जान्जगीर-चाम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा, 11 जुलाई। विकासखंड के ग्राम पंचायत करमंदा सरपंच कमल प्रसाद सूर्यवंशी के असामयिक निधन मई 2021 को हुई थी।इसके बाद से करीब डेढ़ माह से सरपंच का पद रिक्त है,जिसके कारण पँचायत का संचालन रुका है, जिसके लिए कार्यवाहक सरपंच का प्रभार उपसरपंच रमेश वैष्णव ने मांगा ,किंतु मुख्यकार्यपालन अधिकारी ने प्रभार दिलाने के बजाय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जांजगीर एवम उपसंचालक को मार्ग दर्शन के लिए पत्र लिखा।
इस अवस्था मे रमेश वैष्णव उपसरपंच करमंदा ने मुख्यकार्यपालन अधिकारी के स्थानापन्न सरपंच निर्वाचन पत्र/अधिसूचना एवं संकल्प आदेश विरूद्ध हाईकोर्ट के अधिवक्ता पराग कोटेचा के माध्यम से रिट याचिका दायर कर शरण लिया । जिसमे उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए पंचायत राज अधिनियम 1994 नियम 3 के उप-नियम (2)(द्बद्ब)(ड्ड)(ड्ढ) के अनुसार (सरपंच,उपसरपंच की शक्तियां और कार्य), पंचायत राज अधिनियम, 1993,की धारा 38 के प्रावधानों अधिसूचना का अवलोकन माननीय उच्च न्यायालय ने किया ।
सुनवाई के पश्चात मुख्यकार्यपालन अधिकारी के पत्र /अधिसूचना, सकल्प को विधि विरुद्ध मानने हुए समस्त कार्यवाही,क्रियान्वयन पर स्थगन प्रदान किया है। उपसरपंच रमेश वैष्णव ने स्थगन के बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व/विहित प्राधिकारी ग्राम पंचायत करमंदा का प्रभार देने की मांग आवेदन प्रस्तुत किया है।
पंचायती राज अधिनियम 1993 (क्रमांक सन 1 1994)कहता है कि नियम 1994 की धारा 48 की सहपठित 95 उपधारा 1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग होता है। जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष,जनपद अध्यक्ष, और सरपंच की अनुपस्थिति में या किसी भी कारण से पद रिक्ति हो जाने, पदों का निर्वाचन लंबित होने की दशा में सम्मेलनों की अध्यक्षता एवम कार्यवाहियों का विनियमन समस्त शक्तियों एवम कृत्यों का पालन पदेन उपाध्यक्षों और उपसरपंच करेगा।
आकाश सिंह सीईओ जनपद पंचायत बलौदा का कहना है कि करमन्दा सरपंच के स्थान रिक्त होने के बाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद से पूर्व में जारी आदेश को आगामी सुनवाई तक स्थगित करने कहा गया है, और उपसरपंच को प्रभार दिए जाने के सम्बंध में कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी से आदेश मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।