कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 1 जून। विकासखंड क्षेत्र के अनेक गांव में कोरोना को लेकर शीतला मंदिर में महिलाओं के पूजा-पाठ का दौर प्रारंभ है। कोरोना को भगाने महिलाओं के द्वारा प्रत्येक सोमवार को उपवास भी किया जाने लगा।
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद क्षेत्र के गांव गांव में इसे दैवी प्रकोप मानकर इसके लिए ग्राम देवी को खुश करने के लिए गांव के कथित बैगा पंडा पुजारियों द्वारा पूजा पाठ के लिए गांव वालों को प्रेरित किया गया।
अप्रैल के आखिरी सप्ताह में जब गांव-गांव में कोरोना की दस्तक देने लगी और लोग बीमार होने लगे तब गांव के बैगा, पंडा, पुजारियों ने इसे दैवीय अभिशाप बताया और लोगों को पूजा पाठ करने के लिए तैयार करने लगे। पुजारियों द्वारा सबसे पहले ग्राम बांधने के नाम पर गांव वासियों को पूजा पाठ के लिए जोड़ा और उसी दौरान उन्होंने ग्राम देवी के रुष्ट होने की चर्चा कर ग्रामीणों को देवी शीतला मंदिर में पूजा पाठ के लिए आह्वान किया गया। उनके आह्वान पर गांव के पंचों, सयानो द्वारा पंडा पुजारियों के कहने पर बस्ती में हाका पड़वा कर महिलाओं द्वारा प्रत्येक सोमवार को उपवास रखने की बात कही गई।
कोरोना के खौफ से व गांव में प्रचलित मान्यताओं व प्रतीकों को मानने के फेर में लोगों द्वारा शीतला मंदिर में प्रत्येक सोमवार के दिन खासकर महिला द्वारा उपवास रखकर पूजा पाठ व चढ़ावा में फल, कपड़ा आदि लेकर पूजा पाठ करने पहुंचने लगी। पहले इस प्रकार पूजा पाठ की शुरुआत बड़े-बड़े गांव में हुई जैसे बोड़ला भोंदा बैजलपुर आदि इन स्थानों में कोरोना को भगाने के लिए हवन और पूजा पाठ की शुरुआत की जानकारी अन्य गांव के लोगों को मिलती गई।
कोरोना की समाप्ति के लिये पुजा-पाठ करने का दौर प्रारंभ होने की खबर जंगल में आग की तरह फैली फल स्वरूप सभी छोटे बड़े गांव में कोरोना को भगाने के लिए पूजा-पाठ का दौर शुरू हो गया। आज भी गांव-गांव में महिलाओं के द्वारा पांच या सात सोमवार को उपवास रखकर कोरोना को भगाने के लिए लगातार पूजा पाठ किया जा रहा है।