बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 24 अप्रैल। तीन दिनों तक बंधक बनाए जाने के बाद नक्सलियों ने शुक्रवार की रात सब इंस्पेक्टर मुरली ताती की हत्या कर दी।
गंगालूर थाने से करीब छह सौ मीटर दूर सामुदयिक स्वास्थ्य केन्द्र के आगे पेदापारा में सुबह मुरली ताती का शव मिला। उसके पास नक्सलियों ने एक पर्चा भी छोड़ रखा था। उसमें नक्सलियों ने मुरली पर आरोप लगाए हैं।
भाकपा (माओवादी) की पश्चिम बस्तर डिविजनल कमेटी ने कहा है कि मुरली ताती सलवा जुड़म के समय से 2006 से 2021 तक डीआरजी में था। वह एड़समेटा, पालनार एवं मधुवेण्डी में हत्या, महिलाओं पर अत्याचार, छेड़छाड़, फर्जी मुठभेड़ों में पीएलजीए कार्यकर्ताओं की हत्या करना आदि में सक्रिय था। वह निर्दोष ग्रामीणों को झूठे मामलों में जेल भेजने, लूटपाट एवं गष्त के दौरान लोगों को परेषान करने में शामिल था। नक्सलियों ने डीआरजी जवानों से कहा है कि पुलिस की नौकरी छोड़ लोगों के साथ रहो।
बताया गया है कि मुरली गैस वाली गाड़ी में परपा से बैठकर बीजापुर आया था। इसके अगले दिन वह चेरपाल तक आया और फिर अपनी बहन के घर भोगामगुड़ा गया। वहां उसकी बहन नहीं थी तो वह एक दोस्त के साथ साइकिल से पालनार पहुंच गया। वहां बीजजात्रा चल रहा था। वहां पूजा पाठ के बाद भोज चल रहा था।
यहां पहले से ही नक्सली मौजूद थे। वहां नक्सलियों ने उसका अपहरण कर लिया। मुरली के चाचा और भाई उसकी तलाश में घूम रहे थे और नक्सलियों से उसे छोडऩे की गुजारिश कर रहे थे लेकिन वह नहीं मिला। पता चला कि अपहरण के बाद उसे आठ किमी दूर कोरचोली ले जाया गया। फिर अगले दिन उसे बैलाडीला की तराई में बसे गांव एड़समेटा ले जाया गया। फिर पेदापारा में उसका शव मिला।
नई पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि
नई पुलिस लाइन में मुरली के पार्थिव शरीर को लाया गया। यहां बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक विक्रम शाह मण्डावी, आईजी पी. सुंदरराज, कलेक्टर रितेश अग्रवाल, एसपी कमलोचन कश्यप, डीएफओ अशोक पटेल एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे। यहां पत्रकारों से चर्चा में आईजी ने कहा कि हमने जवान को मुक्त कराने की कोशिश की थी। मुरली ताती का अंतिम संस्कार जेलबाड़ा में उनके घर के समीप किया गया। उनकी निधन से गांव गमगीन रहा।