्प लगने के पश्चात् एल्मागुण्डा के विकासात्मक कार्यों में तेजी आई है। भविष्य में भी ग्रामीणों तक अन्य सुविधाएं पहुँचाई जाएगी।
रामपुरम में निर्माणाधीन देवगुड़ी का निरीक्षण, अधूरे पुल का जल्द निर्माण के निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 6 अगस्त। कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि हमारी परम्पराओं व संस्कृति को बचाने का काम प्रदेश सरकार ने किया है। गाँव- गाँव में देवगुड़ी का निर्माण करना, मेला- मंडई में सहयोग प्रदान करना साथ ही पुजारी, गुनियों को मेहनताना देकर हमारी संस्कृति व परमपराओं को विलुप्त होने से सरकार ने बचाया है। देश की पहली सरकार है जो गोठनो के माध्यम से गोबर खरीद रही है। छत्तीसगढ़ के मॉडल को देश के अन्य राज्य अपना रहे हंै।
रविवार सुबह 10 बजे मंत्री कवासी लखमा जिले के रामपुरम पहुँचे, जहां उन्होंने देवगुड़ी का निरीक्षण किया और जल्द ही निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए। वही ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को सुना, साथ ही सरकार द्वारा चलाए जा रहे सरकार की योजनाओं के बारे में बताया।
इसके बाद वे गुट्टागुड़ा पहुँचे, जहां ग्रामीणों से मुलाकात कर खेती-किसानी कार्यो की जानकारी ली। वहीं बारिश की स्थिति व फसल की स्थिति के बारे में जाना और वहाँ चल रहे पुल निर्माण कार्य की जानकारी ली और गाँव में चल रहे राशन दुकान को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उसके बाद अतकारीरास व दौड़ाभाटा के ग्रामीणों से मुलाकात कर काफी देर तक चर्चा की। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।