कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 22 जून। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले सत्रह माह से सभी स्कूलों के दरवाजे बच्चों के लिए बंद है, इस वर्ष भी वर्तमान में नए शिक्षा सत्र शुरू नहीं हो पाया।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बच्चों को विद्यालय से जोड़े रखने के लिए राज्यस्तर, जिलास्तर व ब्लाक स्तर पर शिक्षकों ने अपने-अपने परिस्थिति के अनुरूप विभिन्न नवाचारी तरीकों जैसे मोहल्ला क्लास, लाउड स्पीकर, सामुदायिक सहभागिता, अभ्यास पुस्तिका का प्रभावी उपयोग, सीख कार्यक्रम, गणित किट का उपयोग (संपर्क किट), स्थानीय भाषा में कहानी, बच्चों को सिखाने के नवाचारी तरीके, मिस काल गुरूजी, बुल्टु के बोल, अंगना म शिक्षा, रेमिडियल टिचिंग (निखार), मुस्कान पुस्तकालय के माध्यम से सीखना, ऑनलाइन क्लास, टोय पेडा गाजी, मोबाइल गुरूजी, घूम-घूम कर पढ़ाना, केबल टीवी द्वारा पढ़ाई, प्रिंट रिच गांव वार्ड, पढ़ई तूहर, आग्नमिटेड से पढ़ाई कराया जा रहा है। इसी कड़ी में अब बच्चों के लिए ग्रीष्मकालीन आमाराइट प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं, जिसका क्रियान्वयन करते हुए, 21 जून को शासकीय उच्च प्राथमिक शाला मड़ानार के प्रधानाध्यापक पी एल नाग व आरती बर रंजीता तिग्गा ललिता सम्राट शिवचरण साहू द्वारा छठवीं से आठवीं तक अध्ययनरत गांव के अलग-अलग पारा मोहल्ला में पहुंच कर बच्चों को आमाराइटप्रोजेक्ट का वितरण करते हुए, पूरा करने के लिए निर्देश दिया गया।
शिक्षक शिवचरण साहू ने बताया, आमाराइट छत्तीसगढ़ी स्थानीय खेल गतिविधि एम आई राइट के अनुसार बच्चों को गतिविधि आधारित सर्वे कार्य परिवार के बड़े बच्चे, मित्रों और शिक्षकों के सहयोग से इस प्रोजेक्ट को बच्चों को खेल-खेल के माध्यम से सक्रिय रखकर घर परिवेश से सीखने के लिए एक नवाचार गतिविधि है, जिसमें बच्चों को एक दूसरे से सहयोग और खेल मनोरंजन तरीके से सीखने का मौका मिलेगा। यह कौशल विकास आधारित और जीवन कौशल से जुड़ा है। बच्चों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया।