राजनांदगांव
ग्रामीण इलाका अब भी कोरोना की गिरफ्त में
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 मई। कोरोना के दूसरी लहर के बीच करीब डेढ़ माह बाद राजनांदगांव शहर में पहली बार कोरोना संक्रमित मामले 100 से कम हुए हैं।
बुधवार को जारी मेडिकल बुलेटिन में राजनांदगांव शहर में मात्र 89 मरीज ही कोरोना से संक्रमित मिले हैं। हालांकि ग्रामीण इलाकों में अब भी कोरोना का कहर बरकरार है। देहात क्षेत्र पूरी तरह से कोरोना के जद में है। लिहाजा मानपुर से लेकर छुईखदान ब्लॉक में कोरोना का पकड़ बरकरार है। आंशिक गिरावट की उम्मीद में बैठे ग्रामीण लोगों को फिलहाल राहत नहीं मिल रही है।
राजनांदगांव शहर में करीब 45 दिन बाद पहला अवसर आया जब सिर्फ 89 नए मरीज मिले। शहरी इलाकों में कोरोना की दूसरी लहर काफी तेज थी। सुनामी की तरह दूसरी लहर में अप्रैल के पहले सप्ताह से कोरोना ने लोगों को मानसिक और शारीरिक तौर पर तोडक़र रख दिया। इस दौरान ताबड़तोड़ मौत होने से दहशत का माहौल बन गया। पिछले एक माह से राजनांदगांव शहर को प्रशासन ने लॉक कर दिया है। बीता अप्रैल का महीना पूरी तरह से लॉकडाउन के दायरे में रहा। हालांकि इस दौरान भी मौत और नए मरीजों के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी हुई। मई का पहला सप्ताह भी मौत के लिहाज से भयावह साबित हुआ है।
प्रशासन ने 6 से 15 मई तक लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी है। इसी बीच कल जारी आंकड़ों में महज 89 मरीज ही शहर में मिलने से लोगों को राहत मिली। यद्यपि ग्रामीण इलाकों की हालत अब भी खतरनाक है। देहात इलाकों में कल 495 मरीज मिले। जिसमें सर्वाधिक राजनांदगांव ग्रामीण में जहां 118 नए मरीज मिले। वहीं खैरागढ़ में 104 नए संक्रमित मरीज मिले। वनांचल मोहला-मानपुर भी अब भी कोरोना से घिरा हुआ है। मोहला में 26 और मानपुर में 17 मरीज मिले हैं। छुईखदान में 74, डोंगरगांव में 51, डोंगरगढ़ में 69, अंबागढ़ चौकी में 8 तथा छुरिया में 24 संक्रमित मरीज पाए गए। कुल मिलाकर देहात इलाकों में कोरोना ने अपना पैर जमाया हुआ है।
बताया जा रहा है कि देहात क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 की शर्तों का पालन करने की कोशिशों में जुटे स्वास्थ्यकर्मी मायूस हो गए हैं। इसके पीछे लोगों को कई बार समझाईश देने के बावजूद लापरवाही बरतना एक बड़ी वजह है। गांवों में अब भी लोग चौपाल लगाकर बैठक कर रहे हैं। कोरोना वारियर्स की हिदायत को हल्के में लेकर ग्रामीण आफत मोल ले रहे हैं। बहरहाल ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मामलों की गिरावट नहीं आ रही है। ऐसे में गांवों में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है।