बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुसमी, 13 जून। बलरामपुर जिला के कुसमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आज तक शव वाहक वाहन नहीं होने से नगरवासियों सहित ग्रामवासियों भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
विकासखंड में 77 ग्राम पंचायत तथा 105 गाँव हैं। कुसमी को नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हुवे करीब 20 वर्ष बीत चुका हैं। छत्तीसगढ़ राज्य का कुसमी झारखंड राज्य की सीमा पर स्थित हैं। यहां 15 किलोमीटर के बाद झारखण्ड राज्य शुरू हो जाता हैं। कुसमी कई सुविधा के लिए उपेक्षा का शिकार हैं।
शनिवार को करौंधा थाना के ग्राम पंचायत कमलापुर के मुख्य बस्ती में प्रसन कुमार उम्र 18 वर्ष पिता विजय कुमार ने घर पर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। युवक गरीब परिवार से था। आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। लेकिन कानूनी प्रक्रिया के बाद शव का पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को कुसमी मरच्यूरी में लाने हेतु कुसमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन नहीं होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा। अंतत: युवक के शव को पिकप में लोडकर करीब 10 किलोमीटर से लाकर ग्रामवासियों के सहयोग से पोस्टमार्टम कराया गया। इस तरह की खबर हमेशा सुनने में आती रहती हैं। नगरवासी जहां मूकदर्शक बनकर बैठे हैं तो वहीं जनप्रतिनिधियों ने भी इस ओर ठोस पहल नहीं किया जिसका खमियाजा अक्सर गरीब तबके के परिवारों को झेलना पड़ता हैं।
उल्लेखनीय है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुसमी में शव वाहन के अभाव में सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण परिवारों को होती है। इस दिशा में न तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई ठोस पहल की गई और न ही कोई समाजसेवी संगठन सामने आए। स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान या किसी हादसे में किसी गरीब परिवार के व्यक्ति की मृत्यु होने पर शव को घर या गांव तक ले जाने के लिए परिजनों को किराए से ट्रैक्टर ट्राली या फिर अन्य निजी वाहन का सहारा लेना पड़ता है।
इस मामले में बलरामपुर-रामानुजगंज के नए कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल ने कहा सीएमएचओ से बात कर जानकारी लेता हूँ। शव वाहन की व्यवस्था की जाएगी। लोगों को दिक्कतें नहीं होनी चाहिये जैसे भी करके व्यवस्था की जाएगी। वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बलरामपुर बसंत सिंह ने बताया कि शव वाहन की मांग के लिए वरिष्ठ अफसरों और विभाग को पत्र लिखे गए हैं।