रायपुर

रोजाना 40 हजार कोरोना जांच,पर रिपोर्ट हफ्तेभर में मिल रहे
13-Apr-2021 5:43 PM
रोजाना 40 हजार कोरोना जांच,पर रिपोर्ट हफ्तेभर में मिल रहे

तीन हजार सैंपल रिम्स ने लौटाए

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 13 अप्रैल। सरकार रोजाना 40 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट की जांच दावा कर रही है। मगर स्थिति इसके ठीक उलट है। आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट के लिए हफ्तेभर इंतजार करना पड़ रहा है। यह खबर सामने आई है कि रिम्स ने 3 हजार सैंपल लौटा दिए हैं। ये कालीबाड़ी जांच केन्द्र में रखे हैं।

बताया गया कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट के लिए रिम्स के साथ अनुबंध हुआ था, जिसमें प्रति टेस्ट 2 सौ रूपए भुगतान स्वास्थ्य विभाग करता रहा है। यह जानकारी मिली है कि सैंपलों की भरमार के बाद रिम्स ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं, और 3 हजार सैंपल लौटा दिए हैं। हाल यह है कि मेकाहारा केन्द्र में नए सैंपलों की जांच नहीं हो पा रही है, और हफ्तेभर का वक्त लग रहा है। इस पूरे मामले में सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल से चर्चा करने की कोशिश की गई किन्तु उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

दूसरी तरफ यह कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए अभी प्रतिदिन 40 हजार से 50 हजार सैंपलों की जांच की जा रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक राज्य की कुल टेस्टिंग में आरटीपीसीआर जांच की हिस्सेदारी लगातार बढ़ाई जा रही है। अभी 40 प्रतिशत जांच आरटीपीसीआर मशीनों से हो रही है। प्रति दस लाख की आबादी पर रोजाना सैंपल जांच में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय औसत से काफी आगे है।

स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि  अभी प्रदेश में प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 1435 सैंपलों की जांच की जा रही है, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 929 है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की शुरूआत से लेकर अब तक प्रति दस लाख की आबादी में कुल कोरोना जांच राष्ट्रीय औसत से आगे है। यहां प्रति दस लाख की जनसंख्या में औसत सैंपल जांच दो लाख चार हजार 420 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर अब तक औसत एक लाख 89 हजार 664 सैंपलों की जांच हुई है।

प्रदेश में आरटीपीसीआर जांच के साथ ही ट्रू-नाट विधि से सैंपल जांच की क्षमता में लगातार वृद्धि की जा रही है। एम्स रायपुर और छह अन्य शासकीय मेडिकल कॉलेजों तथा निजी क्षेत्र के पांच लैबों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा है। कोरबा, कोरिया, महासमुंद और कांकेर में भी जल्दी ही आरटीपीसीआर टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की शुरूआत के समय मार्च-2020 में केवल एम्स रायपुर में ही आरटीपीसीआर जांच की सुविधा थी।

पिछले साल अक्टूबर में कुल सैंपल जांच में आरटीपीसीआर की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत थी, जो बढ़ते-बढ़ते अब 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है। प्रदेश के 31 सरकारी और पांच निजी लैबों में ट्रू-नाट विधि से सैंपल जांच की जा रही है। सभी जिलों में अतिरिक्त मशीनें उपलब्ध कराकर ट्रू-नाट लैबों की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है।

रैपिड एंटीजन किट से भी सभी जिलों में कोरोना सैंपलों की जांच की जा रही है। जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर उप स्वास्थ केंद्र तक कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कुछ महीनों पहले तक प्रदेश में प्रतिदिन सैंपल जांच की क्षमता 20 हजार थी, जिसे बढ़ाकर अब 50 हजार तक कर लिया गया है। प्रदेश में अभी पिछले कुछ दिनों से रोज दस हजार से लेकर 14 हजार तक की संख्या में कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। इन सभी संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की जांच के साथ ही बड़ी संख्या में कोरोना के लक्षण वाले संभावित मरीजों की जांच में स्वास्थ्य विभाग का अमला पूर्ण समर्पण के साथ लगा हुआ है। प्रदेश के सभी लैबों के तकनीशियन एवं अन्य स्टॉफ सैंपलों की तेजी से जांच और रिपोर्ट तैयार करने में दिन-रात जुटा हुआ है।

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