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शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की तैयारी में प्रशासन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 20 दिसंबर। सुकमा जिले के नगर पंचायत दोरनापाल में नवीन उप स्वास्थ्य केंद्र के सामने एनएच 30 से लगी भूमि पर चल रहे अवैध अतिक्रमण पर आखिरकार प्रशासन की जेसीबी चल गई। यह कार्रवाई दोरनापाल तहसीलदार अजय मरावी के निर्देश पर दोपहर 3 शुरू हुई। जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन द्वारा इसे गंभीरता से लिया गया ।
ज्ञात हो कि बीते कई दिनों से एनएच के लिए आरक्षित भूमि पर मिट्टी डालकर कब्जा किया जा रहा था, वहीं तहसीलदार द्वारा लगातार मलबे कॉल उठा लेने की समझाइश कब्जा धारियों को दी जा रही थी, बावजूद यहां से मिट्टी को नहीं हटाया जा रहा था, जिसके बाद तहसीलदार अजय मरावी व दोरनापाल नगर पंचायत सीएमओ एम एल गोखले द्वारा अवैध अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। फिलहाल एक चौथाई अतिक्रमण पर कार्रवाई की जा चुकी है आगे की कार्रवाई जारी है ।
दोरनापाल तहसीलदार अजय मरावी ने बताया कि एनएच 30 से लगी जमीनों पर जगह जगह जो मिट्टी डालकर अतिक्रमण किया गया था, उस पर नगरी प्रशासन और राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त कार्रवाई की जा रही है और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी और इसके बाद भी अगर कोई यहां पर मिट्टी डालता है तो मिट्टी मलबा डालने वाले वाहन और मिट्टी मलबा डलवाने वाले दोनों पर कानूनी कार्रवाई होगी।
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने की तैयारी
गौरतलब है कि नगरीय प्रशासन के पास ऐसे ही शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भूमि की कमी नजर आ रही है ऐसे में राजस्व वृद्धि के लिए बेहद ज्यादा नगरी प्रशासन के पास फिलहाल नहीं है और वर्तमान में बड़े अतिक्रमण के मामले के बाद नगरी प्रशासन ने उन भूमियों में शॉपिंग कॉन्प्लेक्स बनाने का निर्णय लिया है जिससे शासकीय दर पर नीलामी के साथ आरक्षण अनुसार लोगों में दुकानें आवंटित की जा सकेंगी और इससे नगरी प्रशासन को राजस्व और आय में वृद्धि मिलेगी ।
दोरनापाल नगर पंचायत सीएमओ एम एल गोखले ने बातचीत में बताया कि राजस्व विभाग और नगरी प्रशासन द्वारा अवैध अतिक्रमण पर संयुक्त कार्यवाही की जा रही है यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी और यदि इसके बाद कोई मलबा डालता है तो उस पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे अतिक्रमण भूमि पर अब नगरी प्रशासन द्वारा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जाएगा मेरे द्वारा इंजीनियर को मौका मुआयना और आगे प्रक्रिया के लिए कहा गया है शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के साथ-साथ बची हुई भूमि पर शासकीय गुमटियों का भी निर्माण किया जा सकता है जिससे कम दर पर आरक्षण अनुसार दुकाने आबंटित की जा सकती है ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा,20 दिसंबर। मैदान जगदलपुर में आयोजित संभाग स्तरीय शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति आदिवासी लोक कला महोत्सव में नृत्य प्रतियोगिता में संभाग के सभी जिलों से जनजातीय सांस्कृतिक दलों ने भाग लिया। इसमें सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के ग्राम किंन्दरवाड़ा का गुण्डाधुर लोक कलामंच के द्वारा प्रस्तुत की गई मंडई लोक नृत्य ने संभाग में प्रथम स्थान हासिल किया है।
21 दिसम्बर से राजमोहिनी भवन अम्बिकापुर में शुरू होने वाले राज्य स्तरीय शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति आदिवासी लोक कला महोत्सव में किंन्दरवाड़ा के मंडई लोक नृत्य दल द्वारा अपने मंडई लोक नृत्य कला का प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए कवासी लखमा, केबिनेट मंत्री वाणिज्यिक कर (आबकारी) वाणिज्य एवं उद्योग छत्तीसगढ़ शासन, हरीश कवासी अध्यक्ष जिला पंचायत सुकमा, हरीश एस. कलेक्टर जिला सुकमा एवं गणेश शोरी सहायक आयुक्त आदिवासी-विकास सुकमा द्वारा नर्तक दल को शुभकामनाओं के साथ बधाई दी है।
उल्लेखनीय है कि धुरवा मंडई लोक नृत्य विशेषकर बस्तर एवं सुकमा जिले के वनांचल में निवासरत धुरवा जनजाति द्वारा मेला, मण्डई एवं जातरा के अवसरों पर ढोल के ताल एवं बान्सूरी के धुन में बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ किया जाता है। इस नृत्य में बान्सूरी की धुन से ही नृत्य शैली का प्रदर्शन किया जाता है। उत्साह एवं वीरता से परिपूर्ण होने के कारण इसे क्षेत्रान्तर्गत सैनिक नृत्य भी कहा जाता है।
यह लोक नृत्य मेला मण्डई में क्षेत्र के आस-पास के आमंत्रित देवी देवताओं एवं ग्राम्य देवी देवताओं की परघाव या स्वागत करते समय तथा मण्डई मेला का भ्रमण करते समय कासन ढोल के नेतृत्व में देवलाट, छत्तर सिरहा-गुनिया, पेरमा पुजारी के सम्मुख देवी देवताओं की अगुवाई में की जाती है। नर्तक दल बन्दीपाटा बेलूर, साका की वेशभूषा व पारम्परिक अस्त्र टंगिया (कुल्हाड़ी) फरसा तीर धनुष, कमर में बुरका (सुखी लौकी का विशेष पात्र जिसमें पेय पदार्थ रखा जाता है) श्रृंगार विशेष (तोडी-बजाने का विशेष यंत्र) लेके, धुरवा ढोल व टमक, तुड़बुड़ी व बान्सूरी की धुन में नृत्य किया जाता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 20 दिसंबर। राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में सुकमा के नागराज को ऊंची कूद में स्वर्ण पदक मिला।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की राष्ट्रीय क्रीडा प्रतियोगिता वर्ष 2022-23 का आयोजन 18 से 22 दिसम्बर तक आंध्रप्रदेश के गुन्टूर स्थित आचार्य नागार्जुन विवि में हो रहा है।
एकलव्य आदर्श आवसीय विद्यालय कोंटा में अध्ययनरत कक्षा आठवीं का छात्र अति संवेदनशील सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र किस्टाराम के ग्राम सेंदूरगुड़ा निवासी मरमम नागराज ने आँध्रप्रदेश के गुंटूर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर ऊंची कूद (जूनियर वर्ग) प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
इस उपलब्धि पर कलेक्टर हरिस. एस ने नागराज को बधाई देते हुए उनकी उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 18 दिसंबर। रविवार को बाबा घासीदास जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर विविध कार्यक्रम हुए।
सर्वप्रथम समाज प्रमुखों ने गुरु गद्दी व जैतखाम की पूजा-अर्चना कर नगर के समृद्घि व खुशहाली की कामना की। इसके पश्चात नगर में शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें नृत्य दल पारंपरिक वेशभूषा में बाबा के संदेश गीत पर मनमोहक प्रस्तुति देते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंची, जहां पंथी नृत्य सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें समाज के लोगों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया।
