राजनांदगांव

इस बार भी झांकियों के बगैर गणेश विसर्जन
30-Jul-2021 12:42 PM
इस बार भी झांकियों के बगैर गणेश विसर्जन

 

  4 फीट मूर्ति और डीजे पर रोक  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 जुलाई।
कोरोनाकाल में लगातार दूसरे साल भी झांकियों के बगैर गणेश विसर्जन होंगे। वहीं मूर्तियों के आकार के लिए भी सीमा तय कर दी गई है। 15 फीट के पंडालों में सिर्फ 4 फीट की मूर्तियों की ही स्थापना होगी। कोरोना की तीसरी लहर के आशंका के चलते फिलहाल प्रशासन ने शहर के गणेशोत्सव के लिए रियायत नहीं दी है। झांकियों के चलते राजनांदगांव शहर की एक विशिष्ट पहचान रही है। कोरोना संक्रमण के दौर में गुजरे साल भी झांकियों का दीदार लोग नहीं कर पाए थे। इस बीच कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने गणेशोत्सव के साथ-साथ त्यौहारों के लिए भी एक गाईड लाइन जारी की है।

गणेश पर्व में प्रशासन ने डीजे और साउंड सिस्टम पर बीते साल से जारी रोक को बरकरार रखा है। प्रशासन को आशंका है कि भीड़ एकत्रित होने की स्थिति में कोरोना संक्रमण फिर से तेज हो सकता है।  मूर्ति स्थापना के दौरान समितियों को कई तरह के नियमों का पालन करने की भी हिदायत दी गई है। प्रोटोकाल तोडऩे की स्थिति में प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है।

मिली जानकारी के मुताबिक पंडालों का आकार 15 फीट से अधिक होने पर प्रतिबंध रहेगा। वहीं पंडाल के सामने कम से कम 5 हजार वर्ग फीट की खुली जगह भी रखने का भी निर्देश दिया गया है। पंडाल के चलते सडक़ों और गलियों में आवाजाही प्रभावित न हो, इसके लिए भी प्रशासन ने निर्देश दिए हैं। पंडाल के सामने दर्शकों के लिए अतिरिक्त कुर्सियां लगाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। पंडालों के सामने 20 से अधिक लोगों के खड़े होने पर भी रोक लगाई गई है।  मूर्ति स्थापित करने वाले समितियों को एक रजिस्टर को भी मेंटेनेंस करना पड़ेगा। इसमें दशनार्थियों के नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज किए जाएंगे, ताकि कोरोना संक्रमित होने की सूरत में कान्टेक्ट ट्रेसिंग करने में आसानी होगी। वहीं समिति को 4 सीसीटीवी लगाने, आवश्यक रूप से मास्क, सेनिटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करना होगा। यदि कोई व्यक्ति, जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने से संक्रमित हो जाता है, तो इलाज का सम्पूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित हो जाता है, तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी।

मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार की भोजन, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय, विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना, विसर्जन के दौरा प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य अथवा पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी।

निगम में करना होगा आवेदन
मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटा एस. से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट, मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात् एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी। उपरोक्त शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है, तो कम से कम 7 दिवस के पूर्व नगर पालिक निगम कार्यालय में आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।

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