महासमुन्द
महासमुंद, 1 मई। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने को लेकर पकड़े गए सरकारी डॉक्टर के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी इस मामले की जांच करेगा। वहीं मामले में संबंधित डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
बताया जा रहा है कि डॉक्टर से जवाब मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। कोतवाली और साइबर सेल की टीम ने बुधवार को जिला अस्पताल में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर को 6 नग रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़ा था। डॉक्टर निजी अस्पताल के जरूरतमंद मरीज के परिजनों को इंजेक्शन बेचने की फिराक में था। मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। साथ ही अस्पताल में अब तक आए इंजेक्शन के स्टॉक, इंजेक्शन किन-किन मरीजों को कितनी मात्रा में दिया गया, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
इस मामले में कोतवाली टीआई शेर सिंह बंदे का कहना है कि जिला अस्पताल प्रबंधन से रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टॉक, किसे-किसे इंजेक्शन दिया गया इसकी जानकारी मांगी गई है। जानकारी तो यह भी मिली है कि इस मामले में पुलिस ने अब तक कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की है। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि शासकीय सेवक द्वारा शासकीय संपत्ति का दुरुपयोग किया गया है। ऐसे में अमानत में खयानत के तहत आईपीसी की धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।