दन्तेवाड़ा
दंतेवाड़ा, 23 जून। कलेक्टर दीपक सोनी आजीविका परिसर स्थित अमचूर प्रसंस्करण केंद्र पहुंचे और वहां स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से कच्चे आम से अमचूर पाउडर बनाने की विस्तृत जानकारी ली।
समूह की महिलाओं ने बताया कि सबसे पहल हम कच्चे आम से डंगाली तोडक़र साफ पानी में 2 से 3 बार धोकर, छीलकर स्टील के चाकू से गुठली निकालकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर पानी में फिर से डालते हैं, ताकि कटे हुए आम का रंग सफेद ही रहे, काला ना हो। फिर कटे हुए आम के टुकड़ों को छलनी में रखकर अतिरिक्त पानी निकालकर साफ कपड़े में सूखने के लिए रख देते हैं। फिर उसे अच्छी तरह से ड्रायर की सहायता से सुखाया जाता है। सूखे हुए आम के टुकड़ों को मशीन की सहायता से पीसकर, छलनी से छानकर महीन चूर्ण बना लेते हैं। फिर चूर्ण को कमरे के तापमान में पैकिंग करते हैं। इस प्रकार आम से अमचूर सप्लाई के लिऐ तैयार हो जाता है।
महिलाओं ने बताया कि पहले हम आम काटने के लिए लोहे के चाकू, हंसिए का प्रयोग करते थे, जिससे कटा हुआ आम काला हो जाता था और अमचूर का रंग सफेद नहीं रहता था। अब आधुनिक तरीके से अमचूर बनाने से इसका रंग सफेद रहता है पहले एक किलो अमचूर को हम 70-80 रुपए में बेचते थे। अब एक किलो अमचूर के हमें 600 रुपए प्राप्त हो रहे हैं। जिससे हमारी आर्थिक आय में वृद्धि हुई है।
महिलाओं के उत्साह वर्धन हेतु कलेक्टर श्री सोनी ने भी सूखे हुए आम के टुकड़ों को मशीन में डालकर महीन अमचूर पाउडर बनाया। श्री सोनी ने बताया कि 20 जून को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल माध्यम से डेनेक्स आर्गेनिक सफेद अमचूर के 5 हजार पैकेट एवं 5 टन अमचूर की पहली खेप ट्राईफेड और अन्य कम्पनी के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना की।
श्री सोनी ने बताया कि डेनेक्स सेफ फूड फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी के अंतर्गत किसानों से आम इक्क_ा कर उससे आधुनिक तरीके से आर्गेनिक अमचूर तैयार किया जा रहा है। इस कार्य में प्रथम चरण में 650 किसान जुड़े हुए हैं। प्रसंस्करण का कार्य महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है, जो आम से अमचूर पाउडर बनाकर उसकी पैकिंग करती हैं। महिला समूह द्वारा तैयार अमचूर को ट्राईफेड, पुलिस कैंटीन, एनएमडीसी, प्राईवेट कम्पनी को विक्रय हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में एग्रोफुड कम्पनी ट्राईफेड एवं राज्य के प्रतिष्ठित कम्पनियों का 10 टन अमचूर प्रदाय का आर्डर प्राप्त हो चुका है।