सरगुजा
पुण्यतिथि पर भाजपाईयों ने दी श्रद्धांजलि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 23 जून। भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर भाजपा सरगुजा ने बिलासपुर चौक पर स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी, तथा इस बलिदान दिवस के अवसर पर तकिया रोड अंबिकापुर में पौधारोपण किया गया।
भाजपा जिला अध्यक्ष ललन प्रताप सिंह के दिशा निर्देश पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
श्री नेताम ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता के पर्याय, महान शिक्षाविद, प्रखर राष्ट्रवादी एवं विचारक , भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा, उनके विचार और लोगों की सेवा के लिए इच्छाशक्ति हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे, अल्प समय में ही राष्ट्र की एकता के लिए उनके द्वारा किए गए योगदान सर्वोपरि रहेगा।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए श्री नेताम ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस की तुष्टीकरण नीतियों का सदैव विरोध किया, स्वतंत्र भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में एक गैर कांग्रेसी मंत्री के रूप में उन्होंने वित्त मंत्रालय का काम संभाला, चितरंजन में रेल इंजन का कारखाना, विशाखापट्टनम में जहाज बनाने का कारखाना, बिहार में खाद बनाने कारखाना बनवाएं, उनके सहयोग से ही हैदराबाद निजाम को भारत में विलीन होना पड़ा। भारत की दयनीय स्थिति देखकर उनसे देखा नहीं गया और मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर संसद में विरोधी पक्ष की भूमिका का निर्वहन करने लगे। एक ही देश में दो झंडे और दो निशान भी उनको स्वीकार नहीं थे, इसलिए कश्मीर का भारत में विलय के लिए प्रयत्न प्रारंभ कर दिए, अटल बिहारी वाजपेई व अन्य साथियों को लेकर उन्होंने जम्मू के लिए कूच किया, सीमा प्रवेश के बाद जम्मू सरकार द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए, 40 दिन तक जेल में बंद रहे और 30 जून 1953 को जेल में उनकी रहस्यमय ढंग से मृत्यु हो गई। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। भारतीय जनसंघ से ही बाद में भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ।