बलरामपुर
एनएसयूआई ने 70 ट्रकों को रोका
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 20 जुलाई। रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के कारण रामानुजगंज क्षेत्र एवं सनावल क्षेत्र में करीब 60 करोड़ से अधिक लागत से बनी लोक निर्माण विभाग की सडक़, प्रधानमंत्री सडक़, मुख्यमंत्री सडक़ के अस्तित्व पर संकट गहराने लगा है।
धीरे-धीरे सडक़ों की स्थिति दयनीय होते जा रही है, वहीं इस बीच चिनिया के समीप ओवरलोड अवैध रूप से रेत के परिवहन से डामरीकरण सडक़ का अस्तित्व ही खत्म हो गया है,जिसे लेकर एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह एवं जनपद सदस्य व्यास मुनि यादव के नेतृत्व में ग्रामीणों ने ओवरलोड रेत से भरी 70 से अधिक ट्रकों को रोक दिया।
सूचना पर मौके पर चौकी प्रभारी विनोद पासवान दल बल के साथ पहुंचे, वहीं सूचना के घंटों बाद खनिज विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
गौरतलब है कि ग्राम फुलवार कन्हर नदी में बिना रेत घाट स्वीकृति व एनजीटी के रोक के बाद भी 2 पोकलेन मशीन, 5 जेसीबी एवं 100 से अधिक ट्रक यहां अवैध रेत उत्खनन में संलग्न है। स्थिति ऐसी है कि ग्रामीण सडक़ की स्थिति ट्रकों के चलने से अत्यंत जर्जर हो गई है, वहीं नदी के अस्तित्व पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है। सनावल क्षेत्र में पांगन नदी एवं रामानुजगंज क्षेत्र में कन्हर नदी में अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन से 60 करोड़ लागत से अधिक से बनी सडक़ों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
लोक निर्माण विभाग के द्वारा एलडब्ल्यूई योजना अंतर्गत लुर्गी रामचंद्रपुर एवं सनावल मार्ग 48 करोड़ रुपए लागत से बनाया गया था। यह सडक़ बहुत अच्छा था, परंतु जब से इसमें से होकर ओवरलोड रेत ट्रक चल रही है, तब से ही रोड की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होते जा रही है। वहीं हरिहरपुर प्रधानमंत्री सडक़ चिनिया महावीरगंज लोक निर्माण विभाग की सडक़ सनावल क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक सडक़ की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। अभी भी समय रहते इस पर सख्ती से रोक नहीं लगता है तो आने वाले समय में यह सभी सडक़ें चलने लायक नहीं रहेंगे।
खराब हो रही सडक़ों की स्थिति को लेकर आज सुबह 9 बजे से ही एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह एवं जनपद सदस्य व्यास मुनि यादव के नेतृत्व में रेत से भरी 70 से अधिक ट्रकों को रोक दिया गया। सूचना पर मौके पर विजय नगर चौकी प्रभारी विनोद पासवान पहुंचे। वहीं खनिज विभाग के अधिकारी सूचना के घंटों के बाद मौके पर पहुंचे, परंतु कार्रवाई में आनाकानी करने से ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया।