गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 15 अपै्रल। गरियाबदं जिले के भीतर पिछले चार पांच वर्षों से हाथियों का दल लगातार पहुंच रहा है। कभी उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन एरिया आमामोरा, ओढ़, पहाडियों से लगे ओडि़शा के जंगलों से होते हुए धमतरी जिला प्रवेश करते है। सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र और बस्तर तक चक्कर लगाता था, लेकिन लगातार चार पांच वर्षों से हाथियों के दल इस क्षेत्र के जंगलो में विचरण करने और गरियाबंद जिले के क्षेत्र के जंगल में हाथियों के लिए अनुकूल भोजन व पानी की व्यवस्था होने के कारण लगभग एक माह से इन गर्मी के दिनो में इन जंगलों में अलग अलग दलों में बंटकर विचरण कर रहे है।
पिछले पांच वर्षो का विभाग का रिकार्ड देखे, तो गरियाबंद वमंडल के साथ टाईगर रिजर्व क्षेत्र में हाथियों के नुकसान से लाखों रूपये का मुआवजा ग्रामीणों को वितरण किया गया है, और हाथियों ने लगातार क्षेत्र के गांव के भीतर घुसकर समय समय पर जमकर आंतक भी मचाया है, कई लोग हाथियों के हमले के शिकार भी हुए है और उनकी मौत तक हो चुकी है, तो वही क्षेत्र के जंगल में पिछले तीन वर्षो के भीतर दो हाथियों के शावक के साथ एक व्यस्क मादा हाथी की भी मौत हो चुकी है।
बहरहाल पिछले एक माह से 15 से 17 की संख्या मे हाथियों का दल वनमंडल गरियाबंद अंतर्गत वन परिक्षेत्र धवलपुर, गरियाबंद, नवागढ, के हसौदा, दर्रीपारा, कोसमीद, खरता, चिपरी, रावडिग्गी, आमागांव, सेम्हरढाप, खुरसीपार, खुटगांव, बुटेगा, मोहलाई, आमंदी, जैतपुरी, अंदोरा, हर्राभत्का द, पंडरीपानी, भीरालाट, जोबा, दसपुर, केराबाहरा ग्राम जो धमतरी जिले से लगे सीमा में बसे हुए है, इन ग्रामो में हाथियों ने अपना रहनवास बना लिया है, जिसके कारण इस क्षेत्र के ग्रामीणो में भारी दहशत देखने को मिल रहा है, वनांचल आदिवासी क्षेत्र के ग्रामीण वनोपज संग्रहण तक नहीं कर पा रहे है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता हाथी प्रभावित इन ग्रामों में पहुंचकर जायजा लिया तो ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के एक दल पिछले लगभग एक से डेढ़ माह से इस क्षेत्र के दर्जनभर ग्राम पाराटोला जो धमतरी जिला सीमा पर बसा है। इन ग्रामों के नजदीक पहाडी क्षेत्रों में हाथियों के दल ने डेरा डाला हुआ है, हाथियों के इस दल में 15 से 17 हाथी है, दो शावक भी है और इसमें तीन मादा हाथी होने का जानकारी ग्रामीण सूत्रों द्वारा दिया जाता है, वन विभाग द्वारा लगातार हाथी मित्रदल और वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी हाथियों के गतिविधियों पर नजर रखे हुए है, ग्रामीणों को अकेले जंगल की ओर नहीं जाने की अपील किया जा रहा है।
खुरसीपार सरपंच चन्द्रिका बाई धु्रव, रावडिग्गी सरपंच पूर्णिमा धु्रव, सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभार जिला अध्यक्ष नरेन्द्र धु्रव, युवा कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष गोपाल कुमार नेताम ने बताया कि पिछले लगभग एक माह से दो तीन दलों में हाथियों का दल अलग अलग क्षेत्र के जंगलों में विचरण कर रहा है। एक माह के भीतर कई किसानों के धान मक्का व सब्जी के फसलों को जमकर नुकसान पहुंचाया है। रविवार को कोसमी द के आश्रित ग्राम हर्राभत्का के किसान कमल धु्रव प्रेम शर्मा, तानसेन साहू के धान के फसल को नुकसान पहुचाया है, तो वही बीते सोमवार रात को ग्राम हसौदा बीट के कक्ष क्रमांक 631 सूजगीडोंगरी लालमाटी के पास हाथियों का दल पिछले कई दिनों से जो डेरा डाले है ,एक किसान हल्लुराम खुरसीपार निवासी जो अपने खेत मे झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ निवास कर रहा था और रात को खाना बना रहा था,हाथियों के दल की आवज सुनकर किसान झोपडी को छोडक़र भागे। हाथियो़ के दल झोपडी को तोड़-फोड़ दिया जिससे घर में खाना बनाने वाले आग से पुरा झोपडी जलकर राख हो गया जिससे किसान के 10 बोरा धान, मोटर पम्प, चांवल, कपड़ा, और दैनिक आवश्यकता के सामग्री सभी जलकर खाक हो गए।
आदिवासी ग्रामीणों को जंगल में वनोपज संग्रहण करने में परेशानी हो रही है। ग्रामीण अकेले राशन सामग्री खरीदी करने तथा रात के समय एक गांव से दूसरे गांव शादी विवाह सामाजिक कार्यक्रम में भी ग्रामीणों को आने जाने में हाथियों के दल से भारी दहशत देखने को मिल रही है।
क्या कहते है वन अफसर
गरियाबंद वनमंडलाधिकारी मंयक अग्रवाल ने बताया कि सोनाबेडा जंगल ओडिसा से लगातार हाथियों का दल पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र के जंगल में पहुंच रहे है, किसानों के फसलों और झोपडियों को हाथियों के द्वारा जो नुकसान पहुचया गया है, उनका लगभग 20 लाख रूपये से अधिक की मुआवजा राशि गरियाबंद वनमंडल क्षेत्र में दिया गया है, हाथियों का एक दल जो नवागढ़ वन परिक्षेत्र धमतरी सीमा पर डेरा डाले हुए थे। आज मंगलवार को वह धमतरी जिला के तरफ बढ़ गया है, लेकिन लगातार हाथियों का दल कभी धमतरी जिला तो कभी गरियाबंद जिला के तरफ पहुच रहा है। एक दल जो सिकासार जलाशय क्षेत्र में था। वह सोनाबेडा ओडिशा सीमा क्षेत्र में पहुच चुका है। श्री अग्रवाल ने बताया कि लगातार वन विभाग द्वारा हाथियों के गतिविधियों पर नजर रखे है, ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए गांव में मुनादी करवाई जा रही है, ग्रामीणों को अकेले जंगल की तरफ नहीं जाने की अपील किया जा रहा है।