बाबा गुरु घासीदास की जयंती पर समाज के वरिष्ठ व प्रमुखों ने नगरवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी
सुकमा, 15 दिसंबर। जनकल्याणकारी योजनाओं की सफलता के लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदारी के साथ काम करें। लगातार इनकी मानिटरिंग भी करें। यह बातें गुरुवार को उद्योग और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कही। इसके अलावा उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की बात कही। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने इस दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, खाद्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, पीएचई, पी.डब्ल्यू डी., सहित विभिन्न विभागों से जुड़ी योजनाओं व निर्माण कार्यो की विस्तृत समीक्षा की और सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
मंत्री ने उद्यानिकी विभाग को बाड़ी विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषकों को बीज, खाद इत्यादि की वितरण की सुगमता से व्यवस्था तत्काल कराने के निर्देश दिए तथा कृषकों से सतत सम्पर्क बनाए रखने के लिए कहा। उन्होंने नरेगा के अन्तर्गत सभी ग्राम पंचायतों में काम चालू करने के निर्देश दिए ताकि मजदूरों का पलायन को रोका जा सके। इसके तहत सडक़ और तालाब, भूमि समतलीकरण कार्य प्राथमिकता के साथ किया जाए।
कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान मंत्री मे रबी क्षेत्राच्छादन व लक्ष्य की जानकारी ली और रबी फसल को बढ़ावा देने की बात कही। धान खरीदी की को समीक्षा करते हुए किसानों की रकबा त्रुटि सुधार शीघ्र करने के निर्देश देते हुए कहा कि अवैध धान खरीदी नहीं होनी चाहिए, अन्यथा दोषी पर तुरंत कार्रवाई होगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं और सहायिकाओं की पदपूर्ति व रिक्तियों की जानकारी लेते हुए, महिला बाल विकास अधिकारी को जिले में कुपोषण की दर में कमी लाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
आश्रम अधीक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश
शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मंत्री लखमा ने शिक्षा अधिकारी को जिले में एक भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं होने चाहिए, इसक लिए सख्त निर्देश दिए। साथ ही अप्रारंभ छात्रावास भवन निर्माण जिसके लिए टेंडर नहीं हुआ है, वहां के लिए राज्य स्तर पर बात करने की बात उन्होंने कही। वन अधिकार पट्टा के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुए उन्होंने बुर्कापाल, मुकरम जैसे अंदरूनी गांवों मे जल्द वन अधिकार पट्टा बनाकर वितरण कर उनके लिए मनरेगा के तहत भूमि समतलीकरण आदि कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। मंत्री नेे सहायक आयुक्त को आश्रम अधीक्षकों की आश्रम- छात्रावासों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो अधीक्षक आश्रम-छात्रावास में नहीं रहते हैं उन्हें हटाकर दूसरे को प्रभार देने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर हरिश कवासी अध्यक्ष जिला पंचायत, जगन्नाथ साहू अध्यक्ष नगर पालिका सुकमा, सुन्नम नागेश जनपद पंचायत कोंटा, देवलीबाई नाग जनपद पंचायत छिंदगढ़, आयती कलमू जनपद पंचायत सुकमा, सुशंतो राय सदस्य छ. ग. श्रम कल्याण मण्डल (छ.ग.), सोनू राम नाग, सदस्य माटी कला बोर्ड (छ.ग.), सुक्का सिंह नाग, अध्यक्ष मंडी बोर्ड सुकमा, मुनवर अली, सदस्य उर्दू बोर्ड (छ.ग.), राजेश नारा, सदस्य योग आयोग (छ.ग.), युथपति यादव उपाध्यक्ष, नगर पंचायत दोरनापाल, जाकिर हुसैन उपाध्यक्ष, नगर पंचायत कोण्टा, आयशा हुसैन, उपाध्यक्ष, नगरपालिका परिषद सुकमा, आयती कलमू आदि उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 14 दिसंबर। थाना किस्टाराम क्षेत्र में विगत 10 वर्षों से नक्सल संगठन में सक्रिय रहे ईनामी नक्सली ने नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित नक्सली पर छग शासन द्वारा 1 लाख का ईनाम घोषित है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के प्रचार-प्रसार तथा सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे
पूना नर्कोम अभियान ( नई सुबह, नई शुरूवात ) से प्रभावित होकर व नक्सलियों से तंग आकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन के सक्रिय सदस्य कुरसम अर्जुन (डीएकेएमएस अध्यक्ष) किस्टाराम ने नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में किरण चव्हाण अति. पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स एवं हेमंत प्लास सहायक कमाण्डेन्ट 208 वाहिनी कोबरा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया। प्रोत्साहित करने में 208 वाहिनी कोबरा के आसूचना शाखा के कार्मिकों का विशेष सहयोग रहा।
लखमा ने किया भूमिपूजन, 6 करोड़ से होगी डामरीकरण
सुकमा, 14 दिसंबर। वाणिज्य व उद्योग और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने आज सुकमा-गोंगला-मुयारास एन एच 30 डामरीकरण सडक़ निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया। लगभग 6 करोड़ की लागत से निर्माण होने वाले इस डामरीकरण मार्ग से गोंगला, मुयारास, तेलावर्ती, बोरगुड़ा आदि ग्राम के लगभग 5 हजार ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा होगी। एन एच 30 को जोडऩे वाली इस डामरीकरण मार्ग के लिए प्रशासकीय स्वीकृत राशि 599.91 लाख और सडक़ की लंबाई 5.95 किमी है।
उद्योग मंत्री श्री लखमा ने डामरीकरण मार्ग निर्माण कार्य का भूमिपूजन पर ग्रामीणों को बधाई देते हुए कहा कि गांवों के विकास और सुगम आवागमन के लिए अच्छी सडक़ का होना सबसे महत्वपूर्ण है। ग्रामीण विकास में आवागमन सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को शासन की प्राथमिकताओं में से एक बताते हुए उन्होंने कहा कि शासन किसानों के हित के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके तहत सुकमा जिले में 1870 बैगा, गुनिया आदि को भी हितग्राही के रूप में लाभान्वित किया गया है। सुकमा के पढ़े लिखे बेरोजगारों का पुलिस बल में व्यापक स्तर पर भर्ती हुआ है। इस दौरान उन्होंने मलगेर नदी में पुलिया निर्माण के लिए 6 करोड़ रुपए की घोषणा भी की।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत गोंगला में सीसी रोड, देवगुड़ी शेड निर्माण, आंगनबाड़ी भवन, नल जल कनेक्शन, अंबिका पारा, तेलावर्ती में सामुदायिक शौचालय और नाली निर्माण, बोरगुड़ा में नाली निर्माण, रीपा के अंतर्गत लगभग दो करोड़ का काम सहित विभिन्न कार्य किया गया है।
बदल रही है सुकमा की तस्वीर, हो रहा चहुंमुखी विकास
जिपं अध्यक्ष हरीश कवासी ने अपने संबोधन में कहा कि पुल-पुलिया, सडक़ बनाने का उद्देश्य क्षेत्रवासियों की समस्याओं को दूर करना है। सडक़ बन जाने से अब ग्रामीणों को इससे रोजमर्रा के काम के साथ ही बाजार हाट आने जाने में सहुलियत होगी। उन्होंने आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में सडक़ व स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। गांवों को सडक़ से जोड़ा जा रहा, ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन स्कूल, आश्रम, स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जा रहे है।
सडक़ निर्माण कार्य के भूमि पूजन कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद सुकमा के अध्यक्ष राजू साहू, छत्तीसगढ़ जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य करण सिंह देव, छत्तीसगढ़ योग आयोग के सदस्य राजेश नारा, राजू राम नाग जिला पंचायत सदस्य, गोंगला ग्राम पंचायत के सरपंच आयता राम बुगरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व आम जनता उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 दिसंबर। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 नवंबर से शुरू हो गई है। सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक के कुछ धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था होने से किसान परेशान हैं।
जिला खाद्य अधिकारी जयवर्धन ठाकुर ने बताया कि जिले के 22 धान खरीदी केन्द्रों में से 18 में खरीदी प्रारंभ की जा चुकी है। शेष 4 केन्द्रों में भी शीघ्र ही खरीदी प्रारंभ कर दी जाएगी।
इस विपणन वर्ष जिले में कुल 16 हजार 389 पंजीकृत किसानों द्वारा 39608.128 हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल ली गई है। इस वर्ष छिंदगढ़ विकासखंड अंतर्गत चिड़पाल एवं गुडरा में नवीन धान खरीदी केंद्र खोले गए हैं।
सुकमा जिले में किसानों के धान अब तक धीमी गति से धान खरीदी केंद्रों में पहुंच रहे हैं। कुछ धान खरीदी केंद्रों में हमाल नहीं होने की वजह से धान खरीदी प्रभावित हो रही है, किसान धान खरीदी केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें टोकन नहीं मिलता है, जिसके चलते कई किसान धान बेचने के लिए अब भी इंतजार कर रहे हैं।
सुकमा धान खरीदी केन्द्र पर धान विक्रय करने पहुंचे मुरतोण्डा के पूर्व सरपंच रहे कृषक फूलसिंह बघेल ने बताया कि धान खरीदी केन्द्र पर प्रशासन द्वारा समस्त व्यवस्था दुरुस्त रखी गई है। तौल कांटा भी सही है और बारदाना की गुणवत्ता भी बेहतर है। उन्होने बताया कि खरीदी केन्द्रों की वृद्धि से सभी कृषकों को धान बेचने में सहुलियत हो रही है। पूर्व की भांति अब कृषकों को अपनी उपज लेकर लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ती।
खरीदी प्रभारी मनोज सेठिया ने बताया कि गुरुवार को गांव से ही 10 लोगों को हमाल के कार्य में लगाया गया है और आज से धान खरीदी शुरू किया गया है।
30 हजार क्विंटल से अधिक धान की हुई है खरीदी
सुकमा जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में अब तक 30 हजार 730 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 दिसंबर। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा गोवा प्रदेश में युवाओं के लिए सुशासन यात्रा रखी गई थी। इस कार्यक्रम में शामिल होने सुकमा से भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी भी गोवा पहुंची थीं।
उनका कहना है कि देश के जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, वहाँ राष्ट्रवाद, सुशासन और सांस्कृतिक गौरव को पुनर्जीवित किया गया है और इसी नवजागरण को मजबूत करने के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के लिए सुशासन यात्रा की परिकल्पना की गई है। पूरे देश में अलग अलग राज्यों में भाजपा की सुशासन यात्रा चल रही है। इसी कड़ी में 3 से 6 दिसम्बर तक गोवा में सुशासन यात्रा का आयोजन किया गया।
विदित हो कि गोवा में सुशासन यात्रा में छत्तीसगढ़ से भाग लेने भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत के निर्देश पर भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी के नेतृत्व में कन्या शक्ति संयोजिका दीक्षा अग्रवाल, जनपद सदस्य शांता भगत गोवा पहुंची थीं।
भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष व अधिवक्ता दीपिका शोरी ने गोवा ने वापस आकर प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि सुशासन यात्रा एक अनूठा अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रम है जहां भाजयुमो के पदाधिकारियों को, विशेष रूप से जिला और मंडल स्तर पर, प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा राज्य सरकारों के तहत प्रगति और विकास कार्यों को देखने और सीखने के लिए विभिन्न राज्यों की यात्रा करने का अवसर दिया जाता है।
कल के नेताओं के रूप में युवाओं को तैयार करने की है परिकल्पना
दीपिका ने कहा कि इसका उद्देश्य भाजयुमो कैडर को व्यापक प्रदर्शन देना और उनके संबंधित क्षेत्रों में कल के नेताओं के रूप में तैयार करते हुए उनकी कल्पना और आकांक्षाओं के क्षितिज का विस्तार करना है।
दीपिका ने बताया कि यह युवाओं हेतु एक बहुत ही अच्छा कार्यक्रम है इसी वजह से पूरे देश ही युवामोर्चा के लगभग चालीस युवा यहाँ एकत्र हुए हैं। इस कार्यक्रम को लेकर हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने भी कहा है कि भारत एक भौगोलिक क्षेत्र से कहीं अधिक है। यह भावनाओं, संस्कृतियों और विविध परंपराओं और भावनाओं वाले लाखों लोगों का मिश्रण है। देश की सही अर्थों में सेवा करने के लिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि पहले अपने देश को समझो और महसूस करो।
गोवा के आदिवासियों की एक अलग लोक संस्कृति और त्यौहार
दीपिका ने गोवा को लेकर कहा कि जैसा हम सभी ने सुना है व फिल्मों के माध्यम से जाना है कि गोवा प्रदेश की संस्कृति अपने प्राचीन समुद्र तटों, नाइटलाइफ़ और यूनेस्को-सूचीबद्ध चर्चों के साथ अपने पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, परन्तु गोवा आने के पश्चात मुझे एहसास हुआ कि गोवा में एक दिलचस्प संस्कृति भी है, जो समुद्र तटों से परे फैली हुई है। गोवा को परशुराम भूमि के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसे श्री विष्णु के छठे अवतार श्री परशुराम ने बनाया था। गोवा के मंदिर क्रूर पुर्तगाली विनाश के सामने हिंदू दृढ़ता की कहानी कहते हैं। गोवा में कृषि मूल की चार प्रमुख जनजातियाँ हैं। गोवा के आदिवासियों की एक अलग लोक संस्कृति और त्यौहार हैं।
गोवा का हर कार्यकर्ता है सहज व सरल
इस कार्यक्रम के अंतर्गत हमें गोवा के लोगों को भी नजदीक से जानने का मौका मिला यहाँ के कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से सहजता एवं सरलता सीखने की आवश्यकता है हमनें यहां के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मनोहर परिकर के बारे में जितना सुना था यहाँ आकर उनके बारे में उससे ज्यादा जानने का मौका मिला,जितने सहज व सरल वो रहे गोवा का हर कार्यकर्ता उनको अपना आदर्श मानकर आज उतनी ही सरलता एवं सहजता से जनता के सम्मुख कार्य कर रहा है।
