बिलासपुर
889 नये मरीज मिले, 58 ने फिर दम तोड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 26 अप्रैल। कोरोना संक्रमितों की संख्या बीते 24 घंटों में एक हजार से कम रही लेकिन इस दौरान मौतों की रफ्तार नहीं थमी। संक्रमण के मामले कम करने के उद्देश्य से बीते 14 अप्रैल से जिले में जारी लॉक डाउन का कोई असर नए मरीजों की संख्या में दिखाई नहीं दे रहा है। पूरे अप्रैल माह में हर रोज लगभग एक हजार नए संक्रमित मिल रहे हैं।
रविवार को 889 संक्रमित मिले और इस दौरान 58 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा 12 मौतें संभागीय कोविड अस्पताल में हुई है। इसके अलावा सिम्स में 8 और रेलवे अस्पताल में 7 लोगों की मौत हो गई। शेष मरीजों की मौत निजी अस्पतालों में हुई। शहर के लगभग सभी इलाकों से मरीज मिल रहे हैं। मरीजों की वास्तविक संख्या इससे ज्यादा हो सकती है क्योंकि लॉकडाउन के कारण बहुत से लोग टेस्ट कराने के लिए नहीं निकल रहे हैं और अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की अव्यवस्था को देखकर वे लक्षण को छुपाकर घर में ही इलाज करा रहे हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी मर्जी से आकर कोरोना टेस्ट करवाने वालों की संख्या काफी कम है। टेस्टिंग के काम में लगे स्टाफ का कहना है कि उन्हें पर्याप्त संख्या में एंटीजन किट नहीं मिल रही है। ज्यादातर संदिग्धों का आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं किया जा रहा है।
इसी तरह लगातार वैक्सीनेशन का काम भी पिछड़ता जा रहा है। रविवार को सिर्फ 1420 लोगों ने टीका लगवाया जो निर्धारित लक्ष्य 14650 का 10 फीसदी भी नहीं था।
इधर अस्पतालों में मरीजों व उनके परिजनों से जबरन वसूली के मामले लगातार सामने आ ही रहे हैं। निजी अस्पताल सनशाइन के प्रबंधक को मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। अस्पताल के खिलाफ शिकायत की गई है कि कोरोना मरीजों का डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना और आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने से मना किया जा रहा है और उनसे नगद राशि मानी जा रही है।
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की तैयारी चल रही है। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय में कोविड केयर सेंटर के लिए की जा रही तैयारी का जायजा लिया। यहां कुछ दिन में 80 बेड तैयार हो जाएंगे, जिनमें से 40 पर ऑक्सीजन बेड होंगे। इसी तरह सिम्स में 40 नये बेड तैयार कर लिए गए हैं। कलेक्टर ने कोविड केयर सेंटर प्रभारियों के साथ बैठक लेकर कोरोना मरीजों के इलाज व देखभाल में आ रही दिक्कतों के संबंध में चर्चा की।