बिलासपुर

ज्ञान की रौशनी के साथ सच्चाई के मार्ग पर चलने का हौसला देते हैं शिक्षक - राज्यपाल
22-Jul-2021 4:56 PM
ज्ञान की रौशनी के साथ सच्चाई के मार्ग पर चलने का हौसला देते हैं शिक्षक - राज्यपाल

 

जिले के चार शिक्षकों को मिला राज्य स्तरीय सम्मान

शिक्षा लोक कल्याण का सबसे बड़ा माध्यम-भूपेश बघेल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 22 जुलाई।
शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को सम्मानित एवं पुरस्कृत करने की परपंरा के तहत राज्य शिक्षक समारोह 2020 आज वर्चुअल रूप से आयोजित किया गया। इसमें राज्यपाल अनुसुईया उईके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद थे। इस अवसर पर प्रदेश के 48 शिक्षकों को राज्यस्तरीय सम्मान दिया गया, जिनमें बिलासपुर जिले के चार शिक्षक भी शामिल है।

राज्यपाल उईके द्वारा राजभवन में जिले की शासकीय हाई स्कूल लिगिंयाडीह की व्याख्याता रश्मि गुप्ता को डॉ.. मुकुटधर पाण्डेय स्मृति पुरस्कार एवं दिनेश कुमार पाण्डेय उच्च वर्ग शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ओछिनापार, विकासखण्ड कोटा को डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दो अन्य शिक्षक रश्मि सिंह धुर्वे व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल ग्राम पाली और पूर्णिमा मिश्रा शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक शाला सरकंडा को भी राज्य पुरस्कार से नवाजा गया है। कलेक्टोरेट के सभाकक्ष मंथन में आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैरीश एस ने 21 हजार रूपए, शॉल, श्रीफल देकर सम्मानित किया।

सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि राज्यपाल उईके ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक अच्छा शिक्षक विभिन्न विषयों का ज्ञान ही नहीं देता बल्कि एक अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा भी विद्यार्थियों को देता है। उनके चरित्र निर्माण में भी योगदान देता है। माता-पिता के बाद शिक्षक ही हमारे गुरु हैं। वे हमें ज्ञान की रौशनी देने के साथ सच्चाई के मार्ग पर चलने का हौसला देते हैं। हम सबका दायित्व है कि उनका सम्मान करें। उईके ने कोरोना काल के दौरान शिक्षकों के अभूतपूर्व योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस दौरान शिक्षकों ने मोहल्ला क्लास और ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा का अलख जगाए रखा है। राज्यपाल ने कोरोना संक्रमण के दौरान मृत शिक्षकों को श्रद्धांजलि भी दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शिक्षा लोक कल्याण का सबसे बड़ा माध्यम बने, यह हमारा प्रयास है। जीवन की प्रथम शिक्षा घर से शुरू होती है। माता-पिता हमारे प्रथम शिक्षक होते हैं और स्कूल में हमें जीवन के विकास की शिक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि वास्तविक शिक्षक वह है जो जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करने की शिक्षा दे।

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि वर्तमान समय में जीवन मूल्यों में तेजी से गिरावट आ रही है ऐसे समय में शिक्षकों का दायित्व बढ़ गया है। शिक्षक ऐसी शिक्षा प्रदान करें जिससे जीवन मूल्यों का विकास हो सके। समाज शिक्षकों को बड़ी उम्मीद से देख रहा है।

टेकाम ने वर्ष 2021 की राज्य स्तरीय सम्मान के लिए चयनित शिक्षकों की घोषणा भी की। इनमें बिलासपुर जिले की दो शिक्षक केरोलाईन सत्तूर प्राचार्य शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई उच्चतर माध्यमिक शाला दयालबंद और डॉ. धंनजय पाण्डेय व्याख्याता शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला दयालबंद शामिल हैं।

कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चैबे, मुख्य सचिव अमिताभ जैन व अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू वर्चुअल रूप से उपस्थित थे।

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