छत्तीसगढ़ » सुकमा
कोंटा, 28 सितंबर। मां दंतेश्वरी युवा दुर्गाेत्सव समिति कोंटा का द्वितीय वर्ष त्रिवेणी संगम शबरी माता के तट पर बसी नगरी कोंटा में नवरात्र पर तिरुपति बालाजी मंदिर स्वरूप विशाल पंडाल बना गया है, जिसमें दुर्गा माता को स्थापित किया गया है। तीन राज्यों से घिरे कोंटा में माता के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने भक्त आ रहे हैं।
तेलंगाना से आय हुए श्रींगेरी पीठ से आए वेद पंडितों के द्वारा माता की स्थापना की गई है। वेद मंत्रों से नगर गूंज उठ रहा है। बच्चों व नगरवासियों के मनोरंजन के लिए मीना बाजार का भी आयोजन समिति सार्वजनिक मां दंतेश्वरी युवा दुर्गाेत्सव समिति कोंटा द्वारा किया गया।
साथ ही साथ नौ दिनों तक नगरवासियों को खीर पूड़ी वितरण किया गया है।
कोंटा, 28 सितंबर। छग के सीमाई आंध्रप्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ दीवार पर पोस्टर लगाए गए हैं।
छग के सीमाई आंध्र में मुत्यालम्मा मंदिर परिसर में नक्सलियों के खिलाफ अल्लूरी आदिवासी युवाजन संगम के नाम से एक दीवार और मारिगुडेम गांव, चिंतूर संभाग, कूनावरम मंडल के मुख्य चौराहों पर पोस्टरों में लिखा गया है कि माओवादी हमारे अल्लूरी जिले में नहीं आएं। उल्लेखनीय है कि इन दीवार पोस्टरों में अल्लूर जिले में नक्सलियों के घूमने की स्थिति और वर्तमान स्थिति को दर्शाने के लिए तस्वीरों की व्यवस्था की गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 28 सितम्बर। कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने एक दिवसीय दौरे पर अपने विधानसभा का दौरा किया। उन्होंने अपने दौरे पर सर्वप्रथम पेंटा में बन रहे नवोदय विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि नवोदय के बनने से कोंटा ब्लाक के हर एक बच्चे को सर्वसुविधाएं सहित उच्च शिक्षा प्राप्त होगी, आने वाले दिनों , में कोंटा ब्लाक का नाम प्रदेश में गूंजेगा।
एर्राबोर में मंत्री कवासी लखमा ने आदिवासी समाज भवन का लोकार्पण किया । लोकार्पण में पहुंचे लखमा का कांग्रेसी कार्यकर्ता एवम ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ आतिशी स्वागत किया। मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि जब से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है, भूपेश की सरकार ने गरीब व आदिवासियों की हितैषी सरकार है। प्राय: प्राय: लगभग अंदरूनी क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था पहुंचे लगी है। आज भी ऐसे गांव हैं, जो रात के अंधेरे को तोडऩे वाला सूरज की किरण सौर ऊर्जा पहुंच से दूर हैं, इसके पहले गांवों के अबोध बच्चे शहर आते थे तो बिजली के लाइट को इस तरह टकटकी लगा कर देखते हुए देखा जा सकता था कि मानो वो लोग किसी और दुनिया में पहुंच गए हो, ग्राम रोशन नहीं होने के कारण गांव में 6 से 7 बजे तक सभी लोग अपने अपने घरों में दुबक कर रहने को मजबूर थे। अब आने वाले दिनों इन परिस्थितियों से निजात मिलेगा एवं ग्राम टेटराई भी पूर्ण रूप बिजली से रोशन होगा।
इस दौरान जिला उपाध्यक्ष बोडडू राजा , नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू , जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेश्वरी बघेल , नपा अध्यक्ष कोंटा मौसम जया उपाध्यक्ष जाकिर हुसैन , जनपद पंचायत अध्यक्ष सुन्नाम नागेश , पार्षद अंबठ्ठी देवी , प्रियंका साई श्रीनिवास , कुमारी , व अन्य लोग मौजूद रहे।
गरीबों को लखमा ने बांटे चार लाख दस हजार स्वेच्छा अनुदान राशि
ग्राम एर्राबोर में कवासी लखमा ने नेड्रा के 41 ग्रामीणों को मंत्री स्वेच्छा अनुदान के अंतर्गत चार लाख दस हजार का वितरण किया है।
सुकमा, 20 सितंबर। छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोइया कल्याण संघ अपनी तीन मांगों नियमित करने, कलेक्टर दर पर मानदेय देने तथा नौकरी से न निकालने को लेकर लगातार हड़ताल पर है। इन मांगों को लेकर रसोइया संघ राजधानी में भी प्रदर्शन कर चुका है व अब प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर ब्लॉक एवं जिला मुख्यालय में भी प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में विकासखण्ड छिंदगढ़ मुख्यालय में खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने 562 रसोइयों के हड़ताल को समर्थन देने नेताओं की टोली भी पहुंच रही है।
भाजपा नेत्री दीपिका का कहना है कि महंगाई को देखते हुए 50 रु प्रतिदिन पर काम लेना न्यायसंगत नहीं हैं। रसोइया संघ की मांग कलेक्टर दर पर भुगतान एवं नियमितीकरण वाजिब मांग हैं मैं छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार से मांग करती हूं कि इनकी मांगों को जल्द से जल्द पूर्ण करें जिससे पूरे छत्तीसगढ़ के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके ।
विदित हो कि विकासखण्ड छिंदगढ़ में प्राथमिक शाला 305 एवं माध्यमिक शाला 98 कुल संख्या 398 है तथा इन स्कूलों में कार्यरत रसोइयों की संख्या 562 है इन रसोइयों के हड़ताल में चले जाने से स्कूल में चलने वाली मध्यान्ह भोजन व्यवस्था चरमरा गई है।
रसोइया कल्याण संघ के सम्भागीय अध्यक्ष बलराम ठाकुर ब्लॉक अध्यक्ष तप्पे सिंह ठाकुर एवं ब्लॉक सचिव झन्नु मरकाम ने कहा कि जब तक हमारी ये तीनों मांगे पूर्ण नहीं हो जाती है हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा।
महिला रसोइयों ने कहा कि सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन पकाने की जिम्मेदारी रसोईया संघ की है. साल 2009 से अब तक उन्हें मानदेय के रूप में केवल 1500 रुपए दिया जा रहा है. इसमें केंद्र सरकार के द्वारा हजार रुपए और 500 रुपये छत्तीसगढ़ सरकार दे रही है. 1500 रुपए के मानदेय में उनके परिवार का पालन पोषण नहीं हो पा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 18 सितंबर। पुलिस अधीक्षक कार्यालय नक्सल ऑप्स सुकमा में 2 लाख के ईनामी नक्सली के साथ 5 ने आत्मसमर्पण किया। एक आत्मसमर्पित नक्सली पर छग शासन द्वारा 2 लाख ईनाम घोषित है।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति तथा सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे पूना नम अभियान (नई सुबह-नई शुरूआत )से प्रभावित होकर क्रमश: माड़वी जोगा (प्लाटून नं. 10 सदस्य), मुचाकी देवा ( जंगल कमेटी अध्यक्ष, नेन्ड्रा आरपीसी अंतर्गत), माड़वी माड़ा (मिलिशिया डीप्टी कमाण्डर ), मुचाकी कोसा (जंगल कमेटी सदस्य ), कट्टम हडमा ( विकास कमेटी सदस्य ) ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय नक्सल ऑप्स सुकमा में सुनील शर्मा, पुलिस अधीक्षक जिला सुकमा, सूर्यकांत सिंह द्वितीय कमान अधिकारी 219 वाहिनी सीआरपीएफ, गिरिजा शंकर साव उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स कोन्टा, के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया।