विविधता में एकता
उन्होंने कहा कि गोवा दर्शन के माध्यम से यहाँ की सांस्कृतिक विविधता, परंपराओं और ऐतिहासिक समृद्धि से विभिन्न स्थानों के अनुभवात्मक दौरों से परिचित होने का मौका मिला यहाँ कि सबसे बड़ी विकासात्मक परियोजनाओं का दौरा करने, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों को देखने और स्टार्टअप, उद्यमियों, कुटीर उद्योगों और किसानों के साथ चर्चा में शामिल होने का भी अवसर मिला जिससे हमें हमारे देश की विविधता में एकता का अनुभव करने और समझने में मदद मिलेगी।
आपको बता दें कि, इस कार्यक्रम की योजना भाजयुमो कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर जोडऩे और देश के विभिन्न राज्यों में मोदी सरकार के तहत किए जा रहे सुशासन को समझने के लिए एक विचार के साथ बनाई गई है।
सांस्कृतिक विरासत का अनुभव
सुशासन यात्रा के दौरान, देश के विभिन्न हिस्सों से आए भाजयुमो के युवा कार्यकर्ताओं के सुशासन यात्रा शुरू करने के निर्णय को ऐतिहासिक और अद्वितीय बताते हुए कहा यात्रा के दौरान उन्हें भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महान और समृद्ध अनुभव हुआ। यात्रा का उद्देश्य तीन प्रमुख बिंदुओं सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण पर प्रकाश डालना था। जो कि पिछले आठ वर्षों के दौरान केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार व विभिन्न राज्यों की भाजपा की सरकारों के शासन का मुख्य केंद्र बिंदु हैं।
गोवा के प्रमुख व्यक्तियों व प्रसिद्ध स्थानों का किया दर्शन
दीपिका ने बताया कि इस यात्रा के दौरान गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत एवं उनकी पत्नी सुलक्षणा सावंत, विधानसभा उपाध्यक्ष, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सदानंद सेठ तनावड़े, प्रदेश अध्यक्ष युवामोर्चा समीर से सौजन्य भेंट हुई एवं गोवा प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय नवनिर्मित हवाई अड्डा एवं नवनिर्मित आयुष आयुर्वेदिक अस्पताल का भ्रमण करने का अवसर प्राप्त हुआ, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व.मनोहर पर्रिकर की समाधि स्थल, प्रसिद्ध हनुमान मंदिर भी जाने का मौका मिला।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 दिसम्बर। सर्वआदिवासी समाज भवन सुकमा में छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया हुआ। आदिवासी महासभा में उपस्थित सदस्यों ने शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान की कहानी बताई। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरूआत वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर उपस्थित सदस्यों द्वारा पूजा-अर्चना कर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम के प्रारम्भिक क्रम में उनकी जीवनी पर आधारित विभिन्न घटनाओं के संबंध में वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए व उनकी महान व्यक्तित्व पर फोकस डालते हुए प्रथम उद्बोधन के कड़ी में एचएस सिधार (संरक्षक) जिला सुकमा ने सारगर्भित शब्दों से उनके कार्यशैली व उनके विशाल जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनको सदी का महाननायक कहा।
अनुसूचित जन जाति विकास संघ जिला सुकमा के जिलाध्यक्ष कोमलदेव मरकाम द्वारा वीर नारायण सिंह के संघर्षमय जीवन पर प्रकाश डालते हुए विचार व्यक्त किए व उनके जीवन के प्रत्येक घटना को उपस्थितजनों को अंगीकार करने अनुरोध किया।
छ ग अनुसूचित जन जाति के महासचिव मनेश्वर जुर्री भी उपस्थित थे, जिन्होंने 1857 के क्रांति में उनके भागीदारी पर विचार रखते हुए, प्रेरणास्रोत वक्तव्य देते हुए बताया कि उनके मार्गों पर चलकर जीवन का वह सब लक्ष्य पाया जा सकता है।
महिला (प्रकोष्ठ) उपाध्यक्ष अंजना पोया ने भी शाहदत दिवस के संदर्भ में विचार व्यक्त किए, और उमेन्द् गोटी वीर नारायण सिंह को सच्चा देशभक्त और जनसेवक बताया। इसी के साथ स्वाल्पाहार व शीतल पेय वितरण कर कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम में मनोज पोया, घस्सू कवाची, प्रताप पटेल, देवनारायण सलाम, प्यारी लाल ध्रुव, सोमारु नेताम, बिमलू कर्मा और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
शिक्षक कवासी लखमा ने अभार व्यक्त किया, और कार्यक्रम का संचालन छ ग अनुसूचित जन जाति शासकीय सेवक विकास संघ जिला सुकमा के लखन लाल जुर्री (सचिव) ने किया।
अस्पताल से जच्चा-बच्चा को घर पहुंचाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 11 दिसंबर। सुकमा जिले के धुर नक्सली क्षेत्र में बाईक एम्बुलेंस से पहुंचविहीन गांवों को बड़ी राहत मिल रही है। अस्पताल में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को सुरक्षित घर पहुंचाया।
उप स्वास्थ्य केंद्र किस्टाराम में प्रसव के लिए कवासी देवे पति मुयैया अपने साधन से अस्पताल आई और 8 दिसंबर की शाम 5 बजे नॉर्मल डिलीवरी हुई। प्रसूता को कल किस्टाराम से 11 किमी दूर तुंगावगु उनके घर बाइक एम्बुलेंस से आरएचओ नीलेश पोडिय़ामी के द्वारा छोड़ा गया।
खुद ही खोदा चुआ, पानी के लिए घंटों मशक्कत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 10 दिसम्बर। जिले के ओल्लेड पंचायत के आश्रित गांव सीतापाल के ग्रामीण आज भी चुआ का पानी पीने को मजबूर हैं। अंदरूनी क्षेत्र होने के कारण इन्हें बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बीच यहां के ग्रामीण जीवनयापन करने के लिए मजबूर हैं।
ग्रामीण जोगा ने बताया कि गांव के 17-18 घर हंै जो 2 बोरवेल के भरोसे रहते है, लेकिन बोरवेल अक्सर खराब होने की वजह से 1 किमी दूर गड्ढा खोदकर चुआ एक खेत में बनाया गया है। जहा रोजाना पानी के लिए घंटों मशक्कत करना पड़ता है, क्योंकि जिस जगह पर यह पानी निकाला जाता है, वहां पर भी सीमित मात्रा में पानी किसी तरह से निकलता है। पानी इक_ा करने के लिए उन्हें रुक-रुक कर कटोरे से निकालना पड़ता है। इसी तरह से पानी इक_ा कर अपने उपयोग के लिए लाते हैं। इसी प्रकार से गांव में अक्सर खराब रहने वाले बोरवेल नहीं सुधारे जाते।
गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है जिसके कारण बिजली तो पहुंची है, लेकिन तकनीकी खामियों की वजह से बंद हो जाती। इसके अलावा अन्य शासन की योजनाएं भी गांव की पहुंच से दूर है।
ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं के विषय में जानकारी भी नहीं हंै। नल -जल योजना के सारे नल बंद पड़े दिखते है। बुनियादी सुविधाएं न के बराबर है। अभाव के बीच ग्रामीण जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं।
गंदा पानी पीने मजबूर
