बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 5 मई। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए बहुत से शासकीय कर्मचारियों का निधन हो गया है। जिसके कारण उनके आश्रितों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल खोबरागड़े ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश में फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे शासकीय, अर्ध शासकीय एवं संविदा में पदस्थ कर्मचारियों का भी केंद्र सरकार की तरह 50 लाख रुपए का बीमा करवाया जाए। कोरोना काल में हजारों शासकीय कर्मचारियों का निधन हो गया है, जिसमें से बड़ी संख्या स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की है अत: सरकार इनके आश्रितों को शीघ्र ही अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर अपने संवेदनशील होने का परिचय दें। साथ ही संविदा एवं अनियमित कर्मचारियों के आश्रितों के मामले में भी सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान करें।
उन्होंने कहा कि कई जगह शासकीय सेवारत पति-पत्नी दोनों का निधन हो गया है। ऐसे मामलों में परिवार के नाबालिक बच्चों की परवरिश की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रदेश में जिस तरह कोरोना संक्रमण से ग्रसित शासकीय सेवारत कर्मचारियों को शासकीय चिकित्सालयों में इलाज हेतु जगह नहीं मिलने पर निजी चिकित्सालयों में इलाज कराने पर सरकार की ओर से जिस प्रकार रिबर्समेंट की सुविधा दी जा रही है। उसी प्रकार की सुविधाएं सेवानिवृत्त पेंशनधारी कर्मचारियों को भी दी जाए।
अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल खोबरागड़े ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य शासकीय विभागों में लंबे समय से सेवा दे रहे संविदा कर्मचारियों को शीघ्र ही नियमित कर उनका मनोबल बढ़ाएं। प्रदेश के शासकीय, अर्ध शासकीय विभागों के रिक्त स्वीकृत पदों पर पात्र बेरोजगार युवाओं की नियमित नियुक्ति प्रदान करें।