आत्मसमर्पित नक्सली थाना भेजी क्षेत्र में घटित रोड खोदना, स्पाईक लगाना, नक्सली पर्चा लगाना, आइईडी लगाने जैसे विभिन्न गतिविधियों में सम्मिलित रहे हैं।
सभी आत्मसर्पित नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में पुलिस विभाग का विशेष योगदान रहा। आत्मसमर्पित नक्सली को छत्तीसगढ़ शासन की पुर्नवास योजना के तहत प्रोत्साहन राशि व अन्य सुविधाए प्रदाय किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 17 सितंबर। बस्तर क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां प्रदेश के अन्य जिलों से भिन्न है। यहां एक से अधिक पत्नियां रखना, कम उम्र में ही शादी करना आदिवासी परंपरा का हिस्सा है, किन्तु कानूनी तौर पर यह दोनों कृत्य अपराध की श्रेणी में गिने जाते हंै। चूंकि इस क्षेत्र की महिलाओं में कानून और अपने अधिकारों के प्रति जागरुकता की कमी है, वे स्वयं आगे आकर शिकायत दर्ज नहीं करती। ऐसे में आपराधिक प्रकरणों के चिन्हांकन और उस पर त्वरित कार्यवाही जिला पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की महती जिम्मेदारी हो जाती हैं। उक्त बातें राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने सुकमा जिले में मानव तस्करी रोकथाम, अन्य हितधारकों तथा पीडि़तों के पुनर्वास के विषय पर चर्चा के दौरान कही। महिला आयोग ने जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों से सुझाव लेते हुए जिले में महिला उत्पीडऩ और महिलाओं के समस्याओं सहित विभिन्न विषयों में जानकारी ली।
आज सुकमा पहुंची राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य नीता विश्वकर्मा एवं अर्चना उपाध्याय ने संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जन सुनवाई की। जिले में दर्ज मानसिक प्रताडऩा की एक प्रकरण की सुनवाई हुई। इसमें अनावेदिका के अनुपस्थित होने और रायपुर में निवासरत रहने के फलस्वरुप प्रकरण को रायपुर स्थानांनतरित किया गया जिसमें आवेदिका की सहमति ली गई।
डॉ. नायक ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के साथ ही प्रदेश भर में महिलाओं को प्रताडऩा, उत्पीडऩ, शोषण आदि से संबंधित कानूनी अधिकारों के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना के तहत महतारी न्याय रथ जिलों में जाकर शिक्षात्मक वीडियो के माध्यम से महिलाओं को जागरुक कर रहा है।
उन्होंने महिला आयोग के कार्य प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि महिला आयोग का उद्देश्य है कि आपसी झगड़ों का आसानी और शीघ्रता से निपटारा हो। हमारी कोशिश होती है कि प्रकरणों में आपसी सुलह हो जाए और कोर्ट कचहरी व थाने के चक्करों के बगैर शीघ्र निराकरण संभव हो।
इस दौरान कलेक्टर हरिस.एस, एसपी सुनील शर्मा, जिला पंचायत सीईओ डी.एन कश्यप सहित महिला बाल विकास विभाग, जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 17 सितंबर। एक लाख के गांजा के साथ दो तस्कर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार सिटी कोतवाली पुलिस को मुखबिर की सूचना मिली कि कोंटा जाने वाली रास्ते एन एच- 30 से लगे डेंगापारा के पास बैग में गांजा लेकर बस का इंतजार कर रहा था। सूचना पर सिटी कोतवाली सुकमा से उप निरीक्षक फागुराम लहरे, सउनि. गणपत राव व सुकमा पुलिस टीम द्वारा मौके पर दबिश दी गई, जहां पर सुकमा निवासी अतुल बैरागी व पुणे निवासी उषा बिठल दो बैग लिए हुए मिले। बैग की तलाशी लेने पर दोनों के कब्जे से एक लाख रुपए के 13 किलो 500 ग्राम गांजा बरामद किया गया। आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर रखा गया है।
आरोपियों से पूछताछ करने पर गांजा मलकानगिरी से लाना बताया गया तथा सुकमा कस्बे के गांजा तस्करी में संलिप्त लोगों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। पुलिस का कहना है कि इसके संबंध में पतासाजी कर गांजा तस्करी के पूरा रैकेट को ध्वस्त किया जाएगा।
जल्द निर्माण के लिए सीएम के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 17 सितंबर। राष्ट्रीय राजमार्ग 30 की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है। जिला मुख्यालय से लेकर केशलूर तक सडक़ में गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं और पाकेला से लेकर झीरमघाटी तक तो सडक़ की बहुत ही ज्यादा दुर्दशा हो गई है।
सुकमा जिले के ग्राम रोकेल लसकेपारा में आज राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के खस्ताहाल को देखकर उसकी मरम्मत व नव निर्माण को लेकर नाराज ग्रामीणों ने चक्काजाम किया। इस चक्काजाम में आसपास के गाँव के ग्रामीण भी शामिल हुए।
चक्काजाम करने के पश्चात ग्रामीणों के साथ भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने नायब तहसीलदार जेएल देवांगन को मुख्यमंत्री के नाम जल्द सडक़ मरम्मत करने हेतु ज्ञापन दिया, साथ ही जल्द मांग पूर्ण नहीं होने की स्थिति में चरणबद्ध चक्काजाम करने की चेतावनी भी दी।
चक्काजाम में उपस्थित सभी ग्रामीण राष्ट्रीय राजमार्ग की मौजूदा हालत को देखकर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे। ग्रामीणों ने कहा कि आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, परंतु छत्तीसगढ़ के मुखिया व स्थानीय मंत्री को हमारी कोई चिंता नहीं है। खराब सडक़ होने के कारण व दिन भर गाडिय़ों के आवागमन करने के कारण उड़ रही धूल से हमारा स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। सडक़ के किनारे ही पाकेला से लेकर केशलूर तक स्कूल हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है।
एनएच 30 का नाम जानलेवा सडक़ न पड़ जाए
उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि जिस प्रकार सडक़ ही हालत बदतर हो रही है, उससे निश्चित तौर पर दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ेगी, क्या शासन इसी का इंतजार कर रहा है कि जब सडक़ का नाम जानलेवा सडक़ हो जाएगा तब मरम्मत होगी।
आगे ग्रामीणों ने कहा कि अभी तो हम यह सांकेतिक चक्काजाम किए हैं। यदि जल्द ही मरम्मत या पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं होता है तो वृहद रूप से चरणबद्ध तरीके से जिला मुख्यालय से लेकर केशलूर तक धरना प्रदर्शन व चक्काजाम किया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
ज्ञात हो कि जगदलपुर से सुकमा होते हुए दक्षिण भारत को जोडऩे वाली यही मात्र सडक़ है। सुकमा जिले से आवागमन हेतु न तो रेलमार्ग है और न ही हवाई मार्ग, पूरे जिले के निवासियों को व्यापार, स्वास्थ्य व अन्य प्रायोजन हेतु एकमात्र इसी सडक़ से यात्रा करनी पड़ती है और जो सफर तय करने में चंद घण्टे लगते थे, आज ज्यादा समय लगने के कारण लोगों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सडक़ की दुर्दशा पर शासन मौन-दीपिका
भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 30 की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है। मौजूदा स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय से लेकर केशलूर तक सडक़ में गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं और पाकेला से लेकर झीरमघाटी तक तो सडक़ की बहुत ही ज्यादा दुर्दशा हो गई है और राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी कुम्भकरणी नींद सो रहे हैं। स्थानीय मंत्री जब विपक्ष में थे, तो सडक़ पर पौधा रोपते नजर आते थे, अब उन्हें जिले के लोगों की कोई चिंता नहीं है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 14 सितंबर। आज जिले के गादीरास तहसील के सामने स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक न होने से नाराज अभिभावकों ने धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद कलेक्टर ने नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-06 गादीरास के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गोंडेरास, गोंदपल्ली, बड़ेसटूटी, बोडक़ो, कोंडरे, गुफड़ी, मानकापाल, पोरदेम, मारोकी, चिंगावरम, डोडपाल, कोर्रा, सोनाकुकानार, नागास, रामपुरम, नीलावरम, गादीरास आदि हंै।
आज भी जनजातीय बच्चे शिक्षा से कोसों दूर- रामा शोडी
जिला पंचायत सदस्य रामा शोडी ने शिक्षा की अव्यवस्थाओं पर जिम्मेदारों की निंदा करते हुए कहा कि इन पंचायतों के अंतर्गत आने वाले स्कूल, आश्रमों में पर्याप्त शिक्षक नहीं है। शासन-प्रशासन से छात्रों व पालकों के द्वारा समस्याओं से अवगत कराने के बावजूद भी शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जा रही है। इस जिले में हजारों रिक्त पद हंै, भर्ती कर पूर्ण किया जा सकता है। लेकिन अब तक भर्ती नहीं हुई, बल्कि बस्तर संभाग के सुकमा जिला पाँचवी अनुसूची क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
पेशा कानून नियम वर्तमान में लागू है। ऐसे क्षेत्रों में स्थानीय बेरोजगारों को भर्ती किये जाने का प्रावधान है। शासन-प्रशासन की उदासीनता से हमारा अनुरोध भी प्रभावहीन हो रही है।
सभी पंचायतों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों की कमी व शिक्षक नहीं होने से कई शिक्षण संस्थाएं बंद होने की कगार पर हैं, वहीं स्थानीय बेरोजगारों को शिक्षक भर्ती कर जिसे जिम्मेदारों के द्वारा बचाया जा सकता हैं।
आगे उन्होंने कहा कि चपरासी के भरोसे संस्था संचालित है। बड़ी विडंबना है कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, जनजाति बच्चों को पूर्ण रूप से शिक्षा देने में सरकार प्रशासन गंभीर नहीं है। कई शिक्षण संस्थाओं के भवन जर्जर है या तो भवन विहिन है। समाज के विकास और देश के तरक्की के लिए शिक्षा आवश्यक है, सभी मानते है तो लापरवाही क्यों हो रहा है, बहुत ही चिंता का विषय है।
प्रमुख मांगें-सभी स्कूलों, आश्रमों में पर्याप्त शिक्षको की व्यवस्था किया जाये। स्थानीय बेरोजगारों को शिक्षकों के रिक्त पदों में भर्ती किया जाये। जर्जर भवनों का मरम्मत व भवन विहिन शिक्षण संस्थाओं का तत्काल भवन बनाया जाये। सभी आश्रम, छात्रावास, पोटाकेबिनो में स्वास्थ्य कार्यकर्ता की नियुक्ति किया जाये। जिले के सभी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था किया जाये। सहायक शिक्षक एवं उच्च श्रेणी शिक्षक की नियमित भर्ती में शिक्षक पात्रता परीक्षा एवं डी.एड., बी.एड. की अनिवार्यता को समाप्त किया जाये। चूंकि पांचवी अनुसूची क्षेत्र में यह अनिवार्यता असंगत है, सुकमा जिला अनुसूचित क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। अनिवार्यता शिथिल कर स्थानीय बेरोजगारों को शिक्षक पदों पर भर्ती किया जाये ताकि शिक्षण संस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हो सके।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 14 सितंबर। राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में 13 सितंबर मंगलवार से शिशु संरक्षण माह का शुभारंभ किया गया। जिसमे प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के रूप में मनाया जाएगा। आंगनबाडिय़ों में इस दिवस को नियमित टीकाकरण, बच्चों का वजन लेने के साथ ही उन्हें विटामिन-ए एवं आयरन का सिरप पिलाया जायेगा। इसके साथ ही गर्भवती माता का देख रेख , पोषण पूरक आहार और वजन का माप एवं अन्य गतिविधि आंगनवाड़ी केंद्र एवं सत्र स्थल पर आयोजित किया जाएगा। यह अभियान आगामी 1 माह 14 अक्टूबर तक प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को मनाया जायेगा।
13 सितंबर से शुरू हुए इस कार्यक्रम को जिले के आंगनबाड़ी सहित आंबा कार्यकर्ता, एएनएम एवं मितानिन द्वारा पारा के निर्धारित सत्र स्थल में बच्चों को विटामिन ए एवं आयरन की सिरप पिलाई। साथ ही गर्भवती तथा शिशुवती माताओं की नियमित जांच के साथ ही उन्हें घर पर पौष्टिक आहार लेने हेतु प्रोत्साहित किया गया। साथ ही माताओं को बच्चों को घर पर भी संतुलित, पौष्टिक और गरम भोजन प्रदान की सीख दी गई। और प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को अपने शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र या सत्र स्थल लाने के किए प्रेरित किया, ताकि बच्चों की खुराक पूरी हो।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 13 सितंबर। पुलिस ने गांजा संग एमपी के तस्कर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