महिलाएं सुबह होते ही पीने के पानी के लिए गांव से दूर पैदल सफर तय करके नाले की ओर जाती हैं। गर्मी में यह बरसाती नाले सूख जाते हैं। महिलाएं जाकर यहां पहले गड्ढे खोदते हैं फिर उसमें आने वाले पानी को बर्तन में भरकर घर लाती हैं। जब गड्ढे से पानी निकलना बंद हो जाता हैं तो ग्रामीण दूसरे गड्ढे खोदते हैं। इस तरह गंदा पानी पीने को ग्रामीण मजबूर हैं। वहीं बरसात के समय इस नाले में पानी आ जाता हैं लेकिन वह पीने योग्य नहीं रहता। उस समय महिलाएं नाले के बाहर के हिस्से में गड्ढे खोदकर चुआ बनाती और वहां से पानी भरती हैं।
हालांकि गाँव में बोर खनन कराया गया, लेकिन उसमें पानी नहीं आता या खराब पड़े हैं। गाँव वालों का कहना हैं कि बोरिंग खनन के लिए छोटी गाड़ी आती हैं जो जलस्रोतों तक खनन नहीं कर पाती, जिससे बोर सफल नहीं होती और समस्या ज्यों की त्यों ही बनी रहती है।
ग्रामीण सुखड़ी का कहना है कि बोरवेल खराब रहने की वजह से ही हम चुआ का पानी पीने को मजबूर है। बोरवेल हमारी कई महीनों तक नहीं बनाए जाते सचिव सरपंच को बताने पर भी कोई ध्यान नहीं देता।
उन्होंने बताया, हम 18 घर के लोग हैं जो अब चुआ के भरोसे है। आगे गर्म का मौसम है जिससे दिक्कते और बढ़ेगी। चुआ का पानी और गहरे उतर जाएगा तो हमारी और कठिनाईयां बढ़ जाएगी। हमारे गांव में कुंआ भी होता तो हमारी पानी की समस्या खत्म हो जाती। हम रोजमर्रा के आवश्यकता में ही रह जाते है, जिससे हम पढऩे को स्कूल नहीं जा पाते और अशिक्षित ही रह जाते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 9 दिसंबर। किस्टारम थाना में पुलिस अधिकारियों के समक्ष बिना हथियार के आठ लाख के ईनामी नक्सली ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित नक्सली पर छग शासन द्वारा 8 लाख का ईनाम घोषित है।
पुनर्वास नीति’तथा सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘पूना नर्कोम अभियान’ (नई सुबह, नई शुरुआत ) से प्रभावित होकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन में सक्रिय नक्सली सोड़ी मुक्का, द्वारा किस्टारम थाना में पुलिस अधिकारियों के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया। जिस पर. शासन द्वारा 08 लाख का ईनाम घोषित है। आत्मसमर्पण कराने में 206 वाहिनी कोबरा के विशेष योगदान रहा।
आत्मसमर्पित नक्सली वर्षों से सक्रिय रहा- उसनेे वर्ष 2012- 2015 तक जनमिलिशिया सदस्य के रूप मे कार्य करते हुए वर्ष 2016 - 2017 तक मिलिशिया प्लाटून सदस्य बना, उसके बाद वर्ष 2018 - जुलाई 2019 - बटालियन कंपनी 02, प्लाटून 03, सेक्शन च्च्बीज्ज् सदस्य वर्ष 2019- 2020 अप्रैल तक (सीवायपीसी) का गार्ड रहा।
आत्मसमर्पित नक्सली को छत्तीसगढ़ शासन की पुर्नवास योजना के तहत प्रोत्साहन राशि व अन्य सुविधाएं दी जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 9 दिसम्बर। शुक्रवार को सीआरपीएफ की 131 बटालियन के कमांडेट अरुण कुमार द्वारा सुकमा के देवरपल्ली में सिविक एक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे।
सीआरपीएफ 131 बटालियन के अधिकारियों अजीत सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी, जमिल अहमद, उप कमाडेंट एवं समवाय अधिकारी अनिल सहा. कमाण्डेंट एवं निरी. जीडी सरफराज खान ने ग्रामीणों को उनकी जरुरत की सामग्रियां और बच्चों को खेलकूद से सम्बन्धित सामान वितरित की।
ज्ञात हो कि दोरनापाल थाना क्षेत्र का गांव देवरपल्ली कभी नक्सलियों का सुरिक्षत ठिकाना माना जाता रहा है, इस इलाके मे चौबीसों घंटे नक्सलियों की मौजूदगी रहती थी, लेकिन जब से गोरगुण्डा में सीआरपीएफ का कैम्प खोला गया है, उसके बाद से सुरक्षाबलों के अधिकारियों द्वारा कई बार ग्रामीणों की बैठक लेकर उन्हें विशवास दिलाया गया कि सुरक्षाबलों की तैनाती उस गांव के विकास और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए की गई। इसके बाद ग्रामीणों और सुरक्षाबलों के बीच बेहतर संबंध स्थापित हुआ है।
उक्त प्रोग्राम के तहत केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजना के बारे में भी ग्रामीणों को विस्तृत जानकारी दी गई। बताया कि सहयोग को तत्पर इस क्षेत्र के सभी ग्रामीण हमारा परिवार है और गांव हमारा घर है हम अपने परिवार रुपी सभी ग्रामीण लोगों की सहायता एवं सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहेगे और विकास कार्यों को करवाने एंव ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान हेतु हमेशा आगे आकर भाग लेगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 6 दिसंबर। दूरस्थ वनांचल एवं जनजातीय क्षेत्रों में चिकित्सा सेवायें पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना प्रारंभ की गई। जिसके माध्यम से दूरस्थ अंचल के क्षेत्रों के लोगों को उनके क्षेत्र तक चिक्तिसकीय सुविधा उपलब्ध हो रही है। हाट बाजार क्लीनिक को ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। लोगों को समय पर दवाईयां व इलाज की सुविधा मिल रही है।
10 वाहनों के माध्यम से जिले के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच रहीं स्वास्थ्य सुविधाएं
जिले के दूर-दराज क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीण जन अपनी रोजमर्रा की जरूरत के सामान खरीदने-बेचने इन साप्ताहिक हाट बाजारों में पहुचते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हाट-बाजार क्लीनिक योजना से न सिर्फ स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा मिली है बल्कि उनके समय के साथ उनके पैसों की भी बचत हो रही है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना में प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है जिसके अंतर्गत चिकित्सक दल हाट बाजार स्थल में ही निष्चित स्थल पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीण मरीजों का मौसमी बुखार, दर्द, मलेरिया, पेचिस, दस्त, उल्टी, रक्त अल्पता, कमजोरी, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, आदि बिमारियों की जॉच, उपचार व चिकित्सकीय परामर्श के साथ ही टी.बी. एवं कैंसर के संभावित मरीजों का स्क्रीनिंग भी करते हैं। वर्तमान में जिले में कुल 10 हाट बाजार क्लीनिक वाहनों के माध्यम से क्लिीनिक का संचालन किया जा रहा है।
2019 में थे केवल 21 क्लिीनिक, आज संख्या बढक़र हुई 32
जिले में वर्ष 2019-20 के दौरान जिले में 21 स्थानों पर हॉट बाजार क्लिनिक का संचालन किया जा रहा था, ग्रामीणों की मांग पर जिले के बड़ेसेट्टी, चिंतागुफा, किस्टाराम, भेज्जी और पोलमपल्ली जैसे संवेदनशील ग्रामों में भी हॉट बाजार क्लिनिक का संचालित किया जा रहा है। इस प्रकार जिले में अब कुल 32 हॉट बाजारों के माध्यम से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 6 दिसंबर। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सुकमा का भ्रमण राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम, शासकीय बा.उ.मा. विद्यालय सुकमा में संचालित व्यवसायिक पाठ्यक्रम टेलिकम्नुनिकेशन में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं प्रतिभाएं निखारने के उद्देश्य से भ्रमण कराया गया, जिसमें कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं की छात्र-छात्राओं मौजूद रहे, जिन्हें शासकीय औद्यागिक प्रशिक्षण संस्थान सुकमा में शैक्षणिक औद्योगिक भ्रमण कराया गया।
भ्रमण के दौरान औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य महेन्द्र कुमार बंजारे एवं स्टार्फ के प्रशिक्षक सुखचंद्र खुटे द्वारा छात्र-छात्राओं को टेलिकम्यूनिकेशन एवं कम्प्यूटर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई।
उन्होंने बताया कि व्यवसाय व शैक्षणिक व्यवस्था के हर पहलू में कंप्यूटर, कंप्यूटर सिस्टम और सूचना प्रौद्योगिकी उपयोग और तैनाती अब आम है। वेब-आधारित, सूचना और दूरसंचार प्रौद्योगिकियों के हाल के प्रयोग मे लाने से कंप्यूटर की क्षमताओं और लाभों को कई गुना बढ़ा दिया है।
वेब-आधारित वातावरण या एक इंटरनेट-आधारित नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर सिस्टम एक दूसरे के साथ संवाद कर सकते हैं। कंप्यूटिंग इंटरफेस के साथ विविध कनेक्टिविटी और एक्सेस टेक्नोलॉजी, व्यापार भागीदारों, आपूर्तिकर्ताओं, ग्राहकों, सरकारी नियामकों और अन्य हितधारकों के साथ कर्मचारियों के संचार की सुविधा प्रदान करती हैं।
संस्था के प्राचार्य पी. अनिल कुमार के मार्गदर्शन में टेलिकम्युनिकेशन के व्यवसायिक प्रशिक्षक पुष्कर दास चेलक द्वारा कार्यक्रम आयोजित किये गये थे, इसमें व्याख्याता चंद्रशेखर यदु का सहयोग प्राप्त हुआ। औद्योगिक भ्रमण स्कील ट्री प्राइवेट लिमिटेड के कॉडिनेटर रविन्द्र धुरंधर के द्वारा किया गया।
छात्र-छात्राओं ने बताया कि भ्रमण से अध्ययन में नई-नई विषयों मे जानकारी मिली। नई तकनीक सीखने का मौका मिला।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 5 दिसंबर। सीपीआई के राज्य सचिव व पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में 76 फीसदी आरक्षण का संशोधन बिल विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित होने के बाद देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। अभी राज्यपाल का उस बिल पर हस्ताक्षर हुआ नहीं है, उन्होंने कानूनी सलाह इस पर लेने की बात कहा है।
इधर, कांग्रेसी खुशियां मना रहे हैं, और कह रहे हैं कि भूपेश, लखमा के राज में ही संभव हो पाया है जो कहे जो भक्ति दिखाएं, यह उनका हक है। लेकिन मुख्य प्रश्न है कि क्या यह संशोधन अधिनियम साकार हो पाएगा? इस पर सीधे बात करने के पहले ही ईडब्ल्यूएस की बात करते हैं। इसके लिए 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था केंद्र की मोदी सरकार ने किया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली और इस पर एकमत से नहीं बहुमत से इसके हक में फैसला आया। फिर इसके बाद इसी कोर्ट में रिव्यू पिटिशन फाइल हुआ है, इस 10 फीसदी का क्या होगा अभी कहना मुश्किल है।
32 फीसदी आरक्षण एसटी का खत्म करने के उच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही है। उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में आरक्षण पर सुनवाई और फैसले होते रहते हैं और छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित इस बिल के खिलाफ कोर्ट में जाने के लिए लोग तैयार हैं ऐसी खबरें हैं, वे लोग राज्यपाल के हस्ताक्षर का इंतजार कर रहे हैं।
फिर राज्यपाल के हस्ताक्षर से ही आरक्षण मिलने लगेगा ऐसा नहीं है, इस बिल पर इस बिल पर जब तक राष्ट्रपति का हस्ताक्षर नहीं होगा, तब तक इस बिल का कोई जीवन नहीं है। संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने की बात कहा जा रहा है यह केंद्र की सरकार के क्षेत्र अधिकार में हैं और 9वीं अनुसूची भी सुरक्षित नहीं है, इसमें डालने वाले कानूनों का भी चैलेंज हो सकता है, और होगा।
ऐसे में भूपेश सरकार की यह आरक्षण वाली चाल दूर की कौड़ी है राजनीतिक फायदे की चाल हो सकता है। हकीकत में फायदा उन समुदायों को अभी मिलने लगेगा, अभी ऐसा सोचना ही बेवकूफी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 5 दिसंबर। थाना चिंतागुफा के मुरियापारा के समीप जंगलों में नक्सलियों द्वारा छिपाए हथियार व विस्फोटक सामग्री सर्चिंग के दौरान सुरक्षाबलों ने बरामद किए।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत चलाए जा रहे ऑपरेशन की टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी। जिसके बाद जवान थाना चिंतागुफा व कैम्प मिनपा के जवान ग्राम जुपारा मिनपा, मुरियापारा व आस-पास एरिया की ओर सर्चिंग के लिए रवाना हुए, जहां मुरियापारा के दक्षिण दिशा जंगल पहाड़ी के मध्य नक्सलियों द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में छिपाकर रखे गये अवैध हथियार एवं अन्य विस्फोटक सामाग्रियों को सुरक्षा बलों द्वारा जब्त कर लिया गया।
कैम्प मिनपा एवं एल्मागुण्डा से टूआईसी. इथापे पंडित किशनराव, 206 वाहिनी कोबरा, डीसी. सौरभ सिंह, 206 वाहिनी कोबरा, माखन लाल 206 वाहिनी कोबरा एवं सीसी. सुबोध सिंह एसटीएफ कमाण्डर का सहयोग रहा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 5 दिसंबर। 227 वाहिनी केरिपुबल के नेतृत्व व मार्गदर्शन में छत्तीसगढ के अति संवेदनशील व संभाग, बस्तर के अन्दरुनी व नक्सल के गढ़ कहे जाने वाले सुकमा के तोंगपाल कोयलाभट्टी में स्थित 227 वी बटा. केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत जरुरतमंद ग्रामीणों के बच्चो को पुस्तक एवम बैग स्कूल में पढऩे योग्य समान वितरण किया गया।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल देश के दूरस्थ स्थानों मे ना केवल विघटन कारी शक्तयों से लडऩे के लिए तैनात है बल्कि कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वन में भी अहम भूमिका निभाती आ रही है। इसी क्रम में227वी वाहिनी अपने बल के ध्येय सेवा एवं . निष्ठा को सर्वोपरि रखते हुए अति संवेदनशील क्षेत्र में . अपनी ड्यूटी का निर्वहन सक्षमता और निर्बाध रुप से कर रही है वही अपने कार्यक्षेत्र में दूरस्थ ग्रामीणों से भी आपसी तालमेल और विश्वास के साथ-साथ भयविहीन व सौहार्द्रपूर्ण माहौल बनाने मे सफल रही है।
इस कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारीगण द्वितीय कमान अधिकारी ओमजी शुक्ला व स्टेजिन शाक्या डिप्टी कमांडेंट बबन कुमार सिंह सहायक कमांडेंट राजेश पाण्डेय एवम डॉक्टर मोहम्मद नाजिल व् डॉ दिलीप मोहन पुरिया एवं सभी सीआरपीएफ के जवान मौजूद थे।
ग्राम पंचायत हमीरगढ़ जैमर कावराकोपा पेरमारास सगुनघाट गुटेरपारा, कुरेली, मासापारा, भंडारपाल, जैसे अति नक्सल प्रभावित गांवो से भी ग्रामीण एवम बच्चे ने स्वस्फूर्त आकर इस आयोजन को सफल बनाया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 4 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के साथ कांग्रेस सरकार ने छल करके अपना चेहरा साफ कर दिया है यह कहना है भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्त दीपिका शोरी का.
उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार की सोची समझी लापरवाही के कारण आदिवासियों को जो संविधान ने अधिकार दिया है उससे वंचित करा कर इन्होंने सोचा था कि भोले भाले आदिवासी अपने साथ होने वाले इस अन्याय को सह लेंगे, परन्तु कांग्रेस की भूपेश सरकार यह भूल गई है कि आज छत्तीसगढ़ का आदिवासी नई ऊंचाइयों को स्पर्श कर रहा है किसी भी प्रकार की गलत बात बर्दाश्त नहीं करेगा पहले इन्होंने सोची समझी रणनीति के तहत आदिवासियों के मिलने वाले आरक्षण को 32 प्रतिशत से 20 प्रतिशत किया व जब पूरे छतीसगढ़ में आदिवासियों के साथ अन्य वर्गों ने भी कांग्रेस की इस हरकत का बड़े पैमाने पर विरोध करने हेतु सडक़ पर उतर आए व छत्तीसगढ़ की संवेदनशील राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भी इस पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार की इस विषय पर विशेष सत्र लाकर विधेयक पारित करने हेतु पत्र लिखा, इस पर भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के मध्य ही चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से आनन फानन में विशेष सत्र लाकर विधेयक पारित कर आदिवासियों के पक्ष में फैसला करने का ढोंग पीटते हुए जश्न मना रहे हैं।
मैं पूछना चाहती हूं सभी जश्न मनाने वालों से की जब आदिवासी अपने हक की लड़ाई लडऩे हेतु सडक़ पर उतरने को विवश था तब ये कहाँ थे, छत्तीसगढ़ का आदिवासी अब इनके बहकावे में आने वाला नहीं है ,ये कोई आदिवासियों के हितैषियों का जश्न नहीं अपितु भूपेश सरकार व कांग्रेसियों की जश्ने लापरवाही है, जिसका जवाब आने वाले विधानसभा चुनाव में इन्हें एक एक आदिवासी देगा।
सुकमा, 4 दिसंबर। जिले के कूकानार ग्राम में पहली बार श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है, जिससे ग्राम में रहने वाली महिलाओं,पुरुषों में बहुत ही उत्साह देखा जा रहा है।
भागवत कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से प्रारम्भ होकर शाम 6 बजे तक किया जाता है, जिसका श्रवण करने कूकानार के अलावा रोकेल,छूरागट्टा,छिंदगढ़, तोंगपाल आदि गाँव से श्रद्धालु पहुँचते हैं।
इस कथा का वाचन जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी रवीशाचार्य जी महाराज कौशलराज्य पीठाधीश्वर स्वामी दयानंद रामानुज आश्रम विंध्यवासिनी राजिम रोड अभनपुर रायपुर कर रहे हैं।
उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि कूकानार में पहली बार हो रहे इस प्रकार के धार्मिक कार्य से हम लोगों को बहुत ही अच्छा लग रहा है। सनातन धर्म की जानकारी व अपने आनेवाली पीढ़ी को एक उत्तम संस्कार देने हेतु ऐसे आयोजन सतत रूप से होना चाहिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 4 दिसंबर। जिले में लोगों को समय पर डाक नहीं मिलने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डाकघर में सिर्फ साधारण चि_ियां ही न हीं बल्कि रजिस्ट्रड डाक से भेजे गये पत्र भी लोगों को समय पर नहीं मिल रहे हैं। डाकघर से लोगों तक पत्र पहुंचाने में महीनों लग रहे हैं। ज्यादातर पत्र डाकघर पहुंचने के बाद भी नहीं बट रहे हैं। वहीं पोस्ट ऑफिस के जिम्मेदार स्टाफ की कमी का रोना रो रहे हैं।
पुराने समय में डाक विभाग का कितना महत्व था आज के दौर में भी डाक विभाग की उपयोगिता उतनी ही है। जमाना हाईटेक होने के बाद भी लोग डाक विभाग पर निर्भर हैं। बैंकों के एटीएम, सरकारी व प्राइवेट विभागों की नौकरियों के कॉल लेटर समेत अन्य जरूरी दस्तावेज डाक विभाग के माध्यम से ही लोगों तक पहुंचे हैं। लेकिन डाक विभाग में तैनात जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और डाकियों की लापरवाही के कारण महीनों से चि_ियां नहीं बंट रही हैं। लोगों के ड्यूटी ज्वाईनिंग लेटर, आधारकार्ड, पेनकार्ड, बैंक पासबुक, सहित सर्टिफिकेट्स और कोर्ट से आने वाले तमाम नोटिस डाकघर में धूल खा रहे हैं। जिसका खामियाजा आम लोगो को भुगतना पड़ रहा है।
पोस्ट ऑफिस से घर पहुंचने में लग जाते हैं महीनों...
कोंटा नगर पंचायत वार्ड क्रमांक 13 में स्थित डाकघर की हालत बेहद खस्ता हो गया है। महीनों तक डाक लोगों तक नहीं पहुंच रहे हैं। अगर पहुंच भी रहे हैं तो समय निकल जाने के बाद।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले जरूरी पत्र समय पर मिल जाते थे। लेकिन बीते कुछ वर्षों में रजिस्टर्ड डाक भी नहीं मिल रहे हैं। साधारण डाक से मिलने वाले पत्रों का तो कोई हिसाब-किताब नहीं है।
कोंटा नगर पंचायत के नया पारा निवासी विशाल घोष ने बताया कि उनके नाम का एक रजिस्टर्ड डाक 6 अक्टूबर को रायपुर से निकला था। 14 दिन के बाद 20 अक्टूबर को डाक कोंटा डाकघर पहुंचा। यहां से घर पहुंचने में 42 दिन लग गये। कुल मिलाकर प्रदेश की राजधानी से कोंटा तक डाक पहुंचाने में 58 दिन लगे हैं।
इस संबंध में कोंटा पोस्ट ऑफिस में पदस्थ सब पोस्ट मास्टर विके पाणिग्रही ने बताया कि कई बार लिखित रूप से उच्च अधिकारियों को शिकायत की जा चुकी है लेकिन आज तक रेगुलर पोस्टमैन की नियुक्ति नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि स्टाफ की कमी के कारण समय पर डाक का वितरण किया जा रहा है।
राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलने पर भाजपा नेत्री ने दी बधाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 3 दिसंबर। बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रपति ने लैंड एडवेंचर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। इस पर उन्हें बधाई देते हुए भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष व अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कहा कि बस्तर की बेटी प्रदेश की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों तेजनिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के लैंड एडवेंचर का पुरस्कार प्राप्त हुआ है, जो भारत की किसी भी बेटी के लिए बहुत ही सम्मान की बात है।
मैं नैना की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई देती हूं कि वो आज भारत की प्रथम महिला बन गई हैं, जिसने माउंट एवरेस्ट और माउंट लहोत्से में 10 दिनों के भीतर सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की है, और इस साहसिक कार्य के लिए राष्ट्रपति ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत उन्हें 15 लाख रुपए की राशि स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर दिल्ली राष्ट्रपति भवन में सम्मान किया है। जिसको लेकर आज पूरे बस्तर की बेटियों में खुशी का माहौल है। मैं बस्तर छत्तीसगढ़ की हर बेटी से अपील करना चाहती हूं कि हमारे पास सम्भावनाएं बहुत हैं, बस नैना के जैसे हौसलें हो तो हमें उड़ान भरने से कोई नहीं रोक सकता है।
जिले में गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषण आहार प्रदान करने की दर 99.14 फीसदी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 3 दिसंबर। नीति आयोग द्वारा अक्टूबर में जारी आकांक्षी जिलों की डेल्टा रैंकिंग में सुकमा जिले ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए देश में प्रथम स्थान हासिल किया है।
आकांक्षी जिला सुकमा को अक्टूबर के लिए स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में प्रथम रेंक मिला है। प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से निश्चित ही जिले में स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी मापदण्डों में बेहतरी हुई है। जिले में गर्भवती महिलाओं की एएनसी रजिस्ट्रेशन में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं संस्थागत प्रसव में जिले में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, वर्तमान स्थिति में 90 फीसदी संस्थागत प्रसव किए जा रहे हैं।
इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत आंगनबाडिय़ों में गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को प्रदान की जाने वाली पूरक पोषण आहार प्रदान करने में जिले की दर 99.14 प्रतिशत है। जिले में टीबी के मरीजों की पहचान में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, वहीं टीबी मरीजों के सफल इलाज में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अक्टूबर के ओवरऑल रेंक में मिला तीसरा स्थान
जिला प्रशासन द्वारा जिले में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, मूलभूत सुविधाओं के विकास, कौशल विकास, जल संसाधन के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया गया है। जिसके परिणाम स्वरूप नीति आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर अक्टूबर माह के ओवरऑल रेंक में सुकमा जिला को तीसरा मिला। यह दर्शाता है कि जिले में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और जिले वासी इससे लाभांवित हो रहे हैं।
आकार आवासीय संस्था में दिव्यांग बच्चों ने पेश की जिंदादिली की मिसाल
मैदान पर खेल कूद में जोश, कलात्मकता का दिया परिचय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 3 दिसंबर। पूरे विश्व में हर साल तीन दिसम्बर को विश्व दिव्यांगता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। इस अवसर पर जिला मुख्यालय के कुम्हाररास स्थित आकार आवासीय संस्था में दो दिवसीय खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैं। इसके तहत 2 दिसम्बर को सुबह 10:30 बजे से आकार संस्था के खेल मैदान में खेलकूद और बौधिक क्षमता की गतिविधियाँ हुई, इसके पश्चात रंगोली एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें इन दिव्यांग बच्चों ने अद्वितीय खेल कौशल का प्रदर्शन किया।
उनमें शारिरिक या मानसिक दिव्यांगता जरुर है, लेकिन जीवन जीने का उमंग उनमें किसी भी सामान्य व्यक्ति से कई अधिक है। वे इस बात का जीवंत उदाहरण हैं कि कोई भी व्यक्ति कमजोर नही होता, सभी अपने आप में विशेष हैं।आकार संस्था के क्रीड़ा स्थल में खेलकूद कार्यक्रमों की शुरूआत दौड़ से हुई।
दौड़ के साथ ही मटकी फोड़, चम्मच दौड़, कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, बॉस्केटबॉल, मिश्रित मोती जैसे शारिरिक एवं बौधिक क्षमता वाले खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिमसें बालक-बालिकाओं ने बड़े ही उत्साह के साथ प्रतियोगिता में भाग लेकर खेल प्रतिभा का परिचय दिया। मटकी फोड़ प्रतियोगिता में नेत्र बाधित प्रतिभागियों ने एक बार में मटकी फोड़ी, यह देख वहाँ उपस्थित सभी दर्शक एवं अन्य प्रतिभागी अचंभित रह गए।
बच्चों ने बनाई कागज, बोतल, अन्य वस्तुओं से कलाकृतियां
आकार संस्था के बच्चों द्वारा बनाई गई मनमोहक कलाकृतियां किसी मास्टरपीस से कम नही थीं। किसी ने खाली बोतल को जोडक़र हाथी का आकार दिया। तो किसी छात्र ने अपनी कलात्मकता से मिट्टी में भी जान फूंक दी। दिव्यांग बच्चों द्वारा मेज पर सजाए गए हर आर्ट क्राफ्ट आकर्षण का केंद्र रहा। कक्षा आठवीं के मुखबाधित छात्र राजू नाग ने पेपर और आइस क्रीम स्टिक से खरगोश, उल्लू, टेडी बियर , फूलदान जैसी सजावटी वस्तुएं बनाई।
तो वहीं कक्षा बारहवीं के अधिगम अक्षम छात्र राजू मौर्य ने मिट्टी को आकार देकर बिल्ली, गणेश की प्रतिमा जैसी कलाकृतियों को मूर्त रूप दिया। प्रदर्शनी में नेल एंड थ्रेड आर्ट भी अपनी खास जगह बनाए हुए था, जिसे कक्षा आठवीं के अस्थिबाधित छात्र रोहित माड़वी ने बनाया है।
ऐसे ही बहुत से विशेष छात्रों ने अपनी कलात्मकता से कागज, थर्मोकोल सहित और बहुत सी चीज़ों से आकर्षित करने वाली वस्तुएं तैयार कर प्रदर्शित की।
विदित हो कि प्रतिवर्ष 3 दिसम्बर का दिन दुनियाभर में दिव्यांगों की समाज में मौजूदा स्थिति, उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने तथा सुनहरे भविष्य हेतु विचार विमर्श करने के लिए जाना जाता हैं। दरअसल यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक मुहिम का हिस्सा है। जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों को मानसिक रूप से सबल बनाना तथा अन्य लोगों में उनके प्रति सहयोग की भावना का विकास करना है। विश्व दिव्यांग दिवस की औपचारिक शुरूआत वर्ष 1992 से हुई थी। हमारे सामने वैज्ञानिक व खगोलविद स्टीफन हॉकिंग जैसे लोगों की लम्बी फेहरिस्त हैं, जिन्होंने दिव्यांगता को कमजोरी नहीं समझा, बल्कि चुनौती के रूप में स्वीकार किया और आज हम उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें याद करते हैं।