कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 23 जून। पंचायत क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्य में रोक लगाने चिखलपुटी ग्रामसभा के स्थायी सदस्यों, जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों ने कल धरना-प्रदर्शन कर मौके पर पहुंचे तहसीलदार को राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
सौंपे गए ज्ञापन में लेख किया गया है कि हम सभी पंचायत चिखलपुटी, आश्रित ग्राम दूधगांव व चिचपोलंग में निवासरत ग्रामीण व जनप्रतिनिधि हैं। आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाग में भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत पांचवीं अनुसूची व पेसा कानून लागू होते हैं। चिखलपुटी में 90 फीसदी से अधिक आदिवासी निवासरत हैं। इस क्षेत्र की जमीन में नगर पालिका परिषद् कोण्डागांव के द्वारा नियम विरुद्ध अतिक्रमण कर व्यवसायिक परिसर व अन्य भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। उक्त निर्माण पर रोक लगाने हेतु ग्रामीणों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को नियमानुसार लिखित में आवेदन दिया।
कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी (रा.) थाना प्रभारी सहित संबंधित ठेकेदार को भी पांचवीं अनुसूची व पेसा कानून के प्रावधानों के तहत उक्त निर्माण कार्यों पर तत्काल रोक लगाने हेतु लिखित में आवेदन देकर निवेदन किया जा चुका है, लेकिन निर्माण कार्य जारी है। आवेदनों पर उचित कार्रवाई न कर निर्माण कार्य को निरंतर जारी रखे जाने को चिखलपुटी की जनता व जनप्रतिनिधि, भारतीय संविधान का अपमान करना मानती है। जिसके विरोध में ही 22 जून को एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया। कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।
इस दौरान मौके पर पहुंचकर जिला पंचायत सदस्य बालसिंह बघेल व क्षेत्र में सक्रिय नौजवान सभा व अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के सदस्यों ने आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए, संबंधितों द्वारा पांचवीं अनुसूची व पेशा कानून का उल्लंघन व अपमान किए जाने की निंदा की।