मुखबिर सूचना पर कुकानार पुलिस ने एम. सी. पी. कार्रवाई करते वाहन चेकिंग की। इस दौरान मनीष ट्रेलव्स की बस क्रमांक सीजी-07 ई- 7072 में सुकमा से जगदलपुर जाने वाली बस में व्यक्ति को एक काले रंग की बैग के अंदर गांजा रखकर परिवहन करते पाया गया। आरोपी मोहम्मद जावेद खान (31 वर्ष) मध्यप्रदेश के कब्जे से एक बैग में रखे 5 किलो गांजा अनुमानित कीमत 45000/-रूपये को बरामद कर पुलिस थाना कुकानार में अपराध दर्ज कर न्यायालय दन्तेवाड़ा के समक्ष पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। मामले की विवेचना जारी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 सितंबर। पोटकपल्ली में कोबरा 208 वाहिनी सीआरपीएफ एवं जिला प्रशासन सुकमा विकासखंड कोंटा के द्वारा संयुक्त रूप से जनसभा व सिविक एक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया गया था। जिसमें विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई ।
सीईओ कैलाश कश्यप जनपद पंचायत कोंटा ने ग्रामसभा में आधार कार्ड रजिस्ट्रेशन की स्थिति,कोविड-19 की बूस्टर डोज, विकलांग व्यक्तियों को कृत्रिम अंग, ग्राम में प्रस्तावित पीडीएस राशन दुकान, स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को मध्यान भोजन, आंगनवाड़ी के माध्यम से गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को पौष्टिक आहार,भूमि के पट्टे से संबंधित मामले, पेयजल आपूर्ति आदि की समीक्षा की। संबंधित ग्रामवासियों की व्यक्तिगत एवं सामूहिक समस्याओं को संज्ञान लेते हुए वहां उपस्थित ग्राम सचिव प्राथमिक अध्यापक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को समाधान एवं सुधार के लिए निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर 208 वाहिनी कोबरा सीआरपीएफ ने ग्राम पोटकपल्ली में सिविक एक्शन प्रोग्राम आयोजित की गई। जिसमें कमांडेट जितेंद्र कुमार ओझा ने पोटकपल्ली गांव की 3 महिलाओं किच्चे निशा पति किच्चे संतोष, माड़वी संध्या माता माड़वी भीमे, वेट्टी हिड़मे पति वेट्टी हिंगा को स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहित करते हुए लेग ऑपरेटेड सिलाई मशीन एवं सिलाई के धागों का वितरण किया गया करते हुए । स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को स्कूल ड्रेस एवं लेखन सामग्री एवं लगभग 200 की संख्या में छोटे बच्चों महिलाओं एवं युवतियों तथा युवा लडक़ों को वस्त्रों एवं जूते चप्पलों का वितरण किया गया। वृद्ध महिलाओं एवं पुरुषों को प्रत्येक को 2 किलो चावल का भी वितरण किया गया।
कार्यक्रम के अंत में सभा को जितेंद्र कुमार ओझा कमांडेंट 208 कोबरा तथा कैलाश कश्यप सीईओ जनपद पंचायत कोंटा द्वारा संबोधित किया गया। अपने संबोधन में ग्रामवासियों को विकास से जुडऩे, कैंप के खुलने के बाद विकास की विभिन्न योजनाओं बिजली, सडक़, मोबाइल टॉवर, स्कूल भवन ,पीडीएस राशन दुकान आदि के संचालन में गति आने एवं इससे उनके जीवन में होने वाले बदलाव के बारे में बताया। साथ ही माओवादियों द्वारा विकास के संदर्भ में किए जाने वाले दुष्प्रचार को नकारने एवं उनसे दूर रहने की भी अपील की गई । सभा के आयोजन से ग्रामीणों में उत्साह का माहौल देखा गया ।
इस अवसर पर कोंटा जनपद पंचायत के सीईओ कैलाश कश्यप ने सुरक्षाबल कैम्प पोटकपल्ली एवंम 208 कोबरा की ओर से ग्राम वासियों के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना की गई एवं भविष्य में भी इसी प्रकार के सहयोग एवं भागीदारी की अपील की गई।
इस अवसर पर गजेंद्र बहादुर सिंह द्वितीय कमान अधिकारी,खेमचंद कश्यप उप कमांडेंट मोहम्मद हाफिज खांन पंचायत सचिव ग्रामसभा पोटकपल्ली, प्राथमिक शाला के अध्यापक राजेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुश्री किछे शिवानी ,ग्राम के पटेल वेट्टी इंगा सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 सितंबर । सुकमा जिले के ग्राम पंचायत कोकरपाल में पोषण माह अंतर्गत ‘महिला एवं स्वास्थ्य तथा बच्चे एवं शिक्षा’ थीम पर महिला जागृति शिविर, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ शिविर एवं स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में गर्भवती महिला, शिशुवती महिला, 6 वर्ष तक के बच्चों का स्वास्थ्य जांच कर नि:शुल्क दवाई वितरण किया गया। इसके साथ ही उन्हें स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया।
शिविर में लोगों को तिरंगा भोजन एवं पौष्टिक आहार को दैनिक जीवन शैली में शामिल करने संबंधी जानकारी दिया गया। साथ ही सखी वन स्टॉप सेंटर के केंद्र प्रशासक श्रीमती प्रमिला सिंह ने महिला संरक्षण से संबंधित जानकारियों को महिलाओं से साझा कर उनके अधिकारों से अवगत कराया। वाश कार्यक्रम से जिला समन्वयक श्री केसरी साहू द्वारा स्वच्छ पेयजल और खाद्य सामग्री संबंधित जानकारी दी गई।
श्री राजेश बघेल डी एम सी यूनिसेफ के द्वारा माँ का पहला गाढ़ा पीला दूध पिलाने, तिरंगा भोजन, पौष्टिक आहार एवं परंपरागत भोजन को बढ़ावा देने लोगों को जागरूक किया गया। स्वस्थ्य रहने दवाईयों पर निर्भर न रहकर स्वस्थ्य व्यवहारों को पालन करने एवं दैनिक जीवन शैली में अपनाने गर्भवती, शिशुवती एवं जन समुदाय को व्यवहार परिवर्तन हेतु जागरूक करते हुए, बाल संरक्षण से संबंधित जानकारियों से अवगत कराया गया।
रश्मि चंद्रवंशी पर्यवेक्षक एकीकृत बाल विकास परियोजना सुकमा के द्वारा कुपोषण से निजात दिलाने शासन एवं प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके साथ ही बच्चों का वजन व ऊंचाई माप कर कुपोषण की पहचान कर आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रदायित पौष्टिक एवं अतिरिक्त पोषण आहार से लाभान्वित होने प्रेरित किया। शिविर में सरपंच महेश बघेल, स्वास्थ्य विभाग की टीम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित ग्रामीण जन शामिल हुए।
तीन टीम चयनित, राज्य स्पर्धा में खेलेंगे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 7 सितंबर। सुकमा जवहार नवोदय विद्यालय परिसर में दो दिनी संभाग स्तरीय बॉलीबाल प्रतियोगिता आयोजित हुआ, जिसमें बस्तर संभाग के 8 विद्यालयों ने भाग लिया। तीन टीम चयनित हुई, जो राज्य स्पर्धा में खेलेंगे। उद्घाटन में कलेक्टर एवं समापन में एसपी पहुँचे।
पहली बार सुकमा नवोदय विद्यालय में संभागीय स्तरीय बॉलीबाल प्रतियोगिता आयोजित हुआ। जेएनवी बेतुल मध्यप्रदेश में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अंडर 14,17 एवं अंडर 19 के लिए चयनित टीम खेलेगी।
बॉलीबाल प्रतियोगता के शुभारंभ में सुकमा कलेक्टर हरीश एस. मुख्यतिथि के रूप में उपस्थित रहे एवं विशेष अतिथि के रूप में डीएसपी पारुल खंडेलवाल, जि़ला खेल अधिकारी विरूपक्ष पुराणिक, समाज सेवी फ़ारूख अली मौजूद रहे।
समापन में मुख्यतिथि के रूप मे सुकमा एसपी सुनील शर्मा एवं विशेष अतिथि के रूप में डीएसपी पारुल खंडेलवाल मौजूद रहे। नवोदय विद्यालय के प्रभारी प्रिंसिपल राकेश कुमार ओझा ने दो दिवसीय आयोजन के अवसर पर सभी अतिथियों को शाल, मोमेंटो एवं पौधा भेंट कर स्वागत किया।
मोहम्मद रफ़ी पीजीटी बॉयोलाजी नवोदय विद्यालय सुकमा ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं रजिय़ा मोहम्मद शारीरिक क्षमता शिक्षा की हेड ने आयोजन को संपन्न कराया। आयोजन को नवोदय विद्यालय के प्रभारी प्रिंसिपल राकेश कुमार ओझा के नेतृत्व में संपन्न कराया गया।
दो दिवसीय बॉलीबाल प्रतियोगिता कार्यक्रम में सम्मिलित 8 विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने अतिथियों को सलामी दी एवं खेल का प्रतीक झंडे को फहराया गया। समापन में सांस्कृतिक कार्यक्रम नवोदय की छात्रा अलिशा एवं साथियों ने प्रस्तुति दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 1 सितंबर। 34 फीसदी महंगाई भत्ते और सातवें वेतनमान पर गृह भाड़ा भत्ते की मांग को लेकर कर्मचारी-अधिकारी 22 अगस्त से हड़ताल पर हैं। इससे शासकीय कामकाज ठप पड़ गया है इस आंदोलन को सही जायज बताते हुए अधिकारि, कर्मचारियों के हड़ताल को सीपीआई का समर्थन मिला आंदोलनकारियों के बीच पूर्व विधायक मनीष कुंजाम , सीपीआई के जिला सचिव रामा सोड़ी, हड़मा मरकाम, देवाराम मंडावी, महेश कुंजाम पहुंच कर हड़ताल कर्मियों के जायज मांग का समर्थन किया।
श्री कुंजाम ने दो मांग को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल को पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि इस आंदोलन से आम जनता से जुड़ा काम पूरी तरह ठप है। आम जनता परेशानियो का सामना कर रहे हैं। इसका जिम्मेदार राज्य सरकार हैं, हड़ताल कर्मियों की जायज मांग को त्वरित पुरा करना चाहिए। आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की राज्य सरकारे चाहे पूर्व की भाजपा सरकार हो या वर्तमान कांग्रेस की सरकार दोनों अनुपयोगी कार्यों में अरबो करोड़ो राशि का दुरुपयोग कर रहा है पूर्व कि भाजपा सरकार ने पेट्रोल डीजल उत्पादन के नाम से रतन जोत पौधे लगाकर अरबों करोड़ो राशि का दुरुपयोग किया।ठीक दूसरी ओर वर्तमान कांग्रेस की सरकार गाय गोठानो के नाम से अरबो राशि का दुरुपयोग किया गया, इसका कोई लाभ जनता को मिल रहा है न उपयोगी है। जिसका कोई मतलब नहीं है, वह सारे गोटानों में एक भी गाय कभी नहीं दिखता है। और सरकार बोलता है कि गोबर खरीदी में खर्चे हो रहे हैं, इसका कोई जमीनी स्तर पर नहीं दिख रहा है। इतना ही नहीं इसके अलावा सरकार , लगातार मंत्री, विधायको का मानदेय राशि बढ़ा रहा है।
सरकार के पास मंत्री, विधायकों का मानदेय बढ़ाने के लिए राशि है, पर सरकार कि काम को दिन रात करने वाले कर्मियों के लिए राशि नहीं है। इसका मतलब सरकार सौतेला व्यवहार आदोलनकारियों से कर रहा है।
मनीष कुंजाम ने आगे कहा कि मंत्री, विधायको को मानदेय ही नहीं, अलग से कमीशन भी जिनको मिलता है। इनको क्या मतलब है मानदेय बढ़ाना। ये सब जोड़ा जाय तो लाखों रूपये मासिक मिलता है। विगत दिनों से आंदोलन कर मांग कर रहे इनकी मांग को नजर अंदाज करना गलत है।
सरकार आदोलनकारियों की मांग को तत्काल पुरा नही करता है तो 2023- 24 का चुनावी परिणाम से भुगतने के लिए तैयार रहे। मनीष कुंजाम ने इस अवसर पर सरकार से मांग करते हुए कहा कि अविलंम्ब प्रदेश के हड़ताल कर्मियों के हित में फैसला ले, मांग पूरी करे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 31 अगस्त। छ.ग. शासन के ‘पुनर्वास नीति’ तथा जिला पुलिस सुकमा द्वारा चलाये जा रहे पूना नम अभियान (नई सुबह-नई शुरूआत ) से प्रभावित होकर महिला नक्सली सहित चार ने आत्मसमर्पण किया।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ शासन की ‘पुनर्वास नीति’ के प्रचार-प्रसार तथा सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे (नई सुबह, नई शुरूवात) से प्रभावित होकर नक्सली संगठन में सक्रिय रही 01 महिला सहित 04 नक्सलियों महिला कवासी मासे (पोलमपल्ली एलओएस सदस्या ईनामी छ.ग. शासन द्वारा 01 लाख रूपये) 02 मुचाकी नंदा (डीएकेएमएस सदस्य ) 03. पोडिय़म जोगा (सीएनएम सदस्य) सभी निवासी थाना चिंतगुफा क्षेत्र एवं 04 पदाम हुंगा (डीएकेएमएस सदस्य ) निवासी थाना भेजी क्षेत्र के द्वारा कार्यालय सुकमा में अमित देवांगन उप पुलिस अधीक्षक सुकमा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया। आत्मसर्पित नक्सलीगण थाना क्षेत्र में घटित विभिन्न नक्सली गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
आत्मसमर्पित नक्सली पदाम हुंगा को आत्मसमर्पण कराने में 219 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा एवं थाना प्रभारी भेजी श्री देवेन्द्र ठाकुर का विशेष योगदान रहा। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन के पुनर्वास योजना के तहत प्रोत्साहन राशि व अन्य सुविधाये प्रदाय किया जायेगा।
बच्चों को सुरक्षा, स्वास्थ्य व स्वच्छता के बारे में भी किया जागरूक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 28 अगस्त। चाइल्डलाइन टीम ने ग्राम पंचायत -तोंगपाल मंदिर पारा सुकमा की बस्ती में ओपन हाउस प्रोग्राम आयोजित कर बच्चों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी। साथ ही स्वयं की सुरक्षा, स्वास्थ्य व स्वच्छता के बारे में भी जागरूक किया।
कार्यक्रम में चाइल्ड लाइन समन्वयक अवध बघेल ने बताया कि 0 से 18 वर्ष को बच्चा माना जाता है। चाइल्ड लाइन विशेष रूप से इनके लिए काम करती है। एक आपातकालीन टेलीफोन सेवा है, जिसका नि:शुल्क नंबर 1098 है, जो दुर्गम क्षेत्र में मुसीबत में फंसे बच्चे हो, फोन करके आसानी से उन तक मदद पहुंचाई जा सकती है। यह टोल फ्री नंबर किस तरह कार्य करता है इसकी विस्तृत जानकारी दी।
चाइल्डलाइन कॉल सेन्टर के बारे में बताया गया। मानव तस्करी के जाल किस तरह फैले हैं एवं उनसे कैसे बचा जा सकता है। बच्चों को हरेक बच्चे को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। गुमशुदा, बाल मजदूरी, शोषित बच्चेए बाल मजदूरी, घर से भागे बच्चे, बाल विवाह, जीने का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार, अनाथ, दिव्यांग तथा अन्य कठिन परिस्थितियों में फंसे बच्चों की सहायता के लिए चाइल्डलाइन 24 घंटे कार्यरत है।
