बिलासपुर

एसईसीएल स्थापित करेगा 40 मेगावाट का पहला सोलर पावर प्लांट, बचत के साथ होगी पर्यावरण की सुरक्षा
13-Jul-2021 9:37 PM
एसईसीएल स्थापित करेगा 40 मेगावाट का पहला सोलर पावर प्लांट, बचत के साथ होगी पर्यावरण की सुरक्षा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 13 जुलाई। कोलइण्डिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कम्पनी एसईसीएल सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी उच्च निवेश कर रही है।  कम्पनी द्वारा 40 मेगावाट की ग्राऊण्ड माऊन्टेड ग्रीड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। एक प्रमुख कोयला उत्पादक कम्पनी के इस वृहद सोलर परियोजना में निवेश को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

उक्त सौर ऊर्जा संयंत्र एसईसीएल के भटगांव एवं बिश्रामपुर क्षेत्र के चिन्हित भूमि पर लगाया जाएगा। इसके लिये एसईसीएल मुख्यालय के न्यू टेक्नॉलॉजी विभाग द्वारा कोल लिग्नाईट ऊर्जा विकास प्रायव्हेट लिमिटेड (सीएलयूवीपीएल) को ’लेटर ऑफ अवार्ड’ जारी कर दिया गया है। यह कम्पनी कोलइण्डिया लिमिटेड एवं निग्वेली लिग्नाईट कॉरपोरेशन इण्डिया लिमिटेड का ज्वाईट वेंचर है, जिसमें वर्तमान में प्रत्येक की बराबर की हिस्सेदारी है। लेटर ऑफ अवार्ड जेवी कम्पनी के द्वारा प्रस्तुत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेन्सी (पीएमसी) आॅफर के आधार पर जारी किया गया है जिस पर एसईसीएल बोर्ड की सहमति है। परियोजना की कुल लागत 148 करोड़ 60 लाख रुपये होगी।

परियोजना को कार्यान्वित करने वाली कम्पनी सीएलयूवीपीएल द्वारा प्रदाय सेवाओं में प्रोजेक्ट रिपोर्ट, टेण्डरिंग तथा परियोजना के अनुमोदन, परमिट प्राप्त करने एवं अन्य संबंधित कार्रवाई में एसईसीएल को सहयोग आदि शामिल हैं। वर्क अवार्ड के शर्तों के अधीन इस परियोजना की साईट स्टडी, टेस्टिंग व कमीशनिंग का कार्य 9 महिनों के भीतर पूरा कर लिया जाना है।

एसईसीएल की इस सोलर परियोजना को एक बड़े हरित पहल (ग्रीन इनेसिएटिव) के रूप में देखा जा रहा है।

एसईसीएल मुख्यालय से जारी विज्ञप्ति अनुसार इस परियोजना के संचालित होने पर बिश्रामपुर एवं भटगांव क्षेत्र की वर्तमान ऊर्जा खपत का लगभग आधा हिस्सा सौर आधारित हो जाएगा। इस परियोजना का प्रोजेक्ट आईआरआर (इंट्रर्नल रेट ऑफ रिटर्न) 22.13 प्रतिशत (100 प्रतिशत इक्विटी रेशियो) है जिसे आर्थिक रूप से काफी लाभकारी माना जा रहा है। इस सोलर संयंत्र के आने से लगभग 60 हजार टन प्रति वर्ष की दर से कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। कम्पनी को संचालन के पहले वर्ष में, वार्षिक आधार पर लगभग 40 करोड़ रुपये की आर्थिक बचत होगी क्योंकि सोलर ग्रीड से मिलने वाली प्रति यूनिट ऊर्जा वर्तमान दर से लगभग आधी कीमतों पर मिलेगी।

विदित हो कि एसईसीएल आगामी 3 वर्षों में लगभग 142 मेगावाट सोलर ऊर्जा क्षमता विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।

एसईसीएल प्रबंधन की ओर से इस अवसर पर अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा, मुख्य सतर्कता अधिकारी   बी.पी. शर्मा, निदेशक तकनीकी (संचालन) एम.के. प्रसाद, निदेशक (वित्त/कार्मिक) एस.एम. चौधरी तथा निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.के. पाल ने परियोजना को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे निश्चय ही हरित पर्यावरण के हमारे प्रयासों को बल मिलेगा।

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