दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 12 जून। वनवासियों के भूमि पर अधिकारो को वन अधिकार अधिनियम 2006 के द्वारा मान्यता दी गई।
जिला दक्षिण बस्तर दन्तेवाड़ा में भी वन अधिकार अधिनियम लागू है व इसका क्रियान्वयन प्राथमिकता से किया जा रहा है। जिले में कुल 9954 कृषको को उनके काबिज भूमि पर वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदाय किया जा चुका है। वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त कृषक अब अपने भूमि छीनने के भय से मुक्त होकर उन्नत खेती रहे हंै व अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हंै। किसानों की आय में भी काफी वृद्धि हुई है व रहन-सहन में भी काफी सकरात्मक परिवर्ततन आया है।
इसी संबंध में कासोली के कृषक जिन्हें वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त है, उनसे मुलाकात कर व आय व जीवन में आये बदलाव के संबंध में जानकारी ली गई। भदरू पिता सोनू को खसरा नं. 453 में 0.83 हे. व महिला किसान सायबो पिता ध्रुवा को खसरा नं 409 में 0-96 हे. भूमि का वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त है, ने बताया कि इस भूमि पर वर्षों से काबिज होकर खेती कर रहे हैं। चूंकि यह वन भूमि था अत: वन अधिकार अधिनियम लागू होने से पूर्व किसी प्रकार का पट्टा या अधिकार पत्र हमारे पास नहीं था। इस कारण भूमि छीनने या बेदखल किये जाने का भय हमेशा बना रहता था। वन अधिकार अधिनियम लागू होने के पश्चात इस भूमि का हक मान्यता पत्र रूप में हमें प्राप्त हुआ व भय मुक्त होकर खेती व निवास कर रहे है। कृषक अपने खेत में बैंगन, भिन्डी, बरबट्टी व अन्य हरी सब्जी फलदार वृक्ष आम, केला, पपीता, सेवफल, चीकू, अंजीर का भी रोपण किया है।
किसानों ने बताया कि वह इस भूमि पर प्रति वर्ष दो फसल लेते हंै व इससे होने वाले आय से भूमि का समतलीकरण, बोर खनन व सिंचाई हेतु पम्प व पाईप लाईन स्थापना का कार्य किया। फलदार वृक्षों को भी कृषक ने स्वयं के आय से खरीद कर रोपण किया है। भूमि समतलीकरण, सिंचाई की सुविधा होने से अब पहले की तुलना में काफी अच्छी पैदावार कर रहे हंै व आय में अच्छी वृद्धि हुई है। फलदार पौधे भी फलना शुरू हो गया है जिससे अतिरिक्त आय हो रहा है।
सायबो के भूमि में उद्यान विभाग की मदद जाली बाउंड्री, हरी सब्जी हेतु ग्रीन नेट हाउस निर्माण व ड्रीप पाईप को लगाया है जिससें गर्मी के मौसम में भी हरी सब्जी का अच्छी पैदावार कर आय अर्जित कर रही है।