इस दौरान काउंसलर चैश्वानी सिन्हा ने बताया कि चाइल्ड राइट्स कानून के सबसे बड़े लाभ के रूप में लोगों में एक जागरूकता का आना है चाहे विद्यालय हो या अन्य कोई स्थल, कम या ज्यादा मात्रा में लोगों को बाल अधिकारों के बारे में जागरूकता किया गया तथा चाइल्डलाइन सुकमा टीम मेंबर श्री अमृत नाग एवं मिस गीता यादव जी के द्वारा समाज विकसित हो रहा है इसके साथ ही में मनुष्य की आपराधिक भावना भी बढ़ रही है. मानव को पिछले युग में कई बदलाव देखने को मिले है. कुछ समय पहले आपराधिक दिमाग वाले लोग समाज की वस्तुओं को निशाना बनाते थे, लेकिन हाल के वर्षों में ये छोटे बच्चों और शिशुओं को निशाना बनाने लगे हैं. मानवता पशुता में ढ़लती जा रही है. छोटे बच्चों और शिशुओं को वो लोग निशाना बनाने लगे हैं. जो अपने यौन आकर्षण के लिए इनका गलत इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इन्हें मालूम है कि कम उम्र के बच्चे कमजोर व नासमझ होते हैं और दूसरों से जल्दी घुल-मिल जाते हैं व दूसरों पर जल्दी विश्वास भी कर लेते हैं. इस तरह के ज्यादातर अपराधी घर में से ही या आस-पड़ोस या जान पहचान वाले ही होते हैं. कई बार बच्चों को स्कूल कर्मचारी के साथ स्कूल ले जाने वाले ट्रांसपोर्ट के लोग भी ऐसे अपराध करते हैं।
कार्यक्रम में तोंगपाल - सरपंच - उप सरपंच, पंच, जनपद पंचायत सदस्य जनप्रतिनिधि , परियोजना अधिकारी श्री रवाठे, तोंगपाल सुपरवाइजर एव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन , जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र रविन्द्र कोठरे, समाज कल्याण विभाग राजेंद्र ध्रुव एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 27 अगस्त। गणेश चतुर्थी पर्व को चार दिन शेष है। पर्व से पूर्व कलाकार गणेश भगवान की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। वहीं श्रद्धालुओं में गणेश चतुर्थी पर्व बनाने को लेकर उत्साह है। भक्तों ने अपने-अपने तरीके से गणेशोत्सव मनाने के लिए तैयारी में जुट चुके हैं।
मूर्तियों की डिमांड बढ़ गई है। कई श्रद्धालु जो जिला मुख्यालय से दूर है वे भगवान गणेश की मूर्ति खरीदकर ले जा चुके हंै, तो कई खरीदकर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को 31 अगस्त को खरीदकर स्थापित करेंगे।
इस बार गणेशोत्सव को लेकर कलाकारों ने सुकमा के जगह जगह मूर्ति निर्माण कर पांच से आठ फुट तक की मूर्ति तैयार की है। इसकी कीमत 55 सौ से लेकर 22 हजार तक की मूर्ति तैयार की गई है। पांच फुट, साढ़े पांच फुट, साढ़े सात फुट व आठ फुट की मूर्ति विशेष आकर्षण का केंद्र है।
तीन महीने पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं
मूर्ति का अंतिम रूप दे रहे कलाकार हिडमा मडक़ाम, देवा व राहुल मडक़ाम का कहना है कि गणपति पूजा के तीन माह पहले से ही मूर्तियां बनाने के लिए तैयारी शुरू हो जाती है। उनका कहना है कि आज मूर्ति तैयार करने में लगने वाली सामग्री काफी महंगी हैं। इसकी वजह से मूर्तियों की उचित कीमत चाह के भी हम नहीं पा पाते। मूर्ति को तैयार करने में लाल, पीला, हरा, काला व सफेद रंग का इस्तेमाल किया जाता है। पीओपी, नारियल रस्सी व लकड़ी पैरे का प्रयोग किया जाता है।
विधि विधान से करें भगवान गणेश की पूजा-अर्चना
पंडितों का कहना है कि भाद्रपद शुल्क पक्ष चतुर्थी श्री गणेश प्रकटोत्सव के रूप में मनाया जाता है। 31 अगस्त बुधवार को श्रीगणेश चतुर्थी है। इस दिन विघ्न विनाशक मंगलकारक श्री गणेश जी का विग्रह का स्थापना किया जाएगा।
कन्याओं का वर प्राप्ति के लिए, कर्ज में डूबे लोग कर्ज मुक्ति के लिए जिनका व्यापार नहीं चल रहा, व्यापार बढ़ाने के लिए, शत्रु विनाश, सुख शांति व विद्या प्राप्ति के लिए सर्व कल्याणकारी विघ्नहर्ता विघ्न गणेश का पूजन किया जाता है। भगवान को प्रतिदिन लड्डू का भोग लगाए। न तो चूहों को मारे न ही कष्ट पहुंचाए। श्रीगणेश की 12 नामों का पाठ नित्य करें।
दोरनापाल में नहीं थम रहा डेंगू का कहर, महीने भर में 65 मामले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 27 अगस्त। जिले के दोरनापाल इलाके में डेंगू और मौसमी बीमारी का कहर नहीं थम रहा है। जहां नगर के कुछ वार्डों में डेंगू पसरा हुआ है और हर घर का एक सदस्य अस्पताल में दाखिल है, वहीं इसका खतरा स्कूली बच्चों पर भी दिखने लगा है. पोटाकेबिन पेदाकुर्ती में करीब 100 अधिक बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई। जिसमें से 40 छात्र सर्दी खांसी एवं बुखार से पीडि़त पाए गए। जिनका इलाज किया जा रहा है. सामान्य रूप से बीमार बच्चों का इलाज संस्था में ही रख कर किया है।
अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार पोटाकेबिन पेदाकुर्ती में करीब 100 अधिक बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें 40 बच्चें सर्दी खांसी बुखार से पीडि़त पाए गए, जिनका इलाज किया जा रहा है, वहीं 17 बच्चे सर्दी खांसी बुखार से बहुत ज्यादा पीडि़त थे, जिनको दोरनापाल अस्पताल लाया गया और छात्र का मलेरिया, डेंगू व टाइफाइड की जांच की गई। जिसमें से 4 छात्र मलेरिया पॉजिटिव पाए गए एवं दो छात्र डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं, इन छात्रों का इलाज दोरनापाल अस्पताल में किया जा रहा है। पोटाकेबिन के अन्य छात्र स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
मौसम के बदलाव से बड़ रहे
सर्दी बुखार के मरीज
इन दिनों मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से गर्मी और उमस की वजह से बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं, इधर अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ गया है वहीं पोटाकेबिन, आश्रम छात्रावासों में भी अधिकांश छात्र-छात्राएं बीमार हो रहे हैं, आश्रम छात्रावासों में भी बीमार छात्र की संख्या बढ़ती जा रही है, इधर पोटाकेबिन, आश्रम छात्रावासों में बीमार बच्चों की संख्या अधिक होने पर तत्काल मेडिकल टीम भेजकर इलाज उपलब्ध कराई जा रही है, जिसकी वजह से अधिक बीमार बच्चों को तत्काल अस्पताल लाया जा रहा है और उनका उपचार किया जा रहा है।
नगर में डेंगू का खतरा, 65 मामले
गौरतलब है कि नगर पंचायत दोरनापाल में डेंगू ने लोगों की नींद हराम कर रखी है। आए दिन केस आ रहे हैं और पिछले 1 महीने से अब तक कुल 65 मामले दोरनापाल अस्पताल में आ चुके हैं, इसके अलावा भी कई केस हैं, जो दोरनापाल से बाहर उपचार करवा रहे हैं।
क्रवार को ‘छत्तीसगढ़’की टीम दोरनापाल अस्पताल पहुंची तो मरीजों से भरा अस्पताल नजर आया, वहां लगभग 12 केस डेंगू के नजर आ रहे थे, इसके अलावा मलेरिया और मौत की बीमारी के तीन दर्जन मरीज दिखाई दिए। अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि अब अगर नए मरीजों की संख्या ज्यादा हुई तो अस्पताल में बेड कम पड़ जाएंगे।
