राजनांदगांव
नहीं सुधर रही व्यवस्था, मरीज परेशान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 16 अप्रैल। ब्लॉक मुख्यालय में कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए संचालित कोविड केयर सेंटर की व्यवस्था में सुधार ही नहीं आ रहा है। इधर कोविड केयर सेंटर में उपयोग किया जाना वाले पीपीईटी किट, हेंड ग्लबस, मास्क एवं मेडिकल वेस्ट को केयर सेंटर के बाहर खुले में फेंका जा रहा है, जिससे आसपास रहने वाले कन्या शिक्षा परिसर कॉलोनी के कर्मचारियों एवं मेरेगांव के नागरिकों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
पार्षद अविनाश कोमरे, जावेद खान, मोहन मलगामे ने बताया कि केयर केंटर में उपयोग किए गए पीपीई किट एवं ग्लबस तथा मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंक दिया गया है। इससे साफ तौर पर प्रमाणित हो रहा है कि कोविड केयर सेंटर में लापरवाही बरती जा रही है।
बीएमओ डॉ. आरआर धुर्वे ने बताया कि केयर सेंटर में अव्यवस्था का आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि केयर सेंटर में मरीजों के उपचार के लिए नियमित डॉक्टर व कर्मचारी जा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार ब्लॉक में संचालित कोविड केयर सेंटर की व्यवस्था में सुधार ही नहीं हो रहा है। यहां अव्यवस्था से परेशान मरीज अब सेंटर से छुट्टी दिलाने की मांग कर रहे हैं। बताया गया कि बीते तीन दिन में यहां से दो दर्जन से अधिक मरीजों ने सेंटर से अपने को डिस्चार्ज करा लिया है। मरीजों का कहना है कि सेंटर की हालत इतनी खराब है कि यहां तक जीने वाला मरीज आज ही चल बसेगा। सबसे अधिक शिकायत डॉक्टरों के केयर सेंटर में नहीं आने व उचित देखभाल नहीं करने को लेकर है।
बताया गया कि अव्यवस्था परेशान ग्राम चिखली निवासी केवलदास साहू ने केयर सेंटर से अपनी मां व छोटे भाई को घर ले जाने डिस्चार्ज करा लिया। श्री साहू ने बताया कि उनकी मां चंद्रिकाबाई साहू व उनका भाई टोमेश्वर साहू कोरोना संक्रमित थे। उन्हें चार दिन पहले ही केयर सेंटर में भर्ती कराया गया था, लेकिन यहां अव्यवस्था से परेशान थे, इसलिए उन्हें यहां से छुट्टी दिलाकर घर ले जा रहा हूं। इसी तरह यहां भर्ती अन्य मरीजों एवं उनके परिजनों को एक नहीं ढ़ेरों शिकायतें है। शिकायतकर्ताओं ने यहां की अव्यवस्था के लिए बीएमओ व बीपीएम को जिम्मेदार ठहराते कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
नाश्ते में दिया जा रहा फ्राई चावल
कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजों को यहां खाना व नाश्ते की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें है। बुधवार को चिखली के एक मरीज ने बताया कि यहां नाश्ते में रात का बचा बासी चावल को फ्राई कर दिया जा रहा है। दाल के नाम पर केवल दाल का पानी दिया जा रहा है। दाल इस तरह पतली होती है कि दाल को ढूंढना पड़ता है। खाने में मोटा चावल दिया जाता है। वह भी अधपका रहता है। रोटिया भी कच्ची व गीली रहती है। सब्जी की भी गुणवत्ता ठीक नहीं है। मरीजों का आरोप है कि इस महामारी के दौर व संकट के समय कोविड मरीज के लिए शासन से आ रहे भोजन व नाश्ते में भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कमीशनबाजी कर मरीजों के ही खाने में गुणवत्ता की चोरी कर रहे हैं। मरीजों ने बताया कि यहां गर्म पानी मांगने पर बड़ी मुश्किल से मिलता है।
महिला प्रसाधन में नहीं आता पानी
कोविड केयर सेंटर में मरीजों को इलाज व खाने ही नहीं, बल्कि साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर एक नहीं कई शिकायतें है। मरीजों ने बताया कि यहां स्नानागार व प्रसाधनों के नलों में टोटियां ही नहीं है। जिससे 24 घंटे पानी व्यर्थ बहता रहता है। टंकियों में पानी भरने के बाद टोटिया नहीं होने से पानी एक डेढ घंटे में खाली हो जाता है। मरीजों का आरोप है कि साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं है। महिला प्रसाधनों में नलों से पानी नहीं आने की शिकायतें है, जिससे सेंटर में भर्ती महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।