सुकमा
उप स्वास्थ्य केंद्र में बच्ची को दिया जन्म, दोनों स्वस्थ
छिंदगढ़, 19 जुलाई। सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के जांगरपाल निवासी प्रसूता को कद छोटा है डिलीवरी नहीं हो सकती, कहकर मेकाज भेज दिया गया, परिजनों ने उपस्वास्थ्य केंद्र लेदा में चेकअप करवाया, जिसे देखकर वहां पदस्थ स्टाफ नर्स ने सामान्य डिलीवरी होने की बात कही जिसके बाद प्रसूता ने ढाई किलो की स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। जच्चा व बच्ची दोनों स्वस्थ हैं।
जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के जांगरपाल की निवासी 19 वर्षीय संगीता को पहला बच्चा होना था, उसने पूरे समय अस्पताल में चेकअप करवाया। कल रात में अचानक उसे प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुसपाल में भर्ती कराया, जहां पर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा संगीता का कद कम है डिलीवरी नहीं हो सकती है, ऑपरेशन करना पड़ेगा कहकर मेकाज भेज दिया गया, जिसे लगभग 10 बजे 102 एम्बुलेंस से मेकाज ले जाया जा रहा था। संगीता की स्थिति सामान्य थी तो उसके परिजनों ने उसे पुन: उपस्वास्थ्य केंद्र लेदा में चेकअप करवाया जिसे देखकर वहां पदस्थ स्टाफ नर्स अनीता नाग ने सामान्य डिलीवरी होने की बात कही जिसके बाद संगीता को लेदा में भर्ती कराया गया। उसके पश्चात संगीता ने रात्रि में लगभग ढाई किलो की एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
किसी प्रकार की समस्या सामने आने पर पुन: मेकाज ले जाने की स्थिति में 102 एम्बुलेंस के पायलट बोटीराम एवं एमटी सागर सिन्हा ने रातभर उपस्वास्थ्य केंद्र में ही रहने का निर्णय लिया व बाहर रहकर इंतजार किया। डिलीवरी पश्चात स्टाफ नर्स अनीता नाग ने बच्चे एवं मां की स्थिति खतरे से बाहर बताई, तब दोनों कर्मी वहाँ से वापस आये।
ज्ञात हो कि पूर्व में जांगरपाल की ही एक प्रसूता ने इसी प्रकार से डिलीवरी में लापरवाही के चलते अपना पहला बच्चा खो दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि देर रात आने वाले अधिकांश मामले में अस्पताल से मेकाज या जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है, जिसके कारण अचानक आई इस परिस्थितियों से हम परेशान हो जाते हैं।