डेंगू के ज्यादातर मामले वार्ड क्रमांक 2 से नजर आ रहे हैं, इसको लेकर वार्ड पार्षद धर्मेंद्र भदोरिया ने नाराजगी जाहिर की और वार्ड में घूम-घूम कर फागिंग और ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव करवा रहे हैं। बावजूद डेंगू के मामले नहीं थम रहे हैं। धर्मेंद्र भदोरिया ने वार्ड के लोगों से अपील की है कि डेंगू से बचाव के सभी वैकल्पिक सावधानियों को बरते।
वहीं नगर पालिका अध्यक्षा बबिता माड़वी ने सभी वार्डों में नियमित फागिंग के निर्देश दिए हैं और जिन वार्डों में डेंगू के प्रभाव हैं, वहां ज्यादा ध्यान देने के निर्देश नगर पंचायत कर्मचारियों को दिए हैं ।
दोरनापाल में नहीं थम रहा डेंगू का कहर, महीने भर में 65 मामले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 26 अगस्त। जिले के दोरनापाल इलाके में डेंगू और मौसमी बीमारी का कहर नहीं थम रहा है। जहां नगर के कुछ वार्डों में डेंगू पसरा हुआ है और हर घर का एक सदस्य अस्पताल में दाखिल है, वहीं इसका खतरा स्कूली बच्चों पर भी दिखने लगा है. पोटाकेबिन पेदाकुर्ती में करीब 100 अधिक बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई। जिसमें से 40 छात्र सर्दी खांसी एवं बुखार से पीडि़त पाए गए। जिनका इलाज किया जा रहा है. सामान्य रूप से बीमार बच्चों का इलाज संस्था में ही रख कर किया है।
अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार पोटाकेबिन पेदाकुर्ती में करीब 100 अधिक बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें 40 बच्चें सर्दी खांसी बुखार से पीडि़त पाए गए, जिनका इलाज किया जा रहा है, वहीं 17 बच्चे सर्दी खांसी बुखार से बहुत ज्यादा पीडि़त थे, जिनको दोरनापाल अस्पताल लाया गया और छात्र का मलेरिया, डेंगू व टाइफाइड की जांच की गई। जिसमें से 4 छात्र मलेरिया पॉजिटिव पाए गए एवं दो छात्र डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं, इन छात्रों का इलाज दोरनापाल अस्पताल में किया जा रहा है। पोटाकेबिन के अन्य छात्र स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
मौसम के बदलाव से बड़ रहे सर्दी बुखार के मरीज
इन दिनों मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से गर्मी और उमस की वजह से बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं, इधर अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ गया है वहीं पोटाकेबिन, आश्रम छात्रावासों में भी अधिकांश छात्र-छात्राएं बीमार हो रहे हैं, आश्रम छात्रावासों में भी बीमार छात्र की संख्या बढ़ती जा रही है, इधर पोटाकेबिन, आश्रम छात्रावासों में बीमार बच्चों की संख्या अधिक होने पर तत्काल मेडिकल टीम भेजकर इलाज उपलब्ध कराई जा रही है, जिसकी वजह से अधिक बीमार बच्चों को तत्काल अस्पताल लाया जा रहा है और उनका उपचार किया जा रहा है।
नगर में डेंगू का खतरा, 65 मामले
गौरतलब है कि नगर पंचायत दोरनापाल में डेंगू ने लोगों की नींद हराम कर रखी है। आए दिन केस आ रहे हैं और पिछले 1 महीने से अब तक कुल 65 मामले दोरनापाल अस्पताल में आ चुके हैं, इसके अलावा भी कई केस हैं, जो दोरनापाल से बाहर उपचार करवा रहे हैं।
शुक्रवार को ‘छत्तीसगढ़’की टीम दोरनापाल अस्पताल पहुंची तो मरीजों से भरा अस्पताल नजर आया, वहां लगभग 12 केस डेंगू के नजर आ रहे थे, इसके अलावा मलेरिया और मौत की बीमारी के तीन दर्जन मरीज दिखाई दिए। अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि अब अगर नए मरीजों की संख्या ज्यादा हुई तो अस्पताल में बेड कम पड़ जाएंगे।
डेंगू के ज्यादातर मामले वार्ड क्रमांक 2 से नजर आ रहे हैं, इसको लेकर वार्ड पार्षद धर्मेंद्र भदोरिया ने नाराजगी जाहिर की और वार्ड में घूम-घूम कर फागिंग और ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव करवा रहे हैं। बावजूद डेंगू के मामले नहीं थम रहे हैं। धर्मेंद्र भदोरिया ने वार्ड के लोगों से अपील की है कि डेंगू से बचाव के सभी वैकल्पिक सावधानियों को बरते।
वहीं नगर पालिका अध्यक्षा बबिता माड़वी ने सभी वार्डों में नियमित फागिंग के निर्देश दिए हैं और जिन वार्डों में डेंगू के प्रभाव हैं, वहां ज्यादा ध्यान देने के निर्देश नगर पंचायत कर्मचारियों को दिए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 24 अगस्त। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जन्मदिन कोंटा नगर में उत्सव के रूप में मनाया गया है । वहीं वार्ड 07 के अटलचौक में नन्हें बच्चों से केक कटवा कर मुख्यमंत्री का जन्मदिन मनाया गया।
नगर के हृदय स्थल अटल चौक में मिठाईयां बांटी गई। पूरा नगर पटाखों से गूंज उठा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री कवासी लखमा, जिलापंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी जिंदाबाद के नारे लगे। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी मुनीर भाई, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सुधीर पांडे, नप अध्यक्ष मौसम जाया वार्ड क्रमांक 07 पार्षद प्रियंका साई श्रीनिवास,पार्षद देवेन्द्र,पार्षद सत्तीबाबू, पार्षद बी रामू,रामू शास्त्री विशाल बंसल,सुरेश कुमार शेषु विन्नु, नमीर अली,पवन कुमार,अमित सरकार, रानू, सन्नी, फराज, नवदीप, आकाश, राजकुमार, वंशी,चरण,अमन राव उपस्थित रहे।
पार्षद प्रियंका साई श्रीनिवास ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जन्मदिन की बधाई दी और उनकी दीर्घायु की कामना की और कहा भूपेश बघेल वर्तमान पीढ़ी के अनुरूप सफल मुख्यमंत्री है। 2023 में भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में प्रदेश फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने जा रही है।
सुकमा, 24 अगस्त। आज एक नक्सली ने नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सुकमा परमेश्वर तिलकवार एवं निरीक्षक घुनाराम ओगरे के समक्ष बिना हथियार के समर्पण किया।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ शासन की ‘पुनर्वास नीति’ के प्रचार-प्रसार तथा सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘पूना नर्कोम अभियान’ (नई सुबह, नई शुरूवात ) से प्रभावित होकर नक्सली संगठन में सक्रिय सोढ़ी सोमा (मिलिशिया सदस्य ) उम्र 25 वर्ष थाना चिंतलनार क्षेत्र द्वारा नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सुकमा परमेश्वर तिलकवार एवं निरीक्षक घुनाराम ओगरे के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया।
आत्मसमर्पित नक्सली को शासन के पुनर्वास योजना के तहत प्रोत्साहन राशि व अन्य सुविधा प्रदाय किया जाएगा। नक्सली को आत्मसमर्पण करने हेतु प्रोत्साहित करने में 223 वाहिनी सीआरपीएफ के विशेष सूचना शाखा का विशेष प्रयास रहा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 22 अगस्त। तेन्दूपत्ता फर्जीवाड़ा में फरार 4 आरोपियों को कोलकाता से पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
जिले के कोंटा थाना क्षेत्रान्तर्गत अवैध तेंदूपत्ता के संग्रहण कर परिवहन करने एवं ग्रामीणों से धोखाधड़ी के मामले में आरोपी गुलाम खान, बहादुर खान नावेद खान, सोहेल खान, शाहिद खान सभी निवासी कोंटा के खिलाफ थाना कोंटा में धारा 379, 420 34 का अपराध कायम किया गया था। मामले में सभी आरोपी एफआईआर के बाद से फरार चल रहे थे।
मामले के गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक सुकमा सुनील शर्मा के द्वारा 7 सदस्यों का एसआईटी का गठन आरोपियों के धरपकड़ हेतु किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किरण गंगाराम चव्हाण, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल दिशानिर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौरव मण्डल एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कोंटा रोहित शुक्ला के मार्गदर्शन पर तेंदूपत्ता के फरार आरोपियों के गिरफ्तारी एवं पता तलाश करने अलग अलग राज्यों में रवाना किया गया।
एसआईटी के द्वारा लगातार आरोपियों की पतासाजी की जा रही थी। पतासाजी के दौरान टीम 9 दिनों से लगातार तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बैंगलुरु कर्नाटक में संभावित स्थानों पर दबिश दे रही थी, जो फरार आरोपियों को अंतत: कोलकाता से बहादुर खान (39), नावेद खान (34), शाहिद अहमद (39), मोहम्मद सोहेल खान (25) सभी निवासी वार्ड क्रमांक 15 पुरानी बस्ती कोंटा जिला सुकमा छ.ग. को 18 अगस्त को पकडऩे में सफलता प्राप्त हुई। उक्त आरोपियों को गिरफ्तार कर सुकमा से पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड लिया गया, जिन्हें आज 22 अगस्त को न्यायालय सुकमा में पेश किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 21 अगस्त। शहर के विभिन्न मंदिरों में भगवान कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कई स्कूलों में बच्चों ने भगवान कृष्ण व राधा बनकर प्रतियोगिता में भागीदारी की। काली मंदिर स्थित कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई।
शहर के अनेक मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया गया। कई मंदिरों में प्रसाद वितरण भी भक्तों द्वारा किया गया। दर्शन के लिए श्रद्ध्रालुओं की भी जबरदस्त भीड़ उमड़ी। कई बच्चों ने भगवान कृष्ण का रूप धरकर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई। इस मौके पर न केवल कृष्ण भजनों पर झूमें बल्कि कई बच्चों ने कृष्ण की लीलाएं भी दिखाई।
सरस्वती शिशु मंदिर छिंदगढ़ में श्री कृष्ण जन्माष्टमी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम राधा-कृष्ण, मीरा बाई व सुदामा की वेशभूषा धारण कर विभिन्न प्रतियोगिता जैसें मटकी फोड़ कुर्सी दौड़ प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
घर-घर मनी जन्माष्टमी
मंदिरों के साथ-साथ घरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े उत्साह से मनाया गया। जन्म का पर्व मनाकर श्रीकृष्ण को झूले में रखा गया, जिसके लिए घरों में आकर्षक झांकिया सजाई गई और वहीं भगवान को प्रिय मोहन भोग की व्यवस्था प्रसाद के रूप में की गई, वहीं भगवान के भजन आरती के साथ अनुष्ठान सम्पन्न हुई।
सशिमं में दही हांडी फोड़ी गई
शहर के अनेक जगह दही हांडी का भी आयोजन किया गया, वहीं सरस्वती शिशु मंदिर सुकमा में दहीहांडी फोड़ का कार्यक्रम उत्साह से मनाया गया. कार्यक्रम में ‘हाथी घोड़ा पालखी जय कन्हया लाल की’ का जयघोष कर दहीहांडी फोड़ी गई। कार्यक्रम में संस्था के प्रमुख व आचार्यों के मार्गदर्शन में आयोजित जन्माष्टमी के कार्यक्रमों में स्कूली बच्चों व आमजन बढ़-चढक़र भाग लिए।
शहर के मध्य भगवान कृष्ण की भव्य झांकी सजाई गई थी, वहीं शहर के हृदय स्थल मां काली मंदिर स्थित कृष्ण की मनोरम दृश्य सबसे ज्यादा नगरवासियों के आकर्षण का केंद्र रही। झांकी में शहर के समस्त भक्तों की टोली भाग लेती आई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 20 अगस्त। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुकमा जिला के तीनों नगरीय निकायों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप कृष्ण कुंज का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने सुकमा नगर पालिका क्षेत्र में कुम्हाररास, नयापारा में बनाए गए कृष्ण कुंज का शुभारंभ किया। विधिवत पूजा अर्चना कर, फीता काटकर कृष्ण कुंज का उद्घाटन किया और कृष्ण कुंज में पीपल के पौधे का रोपण किया।
इस अवसर पर हरीश कवासी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पारंपरिक वृक्षों के संरक्षण और संवर्धन के लिए यह अभिनव पहल की है। जीवन में पेड़ों का बहुत महत्व होता है। शहरी क्षेत्रों में पेड़ पौधों की कमी के कारण बढ़ते प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। इसे देखते हुए नगरीय क्षेत्रों में वृक्षों की महत्ता और संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से कृष्ण कुंज योजना का शुभारंभ किया गया है। यहां लगाए जाने वाले पारंपरिक वृक्ष पर्यावरण के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। शासन की इस अभिनव पहल से इन वृक्षों को संरक्षित किया जा सकेगा और आने वाली पीढ़ी भी इनके महत्व को समझ सकेगी।
जगन्नाथ साहू ने कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आज कृष्ण कुंज का शुभारंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में वृक्षों का महत्व पौराणिक काल से, लोगो की आस्था से जुड़ी हुई है। जिसके संवर्धन का काम इस योजना के तहत सफल होगा। इन पेड़ों से क्षेत्र में हरियाली बढऩे और पर्यावरण शुद्ध होने के साथ ही युवा पीढ़ी को भी इनके संरक्षण और संवर्धन हेतु प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ साह, उपाध्यक्ष श्रीमती आयशा हुसैन कारण देव, कलेक्टर, एस, हरिस वन मंडलाधिकारी सुकमा जेएस रामचंद्र, सहित उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अन्य अधिकारियों एवं जवाहर नवोदय विद्यालय के स्कूली बच्चों ने भी यहां पौधे लगाए।