महासमुन्द
नशीले पदार्थ की बड़ी खेप आने की सूचना मिली थी- एसपी
छत्तीसगढ़ संवाददाता
महासमुंद, 5 मई। सरायपाली पुलिस ने नशीली कफ सिरप और टेबलेट के साथ तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से नशीली दवाई जब्त की है। इसकी कुल कीमत 1.62 लाख रुपए है। तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। तीनों आरोपी ओडिशा से प्रतिबंधित दवाएं लेकर सारंगढ़, बरमेकेला होते हुए सरायपाली आ रहे थे। पकड़े गए तीन आरोपी में से एक तस्करी का मास्टरमांइड है, जो पहले भी इस तरह के कारोबार में लिप्त था और पुलिस उसकी लंबे समय से इंतजार कर रही थी।
मंगलवार को पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने कंट्रोल रूम में मामले का खुलासा किया। एसपी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण क्षेत्र में नशे के कारोबार सहित नशीले पदार्थ की बड़ी खेप आने की सूचना मिली थी।
एसपी के मुताबिक 3 मई को सूचना मिली थी कि सारंगढ़ की ओर से बिना नंबर की दो बाइक में कुछ लोग प्रतिबंधित दवाओं का परिवहन कर रहे हैं। सूचना पर सरायपाली पुलिस की टीम को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। पुलिस की टीम सारंगढ़ बॉर्डर पर ग्राम पोढ़ापाली के पास नाकाबंदी कर संदिग्ध बाइक का इंतजार करने लगी। इसी दौरान दो बाइक वहां आई जिसमें नंबर प्लेट नहीं थे। दोनों बाइक सवारों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो वे बाइक मोडक़र वापस सारंगढ़ की ओर भागने लगे। सरायपाली पुलिस ने पीछा कर दोनों बाइक में सवार तीन लोगों को पकड़ा। इनके पास बैग में बड़ी मात्रा में कफ सिरप और नशीली टेबलेट थी।
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए तीनों आरोपी सरायपाली के निवासी हैं। प्रारंभिक पूछताछ में तीनों ने बताया कि ये दवाएं ओडिशा के बरगढ़ जिले से खरीदकर ला रहे थे। इसे सरायपाली और बसना क्षेत्र में खपाने की योजना थी। इनमें से शेख मकसूद्दीन 45 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 7 शास्त्री नगर, झिलमिला निवासी पहले भी इस तरह के कारोबार में लिप्त रहा है। पूर्व में बसना पुलिस द्वारा पकड़े गए कफ सिरप में भी मकसूद्दीन का नाम आया था, लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। इसी तरह एक अन्य बाइक में सवार चालक अशोक दुबे 35 वर्ष वार्ड क्रमांक 10 बाजार पारा निवासी है। अशोक नगर पालिका में दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्यरत है। उसके साथ बाजारपारा के ही बाबूलाल सागरए पिता चतुर सिंग उम्र 40 वर्ष को भी पकड़ा गया है।
एसपी प्रफुल्ल ठाकुर कहते हैं कि तस्करों के पास जब्त टेबलेट और कफ सिरप दोनों प्रतिबंधित है और बिना डॉक्टर की पर्ची के इसे न तो बेचा जा सकता और न ही खरीदा जा सकता। मेंटल हेल्थ के नोडल अफसर डॉ.छत्रपाल चंद्राकर का कहना है कि एलप्रासेफ टेबलेट नींद की दवा है। जिसे डॉक्टर मानसिक रोगी या फिर अन्य जरूरी रोगियों को उनकी समस्या देखकर लिखते हैं। इसी तरह कफ सिरप सामान्य तौर पर खांसी की दवा है, लेकिन ये भी प्रतिबंधित है। क्योंकि इसमें कोडिन होता है, जो एक प्रकार का ड्रग है। इसे लंबे समय तक लेने पर लोग इसके एडिक्ट हो सकते हैं।